करियर को लेकर लगभग हर युवा असमंजस में रहता है. 12वीं का रिजल्ट आते ही छात्रों को करियर चुनने में कन्फ्यूजन रहता है कि, क्या करना सही होगी क्या नहीं. पहले के समय में ज्यादातर छात्र डॉक्टरी, इंजीनियरिंग करने की सोचते थे. इसके अलावा एमबीए करने की सोच सकते थे, लेकिन बदलते समय के साथ-साथ करियर को लेकर भी हजारों मौके खुल चुके हैं. कमी है तो सिर्फ सही और सटीक जानकारी की. यहां हम आपको कृषि से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं. इस क्षेत्र में करियर को लेकर कई मौके हैं. अगर आप भी कृषि में भविष्य की संभावना तलाश रहे हैं तो 12वीं के बाद बीएससी एग्रीकल्चर या बीएससी एग्रीकल्चर औनर्स की डिग्री लेना सही फैसला होगा.
आप एग्रीकल्चर, वेटनेरी साइंस, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, फॉरेस्ट्री, हॉर्टिकल्चर, फूड साइंस और होम साइंस में से किसी भी एक विषय में डिग्री ले सकते हैं. साथ ही पढ़ाई पूरी करके करने के बाद आप चाहें तो खेती कर सकते हैं या जॉब कर सकते हैं. भारत कृषि प्रधान देश है इसलिए इस क्षेत्र में नौकरी के ढेरों मौके हैं.
कृषि क्षेत्र में नौकरी के ये हैं रास्ते
भारत में आज भी 70 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं. इस क्षेत्र में पढ़ें-लिखे लोगों की जरूरत है. आज का युवा इस क्षेत्र में लाखों के पैकेज पर जॉब कर रहा है. इस फील्ड में आप मार्केटिंग, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर इकोनोमिक्स, एग्रो मेट्रोलॉजी, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एंड कम्यूनिकेशन रिसर्च या मैनेजमेंट के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं. इसके अलावा आप नेशनेलाइज्ड बैंकों में कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण विकास अधिकारी, फील्ड अफसर भी बन सकते हैं. साथ ही साथ राज्यों के विभिन्न कृषि विभागों में भी आप अपने करियर की संभावना देख सकते हैं.
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इन संस्थानों में ले सकते हैं एडमिशन
गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय (पंतनगर यूनिवर्सिटी) और जवाहरलाल नेहरू एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों में एडमिशन पीएटी (प्री एग्रीकल्चरल टेस्ट) की रैंक के आधार पर मिलेंगे.
वहीं कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षण लेने के लिए आप हैदराबाद, पुणे, ग्वालियर, इंदौर और पालमपुर स्थित कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर जा सकते हैं. साथ ही कोलकाता और भुवनेश्वर के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर से आप डिग्री लेकर अपने भविष्य को सुनहरा मौका दे सकते हैं. वहीं राजस्थान एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (उदयपुर) में इस क्षेत्र में ट्रेनिंग के साथ डिग्री भी हासिल कर सकते हैं. यूपी के इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट व अलीगढ़ विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एग्रीकल्चर में एडमिशन लेकर कृषि क्षेत्र की बारिकियों को समझ सकते हैं.
एडमिशन लेने की ये है प्रक्रिया
ICAR (Indian Council of Agricultural Research) हर साल कृषि और इससे मिलते जुलते विषयों में एडमिशन की घोषणा करता है. जहां AIEEA (अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा) के द्वारा एडमिशन दिया जाता है. इन विषयों में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स ICAR की आधिकारिक वेबसाइट aieea.net पर जाकर पूरी जानकारी ले सकते हैं.
12वीं पास छात्र UG कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं. जबकि PG कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट की डिग्री होनी चाहिए. वहीं जो छात्र PHD कोर्सेज में एडमिशन लेना चाहते हैं वो पोस्ट ग्रेजुएट होने चाहिए. एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए ICAR की वेबसाइट मॉक टेस्ट भी करवाया जाता है. ताकि स्टूडेंट पेपर पैटर्न से भी परिचित हो सकें.
उदाहरण- इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ गांव पहुंचा युवक, किसानी कर कमा रहा लाखों
विनोद कुमार ने अनोखा मिसाल पेश किया है. विनोद गुड़गांव के फरूखनगर तहसील के गांव जमालपुर के रहने वाले हैं. जिन्होंने इंजीनियर की नौकरी छोड़ मोती की खेती करनी शुरू कर दी. इसके लिए उन्होंने पहले इंटरनेट का सहारा लिया और खेती के तरीके और फायदे कमाने के तरीके सीखे. इसके बाद विनोद ने सीफा (सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्वाकल्चर भुवनेश्वर) में जाकर एक सप्ताह की ट्रेनिंग ली. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विनोद ने 2013 में मानेसर पॉलिटेक्निक से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था. जिनका मन जॉब में नहीं लगा और आज वे कषि से लाखों कमा रहे हैं.
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खेती करने के लिए इस इंजीनियर ने छोड़ दी लाखों की नौकरी, अब करोड़ों में कर रहा कमाई
कमल ने एमटेक किया है और नई तकनीकि के माध्यम से खेती कर रहा है. खेती करने के लिए कमल ने ढाई लाख रूपए पैकेज की नौकरी छोड़ दी. राजस्थान के झालावाड़ जिले के छोटे से गांव गुराड़ियाजोगा का रहने वाला यह शख्स दूसरों के लिए मिसाल बन गया. नौकरी छोड़कर कमल गांव आ गया और आधुनिक तरीके से खेती शुरू कर दी. कमल ने एक लाख कर्ज लेकर सात बीघा खेत पर नर्सरी शुरू की. साथ ही नई तकनीकि का प्रयोग करते हुए सीडलिंग ट्रे और कोकोपिट में 50 हजार पौधे मिर्च, टमाटर, गोभी, करेला, खीरा, बैंगन के तैयार किए. इस काम को शुरू करने के लिए कमल ने कर्ज लिया था और अब 20 लोगों को राजगार दे रहा है. इसके लिए उसने कृषि विज्ञान केंद्र से तकनीकी की ट्रेनिंग ली. सबसे पहले उसने पूर्व साइंटिस्ट मधुसूदन आचार्य और रामराज मीणा से तकनीकि जानकारी ली फिर काम शुरू किया और अब वह करोड़ों में कमा रहा है.