बीते दिनों अमेरिका में जॉर्ज फ्लौएड की मौत के बाद #blacklifematter ट्रैंड कर रहा है. इसी बीच Hindustan Unilever ने बड़ा फैसला लेते हुए अपनी ब्यूटी क्रीम फेयर एंड लवली (fair and lovely) से फेयर शब्द को हटाने का फैसला किया, जिसके बाद सोशलमीडिया पर लोगों की सांवलेपन को लेकर कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. वहीं बौलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बसु (Bipasha Basu) ने भी अब इस फैसले पर अपना पक्ष रखते हुए बताया है कि बचपन से लेकर अब तक वह सांवलेपन को लेकर किस तरह से सामना करती रहा हैं. आइए आपको दिखाते हैं बिपाशा का वायरल पोस्ट….
बचपन का दर्द किया जाहिर
बिपाशा ने सांवलेपन को लेकर लिखा, ‘जब मैं बड़ी हो रही थी, तब से मैंने हमेशा यही सुना है कि, ‘बोनी सोनी से ज्यादा सांवली है, वो सांवली-काली है ना?’ हालांकि मेरी मां भी सांवली और सुंदर थी और मैं उन्हीं की तरह दिखती हूं. लेकिन मुझे यह कभी समझ नहीं आया था कि मेरे रिश्तेदारों में सांवलेपन को लेकर चर्चा क्यों होती थी? जबकि मैं उस समय एक बच्ची थी.
मौडलिंग की दुनिया में भी डस्की लुक को लेकर कही ये बात
अपने करियर की शुरूआत के समय की बात करते हुए बिपाशा ने लिखा कि जल्द ही 15/16 में मैंने मॉडलिंग शुरू कर दी और फिर मैंने सुपर मॉडल प्रतियोगिता जीती … सभी न्यूजपेपर्स में यह पढ़ा गया था … कोलकाता की सांवली लड़की विजेता बनी. मुझे फिर से आश्चर्य हुआ कि मेरे डस्की लुक को पहले क्यों देख जाता है??? फिर मैं एक मॉडल के रूप में काम करने के लिए न्यूयॉर्क और पेरिस गई और मुझे एहसास हुआ कि मेरी त्वचा का रंग वहां काफी अलग था और मुझे इसकी वजह से अधिक काम और अटेंशन मिली. यह मेरी एक और खोज थी.
फिल्मी दुनिया में जब मिला लोगों का प्यार
एक बार जब मैं भारत वापस आई और फिल्म के ऑफर मिलने लगे … और आखिरकार मैंने अपनी पहली फिल्म की ‘अजनबी’ … मुझे अचानक स्वीकार किया गया और खूब प्यार मिला. लेकिन वहां भी मेरा सांवलापन पहला एडजेक्टिव बना रहा जिसे मैं तब तक पसंद और प्यार करने लगा थी. ‘डस्की’ लड़की ने अपनी पहली ही फिल्म से दर्शकों को आकर्षित किया.
सबसे अलग था मेरा रंग
इसके बार मेरे द्वारा किए गए काम और आर्टिकल में मेरे सांवलेपन की चर्चा होने लगी थी.. इसने मेरी सेक्स अपील को सबसे जिम्मेदार ठहराया और बॉलीवुड में इसे बड़े स्केल पर स्वीकार किया जाने लगा. मैंने इसे वास्तव में कभी नहीं समझा … सेक्सी होना एक पर्सनालिटी है या ये सिर्फ आपकी स्किन का रंग भर नहीं है. … क्यों मेरी त्वचा का रंग मुझे उस समय की एक्ट्रेसेस अलग करता है. लेकिन यही तरीका है.
मैं वास्तव में बहुत अंतर नहीं देखती थी, लेकिन मुझे लगता है कि लोगों ने ऐसा किया. तब सुंदरता को लेकर कड़े विचार थे कि एक एक्ट्रेस को कैसे दिखना चाहिए और बर्ताव करना चाहिए, उस वक्त मुझे काफी अलग रखा गया था. हालांकि, इससे कभी मुझे फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि मुझे जो पसंद था वो मैंने किया.
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बता दें, बिपाशा बसु उन एक्ट्रेसेस में से हैं जो अपनी टैलेंट और काबिलियत के दम पर दुनिया में अपना परचम लहरा चुकी हैं. वहीं बौलीवुड की बात करें तो आज भी फैंस उनके लुक और खूबसूरती के दीवाने हैं.
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