अब तक पीरियड्स को लेकर समाज में अंधविश्वास बना हुआ है. आज भी हमारे समाज में पीरियड्स के खून को गंदा माना जाता है. लड़कियां इसे छिपाने की पूरी कोशिश करती हैं. पीरियड्स के समय पर एक अजीब सी टेंशन उनके मन में बैठी रहती है. कहीं बैठने और उस जगह से उठने के बाद कई बार पीछे मुड़कर वह अपने कपड़े को चेक करती है कि अगर दाग लग जाए और किसी ने देख लिया तो क्या होगा? लोग क्या कहेंगे जैसे की उन्होंने कोई अपराध कर दिया हो. जिस खून से नन्हीं सी जान का निर्माण होता है भला वो गंदा कैसे हो सकता है…
अगर किसी लड़की को पीरियड ना हो तो भी लोग उसे भला बुरा बोलते हैं, यहां तक की उसकी शादी में भी अड़चने आती हैं और अगर पीरियड्स हो तो भी उन दिनों उसे कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है.
पीरियड्स से जुड़ी अजीबो-ग़रीब बातें…
पीरियड्स से जुड़ी कई अजीबो-ग़रीब बातें हमारे सामने आई हैं. जब मैं स्कूल में पढ़ती थी और मेरी एक सहेली को उसके घर ट्यूशन क्लास के लिए सुबह लेने गई तो देखा कि कड़ाके की ठंड में वह जमीन पर सोई थी. पूछा तो उसने बताया कि पीरियड के दिनों में उसे जमीन पर सोना पड़ता है. ऐसे ही कई और बातों से हम लड़कियों का पाला पड़ा होगा जैसे किचन में नहीं जाना है, खाना नहीं बनना है, मंदिर नहीं जाना है और हां उन दिनों तो आप पूजा भी नहीं कर सकते. यहां तक की खाने का समान भी जैसे अचार छूना भी मना होता है. क्या हम महिलाएं पीरियड्स के समय सो कॉल्ड अछूत हो जाती हैं? कई जगहों पर तो आपको अपने पति और बच्चों से भी दूर रहना पड़ता है, बस पड़े रहो घर के किसी कोने में.
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हालांकि कुछ लोग इसके प्रति जागरूक हो रहे हैं लेकिन कुछ अंधविश्वासी और पाखंडी बाब इसे धर्म से जोड़ने का काम करते हैं और लोगों के मन में डर पैदा करते हैं कि अगर पीरियड्स में आपने ऐसा नहीं किया वैसा नहीं किया तो आपके साथ कुछ गलत हो जाएगा. ढोंगी बाबाओं का काम है धर्म के नाम पर डाराना और लोगों को लूटना.
स्वामी जी की छोटी सोच…
ऐसा ही एक कुछ कहा है गुजरात के स्वामीनारायण भुज मंदिर के स्वामी कृष्णस्वरूप दास का कि, अगर पीरियड्स में महिला अपने पति के लिए खाना बनाती है तो अगले जन्म में वह ‘कुतिया’ (Bitch) बनकर पैदा होगी. ये वही मंदिर है जिसके अनुयायी की ओर से चलाए जा रहे स्कूल के हौस्टल में कुछ दिनों पहले पीरियड की जांच करने के लिए लड़कियों के अंडरवियर उतरवाने का मामला सामने आया था. लड़कियों को मजबूर किया गया था कि इस जांच के लिए वो अपने कड़ते उतारें. मामला सामने आने के बाद प्रशासन की ओर से जांच की बात भी कही गई.
दरअसल, स्वामीनारायण भुज मंदिर का अपना यूट्यूब पेज है जहां दास जी के कई वीडियो अपलोड किए गए हैं. वहीं एक वीडियो में स्वामी का कहना है कि अगर पुरुष माहवारी से गुजर रही महिला के हाथ का बना खाना खा ले तो अगले जन्म वह बैल बनेगा. ज्ञान देने वाले दास यहीं नहीं रूकते, वो आगे कहते हैं कि ये नियम शास्त्रों में लिखा है. बाकी आपको जो समझना है आप समझें. हैरानी इस बात की है कि देश के कई हिस्सों में आज भी इन बेतुके नियमों को माना जाता है.
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दास जी को हम महिलाएं बताना चाहती हैं कि पीरियड में इतना दर्द होता है कि खड़े होना मुश्किल होता है खाना बनाना, घर के काम करना तो दूर की बात है. कितना अच्छा होता कि, पुरुष इस बात को समझते और इमोशनली व फिजिकली रूप से घर की महिलाओं को सपोर्ट करते ताकि हम सहेलियां एक-दूसरे को हैपी पीरियड का संदेश भेज सकतीं.