करवा चौथ 2022: जब कराएं ब्लीचिंग

गोरी रंगत, स्मूद और ईवनटोन स्किन हर महिला की चाहत होती है और इसे पाने का ब्लीचिंग सब से कौमन ब्यूटी ट्रीटमैंट होता है, क्योंकि इस के इस्तेमाल से फेशियल हेयर का रंग हलका हो जाता है, जिस से वे दिखाई नहीं देते और त्वचा भी गोरी व सुंदर नजर आती है. आज मार्केट में कई तरह के ब्लीच उपलब्ध हैं. ब्लीच का इस्तेमाल करने से पहले जानिए कुछ अहम बातें:

प्रोटीन हाइड्रा ब्लीच

यह ब्लीच फ्रेकल्स, ऐजिंग, पिगमैंटेशन, डार्क स्पौट और अनईवन स्किनटोन जैसी समस्याओं पर असरकारक तरीके से काम करता है. यह फेशियल हेयर को तो लाइटटोन करता ही है, साथ ही पिगमैंटेशन की समस्या को भी दूर करता है. यह स्किनटोन को भी लाइट करता है. यह स्किन को डीप क्लीन कर के स्किन पोर्स को भी रिफाइन करता है. सनटैन को रिमूव करने में यह सर्वोत्तम है. यह हर तरह की स्किनटोन के अनुरूप काम करता है. ईवन सैंसिटिव स्किन पर भी बिना किसी रैडनैस और जलन के. मगर प्रोटीन हाइड्रा ब्लीच किसी अच्छे सैलून में जा कर कुशल हाथों से ही करवाएं.

ऐक्स्ट्रा औयल कंट्रोल

जैसाकि नाम से मालूम होता है यह ब्लीच खासतौर पर ऐक्स्ट्रा औयली स्किन के लिए उम्दा उत्पाद है. इस ब्लीच से स्किन में मैलानिन पिगमैंट कम होता है. मैलानिन पिगमैंट जितना कम होगा, स्किन उतनी ही फेयर नजर आएगी. इसी के साथ यह ब्लीच त्वचा के ऐक्स्ट्रा औयल को कंट्रोल कर के मृत कोशिकाएं भी हटाता है.

हाइड्रेटिंग ब्लीच

शुष्क त्वचा के लिए यह सर्वोत्तम है. यह स्किन में पैनिट्रेट हो कर उसे मौइश्चर प्रदान करता है, जिस से वह सौफ्ट, फेयर व हैल्दी नजर आती है.

ब्लीच के प्रकार

पाउडर ब्लीच: अमोनिया, हाइड्रोजन पैरोक्साइड और ब्लीच पाउडर का सम्मिलित रूप है पाउडर ब्लीच. यह डार्क स्पौट और झांइयों के लिए अति उत्तम होता है. इसे कुशल हाथों से ही करवाएं, क्योंकि सही अनुपात न होने पर यह त्वचा को नुकसान भी पहुंचा सकता है.

क्रीम ब्लीच : क्रीम ब्लीच सब से ज्यादा चलन में है और इस्तेमाल में भी आसान है. यह क्रीम ब्लीच व ऐक्टिवेटर का सम्मिलित रूप होता है.

मिश्रण बनाने का तरीका: 4 भाग ब्लीच क्रीम में 1 भाग ऐक्टिवेटर डाल स्पैचुला से अच्छी तरह मिलाएं. कोई गांठ न रहे. ध्यान रखें ज्यादा इफैक्ट के लिए ऐक्टिवेटर की मात्रा बढ़ाने से भविष्य में पिगमैंटेशन की समस्या विकराल रूप ले सकती है या स्किन बर्न भी हो सकता है. इसलिए बढि़या इफैक्ट के लिए स्किन के अनुरूप ही ब्लीच का चुनाव करें तथा उस के मिश्रण का भी.

पैच टैस्ट: अगर ब्लीच का इस्तेमाल पहली दफा कर रही हैं, तो ब्लीच लगाने से पहले पैच टैस्ट जरूर कर लें. इस के लिए थोड़ी सी मात्रा में मिश्रण ले कर बांह पर लगाएं. अगर जलन होने लगे या लालिमा आ जाए, तो इस का प्रयोग न करें.

ब्लीच लगाने से पहले

ब्लीच लगाने से पहले चेहरे को ठंडे पानी और सौम्य फेसवाश से साफ कर लें. ध्यान रखें चेहरे पर गरम पानी व स्क्रब का ब्लीच से पहले व ब्लीच के एकदम बाद इस्तेमाल नहीं करें. यह नुकसानदायक हो सकता है. फिर पेस्ट को स्पैचुला या उंगली की मदद से चेहरे पर ऊपर से नीचे की तरफ लगाएं. आंखों, आईब्रोज और लिप्स पर न लगाएं. ब्लीच 10 से 15 मिनट तक लगाए रखें. इस के बाद पेस्ट को कौटन की मदद से साफ कर लें. फिर चेहरे पर मौइश्चराइजर लगा लें.

त्वचा के अनुरूप ब्लीच

संवेदनशील त्वचा: इस प्रकार की त्वचा पर प्रोटीन हाइड्रा, हर्बल, हाइड्रेटिंग व रैडिएंट ग्लो इस्तेमाल करें.

तैलीय त्वचा: तैलीय त्वचा पर अकसर कीलमुंहासों की परेशानी हो जाती है. अत: इस तरह की त्वचा के लिए ऐक्स्ट्रा औयल कंट्रोल, अमोनिया फ्री ब्लीच, डी टैन, फ्रूट ब्लीच उपयुक्त होता है.

शुष्क त्वचा: इस प्रकार की त्वचा के लिए औयल व मौइश्चर बेस्ड ब्लीच का प्रयोग करें जैसे हाइड्रेटिंग ब्लीच, व्हाइटनिंग ब्लीच आदि.

मैच्योर स्किन: इस प्रकार की त्वचा के लिए ऐजिंग औक्सीजन ब्लीच उपयुक्त रहता है. लेकिन त्वचा की नमी को बनाए रखने के लिए हाइड्रेटिंग ब्लीच का इस्तेमाल करें. इस के अलावा त्वचा के मैलानिन स्तर को कम करने के लिए प्रोटीन हाइड्रा औक्सी का इस्तेमाल करें.

ब्लीच करते समय ध्यान देने योग्य बातें

– थ्रैडिंग, वैक्सिंग, स्टीम व स्क्रबिंग के बाद कभी ब्लीच न करें.

– ब्लीचिंग करने से पहले प्री ब्लीच लोशन या लाइट मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें खासकर शुष्क व सैंसिटिव स्किन पर.

– यदि ब्लीच लगाने पर जलन महसूस हो, तो ठंडे पानी से चेहरे को तुरंत धो लें. बर्फ लगाएं.

– ब्लीच का इस्तेमाल पैच टैस्ट के बाद ही करें.

– कटीफटी त्वचा पर ब्लीच का इस्तेमाल न करें.

– ब्लीच का इस्तेमाल 15 से 20 दिन से पहले दोबारा न करें.

– ब्लीच को 15 मिनट से ज्यादा समय तक न लगाएं रखें.

– ब्लीच क्रीम में ऐक्टिवेटर मिक्स करते समय मैटल चम्मच व मैटल बाउल का इस्तेमाल न करें.

– चेहरे के ब्लीच को शरीर पर और शरीर के ब्लीच को चेहरे पर न लगाएं.

– ब्लीच करते समय टीवी देखने या किताब पढ़ने से परहेज करें, क्योंकि यह आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.

– ब्लीच करने के 6 घंटे बाद तक साबुन या फेसवाश का प्रयोग न करें.

– धूप से आने के तुरंत बाद ब्लीच न करवाएं. शरीर का तापमान सामान्य होने पर करवाएं.

– जिन की बौडी हीट ज्यादा रहती हो वे स्किन की जांच करवा कर ही स्किन के अनुरूप ब्लीच करवाएं.

– आफ्टर ब्लीच सनगार्ड लगा कर ही धूप में निकलें.

– कभी फेशियल करने के बाद ब्लीच का इस्तेमाल न करें वरना परिणाम गंभीर हो सकता है.

ब्लीच करने के फायदे

– ब्लीच से फेशियल हेयर स्किनटोन अच्छी तरह मैच हो कर ईवन फेयर ग्लो देती है.

– 10 से 15 मिनटों में ही स्किन फेयर व रैडिएंट नजर आने लगती है.

– ब्लीच स्किन की डैड लेयर को रिमूव कर के स्किन को ब्राइट लुक प्रदान करता है.

– पोस्ट ब्लीच पैक स्किन को हाइड्रेट कर के व्हाइटनिंग बैनिफिट देता है.

– सनटैन को रिमूव कर के मैलानिन को लाइट कर के स्किनटोन को लाइटर व फेयर करता है.

ब्लीच के नुकसान

– ब्लीच में मरकरी होता है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचता है, इसलिए ब्लीच का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा न करें.

– ब्लीच के बाद त्वचा लाल हो जाए, तो धूप व आंच के संपर्क में न आएं.

– सांवलों को ही नहीं गोरी रंगत वालों को भी ब्लीचिंग की जरूरत पड़ती है, लेकिन स्किन के अनुरूप ब्लीच न होने पर यह स्किन डैमेज का कारण भी बन सकता है.

– ब्लीच के परिणामस्वरूप त्वचा में दर्द, उस का छिलना, लाल व भूरे रंग के धब्बे या सूजन होने का मतलब ब्लीच रिऐक्ट कर गया है.

– अगर आप ने कैमिकल पीलिंग करवाई है, तो ब्लीच का इस्तेमाल कम से कम 4 से 6 महीने तक न करें. सौंदर्य विशेषज्ञा से सलाह ले कर ही ब्लीचिंग का इस्तेमाल करें.

– ब्लीच को आंखों व भौंहों के आसपास न लगाएं वरना परेशानी हो सकती है.

– ब्लीच कुशल हाथों से ही करवाएं और ब्रैंडेड प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें.

अगर ब्लीच के बाद होती है जलन तो ऐसे करें इलाज

गरमियों में कईं बार स्किन में गंदगी जमा हो जाती है, जिसके कारण स्किन काली पड़ने लग जाती है. स्किन काली पड़ने के कारण पार्लर वाले ब्लीच करवाने की टिप्स देते हैं, लेकिन कईं बार ब्लीच हमारी स्किन को नुकसान पहुंचाती है. ब्लीच का इस्तेमाल करने से कईं स्किन प्रौब्लम्स का सामना करना पड़ता है, जैसे स्किन पर जलन, लाल चकते और खुजली जो कि आम बात है. इसके कईं कारण होते हैं जैसे ब्लीच में किसी कैमिकल, जो हमारी स्किन को सूट नही करते. पर आज हम आपको बताएंगे कि कैसे ब्लीच के बाद होने वाली जलन और दूसरी प्रौब्लम से छुटकारा पाया जाए.

1. ब्लीच के बाद साबुन या लोशन का न करें इस्तेमाल

जब भी आप ब्‍लीच करके आईं हों तो अपना मुंह ताजे पानी से धोएं. यह जलन को धीरे धीरे कम कर देगा. और ध्‍यान रखे की उस दिन कभी भी साबुन या लोशन का प्रयोग न करें.

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2. बर्फ का करें इस्तेमाल

स्किन पर जलन को कम करने के लिए उस पर बर्फ से मसाज करें इससे जलन कम हो जाएगी. आप चाहें तो एलो वेरा जेल को आइस्‍ क्‍यूब ट्रे में जमा कर उससे मसाज करें.

3. ब्लीच के बाद धूप से बचने की करें कोशिश

कभी भी ब्‍लीच करवाने के बाद सूरज की रोशनी में सीधे नहीं आना चाहिए वरना स्किन मे जलन और खुजली बढ़ सकती है. इससे स्किन और खराब हो सकती है. आपको ठंडे दूध में रुई भिगों कर अपने चेहरे को साफ करना चाहिए इससे राहत मिलती है.

4. नारियल पानी से धोएं फेस

अपने चेहरे को नारियल पानी से धोएं क्‍योंकि यह एक नेचुरल ब्‍लीच बर्न उपचार है. इसका पानी चेहरे पर पड़े लाल दाग को तुरंत ठीक करता है.

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5. स्किन को हाइड्रेट रखने के लिए लिक्विड पीएं

अगर आपको अपनी स्किन अंदर से साफ और हाइड्रेट रखनी है तो पर्याप्‍त कद्दू का जूस या फिर खीरे का जूस पीएं. इन उपायों को आजमाने के बाद आपकी स्किन में कोई परेशानी नहीं आएगी.

15 टिप्स: गरमी में ऐसे करे ब्लीच और पाए टैनिंग से छुटकारा

‘‘त्वचा की ब्लीचिंग से न केवल महिलाओं का व्यक्तित्व निखरता है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है,’’ यह कहना है एल्प्स ब्यूटी क्लीनिक चेन की फाउंडर डा. भारती तनेजा का. वे कहती हैं कि ब्लीचिंग करना भी एक कला है, जिस के लिए सब से पहले त्वचा के प्रकार को जानना आवश्यक है. सौंदर्य विशेषज्ञाएं त्वचा के प्रकार जान कर ही उस पर अलग अलग ब्लीच का प्रयोग करती हैं जैसे जहां सामान्य त्वचा पर हर्बल ब्लीच का प्रयोग किए जाने से बढि़या परिणाम मिलता है, वहीं रूखी, बेरौनक त्वचा के लिए हर्बल ब्लीच के बदले आक्सी ब्लीच का प्रयोग करना श्रेयस्कर होगा.

ब्लीचिंग की जरूरत…

ब्लीचिंग से फेयरनेस मिलने के अलावा त्वचा सनटैन से भी मुक्ति पाती है. हम सभी धूप में जाते हैं, साथ ही रोज प्रदूषण का सामना भी करते हैं. त्वचा पर धूल मिट्टी के जमने से त्वचा का रंग दबने लगता है, साथ ही मृत कोशिकाओं का जमाव भी होने लगता है. ऐसे में ब्लीच धूलमिट्टी की वजह से बंद त्वचा के छेद (रोमछिद्र) खोलने का काम करती है. इसी के साथ मृत कोशिकाओं को भी हटाती है. ज्यादातर सौंदर्य विशेषज्ञों और त्वचा विशेषज्ञों की यही सलाह है कि स्वास्थ्यवर्धक भोजन और नियमित एक्सरसाइज से भी त्वचा की रंगत निखरती है, परंतु त्वचा का सब से बड़ा दुश्मन सूरज त्वचा में उपस्थित मेलानिन पर जो प्रभाव डालता है उस के लिए जरूरी है कि समयसमय पर मेलानिन कम करने के उपाय कर के त्वचा की रंगत उजली बनाई जाए.

ब्लीच कैसे बदले रंग…

ब्लीच क्रीम में आमतौर पर  2 एलीमेंट होते हैं- एक क्रीम और दूसरा पाउडर एक्टीवेटर. क्रीम और एक्टीवेटर पाउडर को मिला कर जब त्वचा पर लगाने की तैयारी की जाती है तो क्रीम में उपस्थित हाइड्रोजन पैराक्साइड के टूटने से आक्सीजन अलग होती है. यह आक्सीजन त्वचा का रंग बनाने वाले मेलानिन पिगमेंट को आक्सीडाइज करती है. यह जानीमानी बात है कि त्वचा में जितना ज्यादा मेलानिन होगा रंग उतना ही ज्यादा गहरा होगा, जबकि  मेलानिन की कम उपस्थिति रंग का साफ होना निश्चित करती है. ब्लीच का मुख्य ध्येय होता है त्वचा में उपस्थित मेलानिन पिगमेंट को कम करना.

इस के साथ ही चेहरे पर उपस्थित छोटेछोटे रोएं भी त्वचा के रंग को उजला बनाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं. इन रोयों को भी ब्लीच आक्सीडाइज कर के छिपा कर देती है. इस से चेहरे के रोएं भी त्वचा के रंग के से ही हो जाते हैं.

ब्लीचिंग के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है :

1. ब्लीचिंग से पहले त्वचा को क्लींजर से अवश्य साफ करें.

2. ब्लीचिंग शुरू करने से पहले प्री ब्लीच क्रीम से त्वचा पर मसाज करना बेहद आवश्यक है, क्योंकि इस से त्वचा को सुरक्षा मिलती है.

3. किसी भी ब्लीचिंग क्रीम के उपयोग से पहले उस के उपयोग करने के निर्देशों को अवश्य पढ़ें.

4. गरम पानी से नहाने के तुरंत बाद कभी  ब्लीचिंग न करें.

5. अगर चेहरे पर मुंहासे हों तो ब्लीच कभी न कराएं, क्योंकि इस से वे फैल सकते हैं.

6. ब्लीच मिक्सचर को अच्छी तरह मिक्स करें और कोशिश करें कि मिक्सिंग के बाद उसे बहुत देर तक न रखें, बल्कि तुरंत ही हटा लें, क्योंकि इस्तेमाल में ज्यादा देर करने से ब्लीच में उपस्थित आक्सीजन पहले ही निकल जाती है.

7. ब्लीच को कभी कटे फटे स्थान पर न लगाएं.

8. मिक्सचर बनाते समय कभी भी धातु की डिश या चम्मच का इस्तेमाल न करें.

9. एक्टीवेटर पाउडर का इस्तेमाल निर्देशानुसार करें. इस के ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा पर असर पड़ सकता है.

10. त्वचा पर ब्लीचिंग के बाद कहीं कहीं सफेद पैच दिख रहे हों तो इस का मतलब है कि वहां ब्लीचिंग ज्यादा हो गई है.

11. गरमी के मौसम में तेज गरमी से ठंडे कमरे में आने वाली महिला कभी तुरंत ब्लीच न करे.

12. ब्लीचिंग के बाद सनगार्ड क्रीम लगा कर ही सूरज की रोशनी में निकलना चाहिए.

13. अगर ब्लीचिंग के बाद फेशल किया जाए तो बेहतर होता है.

14. ब्लीच क्रीम को अपनी आंखों और उन के आसपास के हिस्सों पर न लगाएं. आंखों के चारों ओर दिखने वाले डार्क सर्कल्स को हलका करने के लिए कभी ब्लीच का सहारा न लें.

15. डा. भारती तनेजा के अनुसार यह जरूरी नहीं कि जिन की रंगत काली हो उन्हें ही ब्लीचिंग की जरूरत है बल्कि गोरों को भी ब्लीचिंग की जरूरत पड़ती है, क्योंकि उन के चेहरे पर बाल होते हैं, जिन्हें छिपाना करना जरूरी होता है.

मिथ्स और फैक्ट्स

क्रीम और एक्टीवेटर पाउडर को अच्छी तरह मिक्स करना जरूरी है.

हां, क्योंकि इस से आक्सीजन अच्छी तरह निकलती है.

ब्लीच रसायनों से बनी होती है, जिस से त्वचा को हानि पहुंचती है.

नहीं, बल्कि इस से त्वचा का कांप्लेक्शन बेहतर होने के साथसाथ हाइड्रोजन पैराक्साइड जर्म्स को भी मारती है.

ब्लीचिंग की जरूरत सिर्फ उम्रदराज महिलाओं को होती है.

नहीं, युवा महिलाओं को भी प्रदूषण और धूल से बचने के लिए ब्लीचिंग की जरूरत होती है.

ब्लीचिंग के बाद त्वचा लाल हो जाती है.

हां, क्योंकि ब्लीच क्रीम और एक्टीवेटर के रिएक्शन से एंडोथर्मिक एनर्जी निकलती है, जिस से ब्लड वैसल्स फैल जाती हैं.

ब्लीच क्रीम में ज्यादा एक्टीवेटर मिलाने से ज्यादा बेहतर ब्लीचिंग होती है.

नहीं, ऐसा करने से हाइड्रोजन पैराक्साइड के टूटने से ब्लीचिंग एक्शन तेजी से होता है, जिस से त्वचा पर खिंचाव या खुजली शुरू हो जाती है.

ब्लीचिंग से चेहरे पर बालों की ग्रोथ बढ़ जाती है.

नहीं, बल्कि ब्लीचिंग करने पर चेहरे के बाल छिप जाते हैं और उन का रंग चेहरे के रंग से मिल जाता है. इसलिए जब ब्लीचिंग का असर खत्म होता है तो बाल फिर से काले दिखने के कारण ऐसा अनुभव होता है कि बालों की ग्रोथ बढ़ गई.

 

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