ब्लडग्रुप डाइट अपनाएं और वजन घटाएं

वजन आज हर उम्र की एक बड़ी समस्या बन गया है. इसी का फायदा उठा कर वजन घटाने का दावा करने वाली हर तरह की आयुर्वेदिक और ऐलोपैथिक दवाओं का बाजार गरम हो गया है. लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि ब्लड ग्रुप आधारित डाइट भी आप का वजन घटाने में मदद कर सकती है?

चौंक गए न? दरअसल, यह मामला ब्लड ग्रुप के हिसाब से डाइटिंग के जरीए अपनी काया को छरहरा बनाने का है. यह खास तरह की डाइट ‘ब्लड ग्रुप डाइट’ कहलाती है. क्या है यह ब्लड ग्रुप डाइट? आइए, जानते हैं कोलकाता, यादवपुर स्थित केपीसी मैडिकल कालेज व हौस्पिटल की  न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन, रंजिनी दत्त से.

रंजिनी दत्त का इस संबंध में कहना है कि मैडिकल साइंस में ब्लड ग्रुप डाइट एक अवधारणा है. हालांकि अभी इस अवधारणा को पुख्ता वैज्ञानिक आधार नहीं मिला है, लेकिन ब्लड ग्रुप आधारित डाइट से बहुतों को फायदा भी हुआ है, यह भी सच है. पश्चिमी देशों में इस अवधारणा को मान कर डाइट चार्ट बहुत चलन में है.

रंजिनी दत्त का यह भी कहना है कि वजन कम करने के इस नुसखे को ‘टेलर मेड ट्रीटमैंट’ कहा जाता है. अब सवाल यह उठता है कि यह काम तो पर्सनलाइज्ड डाईट चार्ट या रूटीन कर ही सकता है. फिर ब्लड ग्रुप डाइट क्यों?

 हर व्यक्ति की पाचन और रोगप्रतिरोधक क्षमता उस के ब्लड ग्रुप पर निर्भर करती है. बाकायदा जांच में यह पाया गया है कि ‘ओ’ ब्लड ग्रुप के व्यक्ति आमतौर पर एग्जिमा, ऐलर्जी, बुखार आदि से ज्यादा पीडि़त होते हैं.

 ‘बी’ ब्लड गु्रप वालों में रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होती है. इस ब्लड ग्रुप वाले ज्यादातर थकेथके से रहते हैं. कोई गलत फूड खाने से इन्हें ऐलर्जी हो जाती है, तो ‘एबी’ ब्लड ग्रुप वालों की समस्या अलग किस्म की होती है. इन्हें छोटीछोटी बीमारियां लगभग नहीं के बराबर होती हैं. लेकिन इस ब्लड ग्रुप के लोगों को कैंसर, ऐनीमिया या फिर दिल की बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है.

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रंजिनी दत्त के अनुसार, डाइट थियोरी कहती है कि हम जब खाना खाते हैं तब हमारे खून में एक खास तरह की मैटाबोलिक प्रतिक्रिया या रिएक्शन होता है. दरअसल, हमारे खाए भोजन में मौजूद प्रोटीन और विभिन्न तरह के ब्लड ग्रुप में मौजूद ऐंटीजन में परस्पर प्रतिक्रिया होती है. गौरतलब है कि हर ब्लड ग्रुप का अपना ऐंटीजन तैयार होता है. गलत खाना खाने पर ऐंटीजन में जबरदस्त प्रतिक्रिया होती है. इसलिए अगर हम ब्लड ग्रुप के हिसाब से अपना डाइट चार्ट तैयार करें तो बेहतर होगा. यह डाइट हमें स्लिमट्रिम भी बना सकती है.

ब्लड ग्रुप ‘ओ’

रंजिनी दत्त कहती हैं कि ब्लड ग्रुप की थियोरी के हिसाब से यह ब्लड ग्रुप सब से पुराना माना जाता है. पुराना ब्लड ग्रुप कहने का तात्पर्य यह है कि यह ब्लड ग्रुप प्रागैतिहासिक मानव का ब्लड ग्रुप है. इस ब्लड ग्रुप वालों की पाचन क्षमता बहुत अच्छी होती है. इस ब्लड ग्रुप में हाई स्टमक ऐसिड (आमाशय में मौजूद अम्ल) होने के कारण हाई प्रोटीन को हजम कर पाना आसान होता है.

आमतौर पर जिन का ब्लड ग्रुप ‘ओ’ है उन्हें प्रोटीन से भरपूर आहार लेना चाहिए. वे मांसमछली और किसी भी तरह का सी फूड खा सकते हैं. लेकिन मांसमछली का कैमिकलफ्री होना जरूरी है. हाई प्रोटीन फूड में भी कुछ चीजें वर्जित हैं. अगर इस ब्लड ग्रुप वाले छरहरी काया की चाह रखते हैं, तो उन्हें आटे और मैदा से बनी चीजें कम से कम खानी चाहिए. सब्जी और फल ज्यादा से ज्यादा खाने चाहिए. लेकिन पत्तागोभी, फूलगोभी, सरसों जितना कम खाएं उतना ही अच्छा है. इस के अलावा ड्राईफू्रट, दूध, मक्खन, चीज जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स से भी दूर रहना इन के लिए बेहतर होगा. ब्रोकली, पालक, रैड मीट, सी फूड वजन कम करने में सहायक होते हैं. इस ब्लड ग्रुप के लिए ऐक्सरसाइज बहुत ही जरूरी है.

ब्लड ग्रुप ‘ए’

ब्लड ग्रुप ‘ओ’ की ही तरह ब्लड ग्रुप ‘ए’ का वजूद भी हजारों साल पुराना है, लेकिन प्रागैतिहासकाल जितना नहीं. गुफाओं से निकल कर जब इंसानों ने खेती और पशुपालन का काम शुरू किया, तब से यह ब्लड ग्रुप वजूद में है.

इस ब्लड ग्रुप वालों के लिए ऐनिमल प्रोटीन आमतौर पर अनुकूल नहीं होता है. इसलिए मांसमछली, चिकन और मिल्क प्रोडक्ट्स इन के लिए सही डाइट नहीं है. वह इसलिए कि इन का हाजमा आमतौर पर बहुत अच्छा नहीं होता है. इन्हें खानपान बहुत सोचसमझ कर करना चाहिए. इन्हें अपने डाइट चार्ट में बादाम, टोफू, बींस की सब्जी, फल जरूर रखने चाहिए. अपने ब्लड ग्रुप के अनुरूप भोजन के साथसाथ कुछ हलकाफुलका व्यायाम भी जरूर करना चाहिए.

ब्लड ग्रुप ‘बी’

ब्लड ग्रुप ‘ओ’ की तरह ही ब्लड गु्रप ‘बी’ के लोगों को भी संतुलित खानपान व व्यायाम की आवश्यकता होती है. गाय व बकरी का दूध लेना इस गु्रप के लोगों के लिए बेहतर माना गया है. मांसाहारी लोगों के लिए मटन, मछली आदि सर्वोत्तम रहता है. पर चिकन का अध्यधिक सेवन नुसानदायक हो सकता है. हरी सब्जियों को आहार में शामिल करते हुए नियमित व्यायाम अच्छा रहता है.

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ब्लड ग्रुप ‘एबी’

उपरोक्त ब्लड ग्रुपों की तुलना में यह ‘एबी’ ब्लड ग्रुप काफी आधुनिक किस्म का ब्लड ग्रुप है. इस ग्रुप की अच्छी बात यह है कि इस गु्रप वाले लोग हर तरह का खाना खा सकते हैं. दरअसल, ब्लड ग्रुप ‘ए’ और ‘बी’ दोनों ही ग्रुप का खाना ‘एबी’ ब्लड गु्रप के लिए अनुकूल होता है. मांस, सी फूड, डेयरी प्रोडक्ट्स, फल, सागसब्जी, टोफू वे खा सकते हैं. जिन खाद्यपदार्थों को खाने से बचना चाहिए, वे हैं- रैड मीट, बींस की और कौर्न. इन चीजों में अनन्नास, सागसब्जी, सी फूड, टोफू वजन कम करने में सहायक होते हैं. डाइट के साथ इन्हें थोड़ा पैदल चलने, टहलने के साथ नियमित रूप से तैरना भी चाहिए.

वजन कम करने के लिए ट्राय करें ब्लड ग्रुप डाइट

बिजी लाइफस्टाइल में हर किसी के वजन पर फर्क पड़ता है. कम्प्यूटर पर काम करने वाले लोग वजन बढ़ने का ज्यादा जल्दी शिकार होते हैं, जिसके लिए कुछ लोग जिम जाकर वजन घटाते हैं तो कुछ लोग घर पर ही डाइटिंग करके वजन घटाने की कोशिश करते हैं. लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि ब्लड ग्रुप पर बेस्ड डाइट भी आप का वजन घटाने में मदद कर सकती है? प्रौफेशनल डाइटीशियन का कहना है कि  हर व्यक्ति की पाचन और रोगप्रतिरोधक क्षमता उसके ब्लड ग्रुप पर निर्भर करती है. वहीं जांच में भी  पाया गया है कि ‘ओ’ ब्लड ग्रुप के व्यक्ति आमतौर पर एग्जिमा, एलर्जी, बुखार आदि से ज्यादा पीड़ित होते हैं.

1. थ्योरी के हिसाब से है पुराना ब्लड ग्रुप

रंजिनी दत्त कहती हैं कि ब्लड ग्रुप की थियोरी के हिसाब से यह ब्लड ग्रुप सब से पुराना माना जाता है. पुराना ब्लड ग्रुप कहने का तात्पर्य यह है कि यह ब्लड ग्रुप प्रागैतिहासिक मानव का ब्लड ग्रुप है. इस ब्लड ग्रुप वालों की पाचन क्षमता बहुत अच्छी होती है. इस ब्लड ग्रुप में हाई स्टमक ऐसिड (आमाशय में मौजूद अम्ल) होने के कारण हाई प्रोटीन को हजम कर पाना आसान होता है.

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आमतौर पर जिन का ब्लड ग्रुप ‘ओ’ है उन्हें प्रोटीन से भरपूर आहार लेना चाहिए. वे मांसमछली और किसी भी तरह का सी फूड खा सकते हैं. लेकिन मांसमछली का कैमिकलफ्री होना जरूरी है. हाई प्रोटीन फूड में भी कुछ चीजें वर्जित हैं. अगर इस ब्लड ग्रुप वाले छरहरी काया की चाह रखते हैं, तो उन्हें आटे और मैदा से बनी चीजें कम से कम खानी चाहिए. सब्जी और फल ज्यादा से ज्यादा खाने चाहिए. लेकिन पत्तागोभी, फूलगोभी, सरसों जितना कम खाएं उतना ही अच्छा है. इस के अलावा ड्राईफू्रट, दूध, मक्खन, चीज जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स से भी दूर रहना इन के लिए बेहतर होगा. ब्रोकली, पालक, रैड मीट, सी फूड वजन कम करने में सहायक होते हैं. इस ब्लड ग्रुप के लिए एक्सरसाइज बहुत ही जरूरी है.

2. हजारों साल पुराना है ब्लड ग्रुप

ब्लड ग्रुप ‘ओ’ की ही तरह ब्लड ग्रुप ‘ए’ का वजूद भी हजारों साल पुराना है, लेकिन प्रागैतिहासकाल जितना नहीं. गुफाओं से निकल कर जब इंसानों ने खेती और पशुपालन का काम शुरू किया, तब से यह ब्लड ग्रुप वजूद में है.

ये भी पढ़ें- पीरियड्स में रखें अपनी डाइट का ख्याल

इस ब्लड ग्रुप वालों के लिए ऐनिमल प्रोटीन आमतौर पर अनुकूल नहीं होता है. इसलिए मांसमछली, चिकन और मिल्क प्रोडक्ट्स इन के लिए सही डाइट नहीं है. वह इसलिए कि इन का हाजमा आमतौर पर बहुत अच्छा नहीं होता है. इन्हें खानपान बहुत सोचसमझ कर करना चाहिए. इन्हें अपने डाइट चार्ट में बादाम, टोफू, बींस की सब्जी, फल जरूर रखने चाहिए. अपने ब्लड ग्रुप के अनुरूप भोजन के साथसाथ कुछ हलकाफुलका व्यायाम भी जरूर करना चाहिए.

3. ब्लड ग्रुप बी को होती है बैलेंस डाइट और एक्सरसाइज की जरूरत

ब्लड ग्रुप ‘ओ’ की तरह ही ब्लड गु्रप ‘बी’ के लोगों को भी बैलेंस डाइट और एक्सरसाइज की जरूरत होती है. गाय व बकरी का दूध लेना इस गु्रप के लोगों के लिए बेहतर माना गया है. मांसाहारी लोगों के लिए मटन, मछली आदि सर्वोत्तम रहता है. पर चिकन का अध्यधिक सेवन नुसानदायक हो सकता है. हरी सब्जियों को आहार में शामिल करते हुए नियमित व्यायाम अच्छा रहता है.

4. ब्लड ग्रुप एबी के हिसाब से ऐसे घटाएं वजन

उपरोक्त ब्लड ग्रुपों की तुलना में यह ‘एबी’ ब्लड ग्रुप काफी आधुनिक किस्म का ब्लड ग्रुप है. इस ग्रुप की अच्छी बात यह है कि इस गु्रप वाले लोग हर तरह का खाना खा सकते हैं. दरअसल, ब्लड ग्रुप ‘ए’ और ‘बी’ दोनों ही ग्रुप का खाना ‘एबी’ ब्लड गु्रप के लिए अनुकूल होता है. मांस, सी फूड, डेयरी प्रोडक्ट्स, फल, सागसब्जी, टोफू वे खा सकते हैं. जिन खाद्यपदार्थों को खाने से बचना चाहिए, वे हैं- रैड मीट, बींस की और कौर्न. इन चीजों में अनन्नास, सागसब्जी, सी फूड, टोफू वजन कम करने में सहायक होते हैं. डाइट के साथ इन्हें थोड़ा पैदल चलने, टहलने के साथ नियमित रूप से तैरना भी चाहिए.

ये भी पढ़ें- पीरियड्स में रखें अपनी डाइट का ख्याल

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