6 टिप्स: दवाई के बिना भी काबू में रहेगा ब्लड प्रेशर

ब्लड प्रेशर आजकल शहरी जीवन में एक बेहद आम समस्या बन गई है. हाई ब्लड प्रेशर हो या लो ब्लड प्रेशर दोनों ही स्थितियां आपके सामान्य जीवन को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिससे आप बिना कोई दवा खाए अपने ब्लड प्रेशर की समस्या को काबू में कर सकते हैं…

1. रोज 7 घंटे सोना है जरूरी :

रिसर्च में ये सामने आया है कि जो लोग 5 घंटे या उससे कम सोते हैं उनमें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बेहद आमतौर पर पाई जाती है. ये आदत न सिर्फ ब्लड प्रेशर बल्कि हाइपर टेंशन का भी कारण बनती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे लोग अगर रोज़ 7 घंटे की नींद लेने लगे तो इस समस्या पर काबू पाने में मदद मिल सकती है.

2. नमक कम खाएं :

नमक आपके शरीर में ज्यादा पानी बनाए रखने में मददगार साबित होता है. शरीर में जब पानी की मात्रा ज्यादा होती है तो ये ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम करती है. जो लोग ब्लड प्रेशर के पहले से मरीज़ है अगर वो ज्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं तो उनमें कार्डियोव्स्क्युलर बीमारियों का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे लोगों को नॉन वेज भी संभल कर खाना चाहिए क्योंकि उसमें सामान्य से ज्यादा नमक पाया जाता है.

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3. हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज जरूरी :

वैसे तो वर्कआउट करना आपको ज्यादातर बीमारियों से दूर रखता है लेकिन ब्लड प्रेशर के मामले में तो ये और भी ज़रूरी हो जाता है. ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रहने के लिए आपको हर हफ्ते करीब 150 मिनट वर्कआउट करने में खर्च करने चाहिए. रेग्युलर एरोबिक आपके ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है और आपको दवाओं से भी दूर कर देता है.

4. रोजाना 10 मिनट मेडिटेशन :

स्ट्रेस में मानव शरीर में एड्रेलिन नाम का एक हारमोन निकलता है जो कि हार्टबीट और ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का कम करता है. इसलिए स्ट्रेस भी ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है ऐसे में स्ट्रेस से दूर रहकर ब्लड प्रेशर से भी छुटकारा मिल जाता है. मेडिटेशन स्ट्रेस से छुटकारा पाने का सबसे बेहतर तरीका हो सकता है. रिसर्च में सामने आया है कि दिन में सिर्फ 10 मिनट मेडिटेशन आपको ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रखता है.

5. सब्जियां और फल खाएं :

रिसर्च में ये सामने आया है कि आपकी थाली में सब्जियां और फल जितने ज्यादा होते हैं ब्लड प्रेशर की समस्या आपसे उतनी ही दूर रहती है. हापरटेंशन के मरीजों के लिए भी फ्रूट्स का इस्तेमाल करना बेहद फायदेमंद साबित होता है. ये आपके ब्लड को सामान्य रखने में मदद करता है. ये शरीर में विटामिन और पोटेशियम जैसे तत्वों को कम नहीं होने देते.

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6. वजन को कंट्रोल में रखें :

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए आपको अपने वज़न को भी कंट्रोल में रखना पड़ता है. जैसे-जैसे आपका वजन बढ़ता है आपके दिल को ब्लड पंप करने में मुश्किल पेश आने लगती है. इसका सीधा नतीजा ब्लड प्रेशर के रूप में सामने आता है. आपकी लंबाई के मुताबिक आपको अपना वज़न मेंटेन करना चाहिये.

Blood Pressure को बैलेंस रखने के लिए क्या करना चाहिए?

सवाल-

मेरी उम्र 42 साल है. कई बार मेरा रक्तचाप अत्यधिक बढ़ जाता है. क्या इसे नियंत्रित रखने के कुछ घरेलू उपाय हैं?

जवाब-

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने वाली चीजें आप की किचन में ही उपलब्ध हैं. घरेलू उपायों से रक्तचाप को नियंत्रित करना न केवल सस्ता और आसान होता है, बल्कि इन से किसी प्रकार के साइड इफैक्ट्स होने की भी आशंका नहीं होती है. नीबू रक्त नलिकाओं को मुलायम रखता तो तरबूज के बीज इन्हें चौड़ा बनाए रखते हैं. लहसुन नाइट्रिक औक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड के निर्माण को स्टिम्यूलेट कर के रक्त नलिकाओं को रिलैक्स रखता है. केला पोटैशियम का अच्छा स्रोत है, जो सोडियम के प्रभाव को कम करता है. इस प्रकार यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता करता है. नारियल पानी पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी का अच्छा स्रोत है. ये सिस्टोलिक दाब को कम करने में सहायता करते हैं.

सवाल-

मेरी उम्र 52 वर्षीय एक घरेलू महिला हूं. मेरा रक्तदाब अकसर सामान्य से थोड़ा कम रहता है. आगे चल कर मेरे लिए बीमारियों का खतरा तो नहीं बढ़ जाएगा?

जवाब-

रक्तदाब सामान्य से थोड़ा कम रहना कई प्रकार से हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी है. अगर रक्त का दाब लगातार सामान्य से थोड़ा कम बना रहता है तो स्ट्रोक और हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है. स्वस्थ लोगों में अगर निम्न रक्तदाब बिना किसी लक्षण के है तो चिंता की कोई बात नहीं है और इस का उपचार करने की जरूरत भी नहीं है. वैसे कई लोगों का ब्लड प्रैशर आनुवंशिक रूप से ही कम होता है.

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सवाल-

मेरे परिवार में हृदय रोगों का पारिवारिक इतिहास रहा है. मुझे उच्च रक्तदाब की शिकायत है, ऐसे में मेरे लिए हृदय रोगों का खतरा कितना बढ़ जाता है?

जवाब-

हृदय रोगों का पारिवारिक इतिहास होने पर वैसे ही आप के लिए सामान्य लोगों से खतरा अधिक है. उच्च रक्तदाब हृदय रोगों का सब से बड़ा रिस्क फैक्टर माना जाता है. इसलिए आप के लिए स्थिति और गंभीर है. आप अपने रक्तदाब को नियंत्रित रखने के साथ रक्त में शुगर और कोलैस्ट्रौल के स्तर को भी स्वस्थ सीमा से अधिक न बढ़ने दें. अत्यधिक मानसिक तनाव से भी बचें.

सवाल-

मेरे बेटे की उम्र केवल 13 साल है. उसे उच्च रक्तदाब की शिकायत है. मुझे उस के भविष्य को ले कर बहुत चिंता होती है. बताएं क्या करूं?

जवाब-

खराब जीवनशैली, खानपान की अस्वस्थ आदतें, शारीरिक सक्रियता की कमी और बढ़ता मोटापा बच्चों में उच्च रक्तदाब का कारण बन रहा है. आप अपने बच्चे की जीवनशैली में बदलाव लाएं. अगर उस का वजन अधिक है तो उसे सामान्य स्तर तक लाएं. उसे जंक फूड न खाने दें. घर का बना संतुलित और पोषक भोजन खिलाएं और नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करने या आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रेरित करें. अगर किसी और स्वास्थ्य समस्या के कारण उच्च रक्तदाब की समस्या हो रही हो तो उस के प्रबंधन से भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है. बचपन में ही रक्तदाब को नियंत्रित करना जरूरी है वरना उम्र बढ़ने के साथ यह समस्या गंभीर हो कर हृदय रोगों, डायबिटीज, ब्रेन स्ट्रोक और गुरदों से संबंधित बीमारियों का कारण बन सकती है.

   -डा. रमन कुमार

ऐकैडमी औफ फैमिली फिजिशियंस औफ इंडिया, दिल्ली.

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मुझे छोटी-छोटी बात पर बहुत जल्दी गुस्सा आता है?

सवाल-

मेरी उम्र 41 साल है. मुझे छोटीछोटी बात पर बहुत जल्दी गुस्सा आता है. शौपिंग में ज्यादा समय लगना, भीड़भाड़ वाली जगह, गरमी आदि में मुझे बेचैनी होने लगती है, साथ ही पसीना भी आता है. इस का क्या कारण हो सकता है और इस से राहत कैसे मिलेगी?

जवाब-

आप के द्वारा बताए गए लक्षणों से उच्च रक्तचाप का पता चलता है. इसे हाइपरटैंशन या हाई बीपी के नाम से भी जाना जाता है. हाई बीपी के दौरान धमनियों में खून का दबाव तेज हो जाता है. इस दबाव की वजह से धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में आप की धड़कन भी तेज हो सकती है. यही नहीं उच्च रक्तचाप हार्ट फेल्योर और हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण माना जाता है, इसलिए इसे नियंत्रित करना बेहद जरूरी है. यह समस्या धूम्रपान, मोटापा, शारीरिक गतिविधियों में कमी, शराब का अत्यािक सेवन, तनाव आदि के कारण होती है. हालांकि, हाई ब्लड प्रैशर के उपचार के लिए बाजार में कई दवाइयां मिल जाएंगी. इस समस्या को कुछ हद तक घर बैठे ही नियंत्रित किया जा सकता है. रोज सुबहशाम 1 चम्मच शहद के साथ लहसुन की 1 कली खाएं. 1 गिलास पानी में 2 चम्मच आंवले का रस मिलाएं. इसे हर सुबह खाली पेट पीएं. बेचैनी होने पर ठंडा पानी पीएं. इस से राहत मिलेगी.

ये भी पढ़ें-

ब्लडप्रैशर या हाइपरटैंशन की समस्या आज आम समस्या बन गई है, जो जीवन शैली से जुड़ी हुई है, लेकिन कहते हैं न कि भले ही समस्या कितनी ही बड़ी हो लेकिन समय पर जानकारी से ही बचाव संभव होता है. ऐसे में जब पूरी दुनिया पर कोविड-19 का खतरा है, तब आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव ला कर हृदय रोग और हाई ब्लडप्रैशर के खतरे को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं. इस संबंध में जानते हैं डा. के के अग्रवाल से:

हाइपरटैंशन क्या है

खून की धमनियों में जब रक्त का बल ज्यादा होता है तब हमारी धमनियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिसे हम ब्लडप्रैशर की स्थिति कहते हैं. ये 2 तरह के होते हैं एक सिटोलिक ब्लडप्रैशर और दूसरा डायास्टोलिक ब्लडप्रैशर. 2017 की नई गाइडलाइंस के अनुसार अगर ब्लडप्रैशर 120/80 से कम हो तो उसे उचित ब्लडप्रैशर की श्रेणी में माना जाता है. इस की रीडिंग मिलीमीटर औफ मरकरी में नापी जाती है.

130/80 एमएम एचजी से ऊपर हाई ब्लडप्रैशर होता है. अगर ब्लडप्रैशर 180 से पार है, तब तुरंत इलाज की जरूरत होती है. वरना स्थिति गंभीर हो सकती है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- ब्लडप्रैशर पर रखें नजर

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ब्लडप्रैशर पर रखें नजर

ब्लडप्रैशर या हाइपरटैंशन की समस्या आज आम समस्या बन गई है, जो जीवन शैली से जुड़ी हुई है, लेकिन कहते हैं न कि भले ही समस्या कितनी ही बड़ी हो लेकिन समय पर जानकारी से ही बचाव संभव होता है. ऐसे में जब पूरी दुनिया पर कोविड-19 का खतरा है, तब आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव ला कर हृदय रोग और हाई ब्लडप्रैशर के खतरे को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं. इस संबंध में जानते हैं डा. के के अग्रवाल से:

हाइपरटैंशन क्या है

खून की धमनियों में जब रक्त का बल ज्यादा होता है तब हमारी धमनियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिसे हम ब्लडप्रैशर की स्थिति कहते हैं. ये 2 तरह के होते हैं एक सिटोलिक ब्लडप्रैशर और दूसरा डायास्टोलिक ब्लडप्रैशर. 2017 की नई गाइडलाइंस के अनुसार अगर ब्लडप्रैशर 120/80 से कम हो तो उसे उचित ब्लडप्रैशर की श्रेणी में माना जाता है. इस की रीडिंग मिलीमीटर औफ मरकरी में नापी जाती है.

130/80 एमएम एचजी से ऊपर हाई ब्लडप्रैशर होता है. अगर ब्लडप्रैशर 180 से पार है, तब तुरंत इलाज की जरूरत होती है. वरना स्थिति गंभीर हो सकती है.

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बता दें कि हाइपरटैंशन के लिए निम्न कारण जिम्मेदार हैं:

– उम्र सब से बड़ा कारक माना

जाता है, क्योंकि उम्र बढ़ने के कारण रक्त धमनियां की इलास्टिसिटी में कमी आने के साथसाथ होर्मोन्स में उतार चढ़ाव आने से ब्लडप्रैशर के बढ़ने का खतरा बना रहता है.

– अस्वस्थ जीवन शैली की वजह से भी हाइपरटैंशन की समस्या होती है. क्योंकि जब हमारी

शारीरिक गतिविधि कम होने से हमारा वजन बढ़ता है, तब हाइपरटैंशन की समस्या होती है, क्योंकि दिल को औक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए ज्यादा खून पंप करना पड़ता है, जिस से रक्त पर दबाव पड़ता है.

– अनुवांशिक कारणों से भी हाइपरटैंशन की समस्या होती है.

हाइपरटेंशन की स्थिति को नियंत्रण करने के लिए निम्न चीजों को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें:

स्वस्थ व ताजा भोजन खाएं

आहार स्वस्थ जीवन का आधार होता है. यदि आप का आहार ठीक नहीं है तो कुछ समय बाद आप को रोग घेर लेंगे. अपने भोजन में जितना हो सके हरी सब्जियां, दाल, फल और अनाज का इस्तेमाल करें. इस के अलावा फैट बढ़ाने वाले पदार्थों से दूर रहें.

समयसमय पर ब्लडप्रैशर की जांच

आप समयसमय पर ब्लडप्रैशर की जांच करते रहें. इस से आप को अपने ब्लडप्रैशर के लेवल का पता चलता रहेगा और आप के मन में चिंता नहीं रहेगी.

नींद पूरी लें

नींद का पूरा होना बहुत जरूरी है. यदि दिमाग को आराम नहीं मिलेगा तो वह टैंशन, चिंता, तनाव से भरा रहेगा और इस से डिप्रैशन तक हो सकता है.

खुद को हाइड्रेट रखें

ब्लडप्रैशर चाहे हाई हो या लो या फिर उचित हमेशा एक बात याद रखिए कि आप पानी प्रचुर मात्रा में पीएं. यदि आप के शरीर में पानी की मात्रा ठीक रहेगी तो आप को ब्लडप्रैशर संबंधित समस्या कम होगी.

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सरका रेंज

माइक्रोलाइफ के द्वारा निर्मित इस रेंज की मार्केटिंग एरिस लाइफसाइंसेज द्वारा की जाती है. इसके बीपी मौनिटर्स को 11 क्लिनिकल कंडीशंस में परखा गया है ताकि इस के सही परिणाम मिल सकें. बीपी मौनिटर्स 5 साल की वारंटी के साथ आते हैं. इसके 98 एफएक्स थर्मोमीटर भी उपलब्ध हैं जो कि एफडीए द्वारा प्रमाणित हैं.

ध्यान रखें यदि आप का बीपी मौनिटर प्रमाणित नहीं है तो वह सही माप नहीं दे सकता, जो कि आप की सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है.

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