Blood Pressure को बैलेंस रखने के लिए क्या करना चाहिए?

सवाल-

मेरी उम्र 42 साल है. कई बार मेरा रक्तचाप अत्यधिक बढ़ जाता है. क्या इसे नियंत्रित रखने के कुछ घरेलू उपाय हैं?

जवाब-

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने वाली चीजें आप की किचन में ही उपलब्ध हैं. घरेलू उपायों से रक्तचाप को नियंत्रित करना न केवल सस्ता और आसान होता है, बल्कि इन से किसी प्रकार के साइड इफैक्ट्स होने की भी आशंका नहीं होती है. नीबू रक्त नलिकाओं को मुलायम रखता तो तरबूज के बीज इन्हें चौड़ा बनाए रखते हैं. लहसुन नाइट्रिक औक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड के निर्माण को स्टिम्यूलेट कर के रक्त नलिकाओं को रिलैक्स रखता है. केला पोटैशियम का अच्छा स्रोत है, जो सोडियम के प्रभाव को कम करता है. इस प्रकार यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता करता है. नारियल पानी पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी का अच्छा स्रोत है. ये सिस्टोलिक दाब को कम करने में सहायता करते हैं.

सवाल-

मेरी उम्र 52 वर्षीय एक घरेलू महिला हूं. मेरा रक्तदाब अकसर सामान्य से थोड़ा कम रहता है. आगे चल कर मेरे लिए बीमारियों का खतरा तो नहीं बढ़ जाएगा?

जवाब-

रक्तदाब सामान्य से थोड़ा कम रहना कई प्रकार से हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी है. अगर रक्त का दाब लगातार सामान्य से थोड़ा कम बना रहता है तो स्ट्रोक और हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है. स्वस्थ लोगों में अगर निम्न रक्तदाब बिना किसी लक्षण के है तो चिंता की कोई बात नहीं है और इस का उपचार करने की जरूरत भी नहीं है. वैसे कई लोगों का ब्लड प्रैशर आनुवंशिक रूप से ही कम होता है.

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सवाल-

मेरे परिवार में हृदय रोगों का पारिवारिक इतिहास रहा है. मुझे उच्च रक्तदाब की शिकायत है, ऐसे में मेरे लिए हृदय रोगों का खतरा कितना बढ़ जाता है?

जवाब-

हृदय रोगों का पारिवारिक इतिहास होने पर वैसे ही आप के लिए सामान्य लोगों से खतरा अधिक है. उच्च रक्तदाब हृदय रोगों का सब से बड़ा रिस्क फैक्टर माना जाता है. इसलिए आप के लिए स्थिति और गंभीर है. आप अपने रक्तदाब को नियंत्रित रखने के साथ रक्त में शुगर और कोलैस्ट्रौल के स्तर को भी स्वस्थ सीमा से अधिक न बढ़ने दें. अत्यधिक मानसिक तनाव से भी बचें.

सवाल-

मेरे बेटे की उम्र केवल 13 साल है. उसे उच्च रक्तदाब की शिकायत है. मुझे उस के भविष्य को ले कर बहुत चिंता होती है. बताएं क्या करूं?

जवाब-

खराब जीवनशैली, खानपान की अस्वस्थ आदतें, शारीरिक सक्रियता की कमी और बढ़ता मोटापा बच्चों में उच्च रक्तदाब का कारण बन रहा है. आप अपने बच्चे की जीवनशैली में बदलाव लाएं. अगर उस का वजन अधिक है तो उसे सामान्य स्तर तक लाएं. उसे जंक फूड न खाने दें. घर का बना संतुलित और पोषक भोजन खिलाएं और नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करने या आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रेरित करें. अगर किसी और स्वास्थ्य समस्या के कारण उच्च रक्तदाब की समस्या हो रही हो तो उस के प्रबंधन से भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है. बचपन में ही रक्तदाब को नियंत्रित करना जरूरी है वरना उम्र बढ़ने के साथ यह समस्या गंभीर हो कर हृदय रोगों, डायबिटीज, ब्रेन स्ट्रोक और गुरदों से संबंधित बीमारियों का कारण बन सकती है.

   -डा. रमन कुमार

ऐकैडमी औफ फैमिली फिजिशियंस औफ इंडिया, दिल्ली.

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ब्लड प्रैशर कम करने के लिए क्या मुझे नमक खाना चाहिए?

सवाल-

मैं 45 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मुझे पिछले कुछ महीनों से उच्च रक्तचाप की शिकायत हो गई है. क्या मुझे नमक खाना पूरी तरह बंद कर देना चाहिए?

जवाब-

शरीर के सुचारु रूप से काम करने के लिए उचित मात्रा में नमक का सेवन जरूरी है. मगर आप का रक्तचाप सामान्य से अधिक रहने लगा है, इसलिए नमक का सेवन थोड़ा कम जरूर कर दीजिए पर पूरी तरह बंद मत कीजिए. अधिक नमक का सेवन उन लोगों के रक्तचाप को खतरनाक स्तर तक बढ़ा सकता है, जिन्हें हाइपरटैंशन है, क्योंकि नमक में सोडियम होता है. यह रक्त नलिकाओं को कड़ा और संकरा कर देता है. इस से हृदय को शरीर में रक्त पंप करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन अगर आप नमक का सेवन पूरी तरह से बंद कर देंगी तो आप का रक्तचाप खतरनाक स्तर तक कम हो जाएगा और इस से शरीर के दूसरे अंगों की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होगी.

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ब्लडप्रैशर या हाइपरटैंशन की समस्या आज आम समस्या बन गई है, जो जीवन शैली से जुड़ी हुई है, लेकिन कहते हैं न कि भले ही समस्या कितनी ही बड़ी हो लेकिन समय पर जानकारी से ही बचाव संभव होता है. ऐसे में जब पूरी दुनिया पर कोविड-19 का खतरा है, तब आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव ला कर हृदय रोग और हाई ब्लडप्रैशर के खतरे को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं. इस संबंध में जानते हैं डा. के के अग्रवाल से:

हाइपरटैंशन क्या है

खून की धमनियों में जब रक्त का बल ज्यादा होता है तब हमारी धमनियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिसे हम ब्लडप्रैशर की स्थिति कहते हैं. ये 2 तरह के होते हैं एक सिटोलिक ब्लडप्रैशर और दूसरा डायास्टोलिक ब्लडप्रैशर. 2017 की नई गाइडलाइंस के अनुसार अगर ब्लडप्रैशर 120/80 से कम हो तो उसे उचित ब्लडप्रैशर की श्रेणी में माना जाता है. इस की रीडिंग मिलीमीटर औफ मरकरी में नापी जाती है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- ब्लडप्रैशर पर रखें नजर

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ब्लडप्रैशर पर रखें नजर

ब्लडप्रैशर या हाइपरटैंशन की समस्या आज आम समस्या बन गई है, जो जीवन शैली से जुड़ी हुई है, लेकिन कहते हैं न कि भले ही समस्या कितनी ही बड़ी हो लेकिन समय पर जानकारी से ही बचाव संभव होता है. ऐसे में जब पूरी दुनिया पर कोविड-19 का खतरा है, तब आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव ला कर हृदय रोग और हाई ब्लडप्रैशर के खतरे को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं. इस संबंध में जानते हैं डा. के के अग्रवाल से:

हाइपरटैंशन क्या है

खून की धमनियों में जब रक्त का बल ज्यादा होता है तब हमारी धमनियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिसे हम ब्लडप्रैशर की स्थिति कहते हैं. ये 2 तरह के होते हैं एक सिटोलिक ब्लडप्रैशर और दूसरा डायास्टोलिक ब्लडप्रैशर. 2017 की नई गाइडलाइंस के अनुसार अगर ब्लडप्रैशर 120/80 से कम हो तो उसे उचित ब्लडप्रैशर की श्रेणी में माना जाता है. इस की रीडिंग मिलीमीटर औफ मरकरी में नापी जाती है.

130/80 एमएम एचजी से ऊपर हाई ब्लडप्रैशर होता है. अगर ब्लडप्रैशर 180 से पार है, तब तुरंत इलाज की जरूरत होती है. वरना स्थिति गंभीर हो सकती है.

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बता दें कि हाइपरटैंशन के लिए निम्न कारण जिम्मेदार हैं:

– उम्र सब से बड़ा कारक माना

जाता है, क्योंकि उम्र बढ़ने के कारण रक्त धमनियां की इलास्टिसिटी में कमी आने के साथसाथ होर्मोन्स में उतार चढ़ाव आने से ब्लडप्रैशर के बढ़ने का खतरा बना रहता है.

– अस्वस्थ जीवन शैली की वजह से भी हाइपरटैंशन की समस्या होती है. क्योंकि जब हमारी

शारीरिक गतिविधि कम होने से हमारा वजन बढ़ता है, तब हाइपरटैंशन की समस्या होती है, क्योंकि दिल को औक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए ज्यादा खून पंप करना पड़ता है, जिस से रक्त पर दबाव पड़ता है.

– अनुवांशिक कारणों से भी हाइपरटैंशन की समस्या होती है.

हाइपरटेंशन की स्थिति को नियंत्रण करने के लिए निम्न चीजों को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें:

स्वस्थ व ताजा भोजन खाएं

आहार स्वस्थ जीवन का आधार होता है. यदि आप का आहार ठीक नहीं है तो कुछ समय बाद आप को रोग घेर लेंगे. अपने भोजन में जितना हो सके हरी सब्जियां, दाल, फल और अनाज का इस्तेमाल करें. इस के अलावा फैट बढ़ाने वाले पदार्थों से दूर रहें.

समयसमय पर ब्लडप्रैशर की जांच

आप समयसमय पर ब्लडप्रैशर की जांच करते रहें. इस से आप को अपने ब्लडप्रैशर के लेवल का पता चलता रहेगा और आप के मन में चिंता नहीं रहेगी.

नींद पूरी लें

नींद का पूरा होना बहुत जरूरी है. यदि दिमाग को आराम नहीं मिलेगा तो वह टैंशन, चिंता, तनाव से भरा रहेगा और इस से डिप्रैशन तक हो सकता है.

खुद को हाइड्रेट रखें

ब्लडप्रैशर चाहे हाई हो या लो या फिर उचित हमेशा एक बात याद रखिए कि आप पानी प्रचुर मात्रा में पीएं. यदि आप के शरीर में पानी की मात्रा ठीक रहेगी तो आप को ब्लडप्रैशर संबंधित समस्या कम होगी.

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सरका रेंज

माइक्रोलाइफ के द्वारा निर्मित इस रेंज की मार्केटिंग एरिस लाइफसाइंसेज द्वारा की जाती है. इसके बीपी मौनिटर्स को 11 क्लिनिकल कंडीशंस में परखा गया है ताकि इस के सही परिणाम मिल सकें. बीपी मौनिटर्स 5 साल की वारंटी के साथ आते हैं. इसके 98 एफएक्स थर्मोमीटर भी उपलब्ध हैं जो कि एफडीए द्वारा प्रमाणित हैं.

ध्यान रखें यदि आप का बीपी मौनिटर प्रमाणित नहीं है तो वह सही माप नहीं दे सकता, जो कि आप की सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है.

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