गरमी में इन 5 घरेलू तरीकों से दूर भगाएं तन की दुर्गंध

नेहा बहुत ही खूबसूरत थी और हमेशा यूनीक स्टाइल ही कैरी करना पसंद करती थी, लेकिन फिर भी उस के फ्रैंड्स उस के पास ज्यादा देर बैठने से हिचकिचाते थे. वह मन ही मन सोचती कि मैं तो सब को अपनी ओर अट्रैक्ट करने के लिए नएनए स्टाइल कैरी करती हूं, मगर फिर भी सब मुझ से दूर भागते हैं. एक दिन जब उस ने परेशान हो कर स्नेहा से इस का कारण पूछा तो उस ने कहा कि तुम्हारे शरीर से बहुत दुर्गंध आती है, जिसे किसी के लिए भी सहन करना बहुत मुश्किल होता है इसलिए सब तुम से दूरदूर भागते हैं. तब जा कर नेहा को पूरा माजरा समझ में आया और उस ने इस समस्या के हल के बारे में जानकारी हासिल की ताकि उस के तन की दुर्गंध पर्सनैलिटी को न बिगाड़े.

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क्या है शरीर की दुर्गंध…

शरीर के तापमान में संतुलन बनाए रखने के लिए शरीर से पसीना निकलता है. वैसे तो पसीने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं, जिस में प्रमुख है बैक्टीरिया. जिस की वजह से ही अक्सर शरीर से दुर्गंध आती है. बैक्टीरिया एपोक्राइन ग्रंथी के उत्सर्जन से पनपते हैं. ये अमीनो एसिड का निर्माण करते हैं, जिस का परिणाम बदबूदार गंध होती है.

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दुर्गंध से निबटने के घरेलू नुस्खे…

1 बैकिंग सोडा: यह स्किन से मौइश्चर को अवशोषित करने के साथ दुर्गंध को दूर करता है. साथ ही यह बैक्टीरिया को नष्ट कर नैचुरल परफ्यूम की तरह काम करता है.

कैसे अप्लाई करें: एक चम्मच बेकिंग सोडा में एक चम्मच नीबू का रस मिला कर उसे अंडरआर्म्स व उन जगहों में लगाएं, जहां ज्यादा पसीना आता हो. फिर इसे थोड़ी देर बाद पानी से धो लें. इसे कुछ हफ्तों तक रोजाना दोहराएं.

2 एप्पल साइडर विनेगर: यह बैक्टीरिया से लड़ने के लिए बहुत ही कारगर इंग्रीडीऐंट है. साथ ही यह स्किन के पीएच बैलेंस को संतुलित रख कर, शरीर की दुर्गंध को कम करने का काम करता है.

कैसे अप्लाई करें: एप्पल साइडर विनेगर में कौटन बौल डाल कर उसे अंडरआर्म्स पर रब करें. फिर 2-3 मिनट बाद धो लें. इसे रोजाना 2 बार दोहराएं.

3 नीबू का रस: इस की एसिडिक प्रोपर्टी स्किन के पीएच लैवल को कम करती है, जिस के कारण बदबू पैदा करने वाला बैक्टीरिया पनप नहीं पाता.

कैसे अप्लाई करें: नीबू को काट कर उस के एक भाग को अंडरआर्म्स पर अच्छे से रगड़ें और फिर उसे धो लें. इस प्रक्रिया को रोजाना तब तक दोहराएं जब तक दुर्गंध चली न जाए.

4 रोजमैरी: इस में सुगंध के प्राकृतिक गुण होने के कारण यह बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने का काम करता है.

कैसे अप्लाई करें: 4 कप गरम पानी में आधा कप सूखी रोजमैरी की पत्तियां डाल कर 10 मिनट के लिए छोड़ दें. फिर इसे पानी में डाल कर नहाएं. इस प्रक्रिया को रोजाना दोहराने से दुर्गंध से छुटकारा मिलेगा.

5 टी ट्री औयल: टी ट्री औयल में ऐंटीबैक्टीरियल गुण होने के कारण यह स्किन में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करने का काम करता है.

कैसे अप्लाई करें: 2 चम्मच पानी में 2 बूंदें टी ट्री औयल की डाल कर अंडर आर्म्स पर अप्लाई करें. आप इस सौल्यूशन को स्प्रे बोतल में भर कर भी रख सकती हैं. इस से तन की दुर्गंध से नजात मिलता है.

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इन बातों का भी खास ख्याल रखें…

जब भी आप शावर लें तो ट्राई करें कि एक बार कुनकुने पानी से भी नहाएं, क्योंकि यह हमारी स्किन में छिपे बैक्टीरिया को नष्ट करने का काम करता है.

नैचुरल फाइबर के कपड़े पहनें, क्योंकि इन में हवा का आवागमन बना रहता है, जिस से पसीना जमा नहीं होता.

एक शोध के अनुसार, लहसुन, करी या अन्य स्पाइसी मसाले आप के पसीने की गंध को बढ़ा सकते हैं. इसलिए स्पाइसी खाने से परहेज करें.

अपने आर्मपिट के बालों को समयसमय पर क्लीन करती रहें, क्योंकि बाल होने से पसीना सोखने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है, जिस से शरीर से दुर्गंध आती है.

रोजाना अपनी आर्मपिट्स को ऐंटी बैक्टीरियल साबुन से साफ करना चाहिए, क्योंकि इस से बैक्टीरिया की संख्या में कमी आने से शरीर से दुर्गंध नहीं आती.

जब आप नहा लें तो अच्छे से अपने शरीर को पोंछें, खासकर उन जगहों को जहां सब से ज्यादा पसीना जमा होता है.

गरमियों में ज्यादा पसीना आने के कारण कपड़े जल्दी गीले हो जाते हैं, जिन्हें ज्यादा देर तक पहने रहने से बदबू आने लगती है. इसलिए उन्हें बदल लें.

मनपसंद फ्रैगरैंस वाले परफ्यूम को अपनी पर्सनैलिटी का हिस्सा जरूर बनाएं. इस से तन की दुर्गंध से छुटकारा तो मिलेगा ही, आप भी तरोताजा महसूस करेंगी.

5 टिप्स: गरमी में पसीने की बदबू को ऐसे कहें बाय बाय

झुलसाती गरमी में त्वचा और स्वास्थ्य संबंधी नई नई समस्याएं सिर उठाने लगती हैं. इन में बड़ी समस्या पसीना आने की होती है. सब से ज्यादा पसीना बांहों के नीचे यानी कांखों, तलवों और हथेलियों में आता है. हालांकि ज्यादातर लोगों को थोड़ा ही पसीना आता है, लेकिन कुछ को बहुत ज्यादा पसीना आता है.

कुछ लोगों को गरमी के साथ साथ पसीने की ग्रंथियों के ओवर ऐक्टिव होने के चलते भी अधिक पसीना आता है जिसे हम हाइपरहाइड्रोसिस सिंड्रोम कहते हैं. बहुत ज्यादा पसीना आने की वजह से न सिर्फ शरीर में असहजता महसूस होती है, बल्कि पसीने की दुर्गंध भी बढ़ जाती है. इस से व्यक्ति का आत्मविश्वास डगमगा जाता है.

tips of saving

पसीने और उस की दुर्गंध पर ऐसे पाएं काबू….

  1. साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें

पसीना अपनेआप में दुर्गंध की वजह नहीं है. शरीर से दुर्गंध आने की समस्या तब होती है जब यह पसीना बैक्टीरिया के साथ मिलता है. यही वजह है कि नहाने के तुरंत बाद पसीना आने से हमारे शरीर में कभी दुर्गंध नहीं आती.

दुर्गंध आनी तब शुरू होती है जब बार बार पसीना आता है और सूखता रहता है. पसीने की वजह से त्वचा गीली रहती है और ऐसे में उस पर बैक्टीरिया को पनपने का अनुकूल माहौल मिलता है. अगर आप त्वचा को सूखा और साफ रखें तो पसीने के दुर्गंध की समस्या से काफी हद तक बच सकती हैं.

2. स्ट्रौंग डियोड्रैंट और ऐंटीपर्सपिरैंट का इस्तेमाल करें…

हालांकि डियोड्रैंट पसीना आने से नहीं रोक सकता है, लेकिन यह शरीर से आने वाली दुर्गंध को रोकने में मददगार हो सकता है. स्ट्रौंग पर्सपिरैंट पसीने के छिद्रों को बंद कर सकते हैं, जिस से पसीनाकम आता है. जब आप के शरीर की इंद्रियों को यह महसूस हो जाता है कि पसीने के छिद्र बंद हैं तो वे अंदर से पसीना छोड़ना बंद कर देती हैं.

ये ऐंटीपर्सपिरैंट अधिकतम 24 घंटे तक कारगर रहते हैं. अगर इन का इस्तेमाल करते समय इन पर लिखे निर्देशों का पालन न किया जाए तो ये त्वचा के इरिटेशन की वजह भी बन सकते हैं. ऐसे में कोई भी ऐंटीपर्सपिरैंट इस्तेमाल करने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर लें.

3. लोंटोफोरेसिस

यह तकनीक आमतौर पर उन लोगों पर इस्तेमाल की जाती है, जो हलके ऐंटीपर्सपिरैंट इस्तेमाल कर चुके होते हैं, लेकिन उन्हें इस से कोई फायदा नहीं होता है. इस तकनीक से आयनोटोफोरेसिस नामक मैडिकल डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है, जिस के माध्यम से पानी वाले किसी बरतन या ट्यूब में हलके इलैक्ट्रिक करंट डाले जाते हैं और फिर प्रभावित व्यक्ति को इस में हाथ डालने के लिए कहा जाता है.

यह करंट त्वचा की सतह के माध्यम से भी प्रवेश करता है. इस से पैरों और हाथों में पसीना आने की समस्या बेहद कम हो जाती है. लेकिन कांखों के नीचे अधिक पसीना आने की समस्या को ठीक करने के लिए यह तरीका उपयुक्त नहीं होता है.

4. मैसोबोटोक्स

बांहों के नीचे बेहद ज्यादा पसीना आना न सिर्फ दुर्गंध की वजह बनता है, बल्कि आप की ड्रैस भी खराब कर सकता है. इस के इलाज हेतु कांखों में प्यूरिफाइड बोटुलिनम टौक्सिन की मामूली डोज इंजैक्शन के माध्यम से दी जाती है, जिस से पसीने की नर्व्ज अस्थायी रूप से बंद हो जाती हैं. इस का असर 4 से 6 महीने तक रहता है. माथे और चेहरे पर जरूरत से ज्यादा पसीना आने की समस्या के उपचार हेतु मैसोबोटोक्स एक बेहतरीन समाधान साबित होता है, इस में पसीना आना कम करने के लिए डाइल्युटेड बोटोक्स को इंजेक्शन के जरीए त्वचा में लगाया जाता है.

खानपान की कुछ चीजों से भी पसीना अधिक आ सकता है. उदाहरण के तौर पर गरममसाले जैसेकि कालीमिर्च ज्यादा पसीना ला सकती है. इसी तरह से अलकोहल और कैफीन का अधिक इस्तेमाल पसीने के छिद्रों को ज्यादा खोल सकता हैं. इस के साथ ही प्याज के अधिक इस्तेमाल से पसीने की दुर्गंध बढ़ सकती है. गरमी के दिनों में इन चीजों के अधिक इस्तेमाल से बचें.

डा. इंदू बालानी डर्मैटोलौजिस्ट, दिल्ली

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