जानिए बौडी पियर्सिंग से जुड़े इन 7 खतरों के बारे में

शरीर के किसी भाग भी को छेदना यानी बौडी पियर्सिंग करवाना आजकल का फैशन हो गया है. लेकिन शरीर के किसी भाग को छेड़ना एक बहुत बड़ा निर्णय है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. बौडी पियर्सिंग का निर्णय लेने से पहले आपके लिए इन खतरों के बारे में जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है.

संक्रमण

शरीर को छेदने पर होने वाला सबसे आम खतरा है संक्रमण. यदि तुरंत उपचार नहीं किया गया तो इससे दाग पड़ सकता है और खून में भी संक्रमण हो सकता है. ध्यान न दिए जाने पर यह आपके ऊपर एक भद्दा दाग छोड़कर आपको बदसूरत बना सकता है.

एलर्जिक रिएक्शन

चूंकि धातुएं आम तौर पर त्वचा के संपर्क में आने पर डरमेटाईटिस (त्वचा की सूजन) को बढ़ाती हैं, कुछ लोगों को गहनों से एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं. इन रिएक्शन्स में सांस लेने में समस्या हो सकती है, छेदन किये गए स्थान पर रेशेज और सूजन आ सकती है. कभी कभी गंभीर होने पर अस्पताल में भी एडमिट होना पड़ सकता है.

तंत्रिकाओं में क्षति होना

गलत तरीके से छेदने पर कोई तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो सकती है जिससे कि छेद किये जाने वाला और इसके आसपास का स्थान हमेशा के लिए मृत हो सकता है. तंत्रिकाओं में सबसे ज्यादा क्षति जीभ छेदने के दौरान होती है खासकर जब इसे किसी गैर अनुभवी व्यक्ति से कराया गया हो.

अत्यधिक रक्तस्त्राव

कभी कभी जब छेदन किसी गैर अनुभवी व्यक्ति से कराया जाता है या छेदने वाला स्थान गलत हो तो सुई किसी रक्त वाहिका(नस) को छेदकर उसे क्षतिग्रस्त कर सकती है अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है और शरीर में खून की कमी हो सकती है.

प्रतिकूल दूषण का खतरा

अस्वास्थ्यकर(गंदे) वातावरण में किसी गैर अनुभवी व्यक्ति से शरीर के किसी भाग में छेद कराने पर रक्त से संबंधित कई बीमारियां हो सकती है जैसे कि एचआईवी वायरस, हेपेटाईटिस और कई अन्य बीमारियां.

केलोइड्स

केलोइड्स छेदन किये गए स्थान पर सख्त गांठें या उतकों की अतिरिक्त वृद्धि होते हैं जो बाहर निकले हुए होते हैं और बहुत बदसूरत दिखाई देते हैं. जब भी केलोइड्स के उपचार की बात आती है तो इसकी रोकथाम बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी प्रकार का उपचार इन्हें पूरी तरह से नहीं हटा सकता या उपचार पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सकता.

दांतों से संबंधित खतरे

मुंह में छेदन कराने पर दांतों से संबंधित कई खतरे हैं जैसे कि छिले हुए दांत, जबड़ों और मसूड़ों का क्षतिग्रस्त होना, दांतों के इनेमल का निकल जाना और इसके अलावा गहनों की वजह से फेफड़ों की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

नाभि में पियर्सिंग से पहले क्या करें क्या न करें

छेड़खानी न करें

नेवल पियर्सिंग फैशन का बेहद बोल्ड लुक भले ही देता हो लेकिन बगैर सावधानी के यह स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक भी हो सकता है.

आजकल फैशन के चक्कर में युवा पीढ़ी कई तरह के प्रयोग करने से पीछे नहीं हटती. वह खुशीखुशी नाभि में छेद यानी नेवल पियर्सिंग तक करवा रही हैं.

लेकिन देखादेखी में ऐसा करना कहीं महंगा न पड़ जाए क्योंकि जब पियर्सिंग करवाई जाती है, तब इसे पूरी तरह ठीक होने में तकरीबन 3-4 महीने का समय लग जाता है. साथ ही, इस को सुरक्षित रखने के लिए भी अपनी दिनचर्या में कई अहम बदलाव करने पड़ते हैं. यदि आप भी अपनी नाभि छिदवाने का शौक रखती हैं, तो आप को इन बातों का खास खयाल रखना जरूरी है.

नाभि साफ करें

छोटी सी नाभि में बहुत सारी गंदगी छिपी रहती है. इसलिए आप जब भी पियर्सिंग करवाने किसी क्लिनिक में जाएं, तो इयरबड से अपनी नाभि साफ कर के जाएं. आप चाहें तो इसे किसी लोशन से भी साफ कर सकती हैं. लेकिन इस बात का खयाल रखें की नाभि को साफ करते वक्त ज्यादा अंदर तक न जाएं.

छेड़खानी न करें

नईनई पियर्सिंग देखने तथा दिखाने में बड़ी अच्छी लगती है, लेकिन उस से छेड़खानी न करें वरना उसे ठीक होने में समय लग जाएगा और उस में संक्रमण होने का खतरा भी दोगुना हो जाएगा.

सोने का तरीका

अगर आप को पेट के बल सोने की आदत है, तो ऐसा न कर के पीठ के बल पर सोना शुरु करें वरना घाव और ज्यादा गहरा होगा तथा त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं भी शुरू हो सकती हैं.

हरदम ज्वैलरी न बदलें

बारबार ज्वैलरी बदलने से त्वचा को ज्यादा नुकसान होता है. इसलिए एक बार इसे पूरी तरह से ठीक हो जाने दें, फिर नईनई ज्वैलरी इस्तेमाल करें.

ढीले कपड़े पहनें

पियर्सिंग करवाने के बाद टाइट टीशर्ट या टाइट जींस बिलकुल भी न पहनें. ऐसा करने से शरीर से कपड़ा रगड़ खाएगा और फिर दर्द होगा व घाव भरने में समय लगेगा. इसलिए कुछ महीनों के लिए आप को ढीलेढाले पैजामे तथा लूज टौप पहनने होंगे.

ब्रैंडेड आभूषण खरीदें

हो सकता है आप को सड़क किनारे कोई खूबसूरत ज्वैलरी पसंद आ जाए और आप उसे ही खरीद लें. लेकिन सावधान रहें, ऐसा बिलकुल न करें, क्योंकि इस से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. कुछ धातुओं से शरीर की त्वचा को एलर्जी होती है और यह नुकसानदेह हो सकता है. ऐसी ज्वैलरी का चयन करें जिस से कि आप को एलर्जी न हो.

नाभि में छेद कराने से पहले और बाद में बरतें ये सावधानी

आजकल फैशन के चक्‍कर की मारी हमारी युवा पीढ़ी कई तरह के प्रयोग करने से पीछे नहीं हटती. वो खुशी-खुशी नाभि में छेद यानी की पियर्सिंग करवा रही हैं. लेकिन देखा-देखी में ऐसा करना कहीं महंगा ना पड़ जाए क्‍योंकि जब पियर्सिंग करवाई जाती है, तब इसे पूरी तरह से ठीक होने में तकरीबन 3-4 महीने तक का समय आराम से लग जाता है. साथ ही इसको सुरक्षित रखने के लिये भी अपनी दिनचर्या में कई अहम बदलाव करने पड़ सकते हैं. यदि आप भी अपनी नाभि छिदवाने का शौक रखती हैं, तो आपको इन बातों का खास ख्‍याल रखना जरुरी है.

नाभि साफ करें : छोटी सी नाभि में बहुत सारी गंदगी छिपी रहती है. तो इसलिये आप जब भी पियर्सिंग करवाने किसी क्‍लीनिक में जाएं, तो इयरबड से अपनी नाभि साफ करते हुए जाएं. आप चाहें तो इसे किसी लोशन से भी साफ कर सकती हैं, लेकिन इस बात का ख्‍याल रखें की नाभि को साफ करते वक्‍त जादा अंदर तक ना जाएं.

छेड़खानी ना करें : नई-नई पियर्सिंग देखने तथा दिखाने में बड़ी ही अच्‍छी लगती है, लेकिन कभी उससे छेड़खानी ना करें. वरना उसे ठीक होने में समय लग जाएगा तथा उसमें संक्रमण होने का खतरा भी दोगुना हो जाएगा.

सोने का तरीका : अगर आपको पेट के बल पर सोने की आदत है, तो ऐसा ना कर के पीठ के बल पर सोना शुरु करें. वरना घाव और ज्‍यादा गहरा होगा तथा अन्‍य समस्‍याएं भी शुरु हो जाएंगी.

हरदम ज्‍वैलरी ना बदलें : बार-बार ज्‍वैलरी बदलने से त्‍वचा को और ज्‍यादा नुक्‍सान होगा. इसलिये एक बार इसे पूरी तरह से ठीक हो जाने दें, फिर नई-नई ज्‍वैलरी से प्रयोग करें.

ढीले कपड़े पहने : पियर्सिंग करवाने से पहले टाईट टी-शर्ट या टाईट जींस बिल्‍कुल भी ना पहने. इससे शरीर से कपड़ा रगड खाएगा और फिर दर्द तथा घाव भरने में समय लगेगा. इसलिये कुछ महीनों के लिये आपको ढीले-ढाले पैजामें तथा लूज टौप पहनने होंगे.

भरोसेमंद ब्रांड के आभूषण खरीदें : हो सकता है आपको सड़क किनारे से कोई खूबसूरत ज्‍वैलरी पसंद आ जाए और आप उसे ही खरीद लें. लेकिन सावधान रहें, ऐसा बिल्‍कुल ना करें क्‍योंकि इससे संक्रमण होने का खतरा हो सकता है. कुछ धातुओं से शरीर की त्वचा को एलर्जी होती है और यह नुकसानदेह हो सकता है.

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