परिवार संग खेली होली फिर हुई बेचैनी, 66 साल की उम्र सतीश कौशिक का हार्ट अटैक से निधन

बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक की निधन की खबर ने फैंस को भावुक कर दिया है. सतीश कौशिक का 66 साल की उम्र में हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया है. सतीश कौशिक की निधन की खबर ने बॉलीवुड स्टार्स को दुखी कर दिया है. अब सतीश कौशिक के अंतिम संस्कार से जुड़ी खबर सामने आ रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक का अंतिम संस्कार आज दोपहर 3 बजे के बाद होगा. सतीश कौशिक के निधन के बाद उनके फैंस दुखी नजर आ रहे हैं.

 

 

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पोस्टमॉर्टम के बाद होगा अंतिम संस्कार

सतीश कौशिक के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है. सतीश कौशिक को बॉलीवुड स्टार्स सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए नजर आ रहे हैं. इसी बीच सतीश कौशिक के अंतिम संस्कार को लेकर खबर सामने आ रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक्टर का आज दोपहर 3 बजे अंतिम संस्कार होगा. अभी उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए दीनदयाल अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद शव को मुंबई लाया जाएगा. जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. सतीश के कौशिक के अंतिम दर्शन करने के लिए कई बॉलीवुड स्टार्स पहुंच सकते है.

 

 

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होली सेलिब्रेशन के दौरान हुई दिक्कत

एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक होली सेलिब्रेशन के लिए दिल्ली गए थे. इसी दौरान उन्हें बेचैनी महसूस हुई, जिसके बाद सतीश कौशिक को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एक्टर सतीश कौशिक के निधन की खबर अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर ट्वीट शेयर की दी थी. सतीश कौशिक ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया था. वो एक डायरेक्टर के साथ-साथ एक जाने-माने एक्टर भी थे. सतीश कौशिक को लेकर आपकी क्या राय है, कमेंट कर के हमें जरूर बताएं. आप सतीश कौशिक को कैसे याद कर रहे हैं.

इस साल गर्लफ्रेंड सबा के साथ दूसरी शादी करेंगे Hrithik Roshan?

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर ऋतिक रोशन अपनी फिल्मों के साथ-साथ एक्ट्रेस सबा आजाद संग अपने रिलेशनशिप के लिए काफी सुर्खियों में रहते हैं. ऋतिक रोशन को अक्सर सबा आजाद के साथ स्पॉट किया जाता है. जहां फैंस उन्हें साथ देखना पसंद करते हैं तो वहीं ट्रोल्स उनका मजाक उड़ाने से जरा भी पीछे नहीं हटते हैं. इन सबसे इतर ऋतिक रोशन और सबा आजाद को लेकर हाल ही में बड़ी खबर आ रही है। दरअसल, कहा जा रहा है कि ऋतिक रोशन और सबा आजाद इस साल के अंत तक शादी के बंधन में बंध सकते हैं

 

ऋतिक रोशन और सबा आजाद की शादी से जुड़ी खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. हालांकि अभी तक इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. न ही खुद ऋतिक और सबा ने मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. बता दें कि दोनों की शादी को लेकर पिछले साल भी खबर आई थी. दरअसल, बताया जा रहा था कि ऋतिक रोशन और सबा आजाद 2023 में सीक्रेट वेडिंग कर सकते हैं, जिसमें केवल परिवार और बेहद खास दोस्त शामिल होंगे.

रोशन परिवार के करीब हैं सबा आजाद

ऋतिक रोशन की गर्लफ्रेंड और सबा आजाद ने धीरे-धीरे एक्टर के परिवार के दिल में भी जगह बना ली है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो न केवल ऋतिक के मम्मी-पापा ने, बल्कि उनके दोनों बच्चों ने भी सबा आजाद को अपना लिया है. हैरानी की बात तो यह है कि सबा आजाद और ऋतिक रोशन को कई बार सुजैन खान और अर्सलान गोनी के साथ पार्टी करते भी देखा जाता है.

 

 

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कुछ इस तरह शुरू हुई थी ऋतिक और सबा की प्रेम कहानी

बता दें कि ऋतिक रोशन और सबा आजाद की मुलाकात ट्विटर के जरिए हुई थी. यहां दोनों की थोड़ी बातचीत हुई, जिसके बाद ऋतिक ने सबा को डिनर के लिए बुलाया था. धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे को दिल भी दे बैठे. हालांकि कई बार अपनी प्रेम कहानी के लिए ऋतिक रोशन और सबा आजाद ट्रोल भी हो जाते हैं.

Salman Khan का नाम सुनते ही भड़की Malaika Arora, गुस्से में बोलीं- ‘सलमान ने मुझे…’

मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) आज भी अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में छाई रहती हैं. मलाइका अरोड़ा की पहली शादी सलमान खान (Salman Khan) के भाई अरबाज खान से हुई थी. अरबाज खान और मलाइका अरोड़ा बॉलीवुड के पॉवर कपल्स में शुमार थे लेकिन कुछ कारणों से दोनों ने अपनी राहें अलग करने का फैसला कर लिया था. तलाक होने के बाद भी मलाइका (Malaika Arora and Arbaaz Khan) का रिश्ता अरबाज खान और उनके परिवार से किसी ना किसी रूप में जुड़ा ही रहा.

 

 

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करियर पर उठा सवाल तो भड़कीं मलाइका अरोड़ा!

मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora Movies) को लेकर इंडस्ट्री में अक्सर ही लोग कहते-सुनते थे कि मलाइका का करियर बनाने के पीछे सलमान (Salman Khan Movies) का हाथ है. इसी बात पर भड़कते हुए मलाइका ने एक तगड़ा जवाब दिया था. दरअसल, ड्रामा क्वीन राखी सावंत (Rakhi Sawant) ने मलाइका अरोड़ा पर तंज कसते हुए कहा था, कि सलमान खान के परिवार से होने के चलते मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora Tv Shows) पर कभी भी आइटम गर्ल का तमगा नहीं लगा.

 

 

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राखी ने किया मलाइका से सवाल

राखी सावंत ने मलाइका अरोड़ा (Rakhi Sawant and Malaika Arora Controversy) के बारे में बात करते हुए कहा था कि खान फैमिली से रिश्ता होने के कारण उन्हें इंडस्ट्री में कई मौके मिले. राखी सावंत (Rakhi Sawant Dance Video) को सुनने के बाद मलाइका ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा था, ऐसा होता तो मुझे सलमान खान की हर फिल्म में आइटम सॉन्ग करना चाहिए था. मलाइका ने साथ ही कहा था, ‘मैं सेल्फ मेड हूं और सलमान खान ने मुझे नहीं बनाया है…’

 

 

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ऐसे शुरू हुई थी लव स्टोरी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलाइका अरोड़ा और अरबाज खान (Arbaaz Khan) पहली बार एक फोटोशूट के दौरान मिले थे. दोनों को पहली बार में ही एक-दूसरे से प्यार हो गया था. कुछ समय तक डेटिंग के बाद दोनों ने साल 1991 में शादी कर ली थी. हालांकि, साल 2017 में मलाइका और अरबाज का तलाक हो गया. दोनों का बेटा अरहान विदेश में आगे की पढ़ाई कर रहा है. अक्सर दोनों अपने बेटे की वजह से साथ देखे जाते हैं. अरबाज से तलाक के बाद मलाइका अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) के साथ रिलेशनशिप में हैं. वहीं, मलाइका ने ‘छईयां-छईयां’, ‘मुन्नी बदनाम हुई’ और ‘अनारकली डिस्को चली’ जैसे कई सुपरहिट आइटम सॉन्ग किए हैं.

मोस्ट अवेटिड फिल्म ‘Jersey’ की स्टार कास्ट ने दिल्ली में किया प्रमोशन

हाल ही में शाहिद कपूर और मृणाल ठाकुर अपनी जल्द रिलीज होने वाली फिल्म ‘जर्सी’ के प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली के पंचतारा होटल ली मेरिडियन पहुंचे. लगभग दो साल बाद फिल्मों में वापसी कर रहे शाहिद कपूर फिल्म ‘जर्सी’ में संघर्षशील क्रिकेटर के रोल में नजर आने वाले हैं.

आपको बता दें कि ‘जर्सी’ साउथ की इसी नाम से बनी पॉपुलर फिल्म का हिंदी रीमेक है. यह एक स्‍पोर्ट्स ड्रामा है, जिसमें एक क्र‍िकेटर के संघर्ष को दिखाया गया है. फिल्म में दिखाया है कि कैसे एक खिलाड़ी राजनीति के कारण क्रिकेट छोड़ देता है. स्पोर्ट्स कोटे से मिली नौकरी भी चली जाती है. उसका सात साल का बेटा एक जर्सी की फरमाइश करता है. जर्सी खरीदने के लिए रुपये चाहिए. इस रकम के बंदोबस्त के लिए वह फिर मैदान में उतरता है, तो इस बार सफलता उसके कदम चूमती है. लेकिन, मैच जीतने के बाद उसके दिल की धड़कनें थम जाती हैं. यह फिल्म 14 अप्रैल को बॉक्स ऑफिस पर दस्तक देने जा रही हैं.

 

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शाहिद ने बताया, ‘मैंने इस फिल्म के लिए अपने पिता (पंकज कपूर, जो इस फिल्म में शाहिद के कोच की भूमिका निभा रहे हैं) से बहुत कुछ सीखा. मैंने वास्तव में सेट पर लोगों से पंजाबी में बात करने के लिए कहा, ताकि मैं उन्हें सुन सकूं, क्योंकि भाषा को सुन—बोलकर ही इसे आत्मसात किया जा सकता है. इसे वास्तविक स्पर्श देने के लिए हमने फिल्म के एक हिस्से की शूटिंग पंजाब में की है क्योंकि जब आप उस माहौल में शूटिंग करते हैं, तो अभिनय करना और सीखना अपेक्षाकृत और आसान हो जाता है.’

फिल्म में शाहिद कपूर के अपोजिट मृणाल ठाकुर हैं. मृणाल और शाहिद पहली बार किसी फिल्म में साथ काम कर रहे हैं.  मृणाल ने बताया, ”जर्सी’ में मैं एक मजबूत महिला का किरदार निभा रही हूं. मुझे उम्मीद है कि हर महिला इस किरदार के साथ खुद को जोड़ने में सक्षम होगी, क्योंकि खुद को पीड़ित और प्रताड़ित करने के बजाय वह चमकने में सक्षम है.’

फिल्म का ट्रेलर तो पिछले साल नवंबर में ही रिलीज कर दिया गया था, जिसे दर्शकों की तरफ से शानदार रिस्पॉन्स मिला था. अब देखना ये है इस फिल्म को दर्शकों का कितना प्यार मिलता है.

राजनीति में सबको पॉवर की भूख होती है – अक्षय ओबेरॉय

फिल्म ‘इसी लाइफ में’ से अभिनय क्षेत्र में कदम रखने वाले अभिनेता अक्षय ओबेरॉय को शुरू से अभिनय करने की इच्छा थी, जिसमें साथ दिया उनके पेरेंट्स ने. विदेश से पढाई कर वे मुंबई आये और पृथ्वी थिएटर ज्वाइन कर अभिनय की बारीकियां सीखी. इसके बाद उन्हें कई फिल्में और वेब सीरीज में काम मिला. उनकी पत्नी ज्योति, जो उनके बचपन की प्रेमिका रही है. दोनों का बेटा अव्यान है. अक्षयने हमेशा अलग और रुचिपूर्ण कहानियों को महत्व दिया और कामयाब रहे. वे सेल्फ मेड इंसान है और खुद की मेहनत को प्रमुखता देते है. फिल्म मैडम चीफ मिनिस्टर में उन्होंने विलेन की भूमिका निभाई है. पेश है कुछ अंश.

सवाल-इस फिल्म में आपकी भूमिका क्या है और कितना चुनौतीपूर्ण है?

मैं इसमें विलेन की भूमिका निभा रहा हूं और मुझे इसे करने में मुझे बहुत अच्छा लगा. मुझे राजनीति से कभी कुछ लेना देना नहीं रहा. असल में राजनीति में सबको पॉवर की भूख होती है, जो भी राजनीति में जाते है, उन्हें और अधिक पॉवर प्राप्त करने की इच्छा होती रहती है. देश के भविष्य के बारें में कितना सोचते है, ये कहना मुश्किल है, लेकिन सबके पीछे पॉवर की ही इच्छा मुख्य रूप से रहती है. मैं असल जिंदगी में बिलकुल भी पॉवर की भूख नहीं है, मुझे एक्टिंग की भूख है, इसलिए ये चरित्र मेरे विपरीत है. जब निर्देशक सुभाष कपूर ने मेरी भूमिका मुझे सुनाई तो मैं इसे करने के लिए बहुत उत्साहित हो गया.

सवाल-क्या विलेन की भूमिका करना आपको पसंद है, क्योंकि इससे आपका इमेज आम लोगों के बीच ख़राब हो जाता है, आपको वैसी ही फिल्में मिलने लगती है, क्या कहना चाहते है?

मैंने इसके पहले एक फिल्म ‘गुड़गांव’ और एक वेब सीरीज ‘फ्लैश’ में विलेन की भूमिका निभाई थी. मुझे इमेज के बारें में अधिक नहीं सोचता. अगर मैंने कोई इमेज बनायीं है, तो उसे तोड़ने वाला भी मैं ही हूं. मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहता हूं. मैं अपने किरदार को अधिक से अधिक स्ट्रेच करना चाहता हूं, जो चीज मुझे उत्साहित करती है, मैं उसके पीछे भागता हूं.

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सवाल-एक कलाकार के लिए नकारात्मक भूमिका करना कितना जरुरी होता है?

मैं अंदर से एक अच्छा इंसान हूं. विलेन की कोई भी शेड्स मुझमे नहीं है.मेरे लिए ऐसी भूमिका मेरी ग्रोथ का परिचायाक है, क्योंकि मैं जो नहीं हूं, वही भूमिका मैं कर रहा हूं. मैं अपनी इंसानियत को जितनी बहतर करूँगा, मेरी एक्टिंग उतनी ही अच्छी होगी.

सवाल-इस भूमिका के लिए कितनी तैयारियां की है?

मैंने बहुत तैयारी की है. मैं राजनीति से अधिक परिचित नहीं था, इसलिए मुझे उसके बारें में जाननी पड़ी. कॉलेज की राजनीति कैसी होती है, कोई राजनीति में कैसे आता है, उनके कैरियर की जर्नी कैसी होती है आदि कई विषयों के बारें में जानकारी हासिल की. इसके अलावा मैंने असल जिंदगी से भी कुछ लेकर फिल्म में डाली है. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई कलाकारों को भी फोलो किया. साथ ही लखनवी भाषा पर काम करना पड़ा.

सवाल-कई बार पर्दे पर विलेन के किरदार निभाने वाले कलाकार को लड़कियां रियल लाइफ में देखकर डर जाती है, क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ?

फिल्म गुड़गांव रिलीज के समय मैं मकाऊ गया था. मकाऊ फिल्म फेस्टिवल में फिल्म ख़त्म होते ही मैं बाहर निकला और लड़कियों की एक झुण्ड मुझे देखकर भागने लगी. मुझे पता चला और मैंने उन्हें बड़ी मुश्किल से समझाया. फिर उन लड़कियों ने मेरे साथ ग्रुप पिक्चर्स लिए.

सवाल-रियल लाइफ में आप कैसे है?

10 साल इंडस्ट्री में बिताने के बाद भी मैं बहुत ही इंनोसेंटइंसान हूं.मुझे जो काम मिलता है, उसे कर लेता हूं.

सवाल-अभिनय में आने की प्रेरणा कहाँ से मिली?

मैं जब 12-13 साल का था, तो लगा कि एक्टिंग ही मेरी दुनिया है, क्योंकि मेरे पिता को फिल्में देखने और मुझे फिल्में दिखाना पसंद था.मैंने गुरुदत्त, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की कई फिल्में देखने के बाद मैं उनसे ही प्रेरित हुआ और अभिनय के क्षेत्र में मुंबई आ गया.

सवाल-पहला ब्रेक मिलने में कितना संघर्ष रहा?

पहला ब्रेक मिलना बहुत मुश्किल था. विदेश से आने पर ये समस्याऔर अधिक बढ़ गयी थी,लेकिन मुझे एक मौका राजश्री प्रोडक्शन वालों ने दिया. फिल्म सफल नहीं रही, पर मैं सबकी नज़रों में आ चुका था और कमोवेश काम मिलना शुरू हो गया था. मेरी जर्नी आसान हुई. वैसे मैं वर्तमान में जीता हूं. मुझे अच्छा काम अलग-अलग फिल्मों और वेब सीरीज में करना है. यही मेरा उद्देश्य है.

सवाल-क्या कोई ड्रीम है?

मुझे पीरियोडिकल फिल्में करना है, जिसमे मेरी भाषा, रहन-सहन, चाल-ढाल आदि सब मुझसे अलग हो. वह मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी. ड्रीम डायरेक्टर श्रीराम राघवन, दिवाकर बैनर्जी, अनुराग कश्यप आदि कई है.

सवाल-वेब सीरीज कलाकारों के लिए क्या माइने रखती है?

ये एक अच्छा प्लेटफार्म है और आज के दर्शक भी बहुत स्मार्ट है. अच्छी-अच्छी कहानियां वेब पर दिखाने कीकोशिश लगातार चल रही है. फिल्मों को अगर वेब से टक्कर देने की बात हो, तो फिल्मों की अच्छी कहानियां लिखनी पड़ेगी.वेब सीरीज के विषय बहुत अच्छे होते है और किसी चरित्र को दिखाने के लिए बहुत समय मिलता है. क्रिएटिवली इसमें संतुष्टि अधिकमिलती है.

सवाल-खाली समय में क्या करते है?

मैं अपनी पत्नी और 3 साल के बेटे के साथ समय बिताता हूं. इसके अलावा दोस्तों के साथ मिलना, किताबे पढ़ना, बास्केटबाल खेलना, दौड़ना आदि कई चीजें कर लेता हूं.

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सवाल-किसी किरदार को निभाने के बाद उससे निकलना कितना मुश्किल होता है?

किसी किरदार में घुसना जितना समय लगता है, उससे कही अधिक समय निकलने में लगता है. मुझे बहुत समय लगता है. मेरी पत्नी मुझे मेरे व्यक्तित्व का एहसास दिलाती है. नकारात्मक भूमिका करने पर वह मुझसे बात नहीं करती, इससे मुझे समझ में आता है कि मेरे अंदर विलेन के लक्षण घूम रहे है. सेट पर अगर कुछ ऐसा हुआ तो निर्देशक मुझे याद दिलाते है.

सवाल-आपके चरित्र से अलग किसी भी फिल्म या वेब में काम करते वक्त किस बात पर अधिक फोकस्ड रहते है?

मैं सबसे पहले स्क्रिप्ट को तक़रीबन हजार बार पढता और सोचता रहता हूं. इससे चरित्र को अच्छी तरह से समझना आसान होता है. इसके बाद चरित्र का विश्लेषण कर उसके व्यक्तित्व को निखारने की कोशिश करता हूं. इसमें निर्देशक का काफी सहयोग रहता है,पर करने में समय लगता है.इसके अलावा किसी-किसी में स्पेशल स्किल्स की जरुरत होती है, जैसे घुड़सवारी, बाइक चलाना, किसी भाषा को सीखना आदि करना पड़ता है.

सवाल-फिल्मों और वेब में किस तरह की अंतर पाते है?

दोनों की शूट में कोई अंतर नहीं है, लेकिन वेब में कंटेंट अधिक होता है और अभिनय का समय अधिक मिलता है, जिससे चरित्र को विकसित करना आसान होता है, जबकि फिल्मों में समय कम मिलता है और उसी टाइम फ्रेम में कलाकार को सबकुछ बताना पड़ता है.

सवाल-फिल्में समाज का आइना होती है और राजनीति पर फिल्में सालों से दिखाई जाती है, पर राजनीति में कोई सुधार नहीं होता, इसकी वजह क्या मानते है?

मैं राजनीति से जुड़ा हुआ इंसान नहीं हूं, लेकिन मुझे लगता है कि एक बार राजनीति में घुसने के बाद व्यक्ति पॉवर पाने की होड़ में लग जाता है, ऐसे में वह जनता की भलाई हो या खुद के वादे सब भूल जाता है.

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सवाल-सभी जानते है कि आपके पिता और सुरेश ओबेरॉय दोनों भाई है और आप विवेक ओबेरॉय के फर्स्ट कजिन है, क्या आपको उनका सहयोग कभी मिला?

मैं सेल्फ मेड इंसान हूं और खुद की मेहनत से आगे बढ़ना चाहता हूं. मैंने कभी किसी परिवारजन से सहयोग नहीं लिया है और उनसे कोई कनेक्शन भी नहीं है.

सवाल-अगर आपको कोई सुपर पॉवर मिले तो क्या बदलना चाहते है?

अगर मुझे सुपर पॉवर मिले, तो जो लोग बड़ी-बड़ी गाड़ियों में चलते हुए सड़क पर कचरा फेंकते है, उन्हें समझाना चाहता हूं कि वे इस देश के नागरिक है और उन्हें आसपास हमेशा साफ़ रखने की जरुरत है.

मैं फ्रंट लाइन में काम करने वालों को सैल्यूट करता हूं – अक्षय ओबेरॉय

राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘इसी लाइफ में’ से अभिनय क्षेत्र में कदम रखने वाले अभिनेता अक्षय ओबेरॉय को शुरू से अभिनय करने की इच्छा थी, जिसमें उसके माता-पिता ने साथ दिया. विदेश में अपनी पढाई पूरी करने के बाद वे मुंबई आये और पृथ्वी थिएटर ज्वाइन किया और अभिनय की तालीम ली. इसके बाद उन्होंने कई फिल्में और वेब सीरीज में काम किया और अपनी जर्नी से खुश है.

अक्षय ओबेरॉय का इस जर्नी में साथ दे रही उनकी पत्नी ज्योति है, जो उनके बचपन की प्रेमिका रही है. दोनों का बेटा अव्यान है. अक्षय ने हमेशा अलग और रुचिपूर्ण कहानियों को महत्व दिया और कामयाब रहे. वे सेल्फ मेड इंसान है और खुद की मेहनत को प्रमुखता देते है. उनसे बात करना रोचक था पेश है कुछ अंश.

सवाल-लॉक डाउन में क्या कर रहे है?

इनदिनों मैं अपने तीन साल के बेटे के साथ समय बिता रहा हूं उसे खाना खिलाना, खेलना, गार्डनिंग करना, किताबे पढ़ना, घर की साफ़ सफाई करना आदि करता हूं.मैंने पिछले कुछ सालों में बहुत सारा काम किया है अब थोडा समय मिला है. अपने परिवार के साथ बिता रहा हूं.

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सवाल-अभिनय के क्षेत्र में आने की इच्छा कैसे हुई?

मैं जब 12-13 साल का था, तो लगा कि एक्टिंग मेरी दुनिया है, क्योंकि मेरे पिता को फिल्मों से रूचि थी और वे मुझे फिल्में दिखाते थे, उस समय मैंने गुरुदत्त, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की कई फिल्में देख, लगा कि मुझे अभिनय ही करना है.

 

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सवाल-जब पिता को पहली बार अभिनय के बारे में बताया तो उनका रिएक्शन क्या था? उनका सहयोग कितना था?

12 साल की उम्र में जब मैंने पिता को अभिनय के बारें में कहा, तो वे पहले मेरी तरफ देखते रह गए और मेरी निश्चयता को परखने की कोशिश की. वे एक्टिंग फील्ड से परिचित थे, इसलिए अधिक कुछ नहीं कहा. बाद में मैंने भी उसी दिशा में ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया. स्टडी ख़त्म होने के बाद मैं फ्लाइट पकड़ कर मुंबई आ गया और काम करने की दिशा में लग गया. मैंने हमेशा अच्छी फिल्मों में काम करने की कोशिश की है. इससे दर्शकों का प्यार मुझे मिला है.

मेरे मुंबई आने से कुछ साल पहले मेरे माता-पिता अमेरिका से मुंबई आ चुके थे इसलिए यहाँ आने के लिए अधिक सोचना नहीं पड़ा. मुंबई आकर मैंने सबसे पहले पृथ्वी थिएटर में काम करना शुरू कर दिया. वहां मकरंद देशपांडे से मिला और कई नाटक किये. इससे सबसे परिचय हुआ और मैंने अपना पोर्टफोलियो हर प्रोडक्शन हाउस में छोड़ आगे बढ़ता गया.

सवाल-पहला ब्रेक मिलने में कितना संघर्ष रहा?

पहला ब्रेक मिलना बहुत मुश्किल होता है, बाहर से आने पर ये और अधिक मुश्किल होता है, लेकिन मुझे ये मौका राजश्री प्रोडक्शन वालों की तरफ से मिला जो मेरे लिए अच्छी बात रही. फिल्म अच्छी नहीं चली. फिर मैं थिएटर करने चला गया. वहां से टीवी और उसके बाद फिल्म ‘पिज़्ज़ा’ मिली. इसके बाद से मुझे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. मेरी सफल फिल्म ‘गुडगांव’ है, जिसे आलोचकों ने काफी सराहा. मैंने हमेशा उन फिल्मों को चुना, जिसमें मुझे अभिनय करने का मौका मिला. मैं अपने आपको वर्सेटाइल एक्टर कहलाना पसंद करता हूं.

सवाल-लॉक डाउन के बाद किस तरह से इंडस्ट्री को ग्रो करने की जरुरत होगी?

सभी बड़े निर्माता और निर्देशक इस बारें में अवश्य सोच रहे होंगे. कुछ सावधानियां लेनी पड़ेगी. सेट पर मास्क पहनना और हायजिन का ध्यान रखना पड़ेगा, क्योंकि इस लॉकडाउन के बाद में दर्शक भी कुछ नया देखना चाहेंगे.

सवाल-वेब सीरीज को आप कितना सराहते है?

ये एक अच्छा प्लेटफार्म है और आज के दर्शक भी बहुत स्मार्ट है, इसलिए अच्छी-अच्छी कहानियां वेब पर दिखाने की कोशिश लगातार चल रही है. फिल्मों को अगर टक्कर देने की बात हो, तो और भी अच्छी कहानियां लिखनी पड़ेगी. मैंने कई वेब सीरीज किये है, जो आगे आने वाली है. वेब सीरीज के विषय बहुत अच्छे होते है और किसी चरित्र को दिखाने के लिए बहुत समय मिलता है. क्रिएटिवली इसमें संतुष्टि अधिक मिलती है.

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सवाल-आपने एक छोटी सी भूमिका अभिनेता इरफ़ान खान की फिल्मपिकूमें किया था, कैसा अनुभव रहा?

मैंने एक छोटी सी भूमिका निभाई थी जिसमें उनके साथ अभिनय का मौका नहीं मिला, पर मैं उनके काम से बहुत प्रभावित हूं. उनकी फिल्म ‘मकबूल’ मुझे बहुत पसंद है, उन्हें देखकर मुझे इंडस्ट्री में काम करने का हौसला मिला है. ऋषिकपूर की फिल्म ‘डी डे’ मुझे बहुत अच्छी लगी थी.

सवाल-क्या मेसेज देना चाहते है?

मैं इस समय फ्रंट लाइन पर काम करने वाले सभी को सैल्यूट करना चाहता हूं, जिसमें डॉक्टर्स, नर्सेज, पुलिस, वोलेंटियर्स और सफाईकर्मी सभी है. उनकी वजह से हम सभी सुरक्षित है. वे हमारे सुपर हीरो है.

हीरो से ज्यादा एक्टर बनने की जरुरत है – सनी सिंह

फिल्म ‘प्यार का पंचनामा 2’ से अभिनय कैरियर में चर्चित होने वाले सनी सिंह, एक्शन डायरेक्टर जय सिंह निज्जर के बेटे है. बचपन से ही उन्हें कला का माहौल मिला है इसलिए इससे परे उन्होंने कुछ नहीं सोचा. उन्हें कॉमेडी फिल्में बहुत पसंद है और कई ऐसी फिल्में कर चुके है. टीवी पर भी उन्होंने काम किया है. उनकी फिल्म ‘जय मम्मी जी’ में वे कार्तिक भाटिया की भूमिका निभा रहे है, शांत और खुश मिजाज़ सनी सिंह से हुई बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार है.

सवाल-इस फिल्म का आकर्षण आपके लिए क्या थी?

इस फिल्म में मम्मी मेरे लिए ख़ास थी, क्योंकि कई कॉमेडी की फिल्में बनती है,पर ये फिल्म कई मम्मियों को केंद्र में रखकर बनायीं गयी पहली फिल्म है. शूट करते हुए और माँ को बताते हुए बहुत मज़ा आया. मैं माँ की डांट को हमेशा यहाँ पर मिस करता हूं. नहीं डांटे तो खाली-खाली लगता है. ये सब इस फिल्म में है और यही मुझे अच्छा लगा था.

सवाल-रियल लाइफ में आप मम्मास बॉय कितने है और कितनी डांट सुननी पड़ती है?

जब डांटती है तो हर कोई हिल जाता है, मेरी दो बहने बड़ी है. मैं सबसे छोटा हूं. इसलिए पैमपर्ड चाइल्ड हूं. परीक्षा में फेल होने पर भी अधिक नहीं डांटती थी, लेकिन कई बार कुछ गलत करने पर बहुत गुस्सा हो जाती थी, पर मैं मना तो लेता हूं. माँ से मैं हर बात शेयर करता हूं, कॉलेज में कई बार लड़कियों की चिट्ठियां आने पर मुझे डांटती थी पर अपनी सहेलियों को बताकर खुश होती थी. मुझे प्यार और शादी उस लड़की से करनी है जो अपने माता-पिता से प्यार करें और रूटेड हो.

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सवाल-आपके भविष्य में मां की भूमिका कितनी है? इस बारें में आपकी सोच क्या है?

उसे कह पाना मुश्किल है. उनसे ही मेरा संसार है, एक माँ बिना शर्तों के बच्चे से प्यार करती है. बचपन में मैं बहुत शरारती था. पहले कुछ कहने पर वे मना करती थी पर बाद में हां कर देती थी. मैं कितनी भी व्यस्त रहूं, माँ को समय हर दिन देता हूं. मैंने उनके लिए एक ट्रोफी बनाकर दी है, क्योंकि वह मेरी बेस्ट माँ है. वह घरेलू माँ है, इसलिए मैं कभी-कभी उन्हें कुछ अच्छी सरप्राइज गिफ्ट भी देता हूं. समय मिलने पर फिल्में देखने या घूमने भी साथ में जाता हूं.

सवाल-आप अपनी जर्नी को कैसे देखते है?

मुझे लगता है कि मैंने कई फिल्में की है और कर भी रहा हूं, इतना काम मेरे लिए काफी है और मैं संतुष्ट हूं. फिल्मों के हिट होने या फ्लॉप होने से मैं अधिक समबन्ध नहीं रखता.मैंने मेहनत की है और फिल्म सफल होनी चाहिए. हर सफल कलाकार फ्लॉप फिल्में देता है. वह किये बिना आप आगे नहीं बढ़ सकते, क्योंकि फैल्योर आपको जिंदगी के बारें में बताती है और उससे आप बहुत कुछ सीखते है. काम करना कभी बंद नहीं करना चाहिए, इससे उसका फल अवश्य मिलता है. काम के लिए अधिक सोचने की जरुरत होती है. काम के बाद का समय मेरे परिवार के लिए होता है.

सवाल-किसी फिल्म को चुनते समय किस बात का खास ध्यान रखते है?

मैं कभी भी अधिक नहीं सोचता.स्क्रिप्ट पढने के बाद अगर अच्छी लगती है तो मैं निर्देशक के बारें में भी नहीं सोचता. प्रोड्यूसर के बारें में अधिक सोचता हूं, क्योंकि वही फिल्म को अच्छी तरह से पर्दे पर लाने की कोशिश करता है. हीरो से अधिक एक्टर बनना अधिक जरुरी है. मैं अच्छा काम करने की इच्छा रखता हूं.

सवाल-फिल्मों के सफल होने की वजह क्या मानते है?

निर्देशक और कहानी ये दोनों चीजे सबसे पहले आती है, इसके बाद कलाकार की बारी आती है. मेरी पहली फिल्म में निर्देशक ने सभी नए कलाकारों को मौका दिया ये बड़ी बात थी, लेकिन फिल्म सफल रही और सभी अच्छा काम कर रहे है. मेरे पिता जय सिंह निज्जर एक एक्शन डायरेक्टर है. उनके साथ भी एक फिल्म मैंने की थी, जो नहीं चल पायी. उनके सेट पर मैं बहुत कम जाता था.

सवाल-क्या पिता की वजह से इंडस्ट्री में काम मिलना आसान हुआ?

मैं काफी लोगों को जानता था, क्योंकि पार्टी में लोग आते थे. बचपन में मैंने देखा है, पर मुझे एक्टिंग करना है, उसकी तैयारी मुझे करनी पड़ी. मैं असफलता को अधिक महत्व नहीं देता. एक फिल्म का मिलना ही मेरे लिए बड़ी बात है. मैं छोटी भूमिका भी अच्छी हो, तो करने के लिए मना नहीं करता. डिजिटल पर भी काम करने की इच्छा रखता हूं.

सवाल-क्या पिता से एक्शन की तकनीक सीखी है?

मैंने अधिक नहीं सीखा है, वे ज्योही कुछ सीखाने की कोशिश करते थे मैं कुछ बहाना बना देता था. वे अभी भी एक्टिव है और फिल्मों में एक्शन का काम कर रहे है. उन्होंने कामयाबी बहुत मुश्किल से पायी है, कई बार मैंने उन्हें चोट लगते हुए भी देखा है. वे स्टंट बहुत बहादुरी से करते थे.  आज चाहते है कि मैं भी सफलता प्राप्त करूँ. वे जो भी कहते है हम आँख मूदकर फोलो करते है.

सवाल-किसकी बायोपिक करना चाहते है?

अक्षय कुमार, अजय देवगन, भगत सिंह जैसे किसी की भी बायोपिक में काम करने की इच्छा रखता हूं.

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सवाल-माँ के हाथ का बनाया क्या खाना पसंद करते है?

गुड़ शक्कर और रोटी. पंजाब के गाँव में बनने वाली ये डिश मुझे बहुत पसंद है.

सवाल-यूथ को क्या सन्देश देना चाहते है?

आज के यूथ किसी भी चीज से बहुत अधिक प्रभावित हो जाते है, उनसे मेरा कहना है कि किसी भी नशे की लत में न पड़े. अपनी जर्नी पर ध्यान दे, दूसरे की दिशा में न चले. समय मिले तो परिवार के साथ बिताएं.

मैं लो प्रोफाइल पर्सन हूं – अक्षय खन्ना

फिल्म ‘हिमालय पुत्र’ से हिंदी फिल्म में डेब्यू करने वाले अभिनेता अक्षय खन्ना, 70 और 80 के दशक के मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना के बेटे है. इस फिल्म को उनके पिता ने ही प्रोड्यूस किया था. इसके बाद अक्षय ने कई फिल्में की और कमोवेश एक सफल कैरियर गुजारे है. उन्होंने कॉमेडी से लेकर रोमांटिक और निगेटिव हर तरीके की फिल्मों में काम किया है. वे आज भी अकेले है और अकेले ही जीवन बिताना पसंद करते है. उन्होंने आजतक जो भी काम किया उसी को सफल मानते है. वे बोलते बहुत कम है और अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जीना पसंद करते है. उनकी फिल्म ‘सब कुशल मंगल’ रिलीज पर है और इसमें वे अपनी अलग भूमिका को लेकर बहुत खुश है पेश है कुछ अंश.

सवाल-आपके जीवन का कुशल मंगल क्या है?

मुझे आज भी काम करने का मौके का मिलना ही मेरे जीवन का कुशल मंगल है. अच्छे-अच्छे स्क्रिप्ट मुझे आज मिल रहे है.

सवाल-इस फिल्म को करने की ख़ास वजह क्या रही?

इसकी कहानी बहुत अलग है इस तरह की भूमिका मैंने पहले कभी की नहीं है. दो नए कलाकार मेरे साथ डेब्यू कर रहे है ये सब मेरे लिए ख़ास और नया है. जो मैं हर फिल्म मैं खोजता हूं वह इसमें मिल रहा था इसलिए ना कहने की कोई गुंजाईश नहीं थी.

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सवाल-आप अपनी जर्नी को कैसे देखते है, कोई मलाल अभी भी रह गया है क्या?

मुझे लगता है मैं अगर 20 साल और भी काम करूं तो भी मुझे संतुष्टि नहीं मिलेगी. ये सफ़र जो कलाकार की होती है, वह कभी खुद ब खुद समाप्त नहीं होती. इसमें उतार चढ़ाव तो आते रहते है, जो जिंदगी की एक पहलू है, जिससे गुजरना पड़ता है साथ ही जिंदगी में संघर्ष हमेशा चलता रहता है. इसे मैं अधिक सिरियसली नहीं लेता. नकारात्मक बातों पर अधिक फोकस नहीं करता, क्योंकि उससे कोई फायदा नहीं होता.

सवाल-नए कलाकारों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

मैं इनके लिए बहुत प्रोटेक्टिव रहता हूं और चाहता हूं कि इनके साथ कुछ गलत न हो, ये फिल्म सफल हो, उनका काम सबको पसंद आये, ताकि उनकी जर्नी आगे अच्छी हो, बस यही अनुभव रहा है.

सवाल-किसी फिल्म के लिए अब कितनी तैयारी करनी पड़ती है?

आज भी तैयारी और मेहनत करनी पड़ती है, क्योंकि हर निर्देशक की कहानी अलग होती है और मुझे उसके मुताबिक काम करने की जरुरत होती है, ताकि उसकी फिल्म सफल हो. अभिनय के साथ-साथ ये एक व्यवसाय भी होता है, जिसका ध्यान मैं हमेशा रखता हूं. निर्देशक के अनुसार काम करने का डर अभी भी रहता है. सेट पर मैं ऐसे मैं कई बार नर्वस भी हो जाता हूं. मैं कभी अपने निर्देशक को निराश नहीं देखना चाहता.

सवाल-इस फिल्म में निर्देशक से लेकर कलाकार सभी नए है,ऐसे में आप उन्हें कितनी सहजता प्रदान करते है,ताकि उन्हें आपको निर्देश देने में कोई प्रेशर महसूस न हो?

क्रिएटिव फील्ड में किसी का किसी के उपर प्रेशर होने पर काम करना मुश्किल होता है. प्रेशर को घर पर छोडकर आना पड़ता है.

सवाल-आजकल फिल्मों से मनोरंजन गायब होता जा रहा है, इसकी जगह समाज की डार्क साइड या  किसी अप्रत्याशित और डरावनी घटनाएं ले रही है, इसकी वजह क्या मानते है?

फील गुड वाली पिक्चर आज भी बन रही है, लेकिन रीयलिस्टिक फिल्में पहले भी बनती थी. इसे दिखाना और समझना दर्शकों के लिए आवश्यक है. इससे बचकर हम कही नहीं जा सकते. समाज को पूरे में देखने की जरुरत है.

सवाल-आपने बीच में थोडा ब्रेक लिया और फिर काम शुरू किया इसकी वजह क्या रही?

मैंने हमेशा अच्छी फिल्मों की स्क्रिप्ट चाही है, कभी मिलता है तो कभी नहीं. जिसे मिलने में कई बार सालों लग जाते है. इससे मेरा काम कम हो जाता है. जो मुझे ऑफर मिलता है उसमें से कुछ अच्छा खोज लेता हूं.

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सवाल-आपके हमेशा लो प्रोफाइल रहने की वजह क्या है?

मैं अपनी जिंदगी लो प्रोफाइल तरीके से ही जीना चाहता हूं. मैं हाई प्रोफाइल इंसान नहीं हूं, मुझे उसी में कम्फर्ट फील होता है और ये ब्लड प्रेशर के लिए भी अच्छा होता है.

सवाल-फिटनेस का राज क्या है?

सही समय पर खाना, सोना ,उठना, व्यायाम करना आदि करता हूं. इसके लिए मैं मेहनत बहुत करता हूं.

सवाल-आप अपने पिता की किस सीख को आप अपने जीवन में उतारते है?

मेरे पिता कभी ज्ञान नहीं बाटते थे. वे जियो और जीने दो पर विश्वास करते थे. वे नॉन जजमेंटल इन्सान थे. वे कभी किसी की आलोचना नहीं करते थे. जो ठीक लगे उसे करने की  सलाह देते थे. उन्होंने अपनी जिंदगी उसी तरह से जिया है.

‘मिशन मंगल’ से शरमन का कमबैक, पढ़ें बौलीवुड की ऐसी ही 10 बड़ी खबरें

  1. अरे भाई अब यह न समझ लेना कि शरमन जोशी मंगल ग्रह पर गए थे. दरअसल शरमन काफी दिनों से एक सफल फिल्म की तलाश में थे. ‘मिशन मंगल’ फिल्म से उन्हें यह सफलता हाथ लगी. इस से पहले तो फिल्म मिलना ही उन के लिए मंगल ग्रह पर जाने जैसा था. यह इंडस्ट्री भी बड़ी अजीब है, शरमन ने बड़ेबड़े सितारों से सजी बेहतरीन फिल्मों में काम किया है, मगर फिर अचानक उन्हें को फिल्में मिलनी बंद हो गईं. अब जब शरमन की वापसी हो ही गई है तो हम तो यही उम्मीद करेंगे कि इतिहास खुद को न दोहराए और शरमन फिल्मों में नजर आते रहें.

2. साउथ की भी चहेती बन गईं कियारा

फिल्म ‘कबीर सिंह’ करने के बाद तो कियारा आडवाणी के दिन ही बदल गए. हिंदी फिल्मों के औफर तो उन के पास आ ही रहे हैं अब साउथ के बड़ेबड़े निर्मातानिर्देशक भी उन के साथ काम करने को बेताब हैं. खबरचियों ने खबर लपकी है कि साउथ के सुपरस्टार विजय की आने वाली फिल्म ‘थालपति 64’ के लिए कियारा को लीड ऐक्ट्रैस के तौर पर साइन किया गया है. वैसे कियारा इन दिनों फिल्म ‘कबीर सिंह’ की सफलता का जश्न मना रही हैं. कभी फिल्म के निर्देशक विजय देवरकोंडा के साथ तो कभी करण जौहर के साथ पार्टी करते हुए पैपराजी की चकाचौंध में कैद होती रहती हैं.

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3. हौलीवुड में रिजैक्ट बौलीवुड में हिट

नुसरत भरुचा ने खुलासा किया कि हिंदी फिल्मों में आने से पहले उन्होंने एक हौलीवुड फिल्म के लिए औडिशन दिया था, मगर उन्हें रिजैक्ट कर दिया गया था. जो होता है अच्छे के लिए ही होता है. नुसरत तभी तो ‘प्यार का पंचनामा,’ ‘सोनू के टिट्टू की स्वीटी’ जैसी सफल बौलीवुड फिल्में आप की झोली में हैं. अब तो नुसरत आयुष्मान खुराना के साथ ‘ड्रीम गर्ल’ फिल्म में नजर आने वाली हैं और आजकल तो जिस फिल्म में आयुष्मान होते हैं वह फिल्म तो सफल होती ही है. तो हम तो यही कहेंगे नुसरत कि बौलीवुड में आने की चौइस राइट है और आप का फ्यूचर ब्राइट है.

4. आसान नहीं हमारी शादी

फिल्म ‘सैक्शन 375’ में अपने दमदार अभिनय से छा जाने वाली ऋचा चड्ढा अपने बौयफ्रैंड अली फजल के साथ शादी तो करना चाहती हैं, मगर मुश्किल यह है कि दोनों ही अपनेअपने काम में इतना बिजी हैं कि हमसफर बनने का प्लान ही नहीं बना पा रहे. ऋचा का तो यह कहना है कि हमारी शादी करवाने के लिए एक बड़ी प्लानिंग टीम चाहिए जो सारा अरेंजमैंट कर दे वरना तो यह शादी दूर की कौड़ी ही लगती है.

हम तो कहेंगे कि शादी के बारे में अभी सोचा ही मत ऋचा, क्योंकि शादी के बाद बौलीवुड हीरोइन अपने हीरो के तो करीब आ जाती है, मगर फैंस से दूर हो जाती है. दूसरी बात यह कि अली फजल का कैरियर अब जमना शुरू हुआ है, थोड़ा टाइम तो दो अली भाई को.

5. बौडी नहीं टैलेंट बोलता है

फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ से ले कर ‘टौयलेट एक प्रेमकथा’ तक भूमि की फैन फौलोइंग में जितनी बढ़ोतरी हुई है उन का वजन उतना ही कम हुआ है. भूमि ने यह साबित कर दिया कि छरहरी काया फिल्मों में सफलता पाने का एकमात्र पैमाना नहीं है, टैलेंट के कद्रदान आज भी जिंदा हैं. बेहतरीन विषयों पर आधारित फिल्मों में काम कर तारीफ बटोर चुकीं भूमि ने यह भी जता दिया कि सही स्क्रिप्ट चुनने की समझ भी उन के पास है. लेकिन इतनी समझदार भूमि की एक फालतू ऐक्टर के साथ रिलेशनशिप की बात कुछ हजम नहीं हो रही. अरे भाई, फालतू ऐक्टर मतलब फिल्म ‘फालतू’ के ऐक्टर जैकी भगनानी. हालांकि इस बात के पुख्ता सुबूत नहीं हैं, इसलिए खबरची दस्ता इस की पड़ताल में लग गया है.

6. देर आए दुरुस्त आए

लंबे समय तक रुपहले परदे से दूरी बना कर रखने वाले अक्षय खन्ना ने वापसी कर सभी को चौंका दिया है. उन की हालिया रिलीज सारी फिल्में सफल रही हैं. उन के अभिनय में भी काफी ठहराव आया है. खबरची यह पता लगाने की जुगत में हैं कि कहीं अक्षय अपने पिता वाला फौर्मूला तो नहीं इस्तेमाल कर रहे. विनोद खन्ना भी लंबे समय तक फिल्मों से दूर रहे थे और जब वापस आए तो छा गए थे.

हाल ही में आई अक्षय की फिल्म ‘आर्टिकल 375’ को दर्शकों ने काफी सराहा. पूरी फिल्म में बस अक्षय ही छाए रहे. वैसे अक्षय की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तसवीरों को देख कर उन के फैंस काफी परेशान हैं, क्योंकि वे उन में कमजोर नजर आ रहे हैं. हालांकि अक्षय ने ऐसी खबरों को कोरी अफवाह बताया है.

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7. मुगल बनेंगे आमिर      

आखिरकार आमिर खान ने भूषण कुमार की फिल्म ‘मुगल’ में काम करने के लिए हां कर ही दी. आमिर ने यह फिल्म मीटू की चपेट में आए फिल्म निर्देशक सुभाष कपूर के चलते छोड़ी थी. आमिर के फिल्म छोड़ने के बाद अक्षय कुमार और कपिल शर्मा को भी यह फिल्म औफर की गई थी. अब नया मामला यह है कि मीटू आंदोलन छेड़ने वाली तनुश्री दत्ता को आमिर का यह फैसला रास नहीं आ रहा. वे आमिर से पूछ रही हैं कि उन्होंने मेरे बारे में क्यों नहीं सोचा. फिलहाल आमिर ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, मगर यह बात तो तय है कि मीटू आंदोलन ने आज भी कई लोगों की नींद हराम कर रखी है.

8. अब क्या करेगी जायरा

पिछले दिनों जायरा ने एक लंबीचौड़ी पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की थी, जिस में असहज महसूस करने का हवाला देते हुए बौलीवुड को अलबिदा कहने की बात की थी. जायरा के इस फैसले की काफी आलोचना भी हुई थी. लेकिन फिल्म ‘द स्काई इस पिंक’ के हालिया रिलीज टेलर में जायरा की झलक क्या दिखी कि ट्रोलर आर्मी ऐक्शन में आ गई. कोई कह रहा है कि यह जायरा का डबल स्टैंडर्ड है तो कोई उन्हें ड्रामेबाज की उपाधि दे रहा है. जायरा बेबी इस मुसीबत में इसलिए घिरीं कि वे अभी इस इंडस्ट्री के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं. और एक बात यह भी है कि धर्म ने बचपन से ही अपने बनाए सहीगलत के कायदेकानून उस के दिलोदिमाग में भर दिए हैं. जायरा बेबी फैसला नहीं कर पा रहीं कि धर्म की बात सुनें या अपने दिल की.

9. क्या खूब कैमिस्ट्री है इस कपल की

शाहिद और मीरा की जोड़ी से जुड़ी किसी भी खबर पर खबरखोजी दस्ते की पैनी नजर रहती है. हाल ही में जब दोनों साथ में जिम से वर्कआउट कर के निकले तो पैपराजी ने उन को कैमरों में कैद कर लिया. कमाल की बात यह है कि दोनों अलगअलग हों या फिर एकसाथ मीडिया के सामने संतुलन बनाए रखते हैं. खबरची इन की कैमिस्ट्री की तारीफ करते नहीं थकते. दोनों की उम्र में 14 साल का फासला है, मगर मजाल है कि दोनों में से किसी एक की भी बौडी लैंग्वेज से यह बात झलक तक जाए. यों ही थोड़े न इन को बैस्ट बौलीवुड कपल का खिताब मिला हुआ है.

10. सोशल मीडिया पर छाईं दिशा

आजकल फिल्मों से दूर चल रहीं दिशा इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव हैं. अपनी हौटनैस और बोल्डनैस को सोशल मीडिया पर इतना जम कर परोश रही हैं कि उन के यूजर्स की चांदी हो गई है. वैसे भी आजकल दिशा 2 ही जगहों पर ज्यादा दिखाई देती हैं. एक सोशल मीडिया साइट्स पर और दूसरा टाइगर श्रौफ के साथ डिनर या लंच डेट पर.

मैडम ये सब तो अपनी जगह ठीक है, मगर रुपहले परदे पर भी दिखतीं रहो वरना कहीं दर्शक आप को देखना ही बंद न कर दें.

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