अभिनेता गोविंदा यानि गोविन्द अरुण आहूजा आज भी कॉमेडी के किंग के अलावा एक शानदार डांसर, एक अभिनेता, जो अपने अभिनय की बारीकियों से कभी हँसा, तो कभी रुला देते है. पूरा देश उन्हें एक लिजेंड्री एक्टर मानता है, लेकिन उनकी पत्नी सुनीता अहुजा के लिए वे एक लविंग हस्बैंड है. गोविंदा का निक नेम ची-ची है. गोविंदा और सुनीता ने टिन एज में प्यार किया और उसे ही शादी के रूप में अंजाम दिया. कैरियर की वजह से उन दोनों नेकई सालों तक अपनी शादी को छुपाकर रखा था और शादी की 25वीं वर्षगाठ पर दोनों ने गोविंदा की माँ निर्मला देवी के कहने पर पूरी रीति-रिवाज से विवाहिता सुनीता से शादी की.
गोविंदा और सुनीता के वैवाहिक जीवन में कई उतर-चढ़ाव आये,उनकी एक बेटी केवल 4 महीने रहकर गुजर गयी थी, क्योंकि वह प्रीमच्योर बेबी थी. इसके अलावा दोनों ने हमेशा अपनी रिलेशनशिप को बनाये रखने की कोशिश की. जब गोविंदा कामयाबी की शिखर पर थे, तब उनका नाम कई हीरोइनों के साथ जोड़ा गया, जो उस समय की सुर्खिया थी, लेकिन इन दोनों ने इसकी परवाह किये बिना अपने रिश्ते को अधिक मजबूती दी. आज गोविंदा फिल्मों में कम दिखने की वजह स्क्रिप्ट का पसंद न होना है. दोनों एक अच्छी मैरिड लाइफ बीता रहे है और दोनों बच्चो टीना और यशवर्धन के साथ खुश है. गोविंदा, सुनीता और बच्चे हर साल दीपावली को साथ मिलकर मनाने की कोशिश करते है. इस साल भी वैसे ही मनाने वाले है. इसके अलावा घर पर बनी मिठाइयोंका स्वाद और दीपक से पूरे घर को सजाने वाले है. खूबसूरत और हंसमुख सुनीता ने खास गृहशोभा के लिए बात की,आइये जानते है, उनकी रोमांटिक और स्वीट लव स्टोरी.
सवाल- आप दोनों की लव स्टोरी में कितनी चुनौती रही, सुनीता?
जवाब – हम दोनों ने कम उम्र में प्यार किया था, मैं उस समय 15 साल की थी. मेरी शादी 18 वर्ष में हो गयी और 19 वर्ष में टीना पैदा हो गयी. प्यार जब होता है, तो किसी प्रकार की चुनौती दिखाई नहीं पड़ती. बचपन का प्यार अंधा होता है(हंसती हुई).
सवाल – सुनीता, प्यार हुआ कैसे ? किसने पहले प्रपोज किया?
जवाब – मेरे बहन की शादी गोविंदा के मामा निर्देशक आनंद सिंह से हुई थी. स्ट्रगलिंग टाइम में गोविंदा, जीजा यानि मेरे दीदी के पास 3 साल तक रुके थे. पहली फिल्म ‘तन-बदन’ के लिए मेरे जीजाजी ने साईन करवाया था. पिक्चर की मुहूरत पर मैं, मेरी बहन , भाई और गोविंदा गाड़ी में आ रहे थे. गोविंदा ने मेरे पीठ के पीछे अपना हाथ रखे थे, मैंने उनके हाथ को पकड लिया और आज तक नहीं छोड़ा. 3 साल तक हमने डेटिंग की उसके बाद शादी की.
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(हंसती हुई) असल में मेरी एक लव लैटर को मेरे जीजाजी ने देखलियाऔर हमारे लव के बारें में उनको पता चला, उन्होंने मेरा कान पकड कर पूछा, क्या ये सच है? मैंने हाँ कह दी. इसके बाद गोविंदा ने ही मुझे 2 से 3 साल सेटल्ड होने के लिए समय माँगा था,मैं राजी हो गयी. पहले सान्ताक्रुज़ में केवल वन रूम और किचन था, जब जुहू में उन्होंने वन बेडरूम, हॉल और किचन लिया, तब मेरी सास ने बेटे को शादी करने के लिए कहा, फिर शादी हुई.शादी के बाद मैं प्रेग्नेंट हो गयी, लेकिन गोविंदा ने शादी को डिसक्लोज नहीं किया था, क्योंकि उस समय शादी हो जाने पर एक्टर की फैन फोलोइंग लड़कियों की कम हो जाती थी. तब मैंने एक साल एक रूम में गुजारी थी, क्योंकि घर में प्रेस के लोग आते रहते थे, लेकिन किसी को पता नहीं चला कि गोविंदा की शादी हो गयी है. टीना की पहली सालगिरह पर गोविंदा की शादी की बात सबको पता लगा था.
सवाल – एक कामयाब हीरो की पत्नी होना कितना कठिन रहा?
जवाब–एक एक्टर की पत्नी होना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि हमेशा कुछ न कुछ अखबारों और मैगज़ीन में छपते रहते थे. असल में मैं बिंदास स्वभाव की हूँ, कोई कुछ बोले मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. लोग कई बार कहते थे कि गोविंदा कभी किसी के साथ तो कभी किसी के साथ उन्होंने देखा है. मैं उस व्यक्ति को डांटती और कहती थी कि हीरो है, उसे करने दो, क्योंकि काम नहीं करेंगे तो इंसान पैसा कैसे कमाएगा. अगर मैं गोविंदा से इधर-या उधर जाने से मना करूँ, तो ये कैसे काम करेंगे. मुझे तो पहले से ही पता था कि ये हीरो है. इसके अलावा मेरी और गोविंदा के बीच एक मधुर रिश्ता और विश्वास था, जिसकी वजह से हमारा प्यार हमेशा कायम रहा.
सवाल – वैवाहिक जीवन के 3 दशक बीत जाने के बाद भी आपदोनों के रिश्ते में कभी कडवाहट नहीं आई, इसकी वजह क्या रही, सुनीता?
जवाब– यंग एज को हम दोनों ने कभी स्वाभाविक रूप से नहीं बिताया, क्योंकि गोविंदा बहुत बिजी रहते थे, कही घूमने जाना, रेस्तरां में खाना, थिएटर हॉल में पिक्चर देखना आदि साधारण लोगों की तरह मैं कभी कर नहीं पाई. कही अगर जाएँ भी तो लोग उनके साथ पिक्चर्स या औटोग्राफ लेना शुरू कर देते थे, ये अच्छी बात है कि उनकी पॉपुलैरिटी इन्हीं सब से होता है, लेकिन प्राइवेसी कभी नहीं मिली, ऐसी कई चीजो को मुझे समझना पड़ा.
सवाल– क्या परदे पर सबको हंसाने वाले गोविंदा का घर पर भी वैसा ही स्वभाव रहता है?
जवाब–घर पर भी वैसे ही हँसते रहते है, वे मेरे बिना कभी आउटडोर नहीं जाते थे, क्योंकि घर में मैं ही हंसने खेलने वाली हूँ. अभी भी गोविंदा मुझमें बचपना ही देखते है और कहते है कि मैंने तुम्हे शादी नहीं गोद लिया हुआ है, क्योंकि तुम बड़ी नहीं होती. अभी मैंने 50 साल पूरा किया है और आगे 100 साल तक ऐसी ही रहूंगी. उम्र होगया है, पर मैं अपने स्वभाव को नहीं बदल सकती. शादी के इतने दिन हो गए है, लेकिन अभी भी नोक-झोंक चलती रहती है. गोविंदा बहुत शांत प्रकृति के है, लेकिन मुझे गुस्सा बहुत तेज़ आता है.
सवाल– ऐसा सुनने में आता है कि गोविंदा एक दिन में कई फिल्मों की शूटिंग करते थे, ऐसे में उनसे कुछ बात कहनी हो, तो कैसे कह लेती थी?
जवाब–किसी बात को उन्हें कहना कभी भी मुश्किल नहीं रही, वे एक शांत और हंसमुख व्यक्तित्व के इन्सान है, व्यस्तता के बीच में उन्होंने परिवार का ध्यान हमेशा रखा है. इसके अलावा शादी के बाद टीना पैदा हुई और मैं उसमें व्यस्त हो गयी, ऐसे में बच्चों को सही पालन-पोषण देना ही मेरा मुख्य उद्देश्य रहा, अब बच्चों के बड़े हो जाने पर मैं उनका सब काम सम्हालती हूँ और उनके साथ ट्रेवल भी करती हूँ.
सवाल– आपसी मनमुटाव होने पर कौन किसे पहले मनाता है?
जवाब– गोविंदा ही मनाते है और खुश करने के लिए ज्वेलरी दिला देते है या फिर शोपिंग पर जाने के लिए कहते है. मैं बहुत हठी हूँ और जल्दी मानती नहीं.
सवाल – गोविंदा का नाम अभिनेत्री नीलम कोठारी के साथ बहुत बार उछाला जाता रहा है,उन दोनों की जोड़ी को दर्शक पसंद करते थे, इसलिए दोनों ने साथ-साथ बहुत सारी हिट फिल्में दी, ऐसे में आपके रिएक्शन क्या थे? पति और पिता के रूप में गोविंदा कैसे है?
जवाब – मैं प्रेस वालों की बात तब तक विश्वास नहीं करती, जब तक मैं अपनी आँखों से देख न लूँ. गोविंदा कहीं भी चले जाए, घूम फिरकर पत्नी के पास ही उन्हें आना है. (ठहाके लगाकर हंसती हुई) बाहर का खाना कब तक किसी को हजम होता है, घर का खाना ही सबको हजम होता है.
पति के रूप में वे अच्छे है, लेकिन मैं अगले जनम में उन्हें बेटे के रूप में पाना चाहती हूँ, क्योंकि मैंने जैसा पति चाहा, वैसे गोविंदा नहीं है. मुझे घूमना, फिरना, बाहर खाना आदि पसंद है, लेकिन गोविंदा को काम करना और अपने भाई, बहन के साथ रहना ही सबसे अधिक पसंद है.
पिता के रूप में गोविंदा अपने बच्चों के साथ बहुत ही फ्रेंडली है, लेकिन बच्चों को डर माँ से लगता है.
सवाल– गोविंदा के जीवन में आये उतार-चढ़ाव को आपने कैसे लिया?
जवाब– मैं हमेशा उनके साथ खड़ी रही. मैं उन्हें समझाती थी कि 80 और 90 की दशक में जब आप काम कर रहे थे, तो बाकी कलाकार के पास काम कम था. पूरी जिंदगी किसी की भी समस्या में नहीं गुजरती, सकारात्मक सोच रखने पर एक समय के बाद सब सही हो जाता है. मुझे ख़ुशी है कि गोविंदा ने 170 फिल्में की थी. वे खुद में एक स्कूल है और बच्चों को बाहर जाकर एक्टिंग सीखने की जरुरत नहीं. मैं अपने बच्चों को पिता से एक्टिंग की सारी बारीकियों को सीखने के लिए कहती हूँ.
मुझे याद आता है संघर्ष के दिनों में जब गोविंदा विरार से आते थे, उनका जूता फटा हुआ रहता था, वे बस से कही आते-जाते थे. साथ में VCR और कैसेट लेकर हर प्रोडक्शन हाउस में जाकर अपनी परफोर्मेंस को दिखाते थे, लेकिन सब रिजेक्ट करते थे, क्योंकि इंडस्ट्री में तब भी गॉडफादर न होने पर कोई काम नहीं देते थे. गोविंदा ने इस नियम को तोड़ा और बिना गॉडफादर के कामयाब हुए. उन्होंने बहुत अधिक संघर्ष किया है. मैंने हमेशा सपोर्ट किया है. जब हमारा अफेयर हुआ, गोविंदा बी,कॉम फाइनल कर रहे थे और मैं उस समय 10वीं में पढ़ रही थी.
सवाल- अभिनय को छोड़ गोविंदा राजनीति में गए, उसका अनुभव आपके लिए कैसा था?
जवाब– मुझे तो राजनीति पसंद नहीं थी, क्योंकि बहुत सारी रोक-टोक और सुरक्षा के अनुसार कुछ भी करना पड़ता था. बच्चों की आज़ादी छीन गयी थी, उनके लिए सुरक्षा का इंतजाम करना पड़ा और मुझे दो इंसान का मेरे साथ बंदूक लेकर चलना ज़रा भी पसंद नहीं था. मैंने कभी सिक्यूरिटी नहीं ली, क्योंकि मेरी सुरक्षा मैं खुद कर सकती थी. गोविंदा को भी ये बात समझ में आई और कुछ दिनों बाद राजनीति से हट गये.
सवाल– क्या आपने कभी किसी फिल्म के लिए गोविंदा को सलाह दिया है?
जवाब–साउथ के निर्देशक मणिरत्नम मुझे बहुत पसंद थे, मैंने ‘रावण’ फिल्म में अभिषेक बच्चन के साथ और आदित्य चोपड़ा की फिल्म ‘किलबिल’ में एक्टिंग करने की सलाह दी थी.
सवाल– कोई मेसेज जो आप सभी कलाकारों को देना चाहती है?
जवाब–गृहशोभा के ज़रिये मैं सभी कलाकारों, लेखको और निर्देशकों को अच्छी और हंसने खेलने की पिक्चर बनाने की सलाह देती हूँ.आज की दुनिया बहुत ही तनाव पूर्ण है, ऐसे में मारधाड़ और हिंसा पर बनी फिल्में दर्शको को अधिक स्ट्रेस और डिप्रेशन में ले जा रही है.
गोविंदा से जुडी कुछ अनसुनी बातें,
- गोविंदा की कमजोरी और स्ट्रेंथ – माँ निर्मला देवी,
- सुनीता के हाथ की बनी पसंदीदा व्यंजन – तुअर दाल, मटन, फ्रूट सलाद,
- गोविंदा की पसंदीदा फिल्म – स्वर्ग,
- गोविंदा का कम काम की वजह – मनपसंद स्क्रिप्ट न मिलना और किसी फ़िल्मी ग्रुप में शामिल न होना.
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