#lockdown: Quarantine में पति-पत्नी कैसे बिठाएं सामंजस्य

कोरोना के चलते सभी अपने घरों में बंद हैं. लोगों को अपने पार्टनर्स के साथ जाहिरतौर पर समय चाहिए था परंतु इतना नहीं कि वे एकदूसरे से ही बोर होने लगें और वक्तबेवक्त लड़ाइयों में उलझे रहें. शादीशुदा कपल जिन के बीच कम्यूनिकेशन की कमी हो उन के लिए यह वक्त अनेक मुश्किलें पैदा कर सकता है. सुबह से शाम तक वैसे भी कोई काम में नहीं लगा रहता लेकिन इतना समय खाली साथ होने के कारण पतिपत्नी के बीच का स्पार्क खो सकता है जिस से वे एकसाथ उबाऊ भी महसूस कर सकते हैं.

क्वारंटीन में पतिपत्नी के बीच झगड़े और मनमुटाव के कई कारण हो सकते हैं. ‘मुझे ये नाटक देखना है, तुम जाओ अपने फोन में लगो,’ ‘तुम्हारे पास दूसरों की चुगली के अलावा कोई बात नहीं है क्या करने के लिए,’ ‘तुम्हें बस एक ही चीज चाहिए मुझ से, कभी बैठ कर दो बात नहीं कर सकते,’ ‘तुम्हें हर बात का बतंगड़ ही बनाना आता है,’ आदि आदि. इस तरह अनचाहे ही पार्टनर्स अपना मूड तो खराब करते ही हैं साथ ही यदि घर में बच्चे या मांबाप रहते हों तो उन्हें भी अपने व्यवहार से परेशान कर देते हैं. ऐसे में घर का माहौल हर समय चिड़चिड़ा और तनावपूर्ण लगता है और लगने लगता है कि कब यह लौकडाउन खत्म हो और मैं बाहर निकलूं. इस परिस्थिति से निकलने के लिए जरूरी है कि आप अपने रिश्ते में मिठास घोलने की कोशिश करें न कि कड़वाहट.

1. बैठ कर गड़ेमुर्दे न उखाड़ें

कई रिसर्चों के अनुसार किसी नकारात्मक घटना को याद करने जैसे कि कोई पुरानी लड़ाई का असर किसी सकारात्मक घटना को याद करने से कही ज्यादा होता है. यह वह समय नहीं है जब आप सालों पुरानी बुरी या नकारात्मक इवेंट्स को याद कर अपने वर्तमान को बिगाड़ें. साथ बैठ कर कुछ याद करना ही है तो अच्छी चीजें याद करें, जैसे एकदूसरे से पहली बार मिलना या पहली बार साथ घूमने जाना, कोई मजेदार ट्रिप या किस्सा आदि.

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2. समझने की कोशिश करें

घर बैठे ऊब जाना और अपने दोस्तों की याद आना लाजिमी है. कई बात पतिपत्नी एकदूसरे की इस तरह की बातों का जवाब कुछ यों देते हैं, ‘हां तुम्हें मेरे साथ समय बिता कर खुशी कहां मिल रही होगी.’ ऐसा न करें और समझने की कोशिश करें. सभी का अपनी आम दिनचर्या को याद करना और एकबार फिर उसी तरह रहने का मन करना लाजिमी है, इस में इस तरह की बातें कहना गलत है. किसी और को याद कर लेने से आप की इंपोर्टेन्स कम नहीं हो जाती.

3. बात साफ शब्दों में कहें

अगर पत्नी कह रही है कि उस के साथ बैठ कर बातें कर लो तो इस पर बहाने बनाना या टालने से बेहतर आप साफ शब्दों में कह दीजिए कि इस समय आप का मूड नहीं है या आप बात करने जैसा महसूस नहीं कर रहे. इस से आप की पत्नी को ऐसा नहीं लगेगा कि आप के पास उस के लिए अभी भी समय नहीं बल्कि वह आप के मूड को समझने की कोशिश करेगी. यही बात पत्नियों पर भी लागू होती है जब उन के पति हर समय उन से सैक्स के लिए कहें तो वे साफ शब्दों में अपने मूड के बारे में बताएं बजाए बहाना बनाने के.

4. तानाकाशी की आदत छोड़ दें

बातबात पर ताने देना सही आदत नहीं है, इस से व्यक्ति न केवल खीझ उठता है बल्कि उसे कोई साधारण बात कहना भी व्यर्थ लगने लगता है. हर बात का ताना देने की कोई जरूरत नहीं है. कुछ चीजों पर बहस हो सकती है लेकिन उस बहस पर महीनों पहले की किसी बात का ताना दे कर बहस खत्म करने की कोशिश सही नहीं है. यह वह समय नहीं है जब आप अपने पति  को उन के द्वारा बेची गई प्रोपर्टी की याद दिला कर नीचा दिखाने की कोशिश करें या उन्हें कुछ कहने लायक न छोड़ें. यह समय एकदूसरे को समझने और समझाने का है न कि नासमझियों से रिश्ते बिगाड़ने का.

5. गुस्से को नजरंदाज न करें

हो सकता है आप को अपने पार्टनर का गुस्सा बेतुका लग रहा हो और आप उसे ड्रामा समझ रहे हों, परंतु याद रखिए कि जो बात आप के लिए बहुत छोटी है वह दूसरे व्यक्ति के लिए बड़ी हो सकती है. अपनी गलती सुधार कर माफी मांग लीजिए. अपने पार्टनर को गुस्से में छोड़ आप ये दिन अपने लिए और मुश्किल बना लेंगे, अहंकार को हवा मत दीजिए.

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इस महामारी से या तो कपल्स एकसाथ बाहर निकलेंगे या एकदूसरे से अलग. आप की कोशिश अपने रिश्ते में ग्रो करने की होनी चाहिए न कि ग्रो अपार्ट होने की. राई का पहाड़ बनाने की बजाए बड़ी प्रौब्लम्स को छोटा करने की कोशिश कीजिए.

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