अधिकतर महिलाएं सोचती हैं कि उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की कमजोरी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. अगर आप भी ऐसा सोचती हैं तो गलत हैं, क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ सुरक्षात्मक उपाय अपना कर न केवल आप अपनी हड्डियों को सुरक्षित रख सकती हैं, बल्कि उन्हें कमजोर होने से भी बचा सकती हैं.
हड्डियां रहेंगी स्वस्थ और मजबूत
आधुनिक जीवनशैली ने हमारी दिनचर्या और खानपान की आदतों में ऐसा बदलाव किया है कि मेनोपौज को पहुंच चुकी महिलाएं ही नहीं, युवा महिलाएं भी तेजी से हड्डियों की कमजोरी का शिकार हो रही हैं. पेश हैं, हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के कुछ उपाय:
1. संतुलित और पोषक भोजन का करें सेवन
पोषक और संतुलित भोजन का सेवनकरें यानी ऐसे भोजन का जो कैल्सियम और विटामिन डी से भरपूर हो, जिस में हरी पत्तेदार सब्जियां और डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हों.साबूत अनाज खाएं. यह उन पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य केलिए आवश्यक होते हैं. प्रोसैस्ड फूड, नमक, सोडा और कैफीन का सेवन कम करें.
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अपने डाइट चार्ट में सब्जियों को जरूर शामिल करें. ये विटामिन सी की अच्छी स्रोत हैं. विटामिन सी हड्डियों का निर्माण करने वाली कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है. यह बोन लौस को कम करता है और बोन डैंसिटी को भी बढ़ाता है. डाइटिंग न करें. जरूरत से अत्यधिक कम कैलोरी का सेवन करने से मैटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, जो हड्डियों की सेहत को नुकसान पहुंचाता है और उन की डैंसिटी भी कम हो जाती है.
2. शारीरिक रूप से रहें सक्रिय
जो महिलाएं नियमित रूप से ऐक्सरसाइज नहीं करतीं उन में हड्डियों के कमजोर होने का खतरा उन से अधिक होता है जो नियमित ऐक्सरसाइज करती हैं. ऐक्सरसाइज हड्डियों को मजबूत बनाती है और बोन लौस को कम करती है. आप जितना अपनी हड्डियों को हिलाएंगीडुलाएंगी वे उतनी ही मजबूत बनेंगी. हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए टहलें, दौड़ें और एक्सरसाइज करें. प्रतिदिन 1 मील पैदल चलने की कोशिश करें. पैदल चलना बोन मास को बढ़ाने में सहायक होता है.
3. धूप में बिताएं समय
आजकल लोग धूप में नहीं निकलते. दिनभर एसी में बैठे रहते हैं. इस से भी युवावस्था में ही हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, क्योंकि शरीर को विटामिन डी नहीं मिल पाता जो हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए बहुत जरूरी होता है. अत: धूप में समय बिताएं. सूर्य की रोशनी में हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से विटामिन डी का निर्माण करता है. यह हड्डियों की सुरक्षा करता है और शरीर के द्वारा कैल्सियम को अवशोषित करने में सहायता करता है. विटामिन डी की कमी से औस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. इस से पीडि़त 50% महिलाओं में विटामिन डी की कमी पाई जाती है. विटामिन डी प्राप्त करने के लिए मछली, अंडे, दूध, अंकुरित अनाज आदि का भी सेवन करें.
4. न होने दें प्रोटीन और कैल्सियम की कमी
युवावस्था में शरीर कैल्सियम और फास्फेट का उपयोग कर हड्डियों का निर्माण करता है. अगर उचित मात्रा में कैल्सियम का सेवन न किया जाए या शरीर भोजन से उचित मात्रा में कैल्सियम का अवशोषण न करे तो हड्डियां कमजोर हो कर आसानी से टूटने वाली हो जाती हैं. एक महिला को 50 की उम्र तक प्रतिदिन 1000 एमएल और 50 के बाद 1200 एमएल कैल्सियम का सेवन करना चाहिए. हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्सियम का अच्छा स्रोत हैं. इन के अलावा मछली, सालमन, साबूत अनाज, केला, ब्रैड, पास्ता, सोया मिल्क, टोफू, बादाम आदि भी कैल्सियम के अच्छे स्रोत हैं. कम वसायुक्त डेयरी प्रोडक्ट्स में वसायुक्त डेयरी प्रोडक्ट्स की तुलना में अधिक कैल्सियम होता है.
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प्रोटीन का भी पर्याप्त मात्रा में सेवन करना जरूरी है, क्योंकि हड्डियां 50% प्रोटीन से बनी होती हैं. प्रोटीन का कम मात्रा में सेवन करने से कैल्सियम का अवशोषण प्रभावित होता है जिस से हड्डियों का निर्माण भी प्रभावित होता है.
5. धूम्रपान और शराब से रहें दूर
अगर आप अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखना चाहती हैं तो धूम्रपान और शराब से दूर रहें. अनुसंधानों में यह बात सामने आई है कि तंबाकू का सेवन हड्डियों को कमजोर बना सकता है. जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उन में औस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. शराब का अधिक मात्रा में सेवन करने से उन हारमोनों का निर्माण प्रभावित होता है जो हड्डियों के लिए जरूरी होते हैं. और शराब के ज्यादा सेवन से कैल्सियम का अवशोषण भी प्रभावित होता है.
6. न बढ़ने दें वजन
हड्डियों को स्वस्थरखने के लिए अपना आदर्श भार बनाए रखें.वजन अधिक होने से औस्टियोपोरोसिस और औस्टियोपीनिया का खतरा बढ़ जाता है. यहखतरा मेनोपौज के बाद अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि ऐस्ट्रोजन हारमोन का स्तर कम हो जाताहै, जो हड्डियों के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है. वजन अधिक होने से जोड़ों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिस से वे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं.
7. स्टेराइड से दूर रहें
इंटरनैशनल औस्टियोपोरोसिस ऐसोसिएशन के अध्ययन की मानें तो स्टेराइड दवाइयां मेनोपौज के बाद महिलाओं की हड्डियों को कमजोर बनाती हैं, जिस के लक्षण 50 साल की उम्र के बाद नजर आते हैं. अगर किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण स्टेराइड युक्त दवा का सेवन करना आवश्यक हो तो अलकोहल और सिगरेट का इस्तेमाल बिलकुल बंद कर दें और भोजन में कैल्सियम तथा विटामिन डी की मात्रा बढ़ा दें.
8. नींद लें पूरी
हड्डियों की सेहत और मजबूती बनाए रखने के लिए 7-8 घंटे की नींद जरूरी है. जब हम गहरी नींद में होते हैं तभी ग्रोथ हारमोंस का स्राव उचित मात्रा में होता है. इन का स्राव हड्डियों के विकास के लिए बहुत जरूरी है. नींद में ही शरीर में मरम्मत का काम चलता है. इम्यून तंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए भी गहरी नींद जरूरी है. जिन का इम्यून तंत्र जितना मजबूत होता है वे शारीरिक रूप से उतने ही स्वस्थ होते हैं और स्वस्थ हड्डियों के लिए स्वास्थ्य का सही होना बहुत जरूरी है.
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9. बोन डैंसिटी टैस्ट
40 की उम्र के बाद बोन डैंसिटी टैस्ट जरूरी है ताकि हड्डियों की डैंसिटी और बोन लौस के बारे में पता चल सके. इस टैस्ट में एक विशेष प्रकार के एक्स रे जिसे डीएक्सए कहते हैं के द्वारा स्पाइन, कूल्हों और कलाइयों की स्क्रीनिंग की जाती है. इन भागों की हड्डियों की डैंसिटी माप कर इन की शक्ति का पता लगाया जाता है ताकि हड्डियों के टूटने से पहले ही उन का उपचार किया जा सके. अगर आप की हड्डियां कमजोर हो गई हैं तो कैल्सियम और विटामिन डी के सप्लिमैंट्स आप की हड्डियों को मजबूत बना कर उन्हें टूटने से बचा सकते हैं. यह टैस्ट हर5 साल के बाद कराना जरूरी है. इसी तरह अगर आप के घुटनों या कूल्हों के जोड़ घिस गए हैं तो रिप्लेसमैंट के द्वारा क्षतिग्रस्त जोड़ों को निकाल कर उन की जगह नए जोड़े लगा दिए जाते हैं. औपरेशन के बाद सामान्य रूप से चलनाफिरना संभव हो जाता है. -डा. ईश्वर बोहरा
सीनियर कंसल्टैंट और्थोपैडिक ऐंड जौइंट रिप्लेसमैंट सर्जन, बीएलके सुपर स्पैश्यलिटी अस्पताल, नई दिल्ली