हर लव स्टोरी सक्सैसफुल हो, ऐसा होता नहीं है. रिश्ते टूटते भी हैं और यहीं से पैदा होती है ‘नफरत’. जरूरी नहीं कि हर केस में ऐसा हो, लेकिन ज्यादातर में ऐसा होता है. ब्रेकअप होने पर जहां कुछ लोग अपनी जिंदगी में मस्त हो जाते हैं या दूसरा साथी ढूंढ़ लेते हैं. वहीं कुछ लोग बदला लेने की ठान लेते हैं. सोचते हैं कि वह मेरी नहीं हुई तो किसी और की कैसे हो सकती है. ऐसे में क्या करें, आइए जानें:
बरतें सावधानी:
एक गीत के बोल हैं, ‘वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन, उसे एक खूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा…’ किसी के साथ रिश्ते में होना बेहद खूबसूरत एहसास है, मगर यह सुंदर सपना जब टूटता है, तो बड़ी चोट पहुंचती है. प्रेम संबंध टूटने की कुछ वजहें होती हैं, जैसे दोनों में से किसी एक का शादी के लिए राजी न होना, घरवालों का दबाव होना, धर्मजाति का अलगअलग होना, लड़के का नौकरी न करना, कोई फ्यूचर प्लैनिंग न होना वगैरहवगैरह. जब आप को लगे कि आप का रिश्ता किसी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता तो ठीकठीक वजहें सामने रख कर अलगअलग राह चुनने के लिए अपने पार्टनर से खुल कर बात करें. यदि आप को बौयफ्रैंड आप से किसी मतलब से जुड़ा हुआ है तो वह आप को धमकी देने की या डराने की कोशिश करेगा. हो सकता है वह आप को ब्लैकमेल भी करे. ऐसे में तुरंत अपने मातापिता को उस के बारे में बताएं और उस की पुलिस में शिकायत करें.
धीरेधीरे दूरी बनाएं:
अगर आप की शादी तय हो गई है, तो जरूरी नहीं कि आप एक झटके में अपना रिश्ता तोड़ दें. जब रिश्ता बनने में वक्त लगता है, तो उसे खत्म करने में भी लगेगा. इसलिए दूरी धीरेधीरे बनाएं. उसे उन बातों का एहसास दिलाएं कि वे क्या मजबूरियां हैं, जिन के कारण आप उस से दूर हो रही हैं. एक पल में सबकुछ खत्म करने की कोशिश न करें, क्योंकि हो सकता है कि सामने वाला अचानक हुए खालीपन को बरदाश्त न कर पाए. उसे समय दें और धीरेधीरे सारे कौंटैक्ट खत्म कर लें.
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गिफ्ट नष्ट कर दें:
आप के बौयफ्रैंड ने भी आप को गिफ्ट, कार्ड या कपड़े अत्यादि दिए होंगे. उन्हें आप जितनी जल्दी खुद से दूर कर देंगी, उतनी जल्दी आप उस की यादों से मुक्त हो जाएंगी. कोशिश करें कि आप ने भी उसे जो गिफ्ट या कार्ड्स वगैरह दिए हैं सब उस से वापस मिल जाएं. उन्हें भी नष्ट कर दें. नए जीवन में पुरानी चीजों की छाया नहीं पड़नी चाहिए.
ब्रेकअप के बाद खुद को समय दें:
ब्रेकअप के बाद अकसर यह एहसास होता है कि यह कुछ वक्त की दूरी है, हम फिर एक हो जाएंगे. इस एहसास से निकलना आसान नहीं होता है. ज्यादातर लोग ब्रेकअप के बाद उत्पन्न हुए खालीपन को भरने के लिए तुरंत कोई दूसरा दोस्त ढूंढ़ लेते हैं या शादी के लिए तैयार हो जाते हैं, यह ठीक नहीं है. बौयफ्रैंड के साथ बिताए पलों को भूलने और सचाई को पूरी तरह स्वीकार करने के लिए खुद को समय दें, चिंतन करें और खुद को सम झाएं कि आप ने जो कदम उठाया है, वह बिलकुल ठीक है. नया दोस्त या जीवनसाथी चुनने में हड़बड़ी न करें.
शादी में बौयफ्रैंड को भूल कर न बुलाएं:
भले आप आपसी सम झौते के तहत अपने बौयफ्रैंड से अलग हुई हों और हो सकता है आप शादी के बाद भी अपने लवर को दोस्त की हैसियत से अपने करीब रखना चाहें, तो इस में कोईर् हरज नहीं है, लेकिन कोशिश करें कि आप उसे अपनी शादी पर न बुलाएं, क्योंकि उस हालत में एकदूसरे का सामना करना मुश्किल होगा और आप खुद उस की मौजूदगी में किसी और से शादी करने में असहज महसूस करेंगी. वहीं आप का ऐक्स बौयफ्रैंड उस व्यक्ति से जलन महसूस करेगा, जिस के गले में आप वरमाला डाल रही हैं. यह जलन कब बदले की भावना में बदल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है.
हसबैंड को सबकुछ न बताएं:
यह गलत होगा कि आप अपने जीवनसाथी से अपने पिछले रिश्ते की बात छिपाएं, लेकिन जरूरी यह भी नहीं कि अपने अतीत के बारे में सबकुछ बताया जाए. आजकल स्कूलकालेज में बौयफ्रैंड गर्लफ्रैंड बनना आम बात है. इसे ले कर अकसर पति अपनी पत्नी से सवाल नहीं करते हैं. जवानी में अपोजिट सैक्स के प्रति आकर्षण होना स्वाभाविक है. यह आम चलन है. इसलिए पति से यह बताना कि हां, आप का प्रेमी था, कोई गजब ढाने वाली बात नहीं होगी. हां, अगर उस से आप के शारीरिक संबंध थे या आप उस से कभी प्रैगनैंट हुईं अथवा आप का अबौर्शन हुआ, तो जरूरी नहीं कि आप अपने पति को यह सारी बातें बताएं, क्योंकि ऐसा करना आप के रिश्ते में कड़वाहट भर देगा.
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पति की तुलना बौयफ्रैंड से न करें:
आप के बौयफ्रैंड की बहुत सी बातें शायद आप से मिलती होंगी, तभी आप की दोस्ती हुई और हो सकता है जिस व्यक्ति से आप की शादी हुई है, उस की आदतें आप से कतई न मिलती हों. उस हालत में आप को अपने बौयफ्रैंड का खयाल आ सकता है.
याद रखें आप ने जिस व्यक्ति से शादी की है वह बहुत बेहतर है, क्योंकि उस ने आप को स्थायित्व दिया है, आप को आर्थिक सुरक्षा दी है. क्या आप का बौयफ्रैंड आप को कभी इतना सब दे सकता था? शायद नहीं, इसीलिए कभी अपने पति की तुलना उस व्यक्ति से न करें.
सब से जरूरी बात यह है कि शादी के बाद यदि ऐसी किसी अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़े तो आत्मविश्वास के साथ उस का सामना करें.