Friendship Day Special: जानें कौन अच्छे और कौन हैं सच्चे दोस्त

सही कहा है अच्छा दोस्त वह नहीं होता जो मुसीबत के समय उपदेश देने लगे वरन अच्छा दोस्त वह होता है, जो अपने दोस्त के दर्द को खुद महसूस करे और बड़े हलके तरीके से दोस्त के गम को कम करने का प्रयास करे. यह एहसास दिलाए जैसे यह गम तो कुछ है ही नहीं. लोग तो इस से ज्यादा गम हंसतेहंसते सह लेते हैं.

वैसे भी सही रास्ता दिखाने के लिए किताबें हैं, उपदेश देने के लिए घर के बड़े लोग हैं और उलाहने दे कर दर्द बढ़ाने के लिए नातेरिश्तेदार हैं. ये सब आप को आप की गलतियां बताएंगे, उपदेश देंगे पर जो दोस्त होता है वह गलतियां नहीं बताता, बल्कि जो गलती हुई है उसे कुछ समय को भुला कर दिमाग शांत करने का रास्ता बताता है. आप के सारे तनाव को बड़ी सहजता से दूर करता है.

तभी तो कहा जाता है कि पुराना दोस्त वह नहीं होता जिस से आप तमीज से बात करते हैं वरन पुराना दोस्त तो वह होता है, जिस के साथ आप बदतमीज हो सकें. दोस्ती का यही उसूल होता है कि अपने दोस्त के गमों को आधा कर दे और खुशियों को दोगुना. केवल पुराने दोस्त ही ऐसे होते हैं, जो हमें और हमारे एहसासों को गहराई से सम झने और महसूस करने में सक्षम होते हैं.

सच है कि दोस्ती का रिश्ता बहुत ही प्यारा और खूबसूरत होता है. सच्चे दोस्त आप को भीड़ में अकेला नहीं छोड़ते, बल्कि आप की दुनिया बन जाते हैं. वे हमेशा आप के साथ होते हैं भले ही परिस्थितियां आप को दूर कर दें. वे आप से जुड़े रहने का कोई न कोई तरीका खोज निकालते हैं. वे आप का हौसला बनते हैं. एक समय आ सकता है जब आप के घर वाले आप को छोड़ दें, एक समय वह भी आ सकता है जब आप का बौयफ्रैंड/गर्लफ्रैंड या आप का जीवनसाथी भी आप की सोच को गलत ठहराने लगे, आप से दूरी बढ़ा ले? पर आप के सच्चे दोस्त ऐसा कभी नहीं करते. अगर दोस्तों को आप अपने मन की उल झन बताते हैं तो वे उन्हें सम झते हैं क्योंकि वे आप को गहराई से सम झते हैं, वे आप के अंदर  झांक सकते हैं.

किसी ने कितने पते की बात कही है: बैठ के जिन के साथ हम अपना दर्द भूल जाते हैं, ऐसे दोस्त सिर्फ खुश नसीबों को ही मिल पाते हैं…

आज वयस्कों को दोस्तों की और ज्यादा जरूरत है, क्योंकि रिश्तेदार तो कई शहरों में बिखरे रहते हैं. मौके पर वे कभी चाह कर भी काम नहीं आ पाते तो कभी मदद करने की उन की मंशा ही नहीं होती. वे बहाने बनाने में देर नहीं लगाते. मगर सच्चे दोस्त किसी भी तरह आप की मदद करने पहुंच ही जाते हैं. इसीलिए तो कहा जाता है कि दोस्ती का धन अमूल्य होता है. यही नहीं बातचीत करने और दिल का हाल बता कर मन हलका करने के लिए भी एक साथी यानी दोस्त की जरूरत सब को होती है.

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क्यों जरूरी हैं दोस्त

दोस्त कुछ नया सीखने का अवसर देते हैं. नई भाषा, नई सोच, नई कला और नई सम झ ले कर आते हैं. हमें कुछ नया करने और सीखने का मौका और हौसला देते हैं. हमारे डर को भगाते हैं और सोच का दायरा बढ़ाते हैं. मान लीजिए आप का दोस्त एक कलाकार या लेखक है तो उस के साथसाथ आप भी अपनी कला निखारने का प्रयास कर सकते हैं. कुछ आप उसे सिखाएंगे तो कुछ उस से सीखेंगे भी. दोस्त आप को कठिनाइयों का सामना करने में मदद करते हैं, सही सलाह देते हैं, आप की भावनाओं को सम झते हैं, अवसाद से बचाते हैं. दोस्तों के साथ आप घरपरिवार के साथसाथ कार्यालय की समस्याओं पर भी चर्चा कर सकते हैं.

दोस्त कहां और कैसे खोजें

आप उन स्थानों पर दोस्तों की तलाश करें जहां आप की रुचियां आप को ले जाती हैं. मसलन, प्रदर्शनी, फिटनैस क्लब, संग्रहालय, क्लब, साहित्यिक मंच या फिर कला से जुड़ी दूसरी संस्थाएं. आप डांस अकादमी या स्विमिंग सेंटर भी जा सकते हैं और वहां अच्छे दोस्त पा सकते हैं. ऐसी जगहों पर आप को अपने जैसी सोच वाले लोग मिलेंगे. आप सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लौग्स पर भी अपनी अभिरुचि से जुड़े दोस्तों की तलाश कर सकते हैं.

पड़ोसी हो सकते हैं अच्छे दोस्त

अकसर हम अपनी सोसाइटी या अपार्टमैंट के लोगों को भी नहीं पहचानते. आसपास रहने वाले लोगों के साथ भी हैलोहाय से ज्यादा संबंध नहीं रखेते. कभी गौर करें कि आप अपने पास रहने वाले लोगों के साथ कितनी बार संवाद करते हैं? क्या त्योहारों के मौकों पर उन्हें तोहफे देने, खुशियां बांटने या कुशलमंगल जानने जाते हैं? सच तो यह है कि हम उन्हें इग्नोर करते हैं पर वास्तव में एक पड़ोसी अच्छा दोस्त बन सकता है और आप इस दोस्त से रोजना मिल सकते हैं, साथ घूमने जा सकते हैं, बातें कर सकते हैं, कठिन समय में ये तुरंत आप की मदद को हाजिर हो सकते हैं.

औफिस में ढूंढें दोस्त

औफिस में हम अपनी जिंदगी का सब से लंबा वक्त बिताते हैं. यहां आप को समान सामाजिकमानसिक स्तर के लोगों की कमी नहीं होगी. बहुत से औप्शंस मिलेंगे. कई बार हम औफिस के लोगों से केवल काम से जुड़ी बातें ही करते हैं और औपचारिक रिश्ता ही रखते हैं पर जरा इस से आगे बढ़ कर देखें. कुछ ऐसे दोस्त ढूंढें जिन के साथ काम के सिलसिले में आप की प्रतिस्पर्धा नहीं या फिर जो आप के साथ चलना जानते हैं. ऐसे दोस्त न केवल आप के मनोबल को बढ़ाएंगे, बल्कि दिनभर के काम के बीच आप को थोड़ा रिलैक्स होने का मौका भी देंगे. यदि आप अपने औफिस के दोस्तों के प्रति ईमानदार रहते हैं और उन के सुखदुख में काम आते हैं, तो यकीन मानिए वे भी हमेशा आप का साथ देंगे.

इंटरनैट

इंटरनैट के माध्यम से आप अच्छे दोस्त ढूंढ़ सकते हैं. यह आप पर निर्भर करता है कि आप उन के साथ सालों की घनिष्ठ मित्रता के बंधन में बंधे रहना चाहते हैं या सिर्फ चैट कर मजे करना चाहते हैं खासकर विपरीतलिंगी व्यक्ति के साथ अकसर दोस्ती आकर्षणवश हो जाती है. लोग जिंदगी का मजा लेना चाहते हैं, पर इस सोच से अलग दोस्ती में घनिष्ठता और ईमानदारी रखना आप की जिम्मेदारी है.

अब सवाल उठता है कि औनलाइन दोस्त कैसे ढूंढें़? आज के समय में आप के पास इंटरनैट पर बहुत से औप्शंस हैं. आप स्काइप, फेसबुक, ट्विटर, डेटिंग साइट््स आदि पर दोस्त खोज सकते हैं. इस के लिए सोशल नैटवर्क पर अपने पेज को ठीक से डिजाइन करने की आवश्यकता है. इस के अलावा आप अपने कुछ विचार या मैसेज भी पोस्ट कर सकते हैं. सामाजिक और राष्ट्रीय विषयों पर अपनी बात रख सकते हैं. दूसरों के पोस्ट पर अपने कमैंट्स दे कर समान सोच वाले लोगों से संपर्क बढ़ा सकते हैं.

पुराने दोस्त हैं कीमती

यदि आप बचपन में कुछ ऐसे दोस्त बनाने में कामयाब रहे जो अब भी आप के साथ हैं तो इस से अच्छा आप के लिए और कुछ नहीं हो सकता. यदि आप के अपने पूर्व सहपाठियों के साथ संबंध नहीं हैं तो उन्हें खोजने का प्रयास करें. आज सोशल नैटवर्क का उपयोग कर यह काम बड़ी आसानी से किया जा सकता है. कौन जानता है शायद आप भी आपसी विश्वास और स्नेह पर बने अपने पिछले दोस्ती के रिश्तों को पुनर्जीवित करने में सक्षम हो जाएं.

सब से विश्वसनीय दोस्त बचपन के दोस्त ही होते हैं. इन के साथ आप बिना किसी हिचकिचाहट अपने दुखदर्द, अपनी तकलीफें और सीक्रेट शेयर कर सकते हैं. लंगोटिया यार साधारणतया कभी धोखा नहीं देते, क्योंकि वे आप को सम झते हैं. वे परिस्थितियों को देख कर नहीं, बल्कि आप के दिल की सुन कर सलाह देते हैं.

दोस्त बनाने के लिए क्या है जरूरी

आप को अजनबियों के साथ भी एक आम भाषा में अपनी भावनाएं व्यक्त करना और दूसरों का ध्यान आकर्षित करना आना चाहिए. कुछ लोग जन्म से ही इस कला में निपुण होते हैं. सब से जरूरी है कि दूसरों में रुचि लीजिए. दूसरों के हक के लिए आवाज उठाएं. अपनी भावनाएं शेयर कीजिए तभी सामने वाला आप के आगे खुलेगा और आप को दोस्त बनाने के लिए उत्सुक होगा.

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सलीकेदार कपड़े पहनें

अपने कपड़ों के प्रति सतर्क रहें. कपड़े ऐसे हों जो आप के आकर्षण को बढ़ाएं और व्यक्तित्व को उभारें. कपड़ों के साथ ही अपने अंदर से आ रही गंध के प्रति भी सचेत रहें. मुंह से बदबू या कपड़ों से पसीने की गंध न आ रही हो. हलकी खुशबू का इस्तेमाल करें. बालों को सही से संवारें. इंसान दोस्त उसे ही बनाना चाहता है जो साफसुथरा और सलीकेदार हो.

जानबू झ कर शेखी न बघारें

अकसर लोग शेखी बघारने के क्रम में  झूठ का ऐसा जाल बुनते हैं कि फिर खुद ही उस में उल झ कर रह जाते हैं. इसी तरह दूसरों की नजरों में आने के लिए कुछ ऐसा न बोल जाएं जो मूर्खतापूर्ण लगे.

झगड़ा जल्दी सुल झाएं

दोस्त के साथ आप का  झगड़ा हो गया है तो यह जानने की कोशिश में न उल झें कि आप में से कौन सही है और कौन दोषी है, बल्कि सुलह करने वाले पहले व्यक्ति बनें. दोस्ती को खत्म करना बहुत सरल है पर इसे बनाए रखना बहुत कठिन. लंबे और विश्वसनीय रिश्ते के लिए एक मजबूत नींव बनाना कठिन काम है, पर वह नींव आप को ही तैयार करनी है.

याद रखिए 2 लोग जिन के शौक और दृष्टिकोण विपरीत हैं कभी दोस्त नहीं बन सकते. इसलिए समान हित और सोच वालों को अपना दोस्त बनाएं और जीवन के एकाकीपन को दूर करें.

गहरी दोस्ती के राज

अपने दोस्त के लिए हमेशा खड़े रहें. यदि धन से उस की मदद नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं, मन से उस का साथ दें. उस को मानसिक सपोर्ट दें. उस की परेशानियों को बांटें और समस्याओं को सुल झाने का प्रयास करें. जब भी उसे आप की सहायता की जरूरत पड़े तो तुरंत आगे आएं. हमेशा कोशिश करें कि सामने वाले ने आप के लिए जितना किया जरूरत पड़ने पर आप उस से बढ़ कर उस के लिए करें. इस से आप को भी संतुष्टि मिलेगी और उस के दिल में भी आप के लिए सम्मान और प्यार बढ़ेगा. तभी तो आप की दोस्ती ज्यादा गहरी और लंबी चल सकेगी.

पैसे के मामलों में थोड़ी तटस्थता रखें

पैसों के मामले में थोड़े तटस्थ रहें. जब भी आप साथ कहीं घूमने जाते हैं, कोई चीज खरीदते हैं या दोस्त आप के लिए कुछ ले कर आता है तो पैसों का हिसाबकिताब बराबर रखने का प्रयास करें. जब भी आप दोनों मिल कर कुछ खर्च कर रहे हों तो किसी एक पर अधिक भार न पड़ने दें. भले ही छोटेमोटे खर्च ही क्यों न हुए हों, कोशिश करें कि खर्च आधाआधा बांट लें. अगर आप 4-5 दोस्त हैं तो सब मिल कर रुपए खर्च करने की कोशिश करें.

जहां तक बात कुछ बड़ी परेशानियों के समय खर्च करने की आती है जैसे घर में बीमारीहारी हो जाए या आप का दोस्त किसी क्रिमिनल केस में फंस जाए और उसे आप की मदद की जरूरत हो जैसे बेल देनी हो या उस के लिए कोई काबिल वकील तलाश करना हो अथवा मैडिकल ट्रीटमैंट के लिए तुरंत पैसों की जरूरत हो तो इस तरह के मामलों में कभी भी रुपए खर्च करने में आनाकानी न करें. यानी जब बात जान पर आ जाए तो बिना कुछ सोचे दिल खोल कर खर्च करें, क्योंकि यह बात आप का दोस्त जिंदगीभर नहीं भूल सकेगा और समय आने पर आप के लिए वह भी जान की बाजी लगा देगा. इसलिए अपने दोस्त होने की जिम्मेदारी को ऐसे समय जरूर निभाएं.

घबराएं नहीं भरोसेमंद बनें

यदि आप दोनों की जीवनस्तर में काफी असमानताएं हैं यानी कोई अमीर है और दूसरा गरीब तो ऐसी स्थिति में भी आप की दोस्ती पर कोई फर्क न पड़े. दोस्ती के लिए सिर्फ एक भरोसा, एक विश्वास और एक अपनापन ही सब से अहम होता है. यदि आप सामने वाले के लिए भरोसेमंद साबित होते हैं, जरूरत के वक्त उस के साथ खड़े रहते हैं, उस के सीक्रेट्स किसी से शेयर नहीं करते और उसे भरपूर मानसिक सपोर्ट देते हैं तो यकीन मानिए आप दोनों की दोस्ती की नींव बहुत मजबूत और गहरी रहने वाली है. आर्थिक स्तर का कोई असर आप की दोस्ती पर नहीं पड़ेगा.

विवाहितों में दोस्ती

दोस्ती का एक खूबसूरत पहलू यह भी हो सकता है कि आप दोनों पतिपत्नी की दोस्ती किसी ऐसे कपल से हो जो बिलकुल आप के जैसे हों. ऐसी दोस्ती का अलग ही आनंद होता है. इस में ध्यान देने की बात यह है कि आप दोनों समान रूप से उस कपल के साथ जुड़े हों यानी आप की जीवनसाथी भी उस कपल के साथ दोस्ती ऐंजौय कर रही हो और किसी तरह की मिसअंडरस्टैंडिंग क्रिएट न हो रही हो. इस तरह 2 कपल्स की दोस्ती 2 परिवारों की दोस्ती जैसी हो जाती है. आप चारों मिल कर एक खूबसूरत परिवार जैसा रिश्ता बना लेते हैं. आप चारों मिलबैठ कर बातें करें. ऐसी दोस्ती महानगरों में बहुत उपयोगी है. इस से अकेलापन तो दूर होगा ही विश्वसनीय रिश्ते भी मिल जाते हैं.

इसी तरह पतिपत्नी आपस में भी एकदूसरे के दोस्त बने रहने चाहिए. जब तक जीवनसाथी को आप दोस्त नहीं मानते तब तक सही अर्थों में आप जीवन के सुखदुख में एकदूसरे का साथ नहीं दे पाएंगे. इसलिए हमेशा एकदूसरे को अपना दोस्त मानें. इस से रिश्ते में गहराई आती है.

रहस्य छिपा कर रखने की आदत डालें

दोस्ती का एक बहुत बड़ा उसूल होता है कि अपने दोस्त के राज कभी न खोलें. उन्हें किसी से शेयर न करें, क्योंकि सामने वाला आप को बहुत विश्वास के साथ अपना मान कर अपने सीक्रेट्स, फीलिंग्स या वीकनैस शेयर करता है. उन बातों को यदि आप किसी से कह देंगे तो फिर दोस्ती टूटने में एक पल का समय नहीं लगेगा. इसलिए सामने वाले को यह भरोसा दिलाएं कि आप किसी भी परिस्थिति में उस के राज किसी से नहीं कहेंगे. ऐसी दोस्ती में ही व्यक्ति दोस्त को अपना सबकुछ बता सकता है और अपना मन हलका कर सकता है.

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प्यार का दर्द बड़ा बेदर्द

नैना बहुत देर से अर्पित से बातें करना चाह रही थी मगर अर्पित का फोन बारबार व्यस्त आ रहा था. एक बार फोन लगा तो भी अर्पित ने उठाया नहीं. फिर नैना ने उसे मैसेज किया कि फ्री होने पर कॉल करना मगर 2 दिन बीत गए अर्पित ने कोई जवाब नहीं दिया.

आजकल नैना के साथ ऐसा अक्सर अक्सर होने लगा था. नैना के ज्यादातर मैसेजेस का अर्पित कोई जवाब नहीं देता था. कभी जवाब देता भी तो बहुत संक्षेप में या केवल हां या ना में उत्तर देता. कभी अपनी तरफ से कोई फोन नहीं करता.

ऐसा पहले नहीं था. पहले तो अर्पित हर रोज नैना से एकदो घंटे बात न कर ले तो उसे चैन नहीं पड़ता था. बारबार मैसेज करता था. वह कॉलेज में होती तो दोनों घंटों का समय साथ बिताया करते. मगर धीरेधीरे अर्पित के दिल से नैना का प्यार उतरने लगा.

कॉलेज में एकदो स्मार्ट और खूबसूरत लड़कियां आ गईं थीं और अर्पित का ध्यान उधर ज्यादा रहने लगा था. नैना अब उस के लिए महत्व नहीं रखती थी. मगर नैना अब भी अर्पित के प्यार में डूबी हुई थी. अर्पित बातबात पर उसे झिड़कता पर वह खामोशी से सुन लेती. अर्पित ने कई बार उसे सब के आगे बुराभला कहा. दूसरों के सामने बिना बात उस का मजाक उड़ाता.

मगर नैना का प्यार कम नहीं हुआ. यह बात अलग थी कि जो प्यार पहले उस की जिंदगी को नई उमंगों से भरता था वही प्यार अब दर्द देने लगा था. नैना को बहुत तकलीफ होती थी पर अर्पित के प्रति उस की दीवानगी में कोई अंतर नहीं आया था.

एक दिन नैना की सहेली प्रिया उसे एक कोने में बिठा कर समझाने लगी,” नैना मैं मानती हूं कि प्यार करना अच्छा है. पर याद रखना हमें जीवन में प्यार की जरूरत तो है पर इतनी भी नहीं कि हम अपने सेल्फ रिस्पेक्ट की व्हाट लगा दें. ”

“यह क्या कह रही है तू प्रिया?”

“सच कह रही हूं नैना. तू जरा अपनेआप को ही देख. अर्पित के पीछे अपनी क्या हालत बना ली है तूने. आज से डेढ़दो साल पहले कितनी खुश रहा करती थी तू. क्लास में हमेशा प्रथम आती थी. क्लास की हर एक्टिविटीज में हिस्सा लेती थी. प्राइज जीतती थी. टीचर्स की तारीफें मिलती थीं. जानती है क्यों ?”

“क्यों”

“क्यों कि तेरे अंदर आत्मविश्वास था पर अब तू ऐसी रहती है जैसे तुझे खुद पर कोई भरोसा ही नहीं रह गया है. तेरे अंदर कोई उत्साह कोई उमंग नजर नहीं आती नैना.”

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“पर मैं क्या करूं प्रिया, अर्पित……”

“बस जो यह घूमफिर कर तेरी सुई अर्पित पर जा कर टिकती है न यही सारी समस्याओं की जड़ है. उस के प्यार के पीछे तूने अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट खो दी है. अपने आत्मसम्मान की धज्जियां उड़ा ली हैं. जानती है, आत्मसम्मान से जुड़ा होता है खुद पर विश्वास जो अब तेरे पास नहीं है. इस तरह तुझे कुछ हासिल नहीं होने वाला. अर्पित को तेरी कदर नहीं तो तू क्यों भाव देती है उसे. उस अर्पित को अपनी जिंदगी से निकाल फेंक फिर देख. कैसे तू खुद को दोबारा हासिल करती है.”

प्रिया की बातें नैना को समझ में आने लगीं थीं. घर जा कर भी वह इस बारे में सोचती रही. फिर उस ने अपना फोन उठाया और कांटेक्ट लिस्ट से अर्पित का नंबर डिलीट कर दिया. व्हाट्सएप पर उस की सारी चैटिंग भी डिलीट कर दी. ऐसा कर के उसे अजीब सा सुकून महसूस हुआ और वह मुस्कुरा उठी.

इस बात में कोई शक नहीं कि प्यार जिंदगी का सब से खूबसूरत एहसास है. सिडनी स्मिथ के शब्दों में प्रेम करना और प्रेम पाना इंसान के जीवन का सब से बड़ा सुख है. रविंद्रनाथ टैगोर ने भी सही कहा था कि हमारे दिल में यदि प्रेम जाग्रत न हो तो दुनिया हमारे लिए जेल के समान है. जब कि प्लेटो का मानना था कि प्रेम के स्पर्श से हर व्यक्ति कवि बन जाता है.

वस्तुतः यह एक ऐसा नशा है जो इंसान को पूरी तरह बदल कर रख देता है. यह मखमली अहसास कब दिल के साथसाथ दिमाग पर भी काबिज हो जाए पता ही नहीं चलता. मगर प्यार में सावधान रहना बहुत जरूरी है.

ध्यान रखें;

1. प्यार में कभी सेल्फ रिस्पेक्ट न खोएं

प्यार तभी तक खूबसूरत है जब तक उसे जबरदस्ती का बोझ न उठाना पड़े. प्यार का एहसास दोनों को होना चाहिए. यदि ऐसा नहीं है और सामने वाला आप से पीछा छुड़ाने का प्रयास करने लगे या आप को दूसरों के सामने झिड़कने लगे तो समझ जाइए समय आ गया है जब आप को इस प्यार पर विराम लगाना है.

कुछ लोग इग्नोर किए जाने के बावजूद अपने प्रेमी/प्रेमिका के पीछे पड़े रहते हैं, प्यार की भीख मांगते हैं और दोबारा प्यार पाने की आस नहीं छोड़ते. जब यह आस पूरी तरह टूट जाती है और दूसरों के सामने जी भर कर बेईज्जती हो जाती है तो वे खुद को ही समाप्त करने की सोचने लगते हैं.

पर ध्यान रखें एक इंसान के पीछे अपनी जिंदगी से हाथ धोना बेवकूफी से अधिक कुछ नहीं. प्यार जिंदगी का एक अध्याय हो सकता है पर जिंदगी की पूरी किताब नहीं. बेहतर है उस अध्याय को बंद कर दें यानि दर्द देने वाले चैप्टर को क्लोज कर जीवन में आगे बढ़ जाएं.

2. यह प्यार नहीं आसान

38 साल की कत्थक डांसर नेहा पारिजात जब कॉलेज में थी तो एक लड़का उस के पीछे पड़ा हुआ था. आतेजाते, सोतेजगते हर वक्त उस लड़के के मैसेजेस नेहा को परेशान करते. एक दिन नेहा ने उसे एक रेस्टोरेंट में मिलने के लिए बुलाया.
वह लड़का बहुत तैयार हो कर और हाथों में फूलों का गुलदस्ता ले कर अंदर दाखिल हुआ. नेहा को फूल और चॉकलेट्स देता हुआ बोला,” आई लव यू डार्लिंग.”

“नेहा ने सवाल किया,” मगर क्यों?”

“क्योंकि आप बेहद खूबसूरत हैं.”

“और यदि मैं खूबसूरत न होती तो क्या तुम मुझ से प्यार नहीं करते?”

वह लड़का थोड़ा अचकचाता हुआ बोला,” ऐसा नहीं है.”

“तो कैसा है? यदि मैं कहूं कि मुझे 40 साल की उम्र तक शादी नहीं करनी. अभी मुझे कैरियर बनाना है. तो क्या तुम मेरा इंतजार करोगे और क्या इतने साल किसी और लड़की की तरफ आकर्षित हुए बिना सिर्फ मेरे इंतजार में बैठे रह सकोगे?’

“जी कोशिश करूंगा.”

“कोशिश करोगे ….,” कह कर वह हंसने लगी और बोली,” यदि मैं कहूं कि मैं अपने घर में अकेली कमाने वाली सदस्य हूं और मेरे पापा बीमार हैं. वे बेड पर हैं और अगले कई सालों तक मुझे और मेरे पति को उन की देखभाल करनी होगी. तो भी क्या तुम…. ”

उस लड़के को ऐसे सवालों की अपेक्षा कतई नहीं थी. वह तो टाइमपास लव की जुगाड़ में था ताकि कॉलेज में दूसरे लड़कों के आगे शान से नेहा को अपनी गर्लफ्रेंड कह सके. वह बगले झांकने लगा इधर नेहा को बहुत हंसी आ रही थी.

नेहा ने उसे डपटते हुए कहा,” बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं किसी का होने के लिए. मैं कोई मैगी तो हूं नहीं कि 2 मिनट में तुम्हारी बन जाऊं.”

नेहा के तेवर देख कर वह यकायक उठा और वहां से भाग गया. इस के बाद उस ने कभी भी नेहा को परेशान नहीं किया.

दरअसल प्यार को जितना आसान और टाइमपास फीलिंग समझा जाता है वैसा है नहीं. प्यार करना और उसे निभाना बहुत कठिन है. प्यार की राह पर तो सब बढ़ जाना चाहते हैं. मौजमस्ती, रोमांस, घूमनाफिरना, मजे लेना इसे ही प्यार का नाम देते हैं. पर दरअसल प्यार दिल से दिल को जोड़ता है. एक बार किसी से सच्चा प्यार हो जाए तो इंसान वह कर गुजरता है जो सामान्य लोगों के लिए संभव नहीं है.प्यार इंसान को जुनून और ताकत देता है.

पर ऐसा प्यार आसानी से नहीं होता. बहुत ही कुर्बानियां देनी पड़ती हैं. किसी को खुद से ज्यादा अहमियत देनी पड़ती है. तभी प्यार सच्चे रूप में सामने आता है.

3. आजकल प्यार अंधा कम और गंदा ज्यादा है

पहले कहा जाता था कि प्यार अंधा होता है मगर अब आप कह सकते हैं कि प्यार गंदा होता है. पहले किसी पर दिल आ जाता था तो इंसान यह नहीं सोचता था कि वह खूबसूरत है या नहीं, धनवान है या नहीं, अपनी हैसियत का है या नहीं. प्यार छिपछिप कर होता था और इंसान किसी एक का ही हो कर रह जाता था. मगर आजकल अक्सर प्यार करने से पहले लड़केलड़कियां यह सोचते हैं कि वह अपने काम आ सकता है या नहीं? वह खूबसूरत और स्मार्ट है या नहीं? उस की बॉडी में कितना अट्रैक्शन है? जेब में कितने पैसे हैं और बंगला कितना बड़ा है?

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ऐसे लड़कों की भी कमी नहीं है जो प्यार के नाम पर फंसा कर लड़कियों से जिस्म का व्यापार कराते हैं. लड़कियां भी बहुत भोली हों ऐसा नहीं है. जिस लड़के की पॉकेट में माल है उस के करीब जाने से नहीं हिचकतीं. पल भर में रिश्ते जुड़ते हैं. एक के बाद एक कई लोगों से नजरें मिलती हैं. जिस्मों का मिलन होता है और फिर ब्रेकअप. जैसे प्यार न हुआ कपड़े हो गए. जब चाहे यूज करो और जब चाहे फेंक दो.

ऑरसन वेलैस ने सही कहा था कि अकेले पैदा हुए, अकेले जिए, अकेले ही मर जाएंगे. हम अकेले नहीं, ऐसा भ्रमजाल सिर्फ प्रेम और दोस्ती के माध्यम से रचा जाता है.

4. प्यार जरा सावधानी से परोसना

हाल ही में ( अप्रैल, 2020) बिहार के नालंदा जिले में एक युवती का रेप वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया. शर्म की बात यह है कि रेप करने वाला युवक उक्त लड़की का तथाकथित प्रेमी था. युवक ने अपनी प्रेमिका का रेप किया और उस का वीडियो बनाया. जब कि दूसरे युवक ने दोस्त के मोबाइल से उक्त वीडियो अपने मोबाइल में ट्रांसफर किया और उसे वायरल कर दिया. सोशल मीडिया में वीडियो पहुंचते ही तेजी से फैलने लगी.

प्यार के नाम पर फंसा कर लड़की के करीब आना और फिर अश्लील वीडियो बना कर पैसे कमाने का धंधा आजकल बहुत चल निकला है. आजकल हर किसी के पास मोबाइल फोन है. जिस पर कभी भी कहीं भी आप वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकते हैं. दो पल में ये वीडियो प्यार की खूबसूरती नोच कर इंसान को नंगा कर सकते है. इसलिए आजकल प्यार को बहुत सावधानी से परोसना चाहिए. वरना क्या पता आप की जिंदगी में कोई भूचाल आ जाए. फिर आप भी मिर्ज़ा ग़ालिब के ये शब्द दोहराते रह जाएंगे ,’ इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया, वरना हम भी आदमी थे काम के.’

5. सच्चा प्यार सभी को पचता नहीं

जिंदगी में सब को सच्चा प्यार हासिल नहीं होता. पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें सच्चा प्यार मिल जाए तो भी वे उस की कदर नहीं करते. उन्हें महसूस ही नहीं होता कि सामने वाला उन्हें सच्चा प्यार कर रहा है. किसी और नकली और आडंबर भरे प्यार की आड़ में वे सच्चे प्यार को खो देते हैं और बाद में जब उन्हें इस का अहसास होता है तो सिवा पछतावे के उन के पास कुछ नहीं बचता.

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ब्रेकअप के बाद एक्स पार्टनर एक दूसरे से बार बार पूछते हैं जो सवाल

ब्रेकअप हो जाने के बाद भी ब्रेकअप से सम्बन्धित न तो सवाल खत्म होते हैं और न ही जवाब.यह बात उन तथाकथित सेलेब्स पर भी लागू होती है,जो खुद को ब्रेकअप के बाद भी अच्छा दोस्त बताते नहीं थकते.ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ब्रेकअप सच में पीड़ादायी होता है और यह बात हम सब जानते हैं.लेकिन एक बात जो हम या तो कम जानते हैं वो है ब्रेकअप के बाद पैदा होने वाले अनगिनत सवाल.मनोविद कहते हैं चाहे जितनी स्पष्ट वजहों और आरोपों के चलते यह ब्रेकअप हुआ हो लेकिन  बदहवास सवालों की लम्बी सूची फिर भी बन ही जाती है.हाँ यह बात है कि उसी एक्स पार्टनर के बाद ज्यादा सवाल होते हैं,जिसे उस ब्रेकअप से ज्यादा पीड़ा हुई होती है.

हार्वर्ड की एक स्टडी के मुताबिक ब्रेकअप में ज्यादा टूटते तो लड़के हैं,लेकिन वे किसी से अपनी टूटन का जिक्र नहीं करते. मन ही मन घुलते रहते हैं.जबकि लड़कियों के ब्रेकअप के बारे में कम से कम उनकी 2 सहेलियों को तो पता ही होता है.हद तो यह है कि कई बार रोजाना एक ही बस या ट्रेन से सफर करने वाली उनकी सफरी सहेली को भी यह सब पता होता है.इससे उन्हें इस गम से उबरने में आसानी होती है.दूसरी तरफ लड़कों का आलम यह होता है कि उनके रूममेट तक को उनकी यह करूण कथा नहीं मालुम होती,जिससे वह इससे अकेलेद-अकेले ही घुलते रहते हैं.

जहां तक ब्रेकअप के बाद किसी एक पार्टनर द्वारा लगायी जाने वाली बदहवास सवालों की झड़ी का सवाल है तो स्टडी कहती है कि यूँ तो ब्रेकअप के बाद दोनों ही पार्टनरों को लगता है कि उन्हें एक दूसरे से बहुत से सवालों के जवाब जानने हैं,लेकिन ऐसे सवालों को पूछने की झड़ी किसी एक पार्टनर द्वारा ही लगाई जाती है.इसका सीधा सा निष्कर्ष यह होता है कि उन दोनों उसे इससे ज्यादा पीड़ा हुई होती है.मनोविद सवालों की इस झड़ी को फिर से एक साथ होने के लिए लगाईं गयी गुहार कहते हैं.आइये जानते हैं कि ये किस तरह के सावल होते हैं.

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ये अच्छा नहीं किया तुमने ?

यह सवाल भले आरोप की शक्ल में सामने आता हो लेकिन इसका आशय यही होता है कि तुमने ऐसा क्यों किआ ? यह सवाल कोई एक एक्स पार्टनर एक हजारवीं बार भी पहली बार के जैसे आश्चर्य के साथ कर सकता है.अपने इस सवाल का साथ देने के लिए वह साथ में इन सवालों को भी जोड़ता है-

क्या तुम मेरे बिन खुश हो ? जिंदगी में क्या तुम मुझे याद रखोगे ? भले ब्रेकअप के पहले ब्वायफ्रेंड और गर्लफ्रेंड एक दूसरे को कितनी ही बार कहते हों- ‘आई मिस यू’ लेकिन ब्रेकअप के बाद यह सवाल स्थाई हो जाता है.लड़कियां तो खासतौर पर इस सवाल का जवाब जानना चाहती हैं कि उनका एक्स आखिर उन्हें कितना मिस करता है ?

तुम्हें कब लगा कि हमारी स्टोरी खत्म होनी चाहिए ?

स्टडी बताती है कि बहुत अजीब मनःस्थिति होती है हम जिस सवाल से बचना चाहते हैं,उसी को बार बार दोहराते हैं. शायद यह गुहार सुलह के लिए होती है.जो पार्टनर फिर से सुलह करना चाहता है वह विशेष तौरपर यह जानना चाहता है कि वह कौन सी स्थिति रही होगी जब उनके साथी को लगा होगा कि बस बहुत हो गया,अब यह रिश्ता आगे नहीं जा सकता.

क्या हमारा रिश्ता एक गुनाह था ?

ब्रेकअप के बाद आप चाहे जितने आत्मविश्वास वाले हों आपका आत्मविश्वास गड़बड़ा जाता है.इसलिए यह सवाल अक्सर जेहन में आता है.खासकर तब जब दोनों में से कोई एक दूसरे को इस ब्रेकअप से परेशान नहीं पाता.दरअसल स्टडी कहती है कि जो पार्टनर इस ब्रेकअप को खत्म करना चाहता है,उसे इस रिश्ते में अब भी संभावना दिखती है  इसलिए वह बारदृबार यह सवाल पूछता है.

क्या मेरे साथ रहना वाकई मुश्किल हो गया था?

अगर जिससे सवाल किया गया है वह पहली बार में ही जवाब के तौर पर हाँ कह दे तब भी यह सवाल बार बार पूछा जाएगा,पूछा जाता है. क्योंकि जो पार्टनर यह रिश्ता ब्रेक नहीं करना चाहता वह इस स्थिति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहा होता.इसलिए वह फिर फिर दोहराता है-

क्या मेरे साथ रहना वाकई मुश्किल हो गया था ? 

असल में सवाल पूछने वाला जवाब सुनना चाहता है- नहीं ऐसा नहीं था.

क्या मुझसे अलग होकर तुम्हें अफसोस हुआ?

लड़कियां ही नहीं लड़के भी अपने एक्स से यह जानना चाहते हैं कि क्या अलग होकर उनके एक्स पार्टनर को जरा भी अफसोस है?

लड़के तो आमतौर पर सवाल करके ही संतुष्ट हो जाते हैं,भले जवाब न मिले. लेकिन लड़कियां इस सवाल का जवाब भी हर हाल में चाहती हैं ताकि वे अब भी इस एहसास से राहत महसूस कर सकें कि जानना चाहती हैं कि वाकई कभी वह किसी की जिंदगी के लिए कितनी अहम थीं.

ये तुमने क्या स्टाइल बना रखी है ?

ये सवाल नहीं बल्कि एक किस्म से अब भी एक्स साथी के पास बची अधिकार की भावना होती है.खास तौरपर यह अधिकार लडकियां ज्यादा जताती नजर आती हैं.मतलब अब भी वह सिखाना नहीं छोड़तीं.

अब तुम्हारी लाइफ स्टाइल कैसी है ?

अकसर अपने एक्स को खोने के बाद लोगों के जेहन में यह सवाल कौंधता है.वह जानना चाहते हैं कि उनका एक्स, पार्टनर क्या अब भी उन्हें याद करता है ? क्या कहीं उसकी कमी महसूस करता है ?

मेरे बाद तुमने नया क्या किया ?

एक्स पार्टनर इस सवाल के जवाब में सुनना चाहता है कुछ नहीं. दरअसल इस सवाल के पीछे यह जानने की इच्छा बनी रहती है कि कहीं सब कुछ सही तो नहीं चल रहा जिससे उसकी याद का रस्ता ही बंद हो जाए ?

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क्या मुझसे मिलने का कभी मन करता है ?

यह भी वैसा ही सवाल है जिसका हर एक्स पार्टनर हाँ में जवाब सुनना चाहता है,भले अब इस जवाब का कोई मतलब न रह गया हो.

बौयफ्रैंड के साथ ट्राय करें ये 8 प्रैंक्स 

जब 2 लोग रिश्ते में जुड़ते हैं तो उन्हें किसी तीसरे की परवा नहीं होती. मानो उन की दुनिया बदल गई हो. प्यार के शुरुआती दिनों में तो बौयफ्रैंड को अपनी गर्लफ्रैंड के अलावा किसी का खयाल भी नहीं आता. हर वक्त उस की ही बातें और उस का ही इंतजार. दुनिया रंगीन हो जाती है और स्काई पिंक. लेकिन धीरेधीरे प्यार की गरमाहट कम होने लगती है या आप पर से उस का ध्यान हटने लगता है. सब यही चाहते हैं कि उन के और पार्टनर के बीच प्यार हर रोज बढ़ता जाए, लेकिन कभी काम तो कभी दूसरी वजहों से रिश्तों में बोरियत आने लगती है. भाई किसी भी लड़की को यह बात बिलकुल मंजूर नहीं होती कि उस का बौयफ्रैंड उस पर ध्यान न दे या फिर उन की लवलाइफ बोरिंग हो जाए.

इस सिचुएशन से बचने के लिए यह जरूरी नहीं है कि हर बार आप बौयफ्रैंड को सरप्राइज दें या महंगे तोहफे दें. ऐसा करने से भले ही उस का ध्यान आप पर कुछ समय के लिए रहे, लेकिन फिर वही रोनाधोना कि वह तो मु?ो प्यार ही नहीं करता या वह मु?ा से बोर हो गया है. दरअसल, आप पर ध्यान न देने का मतलब यह नहीं है कि आप के बौयफ्रैंड को आप से प्यार नहीं. लेकिन हां, रोजरोज एक ही रूटीन से वह बोर जरूर हो सकता है. प्यार का रिश्ता बड़ा ही नाजुक होता है. हंसीमजाक और शरारत जैसी छोटीछोटी चीजें इस में नयापन भरती हैं.

तो अगर आप भी अपनी लवलाइफ में तड़का लगा कर उसे चटपटा बनाना चाहती हैं तो हमारे बताए हुए प्रैंक्स को एक बार जरूर आजमाएं. हो सकता है कि आप के प्रैंक्स से वह परेशान हो जाए. लेकिन जब आप उस को बताएंगी कि ये सिली प्रैंक्स सिर्फ उस के करीब आने के लिए थे तो उस को आप पर प्यार आएगा.

1. बौयफ्रैंड के दोस्तों का लें सहारा

अकसर देखा जाता है कि बौयफ्रैंड यह नहीं चाहते कि उन की गर्लफ्रैंड उन के दोस्तों के साथ ज्यादा फ्रैंडली हो या बात करे. इसलिए बौयफ्रैंड के दोस्तों को बकरा बना कर आप अपने रिश्ते में थोड़ा रोमांच भर सकती हैं. आप को करना यह है कि बौयफ्रैंड के मोबाइल से उस के दोस्तों को मैसेज भेजना है, जैसे कि आप उन को कैसी लगती हैं या फिर अपनी बुराई भी कर सकती हैं. फिर देखिए कि उन का जवाब क्या आता है. इस बहाने आप को यह भी पता चल जाएगा कि बौयफ्रैंड के दोस्त आप के बारे में क्या राय रखते हैं, आखिर आप के बौयफ्रैंड ने अपने दोस्तों के सामने आप की क्या छवि बनाई हुई है. हां, इस बात का ध्यान भी  जरूर रखें कि उस के दोस्तों को यह पता न चले कि मैसेज आप ने किया है. आखिर में इन सब के बारे में अपने बौयफ्रैंड को जरूर बता दें और इसे सिर्फ मजाक के तौर पर ही लें.

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2. जब बौयफ्रैंड का गैजेट हो जाएगा गुम

लड़कों को उन के गैजेट्स से बहुत प्यार होता है. वे हर लेटैस्ट गैजेट को अपने पास रखना चाहते हैं. ऐसे में यह आइडिया आप के जरूर काम आएगा. आप अपने बौयफ्रैंड के सब से फेवरेट गैजेट को कुछ समय के लिए उस से मांग लें और फिर कुछ घंटों बाद यह कह दें कि गैजेट आप से कहीं खो गया है. इस बात को सुन कर वह परेशान हो जाएगा और आप से पूछने की कोशिश करेगा कि कब गुम हुआ, कहां रखा था या फिर उसे ले कर कहांकहां गई थीं. जब वह ऐसे कई सवालों की बरसात करने लगे तो आप उसे बता दें कि यह सिर्फ एक मजाक था.  यकीनन, उस की हंसी छूट जाएगी.

3. बाथरूम की नौटंकी आएगी काम

आप ने भी देखा होगा कि सीरियल्स और फिल्मों में लड़कियां बौयफ्रैंड का अटैंशन पाने के लिए बाथरूम में गिरने का नाटक करती हैं. इस ट्रिक को आप भी अपना सकती हैं. करना बस यह है कि बाथरूम में जोर से चिल्लाना है और नाटक करना है कि आप गिर गई हैं, आप को काफी चोट लग गई है और आप चल नहीं पा रही हैं. इतना पता चलते ही वह आप के लिए परेशान हो जाएगा, लेकिन आप उस को असलियत बता दें. यकीनन यह आप के लिए एक अच्छा पल होगा. भला केयर और कंसर्न किस लड़की को अच्छी नहीं लगती.

4. दूसरों के साथ फ्लर्टिंग से बनेगी बात

यह बात सच है कि लड़कों को यह बिलकुल पसंद नहीं कि उन की गर्लफ्रैंड किसी और लड़के के साथ फ्लर्ट करे या किसी और की बात भी करे. आप को यकीन हो या न हो, लेकिन इस बात का लड़कों के दिल और दिमाग दोनों पर काफी गहरा असर पड़ता है.

यदि आप ऐसा करती हैं तो इस बात से आप के बौयफ्रैंड को जलन होगी कि आप किसी और के साथ फ्लर्ट क्यों कर रही हैं. साथ ही साथ, वह इस बात से काफी परेशान भी हो जाएगा. यह एक बढि़या आइडिया हो सकता है क्योंकि ऐसा करने के बाद उस का ध्यान सिर्फ आप पर ही होगा. हालांकि थोड़ी देर बाद उसे यह जरूर बता दें कि यह एक प्रैंक था.

5. उस से कहें कि सीरियस बात करनी है

लड़के अकसर अपनी गर्लफ्रैंड से सीरियस टौपिक पर बात नहीं करना चाहते और घबरा जाते हैं. उन को लगता है कि पता नहीं इस बार मेरा कौन सा ?ाठ पकड़ा गया है या फिर कौन सी बात है जो सीरियस है. इसलिए वे आप से कन्नी काटने लगते हैं या फिर बहाने बनाने लगते हैं. यह प्रैंक आप के बौयफ्रैंड के लिए एकदम सही रहेगा. आप उस को कौल करें और एकदम गंभीर आवाज में कहें कि आप को उस से कुछ सीरियस बात करनी है. फिर देखिए वह कैसे घबराता हुआ आप के पास आएगा. जब वह आप से मिले तो थोड़ी देर सीरियस रहने की ऐक्टिंग करें, फिर मजाकिया अंदाज में सच बता दें. इस के बाद उस का चेहरा देखने लायक होगा.

6. नाइटआउट का मजाक

अगर बौयफ्रैंड आप पर ध्यान नहीं दे रहा और काम में ही उल?ा हुआ है तो यह ट्रिक उस पर जरूर जादू करेगी. आप उस से कहें कि दोस्तों के साथ नाइटआउट कर रही हैं और वहां मेल फ्रैंड्स भी आ रहे हैं या आप किसी ऐसी जगह जा रही हैं जहां सिर्फ लड़के ही हैं. फिर देखिए कैसे वह आप के बारे में सोचना शुरू कर देगा. आप उसे फोन करें या न करें, उस का फोन आप के पास जरूर आ जाएगा. हो सकता है वह यह भी पूछ ले कि कहां जा रही हो, मैं भी आ जाऊंगा. इस तरह उस का ध्यान पूरी रात आप पर ही रहेगा. हां, बाद में सच बता कर बोलें कि यह प्रैंक तुम्हें आजमाने के लिए था.

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7. अगर बौयफ्रैंड खाने का हो शौकीन

हमारे यहां आज भी कहावत है कि पति या बौयफ्रैंड के दिल का रास्ता पेट से हो कर जाता है. यकीन मानिए आज भी दादीनानी के जमाने का यह नुस्खा काम करता है खासकर तब जब बौयफ्रैंड फूडी हो. खट्टेमीठे प्रैंक के लिए आप खाने में भी ऐक्सपैरिमैंट कर सकती हैं, जैसे अगर आप कोई नमकीन डिश बना रही हैं तो उस में चीनी डाल दें या चीनी वाली डिश हो तो उस में नमक मिला दें. जब डिश बन कर तैयार हो जाए तो बौयफ्रैंड को खाने के लिए दें. अब यह देखने के लिए तैयार हो जाएं कि डिश चखने के साथ ही उस के चेहरे का रिऐक्शन क्या होता है. हां, लेकिन आप ऐसा रिएक्शन दें जैसे यह अनजाने में किया है, जानबूझ कर नहीं.

8. बदल दें बैस्टी का नाम

हम लड़कियों की लाइफ में एक न एक तो ऐसी दोस्त होती ही है जो हमारे लिए बहुत खास होती है, जिस से हम अपनी बातें शेयर करते हैं. तो अब आप को अपनी इस बैस्टी का नंबर किसी लड़के के नाम से सेव करना है और उस से चैट करना है. साथ ही, स्माइल के साथ रिप्लाई करना है ताकि आप के जो ‘वो’ हैं, इस पर ध्यान दें. जब बौयफ्रैंड देखेगा कि उस के होते हुए आप किसी और लड़के से बात कर रही हैं तो जलन होना तो लाजिमी है. जब वह बरदाश्त नहीं कर पाए कि आप किसी दूसरे लड़के से इतनी कंफर्टेबली बात कर रही हैं तो उस को हंसते हुए सचाई बता दें कि आप की बैस्टी है कोई और नहीं. सोचिए, उस वक्त वह क्या करेगा.

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