ब्रेन ट्यूमर के 10 सामान्य लक्षण

क्या आपको लगातार सिरदर्द, मितली, धुंधला दिखाई देना और शारीरिक संतुलन में परेशानी हो रही है? इन लक्षणों को नजर अंदाज ना करें, यह ब्रेन ट्यूमर जैसी बड़ी समस्या हो सकती है. ब्रेन ट्यूमर में दिमाग में कोई बहुत सी कोशिकाएं या कोई एक कोशिका असामान्य रूप से बढ़ती है. सामान्यतः दो तरह के ब्रेन ट्यूमर होते हैं कैंसर वाला (घातक) या बिना कैंसर वाला (सामान्य) ट्यूमर.

दोनों ही मामलों में दिमाग की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं, जो कि कई बार घातक सिद्ध होता है. इसके साथ सबसे बड़ी परेशानी है कि इसके कोई विशेष कारण नहीं हैं, केवल कुछ शोधकर्ताओं ने इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स का पता लगाया है.

ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन बढ़ते उम्र के साथ इसका जोखिम भी बढ़ जाता है. कई मामलों में तो यह आनुवांशिक कारण हो सकता है और कई बार किसी केमिकल के ज्यादा इस्तेमाल या रेडिएशन से हो सकता है. बहुत से लोगों को पता ही नहीं चलता है कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर है क्यों कि उनमें कोई लक्षण दिखाई ही नहीं देते हैं.

जब ये ट्यूमर बड़ा हो जाता है और स्वास्थ्य पूरी तरह बिगड़ जाता है तब लोग चैक-अप करवाते हैं और तब इसका पता चलता है. हम आपको इसके 10 लक्षणों से अवगत करा रहे हैं, जिनको जानने की आवश्यकता है.

1. सिरदर्द

यह ब्रेन ट्यूमर का सबसे बड़ा लक्षण है. यह दर्द मुख्यतः सुबह होता है और बाद में यह लगातार होने लगता है, यह दर्द तेज होता है. यदि ऐसा लक्षण दिखाई दे तो जांच कराएं.

2. उबाक या उल्टी का मन होना

सिरदर्द की तरह यह भी सुबह होता है, खास तौर पर जब व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह जाता है तब यह ज्यादा होता है.

3. कम दिखना

जब किसी को आक्सिपिटल के आस पास ट्यूमर होता है तो चीजें कम दिखाई देती हैं. उन्हें धुंधला दिखाई देने लगता है और रंगों व चीजों को पहचानने में परेशानी होती है.

4. संवेदना कम महसूस होना

जब किसी व्यक्ति के दिमाग के पराइअटल लोब पे ट्यूमर होता है तो उसे अपनी बाजुओं और पैरों पर संवेदना कम महसूस होती है, क्यों कि ट्यूमर से कोशिकाएं प्रभावित होती हैं.

5. शरीर का संतुलन बनाने में परेशानी

जब किसी को ट्यूमर होता है तो उसके शरीर का संतुलन नहीं बन पाता है, क्यों कि यदि सेरिबैलम में ट्यूमर है तो वह मूवमेंट को प्रभावित करता है.

6. बोलने में परेशानी

यदि किसी को टैंपोरल लोब में ट्यूमर होता है तो बोलने में परेशानी होती है, सही तरह बोला नहीं जाता है.

7. रोजाना के कामों में गड़बड़ी करना

पराइअटल लोब में ट्यूमर होने पर संवेदना प्रभावित होती है, इससे व्यक्ति को दैनिक क्रियाओं में परेशानी होती है.

8. व्यक्तिगत और व्यवहारिक बदलाव

जिन्हें फ्रन्टल लोब में ट्यूमर होता है वे अपने व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं. इन्हें नई चीजें सीखने में परेशानी होती है.

9. दौरे पड़ना

ब्रेन ट्यूमर में दौरे पड़ना एक आम समस्या है. जब भी दौरा पड़ता है तो व्यक्ति बेहोश हो जाता है.

10. सुनने में समस्या

जिन लोगों को दिमाग के टैंपोरल लोब में ट्यूमर होता है उन्हें सुनने में परेशानी होती है, कभी कभी सुनना पूरी तरह प्रभावित हो जाता है.

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मैं ब्रेन ट्यूमर सर्जरी और इलाज से जुड़े सवालों के बारे में जानना चाहती हूं?

सवाल

मेरी माताजी की उम्र 61 वर्ष है. उन्हें 1 महीना पहले फर्स्ट स्टेज का ब्रेन ट्यूमर डायग्नोसिस हुआ था. डाक्टर ने सर्जरी द्वारा ट्यूमर निकालने का सुझाव दिया था, लेकिन कोविड-19 के कारण हम सर्जरी नहीं करा पा रहे हैं. उन के लिए खतरा बढ़ तो नहीं जाएगा?

जवाब-

मस्तिष्क हमारे शरीर का एक बहुत ही आवश्यक और संवेदनशील भाग है. जब इस में ट्यूमर विकसित हो जाता है, तो जीवन के लिए खतरा बढ़ जाता है. अगर ट्यूमर हाई ग्रेड है, तो तुरंत उपचार कराना जरूरी है. उपचार कराने में देरी मृत्यु का कारण बन सकती है.

अगर ट्यूमर का विकास बहुत धीमा है तो आप उपचार कराने के लिए थोड़ा समय ले सकते हैं. कोविड-19 के डर से आप सर्जरी कराने में ज्यादा देर न करें, क्योंकि कुछ ट्यूमर इतने घातक होते हैं कि कई लोग ब्रेन ट्यूमर के डायग्नोसिस के 9-12 महीने में मर जाते हैं. समय पर डायग्नोसिस करा लिया जाए तो ठीक होने की संभावना काफी बढ़ जाती है.

सवाल

मेरे पति को ब्रेन ट्यूमर है. मैं जानना चाहती हूं कि इस के लिए कौन सा उपचार सब से बेहतर है?

जवाब-

ब्रेन ट्यूमर का उपचार उस के प्रकार, आकार और स्थिति पर निर्भर करता है. इस के साथ ही आप के संपूर्ण स्वास्थ्य और आप की प्राथमिकता का भी ध्यान रखा जाता है. अगर ट्यूमर ऐसे स्थान पर स्थित है, जहां औपरेशन के द्वारा पहुंचना संभव है तो सर्जरी का विकल्प चुना जाता है.

लेकिन जब ट्यूमर मस्तिष्क के संवेदनशील भाग के पास स्थित होता है, तो सर्जरी जोखिम भरी हो सकती है. इस स्थिति में सर्जरी के द्वारा जितना ट्यूमर निकाल दिया जाएगा उतना सुरक्षित होता है.

अगर ट्यूमर के एक भाग को भी निकाल दिया जाए तो भी लक्षणों को कम करने में सहायता मिलती है. इस के अलावा ब्रेन ट्यूमर के उपचार के लिए आवश्यकतानुसार, कीमोथेरैपी, रैडिएशन थेरैपी, टारगेट थेरैपी और रेडियोथेरैपी का इस्तेमाल भी किया जाता है.

सवाल

मैं 22 वर्षीय एक कालेज स्टूडैंट हूं. मुझे ब्रेन ट्यूमर है. मैं जानना चाहती हूं कि क्या रेडियो सर्जरी से ब्रेन ट्यूमर का उपचार संभव है?

जवाब-

रेडियो सर्जरी, ब्रेन ट्यूमर का एक अत्याधुनिक उपचार है. यह एक ही सीटिंग में हो जाता है और अधिकतर मामलों में मरीज उसी दिन घर जा सकता है. यह पारंपरिक रूप में सर्जरी नहीं है. इस में कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं को मारने के लिए रैडिएशन की कई बीम्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो एक बिंदु (ट्यूमर) पर फोकस होती हैं.

इस में विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे गामा नाइफ या लीनियर ऐक्सेलेटर. इसे रैडिएशन थेरैपी से बहुत बेहतर माना जाता है. इस की सफलता दर 80-90% है और साइड इफैक्ट्स भी बहुत कम होते हैं.

सवाल

मैं ने पिछले साल ब्रेन ट्यूमर के उपचार के लिए कीमोथेरैपी कराई थी. मैं जानना चाहती हूं कि क्या कैंसर रोगियों के लिए कोविड-19 के संक्रमण का खतरा अधिक है?

जवाब-

जो लोग पहले से ही शरीर के किसी भी भाग के कैंसर से जूझ रहे हैं उन में कोविड-19 के संक्रमण का खतरा स्वस्थ लोगों की तुलना में कई गुना अधिक हो जाता है, क्योंकि कैंसर के कारण शरीर अतिसंवेदनशील और प्रतिरक्षा तंत्र अत्यधिक कमजोर हो जाता है. ऐसे में शरीर वायरस के आक्रमण का मुकाबला नहीं कर पाता है.

जो लोग कैंसर का उपचार करा रहे हैं, विशेषकर कीमोथेरैपी, उन के लिए संक्रमण की आशंका अधिक हो जाती है, क्योंकि कीमोथेरैपी में इस्तेमाल होने वाला ड्रग्स प्रतिरक्षा तंत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. इसलिए बहुत जरूरी है कि जो लोग कैंसर से जूझ रहे हैं या उस का उपचार करा रहे हैं, वे कोविड-19 से बचने के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें.

सवाल

मेरे पति को ब्रेन ट्यूमर था, लेकिन उपचार कराने के बाद भी उन्हें दैनिक गतिविधियां करने और बोलने में समस्या हो रही है. क्या करूं?

जवाब-

उपचार कराने के बाद भी अगर दैनिक गतिविधियां करने और बोलने में समस्या हो रही हो तो फिजिकल थेरैपी, स्पीच थेरैपी और औक्युपेशनल थेरैपी की सहायता ली जा सकती है.

अगर ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के उस भाग में भी विकसित हुआ था, जहां से बोलने, सोचने और देखने की क्षमता नियंत्रित होती है तो कई बार उपचार के पश्चात मरीज की आवश्यकता के आधार पर डाक्टर स्पीच थेरैपी के सैशन लेने का सुझाव दे सकता है. इस के लिए स्पीच पैथोलौजिस्ट का सहारा लिया जा सकता है. मांसपेशियों की शक्ति को पुन: प्राप्त करने के लिए फिजिकल थेरैपी के सैशन दिए जाते हैं. औक्युपेशन थेरैपी, सामान्य दैनिक गतिविधियों को फिर से प्राप्त करने में सहायता करती है.

सवाल

मैं 58 वर्षीय एक घरेलू महिला हूं. 1 साल पहले मुझे ब्रेन ट्यूमर हो गया था. तुरंत उपचार कराने से अब मैं ठीक हो गई हूं. लेकिन मुझे हमेशा डर लगा रहता है कि कहीं ट्यूमर दोबारा विकसित न हो जाए?

जवाब-

अनावश्यक तनाव न पालें औटर अपनी सोच सकारात्मक रखें. अपना ध्यान रखें और डाक्टर द्वारा सुझाई दवाएं उचित समय पर लें और तब तक लेना बंद न करें जब तक डाक्टर न कहे. अगर आप जरूरी सावधानियां बरतेंगी तो दोबारा ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा बहुत कम हो जाएगा.

इस के अलावा जीवनशैली में परिवर्तन लाना जैसे नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करना, पोषक और संतुलित भोजन का सेवना करना

और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन, शरीर को अधिक शक्तिशाली और ट्यूमर के विकास के लिए अधिक रिजिस्टैंस बनाता है.

  -डा. मनीष वैश्य

निदेशक, न्यूरो सर्जरी विभाग, मैक्स सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल, वैशाली, गाजियाबाद. 

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