आप भी तो नहीं करते ये ब्रेकफास्ट मिस्टेक्स

‘ब्रे  कफास्ट लाइक द किंग,’ ‘लंच लाइक द प्रिंस’ और ‘डिनर लाइक द पौपर’ यह कहावत तो आप ने सुनी ही होगी. इस कहावत को पढ़ कर आप समझ ही गई होंगी कि ब्रेकफास्ट हमारे मील का कितना अहम पार्ट होता है, तभी तो न्यूट्रिशनिस्ट ‘ब्रेकफास्ट लाइक द किंग’ की सलाह देते हैं क्योंकि रात के लंबे ब्रेक के बाद सुबह ब्रेकफास्ट हमारे शरीर को ग्लूकोस प्रदान करने का काम करता है, जिस से हमारे शरीर में ऐनर्जी बूस्ट होती है.

मगर इतना सब जानने के बाद भी कई बार हम अपने खराब लाइफस्टाइल की वजह से ब्रेकफास्ट को ही स्किप कर देते हैं और सीधा लंच करने के औप्शन को ही चूज करते हैं, तो कई बार जानकारी के अभाव में हम खुद को ज्यादा पतला करने के चक्कर में ब्रेकफास्ट को ही स्किप कर देते हैं, जो हमारे मैटाबोलिज्म को और स्लो बना कर हमारे शरीर को फुलाने का काम करता है, तो कई बार हम रोजाना ब्रेकफास्ट तो करते हैं, लेकिन हैल्दी नहीं, जिस से न तो हमारे शरीर को प्रौपर न्यूट्रिशंस मिल पाते हैं और खुद को पूरा दिन थकाथका महसूस करते हैं, जो हमारी ओवरऔल प्रोडक्टिविटी को कम करने का काम करता है.

ऐसे में हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि हम अकसर ब्रेकफास्ट के साथ ऐसी कौन सी गलतियां करते हैं, जो हम पर भारी पड़ सकती हैं:

स्किप द ब्रेकफास्ट

लेट नाइट डिनर करने की हैबिट और वह भी हाई कैलोरीज डिनर, जिस कारण से अकसर ब्रेकफास्ट यह सोच कर स्किप कर देना कि इस से हम अपनी रात को ली कैलोरीज को कंट्रोल कर पाएंगे, जबकि ऐसी सोच बिलकुल गलत है क्योंकि रात की लंबी फास्टिंग के बाद सुबह का ब्रेकफास्ट हमारे मैटाबोलिज्म को बूस्ट कर के हमारे वजन को कंट्रोल तो रखता ही है, साथ ही हमारे ग्लूकोस लैवल को कंट्रोल रख कर हमें पूरा दिन स्ट्रैस से भी दूर रखने में मदद करता है. लेकिन यह गलती न सिर्फ हमारे मैटाबोलिज्म पर भारी पड़ती है, साथ ही इस के कारण ब्लड कोलैस्ट्रौल, दिल की बीमारी व टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए ब्रेकफास्ट को स्किप करने की भूल बिलकुल न करें और जो भी ब्रेकफास्ट करें वह हाई प्रोटीन, फाइबर से भरपूर हो.

फैक्ट: जो लोग ब्रेकफास्ट स्किप करते हैं, देखने में आया है कि वे लंच हैवी लेने के साथ ज्यादा कैलोरीज ले लेते हैं, जो सेहत के लिए तो ठीक है ही नहीं, साथ ही ऐसे लोगों में पूरा दिन आलस देखने को मिलता है यानी वे ज्यादा स्फूर्ति से काम करने में समर्थ नहीं हो पाते हैं.

टिप: ब्रेकफास्ट में आप को प्रोटीन का वन ऐक्सचेंज जरूर लेना चाहिए यानी अप्प्रोक्स 7-8 ग्राम प्रोटीन. इस के लिए आप ब्रेकफास्ट में 1 बाउल स्प्राउट्स, 40 ग्राम पनीर, 40 ग्राम टोफू, 1 अंडा आदि में से किसी को चूज कर सकते हैं. साथ ही एक ऐक्सचेंज कैल्सियम भी लें. इस के लिए ब्रेकफास्ट में मिल्क, कर्ड, लस्सी में से किसी एक को शामिल करें.

मिस द प्रोटीन रिच ब्रेकफास्ट

हम में से अधिकांश लोग ब्रेकफास्ट में वह खाना पसंद करते हैं, जो हमें अच्छा लगता है यानी हम ब्रेकफास्ट में सिर्फ अपनी जीभ के स्वाद का ध्यान रखते हैं, जिस के लिए अकसर हम ब्रेकफास्ट में हाई कार्ब्स ले लेते हैं, जो हमारे ब्लड शुगर लैवल को बढ़ा कर उसे फैट्स में बदलने का काम करता है. यह डायबिटीज के साथसाथ अन्य बीमारियों का भी बड़ा कारण है, जबकि प्रोटीन रिच ब्रेकफास्ट लेने से हमारी मसल्स की हैल्थ तो ठीक रहती ही है, साथ ही इस से हमें लंबे समय तक भूख भी नहीं लगती है, जो हमें पूरा दिन ऐक्स्ट्रा कैलोरीज लेने से रोकने का काम करता है.

यही नहीं बल्कि प्रोटीन रिच ब्रेकफास्ट टीरोसिने नामक ऐमिनो ऐसिड के लैवल को बढ़ाता है, जो डोपामाइन को उत्पन्न कर के हमारी ऐनर्जी और हमारे मूड को बूस्ट करने का काम करता है. लेकिन ब्रेकफास्ट में प्रोटीन न लेने की मिस्टेक यानी ज्यादा कार्ब्स वाला ब्रेकफास्ट लेने से आप के शरीर में ग्लूकोस लैवल तो बढ़ाता ही है, साथ ही आप को जल्दीजल्दी भूख भी लगती है, जो  तेजी से वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है.

फैक्ट: जो लोग प्रोटीन के साथसाथ बैलेंस्ड वे में ब्रेकफास्ट करते हैं , उन्हें जल्दीजल्दी भूख नहीं लगती है. साथ ही उन्हें अपने वेट को मैनेज करने में भी आसानी होती है.

टिप: रोज बदलबदल कर ब्रेकफास्ट करें. प्रोटीन के लिए आप अंडा, चीला, केला, दाल का चीला, पालक रैप, दाल की रोटी, ओटमील जैसे औप्शन को अपनी पसंद के हिसाब से चूज कर सकते हैं.

फास्ट ईटिंग

सिट ऐंड ईट, यह तो हम सब बचपन से सुनते आ रहे हैं. लेकिन आज हमारा लाइफस्टाइल ऐसा हो गया है कि हमारे पास खुद के लिए व ब्रेकफास्ट करने के लिए भी कुछ पल फुरसत के नहीं होते, जिस कारण कई बार हम खड़ेखड़े ही ब्रेकफास्ट करने लगते हैं या फिर औफिस, स्कूल या कालेज के लिए लेट होने पर चलतेचलते ही ब्रेकफास्ट करना उचित समझ लेते हैं, जिस के कारण न तो हम ब्रेकफास्ट को ऐंजौय कर पाते हैं और न ही खाने को अच्छे से चबाते हैं, जिस से पाचनतंत्र पर असर पड़ने के साथसाथ शरीर में न्यूट्रिएंट्स का अवशोषण भी ठीक से नहीं हो पाता है और साथ ही जल्दीजल्दी में कई बार ज्यादा खाने की आदत भी आप को मोटापे का शिकार बना सकती है.

इसलिए सिट ऐंड ईट प्रौपरली वाले सिद्धांत को अपना कर ब्रेकफास्ट करने की आदत डालें. इस से आप अच्छे से खाने को चबाचबा कर खाएंगे भी और खाते वक्त क्वांटिटी का भी ध्यान रख पाएंगे.

फैक्ट: रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जब लोग नौर्मल स्पीड से ब्रेकफास्ट करते हैं तो खाने को ज्यादा ऐंजौय करने के साथसाथ उन का पाचनतंत्र भी दूसरों के मुकाबले ज्यादा बेहतर होता है.

टिप: हमेशा उठने के 2-3 घंटे के भीतर आप को ब्रेकफास्ट कर लेना चाहिए ताकि अलर्टनैस बढ़ने के साथसाथ आप का ऐनर्जी लैवल बूस्ट हो सके. मतलब ब्रेकफास्ट करने का आइडियल टाइम 8:30 से 10:00 बजे के बीच होना चाहिए.

टोटली आउट कार्ब्स

हम जब भी खुद के वेट को कंट्रोल करने की बात करते हैं, तो सब से पहले अपने खाने खासकर के अपने ब्रेकफास्ट से पूरी तरह से कार्ब्स को आउट कर देते हैं, जबकि ये हमारी बौडी व ब्रेन को लंबे समय तक फ्यूल प्रदान करने का काम करते हैं. लेकिन अब आप कौंप्लैक्स कार्ब्स, जिन में विटामिंस, मिनरल्स व फाइबर होता हैं वाले ब्रेकफास्ट को बिलकुल अपनी

डाइट से आउट कर देते हैं, तो इस के कारण आप को थकान, चक्कर आना जैसी शिकायत होने लगती है, साथ ही आप ज्यादा शारीरिक कार्य करने में समर्थ नहीं हो पाते हैं. इसलिए ब्रेकफास्ट प्रोटीन रिच लेने के साथसाथ उस में बैलेंस्ड मात्रा में कौंप्लैक्स कार्ब्स भी होने चाहिए ताकि आप खुद को हमेशा ऐनर्जेटिक भी फील कर सकें.

फैक्ट: ओटमील कौंप्लैक्स कार्ब्स का बहुत अच्छा स्रोत है, जो आप के शरीर को ऊर्जा देने के साथसाथ उस में मौजूद फाइबर दिल की बीमारी से भी दूर रखने का काम करता है.

टिप: आप को रोजाना अपने ब्रेकफास्ट में कौंप्लेक्स कार्ब्स के रूप में 2 ऐक्सचेंज जरूर शामिल करने चाहिए. इस के लिए आप वैजिटेबल पोहा, वैजिटेबल उपमा, वैजिटेबल दलिया, ओट्स आदि में से किसी भी एक को ले सकते हैं.

फ्रूट्स की जगह जूस लेने की गलती

अकसर आज हमारे मौडर्न लाइफस्टाइल में मौर्निंग ब्रेकफास्ट में जूस शामिल हो गया है, जबकि जूस कैलोरीज में हाई होने के साथ उस में फाइबर कम हो जाता है, जो भले ही आप के टेस्ट को बढ़ाने का काम करता है, लेकिन इसे लंबी फास्टिंग के बाद सुबह लेने से पाचनतंत्र डिस्टर्ब होने के साथसाथ आप को कब्ज की भी शिकायत हो सकती है. ऐसे में आप ब्रेकफास्ट में जूस की जगह फ्रूट्स शामिल करें क्योंकि ये फाइबर व न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होने के कारण आप को पूरा दिन काफी ऐनर्जेटिक रखने का काम करते हैं. साथ ही ये आप की बौडी को भी डिटौक्स करने में मददगार होते हैं.

फैक्ट: 1 गिलास जूस से आप को जीरो फाइबर मिलता है, जबकि 1 रौ एप्पल से आप को 4 ग्राम फाइबर मिलता है.

टिप: आप को रोजाना 150 ग्राम तक फ्रूट लेना चाहिए.

टी, कौफी साथ लेने की आदत

अकसर हम सभी के दिन की शुरुआत चायकौफी से ही होती है. उस के बावजूद हम हमेशा ब्रेकफास्ट के साथ टी, कौफी लेना जरूरी समझते हैं ताकि खुद को फ्रैश फील कर सकें. मगर आप ब्रेकफास्ट के साथ टी, कौफी लेते हैं तो इस से ब्रेकफास्ट के जरीए जो न्यूट्रिशन आप ले रहे होते हैं, वे शरीर में आसानी से अवशोषित नहीं हो पाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप ब्रेकफास्ट से 1 घंटा पहले व 1 घंटे बाद चाय या कौफी का सेवन करें.

Breakfast की ये 4 गलतियां पड़ सकती हैं आप पर भारी

एक कहावक तो आपने सुना ही होगा दिन का नाश्ता किसी राजा की तरह करना चाहिए और रात का खाना भिखारी की तरह. दरअसल, इस कहावत में अच्छी सेहत का बेहतरीन मंत्र छिपा हुआ है. सुबह का नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है. नाश्ता ही हमारे मेटाबौलिज्म को किकस्टार्ट करता है. ऐसे में इसमें खाए जाने वाली चीजों का चुनाव करते वक्त खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है. अपना नाश्ता चुनने में हममें से बहुत से लोग गलती कर जाते हैं. जिसका खामियाजा हमारी सेहत को भुगतना पड़ता है. नाश्ते में या तो हम बहुत ज्यादा मात्रा में शुगर प्रोडक्ट्स लेने लगते हैं या फैट की असंतुलित मात्रा लेना शुरू कर देते हैं. ऐसे में हमारी सेहत को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. आज हम आपको 5 ऐसी गलतियों के बारे में बताने वाले हैं जो नाश्ते को लेकर हम करते हैं और जिससे सेहत संबंधी गंभीर समस्याओं की संभावना बढ़ती है.

1. नाश्ता स्किप कर देना

सुबह का नाश्ता न करना सेहत के साथ खिलवाड़ है. इससे मेटाबौलिज्म बुरी तरह से प्रभावित होता है. सुबह का नाश्ता दिन भर में आपकी पाचन शक्ति की बेहतरी के लिए जिम्मेदार होता है. यह लो ब्लड शुगर लेवल को रोकने में मददगार होता है. नाश्ता करने से आप दिन भर एनर्जेटिक होकर काम कर सकते हैं. इससे थकान नहीं होती है.

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2. उपयुक्त मात्रा में नाश्ता न करना

नाश्ते में कितनी मात्रा में फूड्स खा सकते हैं इस बारे में भी जानना बहुत जरूरी है. बहुत ज्यादा खा लेना भी सही नहीं है. विशेषज्ञों के मुताबिक एक औसत नाश्ते में एक कटोरी या 5-8 चम्मच अनाज, 10-15 ग्राम लीन प्रोटीन शामिल होना चाहिए.

3. देर से नाश्ता करना

नाश्ते का फायदा तभी है जब जागने के 1 घंटे के भीतर कर लिया जाए. नाश्ते में आप जो कुछ भी खाते हैं उससे आपके पूरे दिन का भोजन प्रभावित होता है. अगर आप रात में भारी भोजन करते हैं तो आप नाश्ता भी देर से करेंगे. साथ ही अगर आप देर से नाश्ता करते हैं तो आप दिन भर ज्यादा खाते हैं.

4. कार्ब्स और प्रोटीन का न होना

संतुलित नाश्ते के लिए ये दोनों पोषक तत्व अपनी डाइट में जरूर शामिल करें. लोग नाश्ते में या तो कार्ब्स का सेवन करते हैं या प्रोटीन का. लेकिन एक आदर्श नाश्ता वह है जिसमें कौम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट भी हो और साथ ही उच्च जैविक मूल्यों वाला प्रोटीन भी शामिल हो. कौम्पेक्स कार्ब्स शरीर में बिना फैट बढ़ाए एनर्जी की स्थिरता को मेंटेन रखने तथा ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मददगार होते हैं.

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