ब्रेकअप- पूर्णविराम या रिश्तों की नई शुरुआत?

जब अंशु को पता चला कि उस की भांजी आरवी का 5 साल पुराना रिश्ता टूट गया है तो उस के होश उड़ गए. कितनी प्यारी थी आरवी और कबीर की जोड़ी. दोनों एकसाथ ही मुंबई के इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ रहे थे. दोनों ही परिवार ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया था, बस एक सामाजिक स्वीकृति मिलनी बाकी थी.

अंशु बहुत ही दुखी मन से अपनी दीदी के घर गई तो देखा, आरवी तो एकदम नौर्मल है और खिलखिला रही थी. उसे लगा कि वह इतनी दूर से दौड़ी चली आ रही है और आरवी को देख कर लगता ही नहीं कि वह परेशान है.

अंशु को लगा कि आजकल के बच्चों का प्यार भी कोई प्यार है. जब चाहो रिलेशनशिप में आ जाओ और जब मरजी ब्रेकअप कर लो. ये आजकल के रिश्ते भी कोई रिश्ते हैं? बस सारे रिश्ते दैहिक स्तर पर ही आधारित हैं.

अंशु को अपना समय याद आ गया, जब उस का रिश्ता प्रवेश के साथ टूट गया था. पूरे 2 वर्ष तक वह अपने खोल से बाहर नहीं निकल पाई थी. कितनी मुश्किल से उस ने अपने नए रिश्ते को स्वीकार किया था.

कभीकभी तो अंशु को लगता है कि वह आज भी अपने पति को स्वीकार नहीं कर पाई है. प्रवेश के साथ उस टूटे रिश्ते की खिरच अभी भी बाकी है.

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रात को आरवी अंशु के गले लग कर बोली, ‘‘मौसी बहुत अच्छा हुआ, आप आ गई हो.‘‘

‘‘मेरा पूरा परिवार मेरे साथ खड़ा है, इसलिए तो मैं ये फैसला कर पाई हूं.‘‘

परंतु, अंशु को लग रहा था कि आरवी को दरअसल कबीर से कभी प्यार ही नहीं था. पर आरवी के अनुसार, घुटघुट कर जीने के बजाय अगर आप की बन नहीं रही है तो क्यों ना ब्रेकअप कर के आगे बढ़ा जाए.

आजकल की युवा पीढ़ी पहले से अधिक जागरूक और व्यावहारिक है. एक व्यक्ति के पीछे पूरी जिंदगी खराब करने के बजाय वह ब्रेकअप कर के आगे की राह आसान बना लेते हैं.

दूसरी ओर मानसी का जब ऋषि से 2 साल पुराना रिश्ता टूट गया, तो वह अवसाद में चली गई. अपने साथसाथ उस ने पूरे परिवार की जिंदगी भी मुश्किल कर दी थी. कोई भी रिश्ता जबरदस्ती का नहीं होता है. अगर आप का साथी आप के साथ वास्ता नहीं रखना चाहता है तो गिड़गिड़ाने के बजाय अगर आप सम्मानपूर्वक आगे बढ़ें, तो ना केवल आप के साथी के लिए, बल्कि आप के लिए भी अच्छा होगा.

हालांकि ब्रेकअप पर बहुत दलीलें हो सकती हैं, परंतु फिर भी एकसाथ घुटघुट कर जीने से कहीं अधिक बेहतर ब्रेकअप है. ब्रेकअप चाहे शादी से पहले हो या शादी के बाद, हमेशा मर्यादित होना चाहिए. ये कुछ छोटेछोटे व्यावहारिक सुझाव हैं, अगर हम इन्हें निजी जीवन में अपनाएं तो बहुत जल्दी ही एक संपूर्ण जीवन की ओर बढ़ सकते हैं-

– शहीदाना भाव ले कर मत घूमें – ब्रेकअप होने का मतलब यह नहीं है कि आप 24 घंटे मुंह बिसूर कर घूमते रहें. ये जीवन का अंत नहीं है. जिंदगी आप को फिर से खुशियां बटोरने का मौका दे रही है. आप की पहचान खुद से है. बहुत बार हम रिश्तों में ही अपना वजूद ढूंढ़ने लगते हैं. इसलिए हम किसी भी कीमत पर ब्रेकअप नहीं करना चाहते हैं. एक या दो दिन मूड का खराब होना लाजिमी है, पर उस खराब रिश्ते की यादों को च्युइंगम की तरह मत खींचें.

– दिल के दरवाजे खुले रखें – एक हादसे का मतलब ऐसा नहीं है कि आप जिंदगी को जीना ही छोड़ दें. दिल के दरवाजे को हमेशा खुला रखें. हर रात के बाद सुबह अवश्य होती है. एक अनुभव बुरा हो सकता है, पर इस का मतलब यह नहीं कि आप रोशनी की किरण से मुंह फेर लें.

– काम में दिल लगा लें – काम हर मर्ज की दवा होती है. अपनेआप को काम में डुबा लें, आधे से ज्यादा दर्द तो यों ही गायब हो जाएगा और जितना अधिक काम में दिल लगेगा, उतना ही अधिक आप की प्रतिभा में निखार होगा और तरक्की के रास्ते खुल जाएंगे.

– ना छोड़ें आशा का साथ – बहुत बार देखने में आता है कि लोग ब्रेकअप के बाद निराशा की गर्त में चले जाते हैं. एक घुटन भरे रिश्ते में सारी उम्र निराशा में बिताने से अच्छा है कि ब्रेकअप कर के आप नई शुरुआत करें. आशा का दामन पकड़ कर रखें और ब्रेकअप के पश्चात नई शुरुआत करें.

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– जिंदगी खूबसूरत है – ब्रेकअप के कारण इस की खूबसूरती को नजरंदाज मत करें. जिंदगी वाकई खूबसूरत है. अपने ब्रेकअप से कुछ नया सीखें और दोबारा उन्हीं गलतियों को मत दोहराएं. ब्रेकअप के बाद ही आप को लोगों को समझने की बेहतर परख भी आती है.

अगर सरल भाषा में कहें, तो ब्रेकअप का मतलब पूर्णविराम नहीं बल्कि नई शुरुआत होता है.

ब्रेकअप के बारे में पेरेंट्स को अवश्य बताएं

4 साल के लंबे रिलेशनशिप के बाद आज तान्या और तनुज का ब्रेकअप हो गया था. तान्या बहुत उदास थी मगर उस ने घर में किसी को कुछ नहीं बताया. चुपचाप अपने कमरे में जा कर दरवाज़ा बंद कर लिया. वह देर तक पुरानी बातें याद करती रही. तनुज की फोटो देखती रही और मैसेजेस पढ़ती रही. दर्द से उस का सिर फट रहा था. न चाहते हुए भी उस की आंखों से आंसू बह रहे थे. उसे अपने दिल में एक तरह का खालीपन, अपमान और धोखे का अहसास हो रहा था. यहां तक कि उस ने एकदो बार सुसाइड करने की बात भी सोच ली.

शाम तक वह कमरे से नहीं निकली और अगले दिन भी गुमसुम और उदास सी अपने कमरे में ही रही आई. मां को चिंता हुई. मां ने उस के कमरे का दरवाज़ा खुलवाया. बेटी की आंखें देख कर ही वे समझ रही थीं कि वह किसी बात पर बहुत अपसेट है.

“क्या हुआ बेटे? कोई बात है क्या?”

“नहीं मां, कुछ भी नही,” तान्या ने टालना चाहा.

मां ने उस का चेहरा अपनी तरफ करते हुए कहा,” मां से झूठ बोलेगी, बता क्या बात है?”

अब तान्या चुप नहीं रह सकी. फूटफूट कर रोती हुई बोली,” मां तनुज ने मुझे धोखा दिया. उस का किसी और लड़की के साथ भी अफेयर चल रहा है. मैं ने उस से ब्रेकअप कर लिया है.”

“तो इस में रोने की क्या बात है? यह तो अच्छा हुआ न कि तुझे उस की असलियत जल्दी पता चल गई. अगर वह किसी और के साथ भी रिश्ते में है और तुझे धोखा दे रहा है तो ऐसे इंसान को छोड़ देने में ही समझदारी है. कल को तुम दोनों ज्यादा आगे बढ़ जाते या शादी कर लेते और तब तुम्हें तनुज की असलियत पता चलती तब सोचो क्या होता. तुम्हारे पास तो लौटने का रास्ता भी नहीं होता. मगर अभी बात ज्यादा नहीं बढ़ी है. एक झटके में उसे दिल से निकाल और आगे बढ़ जा.”

“पर मां यह इतना आसान नहीं है. मैं उसे कैसे भूलूंगी? हम दोनों एकदूसरे से इतना प्यार करते थे. वह ऐसा कैसे कर सकता है?”

“कैसे कर सकता है यह सोचना फ़िजूल है. उस ने ऐसा किया तो अब तुझे क्या करना है यह सोच. दूसरी बात यह कि ऐसे शख्स को भूलना ही समझदारी है. जिस ने तेरी कदर नहीं की, तुझे धोखा दिया, विश्वास तोड़ा उसे याद करने में एक पल भी बर्बाद करना गलत है. उसे तेरे प्यार की परवाह नहीं तो तू क्यों परवाह करती है उस की?

“पर मां इतना पुराना रिश्ता तुरंत खत्म कैसे हो सकता है? दिल से उस की यादें जा ही नहीं रहीं. ”

“फोन दिखा जरा. यह देख तू उसी की फोटो देख रही थी. उसी के मैसेजेस पढ़ रही थी. ऐसे में उसे कैसे भूल पाएगी? चल उस की सारी फोटो डिलीट मार और मैसेज भी डिलीट कर दे. ब्रेकअप किया है तो पूरी तरह से उसे दिमाग से निकाल कर खुद को साबित करने का प्रयास कर. खुद को इतना ऊंचा उठा कि वह बहुत नीचे रह जाए. वह तुझे कहीं नजर ही न आए. यही सही जवाब होगा. अपने सपनों के पीछे भाग न कि तुझे धोखा देने वाले की याद में आंसू बहा.”

इस तरह मां तान्या को बहुत देर तक समझाती रहीं. हौसला बढ़ाती रहीं. अगले दिन तान्या उठी तो नए सपनों और नए उत्साह की आभा से उस का चेहरा चमक रहा था. मां ने न केवल उस का दर्द बांटा था बल्कि उसे इस दर्द से लड़ना भी सिखाया था.

सच है कि मांबाप अपने बच्चे को कभी भी दर्द में नहीं देख सकते. यदि जिंदगी में कभी आप के साथ कुछ गलत होता है, किसी खास के साथ लड़ाईझगड़ा या ब्रेकअप होता है और आप टूट जाते हैं तो ऐसे में सब से पहला शख्स जिसे आप हमराज बना सकते हैं वह हैं मां. आप उन्हें अपनी तकलीफ बताएं. वे न सिर्फ आप का दर्द बांटेंगी बल्कि आप को संभलने में और फिर से विश्वास के साथ खड़ा होने में सहयोग भी देंगी.

1. पेरेंट्स को बताने से दिल हल्का हो जाता है

आप अपना दर्द दिल में ही रखते है, किसी को कुछ नहीं बताते तो इस से दर्द बढ़ता ही जाएगा. आप के अंदर निराशा,क्षोभ और उदासी के भाव घनीभूत होते जाएंगे और मन में बुरेबुरे ख्याल आएंगे. युवाओं और टीनएज बच्चों द्वारा आत्महत्या कर लेने की प्रवृत्ति देखी जाती है. अक्सर ऐसी घटनाएं सुनने को मिल जाती हैं जब रिलेशनशिप टूटने के गम में वे आत्महत्या का रास्ता चुन लेते हैं. 18 से 29 साल के उम्र के लड़कों के सुसाइड की खबर सब से ज्यादा आती है.
दरअसल इस की वजह उन का अकेले रहना ही है. जब तक आप अपनी समस्याएं पेरेंट्स से शेयर नहीं करेंगे, आप का दिल हल्का नहीं होगा और आप घुटन महसूस करते रहेंगे. याद रखिए गम बांटने से हल्का होता है और पेरेंट्स से ज्यादा भरोसेमंद आप के जीवन में कोई और रिश्ता नहीं है.

2. दिखाते हैं रास्ता

बचपन से जिन्होंने आप को पालपोस कर बड़ा किया और जीना सिखाया वे ब्रेकअप के बाद भी आप को नया रास्ता दिखाने में मदद कर सकते हैं. पेरेंट्स आप को समझते हैं, आप के जज्बातों से परिचित होते हैं. वे जानते हैं कि आप को क्या पसंद है और क्या नहीं. एक तरह से वे आप के हमदर्द होते हैं और आप को भटकने से बचाते हुए नए रास्ते दिखा सकते हैं. वे आप का सपोर्ट सिस्टम बनते हैं. जब आप दर्द से गुजर रहे होते हैं और आप को लगता है कि किसी ने आप को छोड़ दिया है, उस वक्त किसी का विश्वास भरा हाथ काफी मायने रखता है. पेरेंट्स आप को एहसास दिलाते हैं कि आप उन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं. वे आप को दुनिया की हर परेशानी से बचा कर रखने का प्रयास करते हैं.

डिप्रेशन से निकालने में मददगार

आंकड़ों के अनुसार 13 से 15 साल के बीच का हर 4 में से 1 किशोर डिप्रेशन का शिकार होता है. डिप्रेशन के शिकार खुद को हमेशा अकेला पाते हैं.
वैसे भी भारत डिप्रेशन कंट्री के लिस्ट में टॉप पर आता है. यहां हर पांच मिनट में कोई न कोई एक व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होता है.

पेरेंट्स का साथ आप को इस तरह के डिप्रेशन से बाहर निकलने में मददगार है. जब आप अंदर ही अंदर घुट रहे होते हैं, किसी को दिल का हाल नहीं बताते, न ही किसी के आगे रोते हैं. उस वक्त एक पेरेंट्स ही हैं जिन से आप दिल की हर बात कर पाते हैं, सारी गिरह खोल सकते हैं. वे पूरे धैर्य से आप की हर बात सुनते हैं. उन के आगे आप जी भर कर रो सकते हैं. इस से आप को थोड़ा सहज महसूस होता है और आप डिप्रेशन से निकलने में कामयाब हो जाते हैं.

ईमानदारी से बताएं

आप को पेरेंट्स से कोई भी बात छुपाने की जरूरत नहीं. जो है या जो हुआ उस का विवरण ईमानदारी से दें. हो सकता है ब्रेकअप की वजह कहीं न कहीं आप खुद ही हों. ऐसे में पेरेंट्स आप को बता सकेंगे कि आप कहां गलत हैं और एक खूबसूरत रिश्ते को खोने से बचा सकेंगे. जरूरी नहीं कि हमेशा पेरेंट्स अपने बेटे या बेटी को उस के प्रेमी/प्रेमिका से दूर ही करते हैं. वे आप से अधिक परिपक्व और समझदार हैं. उन्होंने आप से अधिक दुनिया देखी है. इसलिए कभी उन का विश्वास कर के देखिए. वे आप को जज नहीं करेंगे लेकिन यदि आप की गलती है तो उसे बताने में हिचकेंगे भी नहीं.

दर्द से उबारने में मदद

पेरेंट्स आप को ब्रेकअप के दर्द से उबरने में सहायक हो सकते हैं. उन के पास बहुत से रास्ते होते हैं जिन की मदद से वे आप के अंदर नए जज्बे भर सकते हैं. वे आप का दिल बदलने के लिए आप को किसी नई और अच्छी जगह घुमाने ले जा सकते हैं. आप को अपने नए प्रोजेक्ट्स या बिज़नेस से जोड़ सकते हैं. किसी मनोवैज्ञानिक के पास ले जा कर आप के डिप्रेशन का इलाज करवा सकते हैं. आप की परेशानी का हल ढूंढ सकते हैं या फिर एक नए जीवनसाथी की तलाश में आप की मदद कर सकते हैं.

वे हमेशा आप के साथ होते हैं इसलिए उन से कुछ भी छिपाना आप के लिए संभव नहीं होता. वे हमेशा आप पर पर नजर रखते हैं और आप को खुश रखने का प्रयास करते हैं. उन्हें पता होता है कि किन चीजों को देख कर आप का दर्द बढ़ सकता है. जैसे एक्स की फोटो, मैसेजेस, उस के द्वारा दिए गए फोटो, कार्ड्स और दूसरे सामान, एक्स के कपड़े आदि. पैरंट्स इन चीजों को आप से दूर करने में आप की मदद करेंगे. नए रिश्तों की नींव रखने में भी आप के सहायक होंगे.

इसलिए बेहतर है कि खुद अपने ब्रेकअप के दर्द से लड़ते रहने की और हिम्मत हारने की बजाय आप एक बार खुले दिल से पेरेंट्स को अपनी तकलीफ बताएं है और दिल का हाल सुनाएं. फिर देखें उन का प्यार और साथ कैसे आप को इस से उबरने में मदद करता है.

जब किसी पुरूष का टूटता है दिल

जिंदादिल और दूसरों को हमेशा खुश रखने वाला समीर आजकल तनाव में रह रहा है. वह न तो किसी से ज्यादा बात करता है और न ही कहीं आताजाता है. औफिस से आते ही वह खुद को अपने कमरे में बंद कर लेता है. दरअसल, कुछ दिनों पहले उस का अपनी गर्लफ्रैंड से ब्रेकअप हो गया और जिस कारण वह तनाव में रहने लगा.

समीर का कहना है कि जब उस की गर्लफ्रैंड से उस का ब्रेकअप हुआ तो लगा मानो उस की पूरी दुनिया ही उजड़ गई. वह ब्रेकअप के दर्द से बाहर नहीं आ पा रहा है.

आज के संदर्भ में यह कहना गलत नहीं होगा कि व्यस्त जिंदगी के बीच रिश्ते भी बहुत तेजी से बदल रहे हैं. आज जितनी जल्दी लोगों को प्यार हो जाता है, उतनी ही जल्दी रिश्ते टूट भी जाते हैं.

लव अफेयर में जब ब्रेकअप होता है, तो इस का महिलाओं के जीवन में भी बहुत बुरा असर होता है. वे डिप्रैशन और असुरक्षा की भावना का शिकार हो जाती हैं. उन में उदासी घर कर जाती है. ब्रेकअप के कारण कई बार वे आत्महत्या तक कर लेती हैं, क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक भावुक और संवेदनशील होती हैं.

वहीं आमतौर पर यह माना जाता है कि पुरुषों पर ब्रेकअप का कुछ खास असर नहीं पड़ता. लेकिन ऐसा नहीं है. कई बार पुरुष भी ब्रेकअप से प्रभावित होते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि ब्रेकअप होने पर महिलाएं अपना दर्द व्यक्त कर पाती हैं, जिस से उन के दिल का बोझ कुछ कम हो जाता है, जबकि पुरुष अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं और ब्रेकअप के दर्द को अकेले ही झेलते हैं.

कई बार पुरुष ब्रेकअप से इस कदर टूट जाते हैं कि लोगों से मिलनाजुलना और यहां तक कि खानापीना तक छोड़ देते हैं. लेकिन लोग यह बात कम ही समझ पाते हैं.

ब्रेकअप का पुरुषों पर असर

जब किसी पुरूष का ब्रेकअप होता है, तो वे किस कदर इस से प्रभावित होते हैं, आइए जानते हैं :

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खुद को दोषी मानने लगना :

ब्रेकअप होने के बाद ज्यादातर पुरुष खुद को ही दोषी मानने लगते हैं. भले ही लोगों के सामने वे कुछ भी कह लें, पर मन ही मन ब्रेकअप के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानने लगते हैं. ब्रेकअप के बाद पुरूष गहरे तनाव में आ जाते हैं. अधिक तनाव में रहने के कारण सोचनेसमझने की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ने लगता है.  जो पुरुष अधिक संवेदनशील होते हैं, वे अपने पार्टनर की गलतियों को जानते हुए भी, उस की गलती न मान कर खुद को ही दोषी ठहरा देते हैं. ब्रेकअप के बाद ऐसे संवेदनशील लोग भीतर से टूट जाते हैं.

अकेलापन :

ब्रेकअप के बाद पुरूष अकेलापन महसूस करने लगते हैं और अपना दुख जाहिर नहीं कर पाते, जबकि महिलाएं अपने दिल का हाल दूसरों से शेयर कर लेती हैं. इस से उन का दर्द कम हो जाता है, पर पुरुषों के साथ ऐसा नहीं होता.

तनाव के शिकार हो जाते हैं :

ब्रेकअप के बाद तनाव और डिप्रैशन का शिकार सिर्फ महिलाएं ही नहीं होतीं, बल्कि पुरुष भी होते हैं. भले ही ब्रेकअप के तुरंत बाद कोई पुरूष खुद आजादी महसूस करता हो, पर धीरेधीरे वह अकेलापन और तनाव महसूस करना लगता है. वह शराबसिगरेट जैसी गलत लत का भी शिकार हो जाता है.

बारबार गलतियां दोहराते हैं :

पुरुष ब्रेकअप के बाद खुद को दोषी जरूर मानते हैं, लेकिन वे खुद में बिलकुल भी सुधार नहीं करते. जहां ब्रेकअप के बाद महिलाएं तुरंत किसी नए रिलेशनशिप में नहीं पड़ना चाहतीं, वहीं पुरुष ब्रेकअप के गम को भुलाने के लिए किसी दूसरे पार्टनर की तलाश में लग जाते हैं, जबकि कई बार यह तलाश सही साबित नहीं होती. अगर उन्हें कोई पार्टनर मिल भी जाता है तो ब्रेकअप के बाद  जल्दी उस पर भरोसा नहीं कर पाते और टाइमपास करने लगते हैं.

एक्स की याद में बेचैन हो जाना :

आमतौर यह देखा गया है कि ब्रेकअप के बाद भी ज्यादातर पुरुषों को यही उम्मीद रहती है कि उन की प्रेमिका फिर लौट कर उन के पास वापस आ जाएगी और इस के लिए वे प्रयास भी करते हैं. मौका मिलने पर वे अपनी ऐक्स से माफी भी मांग लेते हैं.

काम से लेते हैं ब्रैक :

कई पुरुष ब्रेकअप के बाद इतने दुख में डूब जाते हैं कि उन्हें कुछ करने का मन नहीं होता, यहां तक की औफिस में भी उन का मन नहीं लगता और वे काम से छुट्टी ले लेते हैं. लेकिन इस से भी उन्हें चैन नहीं मिलता, क्योंकि खाली बैठेबैठे फिर वही ब्रेकअप की बातें उन्हें परेशान करने लगती है और उन का दर्द घटने के बजाय और बढ़ने लगता है. वहीं महिलाएं मानसिक परेशानियों के बावजूद भी अपने काम बेहतर ढंग से करती रहती हैं.

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ब्रेकअप के दर्द से कैसे उबरें पुरुष

किसी भी रिश्ते को भुलाना आसान नहीं होता, उस से हमारी भावनाएं जुड़ी होती हैं. खासकर जब रिश्ता प्यार का हो. जब हम किसी अपने से अलग होते हैं, तो उस दर्द को बरदाश्त कर पाना आसान नहीं होता. हम उस रिश्ते से निकलना चाहते हैं, पर हमारी भावनाएं हम पर हावी रहती हैं और यही डिप्रैशन का कारण बनती है, क्योंकि हम उसे भुलाने की कोशिश करते हैं, पर बारबार उसी की याद आती है.

ऐसे में अकसर हम वे गलतियां कर जाते हैं जो हमें नहीं करनी चाहिए. जैसे बारबार हम अपने ऐक्स को फोन लगाते हैं, उसे मैसेज करने लगते हैं. कभी खुद को कमरे में बंद कर लेते हैं, तो कभी नशे में डूब जाते हैं, क्योंकि ब्रेकअप का वक्त बहुत बुरा होता है.

हम किसी से भावनात्मक रूप से इतने जुङ जाते हैं कि हमें उस की आदत लग जाती है और जब वह किसी कारणवश अचानक से साथ छोड़ जाए, तो यह हम से बरदाश्त  नहीं होता. लेकिन भलाई इसी में है कि इस सचाई को स्वीकार कर  जीवन में आगे बढ़ा जाए.

अकेले न रहें :

ब्रेकअप के बाद अकसर लोग अकेले रहना पसंद करते हैं. यह सही नहीं है. दोस्तों से मिलें, परिवार को समय दें, उन के साथ थोड़ा वक्त बिताएं. घूमने जाएं. इस से आप के मन को सुकून मिलेगा और आप खुश भी रहेंगे.

कैरियर पर ध्यान दें :

ब्रेकअप का असर कभी भी अपने कैरियर पर न पड़ने दें. अकसर लोग ब्रेकअप के बाद अपने काम में मन नहीं लगाते और पर्सनल के साथ प्रोफैशनल लाइफ भी खराब कर लेते हैं. यह गलती कतई न करें, क्योंकि जिसे आप के जीवन से जाना था वह चला गया. फायदा इसी में है कि उसे भूल जाएं और अपने काम पर फोकस करें.

खुद को दोष देना बंद करें :

आप का ब्रेकअप हुआ है, इस का यह मतलब नहीं कि सारी गलती आप की ही थी. हर इंसान का अपनाअपना स्वभाव होता है. हो सकता है कि आप दोनों का स्वभाव एकदूसरे से मेल नहीं खाता हो, इसलिए आप दोनों का ब्रेकअप हो गया. ‘यह तो एक दिन होना ही था’, ऐसा सोचिए और खुश हो जाइए कि जो कल होना था, आज हो गया. अपनी गलतियों से सीख लें और सैल्फ गिल्ट में न जाएं.

सकारात्मक सोचें :

यह सोचें कि जो हुआ अच्छा हुआ और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा. इसलिए हमेशा सकारात्मक सोच रखें.

समाजिक बनें :

खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए वह करें जिस से आप को खुशी मिलती हो. आप अपनी पसंद की कोई हौबी चुनें और उस में व्यस्त रहें.

नशे को दोस्त न बनाएं :

अकसर लोग ब्रेकअप के बाद, उसे भुलाने के लिए नशे आदि का सहारा लेने लगते हैं, जोकि गलत है. ब्रेकअप हुआ है, कोई जिंदगी खत्म नहीं हो गई. रास्ते और भी हैं, बस चलने की ताकत रखिए. इसलिए नशे से खुद को दूर रखिए.

कमियों को सुधारें :

आप का ब्रेकअप क्यों हुआ? यह सोचें और सबक लें, ताकि आगे यह गलती न होने पाए.

मनोचिकित्सक की सलाह लें :

अपनी फिलिंग्स हर किसी से शेयर न करें, क्योंकि जितनी मुंह उतनी बातें होंगी. जानें कौन आप की बातें किस तरह से लें. इस के बजाय आप किसी अच्छे मनोचिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं. वे आप को सही सलाह देंगे.

आप बीमार नहीं हैं :

यह एक ऐसी परिस्थिति है जो धीरेधीरे वक्त के साथ ठीक हो जाएगी. इस दौरान अगर नींद नहीं आती है तो किसी अच्छे लेखक की किताब पढ़िए, पत्रिकाएं पढ़िए, संगीत सुनिए.

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ब्रेकअप को करें सैलिब्रेट :

जिस तरह हर छोटीबड़ी खुशियों को सैलिब्रेट करना जरूरी है, वैसे ही अपने ब्रेकअप को भी सैलिब्रेट करें. इस दौरान खुद को ट्रीट दें. आप को निश्चित ही अच्छा महसूस होगा.

ब्रेकअप के कारण में डिप्रेशन में आ गई हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं अपने दोस्तों से अपनी रिलेशनशिप्स के बारे में बात करने में कम्फर्टेबल नहीं हूं और यही कारण है कि मैं अपनी परेशानी यहां कह रही हूं. मैं अपने बौयफ्रैंड से ब्रेकअप करना चाहती थी और इसी कारण मैं ने जानबूझ कर उस से लड़ाई कर ली. वह और मैं भविष्य में एकसाथ नहीं रह सकते, इसलिए मुझे लगा कि हमें ब्रेकअप कर लेना चाहिए. लड़ाई के 2 दिन बाद तक मैं ने उस से बात नहीं की और मैं समझ भी नहीं पा रही थी कि अगर वह मुझे मनाने आया तो मैं क्या कहूंगी. हुआ यह कि उस ने मुझे नहीं मनाया और उस के बिना मेरा मन नहीं लगा तो मैं ने खुद ही उसे मैसेज कर दिया. वह मुझ से गुस्सा हो गया. मैं ने उस से बात करने की कोशिश की तो समझ आया कि अब वह मुझ से बात नहीं करना चाहता. मुझे पिछले कई दिनों से डिप्रैशन जैसा लग रहा है और अब यह दुख भी सहन नहीं हो रहा. क्या करूं, समझ नहीं आ रहा?

जवाब-

आखिर हुआ वही जो आप चाहती थीं तो अब इस तरह भागना कैसा. आप चाहती थीं कि आप का ब्रेकअप हो जाए और हो गया. आप चाहती थीं कि वह आप को मनाने न आए क्योंकि आप के पास जवाब नहीं है देखिए वह नहीं आया. हो सकता है वह समझ गया हो कि आप के मन में क्या चल रहा है, इसलिए उस ने आप के फैसले को नकारने के बजाय उसे चुपचाप मान लिया. आप अगर जानती हैं कि आप दोनों का एकसाथ कोई भविष्य नहीं है और आप को आज या कल ब्रेकअप करना ही है तो यह मौका बारबार नहीं आएगा. दुखदर्द होगा, आप को सहना भी होगा और यह मौका आप के पास खुद चल कर आया है, इसे इस तरह जाने देना सही नहीं होगा. आप को आज या कल इस से गुजरना ही है तो अभी क्यों नहीं. आगे फैसला आप का खुद का है.

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आखिर क्या है ‘पिटी पार्टी’? जो दिलाए ब्रेकअप के दर्द से राहत

लेखक- पूनम

पिटी पार्टी मतलब मी टाइम

– इस में आप अपनी भावनाएं व्यक्त कर पाते हैं.

– यह ऐसा समय होता है जिस में तनाव कम हो जाता है.

– आप फिर से व्यवस्थित होते हैं, आगे की सोचते हैं. स्ट्रौंग होते हैं.

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– अपने साथ ही समय बिता कर आप कुछ अच्छा, पौजिटिव और तर्कसंगत सोच पाते हैं.

1978 में अमेरिकन सिंगर बारबरा मंड्रैल ने अपने ब्रेकअप के बाद एक गाना गाया था, ‘हैविंग अ सैड पिटी पार्टी…’ आप ने न जाने कितनी बार सुना होगा कि, ‘रो लो, तुम्हारा दिल हलका होगा,’ यह बिलकुल सही है. अपने साथ ही कुछ समय बिता कर अपनी सारी भावनाओं को बाहर निकाल कर आप फिर से अपने को ज्यादा स्ट्रौंग पाएंगी. दिल दुखी है? मूड बहुत खराब है? बहुत सारे टिश्यूज लीजिए, अपना मनपसंद खाना और्डर कीजिए और आराम से सोचिए कि क्या हो गया और अब कैसे आगे बढ़ना है.

इस स्थिति का एक नाम है, पिटी पार्टी. यह बहुत काम की चीज है, इसे कर के देखें.जब फैशन डिजाइनर रिद्धी जैन का अपने 7 महीने के अफेयर के बाद ब्रेकअप हुआ, उस का हाल बेहाल था. वे बताती हैं, ‘‘उस ने अचानक मुझे मैसेज भेजना बंद कर दिया. मेरे पूछने पर बहाने बनाने लगा. कोई फोन नहीं, कोई मैसेज नहीं. अचानक मिलना भी बंद कर दिया. मैं ने ऐसे समय पर वही किया जो सब करते हैं, घर पर बैठ गई. खूब रोती रहती. सब से मिलना बंद कर दिया. यह एक हफ्ता चला. पर फिर मैं धीरेधीरे सब भड़ास निकाल कर अपनेआप ही और स्ट्रौंग हुई.’’

रिद्धी को यह पता ही नहीं था कि जो उस ने किया, वही है पिटी पार्टी. ऐक्सपर्ट्स कहते हैं, ‘‘इस टाइप की पार्टी में रो कर मन हलका हो जाता है.साइको थेरैपिस्ट अनन्या सिंह कहती हैं, ‘‘यह एनरिचिंग, सोशलाइजिंग प्रोसैस है. इस में आप को खुद से कनैक्ट होने का समय मिलता है, एक स्पेस मिलता है जो आप की मैंटल हैल्थ के लिए जरूरी होता है. फिर आप चीजों को बेहतर तरीके से देख पाते हैं. मी टाइम जरूरी होता है.’’

अनन्या के अनुसार पिटी पार्टी अपनेआप पर थोपें नहीं. यह अनुभव एनरिचिंग होना चाहिए. यह अनुभव ऐसा होना चाहिए कि आप इस समय के बाद ज्यादा स्ट्रौंग, शांत हो कर बाहर आएं. आप का मन  एक बार शांत हो गया तो आप अपना आगे का समय कुछ नया सीखने में लगाएं. बस, फिर देखें कि आप ने अपना यह टैंशन का टाइम कितनी खूबसूरती से हैंडल कर लिया है.

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आप को खुशी होगी

क्लीनिकल साइकोलौजिस्ट प्राजक्ता कहती हैं, ‘‘इस समय आप काफी भावनात्मक उतारचढ़ाव से गुजरते हैं, गलत फैसला भी लिया जाता है. पर अपने मन की शांति के लिए अपने साथ ही कुछ समय बिताना जरूरी होता है. हमें एहसास नहीं होता पर यह पिटी पार्टी हम अपने साथ कई बार करते हैं, जैसे जब हम पर कोई नकारात्मक टिप्पणी करता है औफिस में या घर पर या दोस्तों में. अकसर लोग इस पर ध्यान नहीं देते पर मैं सलाह दूंगी कि बैलेंस बनाए रखें और कुछ नया व सकारात्मक सीखने के लिए तैयार रहें. किसी भी तरह की ऐक्सरसाइज करें.’’अपनी भड़ास निकालने के लिए अकेले में रोना बुरा नहीं है. अपना टाइम लें, शांत मन से सोचें, घबराएं नहीं. ब्रेकअप जीवन का अंत नहीं है. जो चला गया उसे जाने दें. उस के लिए अपना जीवन रोकें नहीं. पिटी पार्टी के ब्राद फ्रैश हो कर निकलें, मुसकराएं, आगे बढ़ें.

ब्रेकअप के बाद सोशल मीडिया पर यह भूल न करें

ब्रेकअप कष्टदायक होते हैं, हमें इमोशनली तोड़ देते हैं. आजकल ब्रेकअप के बाद लोग सीधा सोशल मीडिया पर जाते हैं और अपनी भड़ास वहीं निकालते हैं. सुपर इमोशनल कोट्स ढूंढ़-ढूंढ़ कर पोस्ट कर वहां सब को पढ़वाते हैं. इमोशनल उठापटक समझी जा सकती है पर अकसर हम इस हरकत से अपना ही मजाक उड़वाते हैं और बाद में पछताते हैं. आप खुद सोचें कि किसी और के हार्टब्रेक की पोस्ट्स के बाद आप ने किस तरह की प्रतिक्रिया दी है? तो क्या आप स्वयं को इसी स्थिति में देखना पसंद करेंगे? ब्रेकअप के बाद आप का मन होता होगा कि आप जोरजोर से चिल्लाएं, खूब रोएं, ठीक है, यह सब करें, जो मन  हो वह करें पर सोशल मीडिया पर रिएक्ट न करें. तो यदि आप फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपने इमोशंस निकालना चाह रही हैं तो इन पौइंट्स को जरूर ध्यान में रखें.

अपना रिलेशनशिप स्टेटस न बदलें फौरन

आप का अपने पार्टनर के साथ ब्रेकअप हुआ है, यह बात सारी दुनिया को जानने की जरूरत नहीं है. आप के खास अपने लोग यह जानते ही होंगे. फेसबुक फीड को आप का यह बदलाव फौरन जानने की जरूरत नहीं है. यह आप का पर्सनल दुख, संकट है. आप को छत पर जा कर चिल्ला कर सब को बताने की जरूरत नहीं है. इसे सब के लिए खोल न दें. लोगों को अपने तौर पर पता चलने दें. ग्राफिक डिजाइनर नेहा कहती हैं, ”2 साल पहले मैं ने यह गलती की कि ब्रेकअप होते ही फेसबुक पर रिलेशनशिप स्टेटस चेंज कर दिया, दोस्तों और परिचितों के कौल्स और मैसेज आने ही नहीं शुरू हुए, वे लोग जिन से मैं क्लोज भी नहीं थी उन्होंने भी बिना मांगे अपनी सलाह देनी शुरू कर दी. अधिकतर लोग यही जानना चाहते थे कि ब्रेकअप क्यों हुआ. बता नहीं सकती कि इस वजह से मुझे ब्रेकअप से उबरने में कितना समय लग गया, और मैं ने महसूस किया कि लोगों को गौसिप का विषय भी मिल गया.”

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एक्स को ब्लौक न करें…

सोशल प्लेटफौर्म पर अपने एक्स को ब्लौक करना एक मूर्खतापूर्ण कदम है. आप गुस्से में ऐसा कर देते हैं पर बाद मैं आप महसूस करते हैं कि आप को यह नहीं करना चाहिए था. यदि अपनी फ्रैंड लिस्ट में या अपडेट्स में उन की उपस्थिति बहुत अखर रही हो तो उन्हें अनफ्रैंड करना ठीक है. यदि आप अपने एक्स के साथ दोस्त बन कर रहना चाहते हैं तो उन्हें ब्लौक करना या अनफ्रैंड करना ठीक नहीं है. यदि आप सोशल मीडिया पर बहुत जल्दी रिएक्ट करते हैं तो आप के पार्टनर को पता चल जाएगा कि आप पर इस का कितना असर हुआ है, और शायद यह आप नहीं चाहेंगे. इस बात पर यकीन करें कि अपने एक्स को स्टौक करने से आप का नुकसान ही होगा. एक बार आप उसे स्टौक करना शुरू करते हैं, यह रूटीन हो जाता है और आप को पता भी नहीं चलता. आप रोज उस की प्रोफाइल देखते हैं और अपनेआप को दुखी करते हैं. उस की खुशी से भरी फोटोज और उस का दोस्तों के साथ समय बिताना आप को प्रभावित करता है. उसे उस के नए पार्टनर के साथ देखना आप को और दुखी करता है.

सी ए मेहुल कहते हैं, ”पांच साल साथ रहने के बाद जब मेरी गर्लफ्रैंड के साथ मेरा ब्रेकअप हुआ, मुझे बहुत कठिनाई हुई. मैं लगातार उस की प्रौफाइल देखता था. पूरी नजर रखता था कि वह कब क्या कर रही है. एक दिन अचानक उस ने मुझे ब्लौक कर दिया. शायद वह समझ गई थी कि मैं क्या कर रहा हूं. उस समय मैं दुखी तो हुआ पर उस के बाद ही मैं लाइफ में आगे बढ़ सका. आज मुझे समझ आया है कि सोशल मीडिया पर एक्स को स्टौक करना मूव औन करने में बाधा बनता है.”

बिलकुल शेयर न करें नए पार्टनर के साथ फोटोज

आप को किसी के इमोशनल सहारे की जरूरत पड़ रही होगी पर वह व्यक्ति इतनी जल्दी आप का नया पार्टनर नहीं हो सकता. उस की फोटो सोशल मीडिया पर बिलकुल न डालें. इस से आप परेशानी में पड़ सकते हैं. आप अनजाने में अपने एक्स को दुख पहुंचा सकते हैं. सोच कर देखिए कि यही चीज आप का एक्स करे तो आप को कैसा लगेगा. फोटोग्राफर रिद्धी बताती हैं, ”जब मेरा ब्रेकअप हुआ, मैं बहुत जल्दी ही नए रिश्ते में बंध गई और मैं ने उस के साथ अपनी फोटोज भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दीं. आज सोचती हूं तो लगता है कि यह नहीं करना चाहिए था. यह मेरी बचकानी हरकत थी. मेरे एक्स को दुख पहुंचा होगा, मुझे अपने व्यवहार पर आज अफसोस है.”

आप ठीक हैं, खुश हैं, यह एक्टिंग करने की जरूरत नहीं है…

ब्रेकअप के बाद कोई खुश नहीं होता है, दुख होता ही है. सोशल मीडिया पर यह न बताएं कि आप खुश हैं. सोशल मीडिया पर मोटिवेशनल कोट्स या प्यार और हार्टब्रेक पर पोस्ट न डालती रहें, यह मूर्खता लगती है.खुश होने का दिखावा न करें. कोई भी दोस्त आप  की पोस्ट की स्क्रीनशौट ले कर बाकी दोस्तों में भेज कर आप पर हंस सकता है. इस समय आप को यह सब करने की जरूरत नहीं है.

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औनलाइन डेटिंग, ब्रेकअप के बाद की समस्या का हल नहीं है…

ब्रेकअप के बाद दोस्त आप को डेटिंग साइट जौइन करने की सलाह देते हैं, पर डेटिंग ऐप हार्टब्रेक का इलाज नहीं है. वे आप का दर्द कम नहीं कर सकती. ब्रेकअप के बाद बिलकुल अजनबियों के साथ बात करना अजीब लग सकता है. इस के बजाय कुछ समय वे काम करें जिन से आप को खुशी मिलती है. आर्किटेक्ट आरती कहती हैं, ”ब्रेकअप होते ही मैं ने डेटिंग ऐप जौइन कर लिया. मैं कुछ लोगों से मिली भी, पर मुझे लगा इस तरह किसी से जुड़ कर शायद मैं कभी और ज्यादा दुखी हो सकती हूं. इस में उलझनें लगीं, मुझे लगा कि ब्रेकअप के बाद किसी को भूलने में समय लगेगा ही. अपना ध्यान हटाने या एक्स को जलाने के लिए डेटिंग ऐप का सहारा लेना बुद्धिमानी नहीं है.”

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