पीरियड्स के दौरान काफी सारी महिलाओं को ब्रेस्ट में दर्द महसूस होता है. ऐसा इसलिये होता है क्योंकि उस दौरान हमारे शरीर में कई सारे हार्मोनल चेंज हो रहे होते हैं.
ब्रेस्ट में कड़ापन, दर्द और सूजन देख कर कई महिलाओं को शंका हो जाती है कि कहीं यह ब्रेस्ट कैंसर के संकेत तो नहीं. हार्मोनल बदलाव के अलावा भी कई ऐसी और भी चीज़ें हैं, जो ब्रेस्ट में दर्द पैदा कर सकती हैं, उदाहरण के तौर पर शरीर में पोषण की कमी, खराब खान-पान की आदत और बहुत ज्यादा तनाव.
अगर आपको भी अपने पीरियड्स के समय ब्रेस्ट में दर्द रहता है तो, हमारे बताए हुए घरेलू उपचार जरुर आजमाएं, आपको इससे जरुर राहत मिलेगी.
केस्टर ऑयल
केस्टर ऑयल को जैतून के तेल के साथ मिक्स करें और उससे अपने ब्रेस्ट को हल्के हाथों से मसाज करें. इससे आपको आराम मिलेगा.
गरम पानी से सिकाईं
गरम पानी के बरतन में एक सादा कपड़ा डाल कर उसे निचोड़ें और फिर उसको अपने ब्रेस्ट पर तब तक रखें जब तक कि वह कपड़ा गरम बरकरार रहे. ऐसा 10 मिनट तक करें. इस गर्मी की वजह से खून की धमनियां खूल जाएंगी और खून पूरे शरीर में प्रवाह करने लगेगा. इससे ब्रेस्ट का दर्द कम हो जाएगा.
बरफ का पैक
एक साफ कपड़े में कुछ बरफ ले लें, फिर इसे ब्रेस्ट पर रखें. इससे दर्द कम हो जाएगा क्योंकि खून की सिकुड़ी हुई धमनियां खुल जाएंगी.
सौंफ
सौंफ से सूजन और दर्द दोंनो ही चीजें कम हो जाएगी. आप इसे चाय की तहर ले सकती हैं. 1 कप पानी में थोड़ी सी सौंफ डाल कर उबालें और उसे छान कर पी लें.
पीपल की पत्तियां
एक पैन में पीपल की पत्तियां रख कर उस पर कुछ बूंद सरसों या जैतून का तेल डाल कर गरम करें. फिर इन गरम पत्तियों को ब्रेस्ट पर रख कर सिकाईं करें. इन पत्तियों से 4-5 बार सिकाई करें.
केला
केले में पोटैशियम पाया जाता है, जिसको खाने से ब्रेस्ट में जमा रक्त प्रवाह करने लगता है और दर्द कम हो जाता है.
नारियल पानी
नारियल पानी में भी पोटैशियम की मात्रा काफी अधिक होती है, जिसे पीने पर दर्द कम हो जाता है.
अलसी के बीज
आपको अपने डाइट में रोजाना अलसी के बीजों को शामिल करना चाहिए. इन्हें खाने से दर्द में कमी आती है.
हरी पत्तेदार सब्जियां
ब्रॉक्ली और पालक जैसी सब्जियां शरीर में estrogen level को कम करती हैं, जिससे ब्रेस्ट में दर्द कम होता है.
पीरियड्स का दर्द दे सकता है हार्ट अटैक
पीरियड्स का दर्द और इस दौरान होने वाला ब्लड फ्लो सबके लिए अलग होता है. किसी को इस दौरान बहुत अधिक फ्लो और दर्द का सामना करना पड़ता है तो किसी को न के बराबर दर्द होता है.
अब तक पीरियड्स के दर्द को सिर्फ कमजोरी और चिड़चिड़ेपन से ही जोड़कर देखा जाता था लेकिन हाल में हुए एक शोध के मुताबिक, जिन महिलाओं को माहवारी के दौरान बहुत अधिक तकलीफ उठानी पड़ती है उन्हें हार्ट अटैक होने की आशंका तीन गुना बढ़ जाती है.
भारी और पीड़ादायक महावारी एंडोमेट्रियोसिस विकार के कारण होती है. इस विकार की वजह से यूटरस यानी गर्भाशय की बाहरी परत पर टिशूज की असामान्य वृद्धि होने लगती है.
अमेरिका के बोस्टन शहर के ब्रिंघम एंड विमेन हॉस्पिटल में हुई एक रिसर्च में यह तथ्य सामने आया है. इसके मुख्य लेखक , फैन मू के मुताबिक, एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं में दूसरी महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा तीन गुना अधिक होता है. चौंकाने वाली बात यह है कि युवावस्था में यह जोखिम अधिक होता है.
इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने नर्सेस हेल्थ स्टडी के दूसरे भाग की एक लाख 16 हजार 430 महिलाओं के आंकड़ों का आकलन किया. शोधार्थियों का कहना है कि एंडोमेट्रियोसिस के ऑपरेशन से भी आंशिक रूप से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है.
यह शोध ‘सर्कुलेशन कार्डियोवस्कुलर क्वालिटी एंड आउटकम्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.