जानें क्यों जरुरी है ब्रेस्टफीडिंग

दुनिया भर में केवल पांच में से दो बच्चे जन्म के दो घंटे के भीतर स्तनपान का लाभ ले पाते  हैं – वह  सुनहरे घंटे शिशु को बढ़ने और विकसित होने का सबसे अच्छा मौका देते है. ब्रेस्टफीडिंग  नई  माताओं  को  अपने शिशु  के  साथ शारीरिक और भावनात्मक  रूप से  बांड बनाने में मदद करती है. जन्म से लेकर छह महीनों तक शिशु के स्वास्थ्य के लिए स्तनपान  बहुत  महत्वपूर्ण है. मां का दूध  शिशुओं में  शारीरिक  विकास को बढ़ावा देने के साथ, पोषक तत्व भी प्रदान करता है.

श्री राजेश वोहरा, चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, आर्ट्साना ग्रुप, इन एसोसिएशन विद कीको रिसर्च सेंटर, बताते हैं कि शिशु के साथ-साथ स्तनपान मां के लिए भी अति लाभदायी  होता है. स्तनपान के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक लाभ यह है कि स्तनपान कराने की सुविधा देने वाला मुख्य हार्मोन गर्भाशय को उसकी पूर्व स्थिति मे लाने में  मदद  करता है. नई माताओं में  यह मोटापा और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के साथ-साथ स्तन और ओवेरियन कैंसर के खतरे को भी  कम करता है. पहले के समय में  माताएं  घर  पर  रह  कर शिशु का लालन- पोषण  करती थी और उनको छह माह से लेकर साल भर  तक स्तनपान कराती थी.

लेकिन आज की परिस्थिति कुछ अलग  है. आजकल अधिकांश माताएं   काम पर जाती  हैं और उन्हें लंबे समय तक घर  से दूर रहना पड़ता है. हालांकि पिछले कुछ महीनों से बहुत सी माताएं घर से ही काम कर रही हैं , लेकिन घर के काम और ऑफिस के रूटीन के चलते वह हर समय शिशु को स्तनपान नहीं करा पाती , जिससे नई माताओं के लिए स्तनपान का अभ्यास जारी रखना मुश्किल हो जाता है. लेकिन, यह सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है कि शिशु कम से कम छह महीने से लेकर एक साल तक के लिए विशेष रूप से स्तनपान पर निर्भर रहे.

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संक्रमण को रोकने में मदद करने के लिए कुछ सुझाव शिशु के पोषण के साथ साथ एक मां को स्तनपान कराते समय स्वच्छता का भी अधिक ध्यान देना चाहिए.

  • आपको अपने बच्चे को स्तनपान कराने से पहले एवं बाद में अपने हाथों को अच्छे से धोना चाहिए. हाथ धोने से सर्दी, फ्लू और पेट से जुड़ी समस्याएं नहीं होतीं.
  • अपने निपल्स को साफ और सूखा रखें
  • अपने निपल्स को धोने के लिए अल्कोहल युक्त सुगंधित साबुन या किसी भी चीज़ का उपयोग न करें. यह सूखापन पैदा कर सकता है और आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है.
  • यदि आप ब्रेस्ट पैड्स का उपयोग करते हैं, तो नम हो जाने पर उन्हें बदलना अनिवार्य है जिससे कि बैक्टीरिया या फंगल संक्रमण का खतरा न हो
  • स्तनपान करने वाली माताओं को अपने कपड़े रोज़ बदलने चाहिए और जितना हो सके वह हवादार कॉटन के कपडे ही पहनें

नई  माताओं  को  साफ़ – सफाई के साथ-साथ अपने खान- पान का बहुत ख्याल रखना चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्तनपान  कराते समय आपके शरीर को उन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो दूध की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होते हैं. इसलिए नई माताओं को पौष्टिक आहार में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि खाना चाहिए जिससे शिशु को भी पोषण मिले.

कोलोस्ट्रम के लाभ

कोलोस्ट्रम मां द्वारा निर्मित पहला दूध होता है और इसमें नवजात शिशु के लिए कई फायदे हैं- यह शिशु को एक मज़बूत इम्यून सिस्टम बनाने में मदद करता है; कोलोस्ट्रम में पाए जाने वाले पदार्थ शिशु की जीवाणुजनित और विषाणुजनित संक्रमणों से रक्षा करने में मदद करते हैं. मां  के दूध में प्राकृतिक एंटीबॉडीज़ होते हैं, जो शिशुओं को गैस्ट्राइटिस, दस्त और निमोनिया जैसी बिमारियों से बचाते हैं. और शिशुओं के मानसिक विकास में भी मदद करते हैं.

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शिशु की देखभाल में  अक्सर व्यस्त  हो जाने के कारण नई  माताएं अपना  ख्याल ठीक से नहीं रख पाती है.  एक स्वस्थ  शरीर और स्वस्थ  दिमाग ही एक स्वस्थ  और खुशनुमा जीवन प्रदान कर सकता है इसलिए अपने शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए नई माताओं को  दिन में कुछ समय अपने लिए रखना चाहिए.जिससे वह खुश  रहे , स्वस्थ  रहे  और  अपने शिशु व  परिवार  की देखभाल भी अच्छे से कर  पाएं.

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