कुछ दिनों से देवर के व्यवहार में बदलाव की वजह से परेशान हूं?

सवाल-

मैं 25 साल की शादीशुदा महिला हूं. हम एक शहर में किराए के मकान में रहते हैं. कुछ दिन पहले मेरे पति के छोटे भाई यानी मेरा देवर हमारे साथ रहने आया हुआ है. देवर अभी अविवाहित है. पति औफिस के काम में बिजी रहते हैं, इस वजह से मैं देवर के साथ शौपिंग आदि करने लगी. इधर कुछ दिनों से उस के व्यवहार में बदलाव की वजह से परेशान हूं. वह अब जानेअनजाने मेरे पास आने की कोशिश करता है. मुझे छूना चाहता है. समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूं? मैं नहीं चाहती कि इस वजह से दोनों भाइयों में दूरियां बनें. कई बार लगा कि पति से बात करूं पर बहुत कुछ सोच कर रुक जाती हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

संभव है कि ज्यादा हंसीमजाक कर आप ने उसे सिर चढ़ा लिया है. देवर और भाभी का संबंध बहुत पवित्र होता है और अगर आप का देवर इस मर्यादा को भूल कर गलत मंशा रखता है, तो उस से दूरी बना कर रखें. शौपिंग या बाजार आदि भी देवर के साथ नहीं पति के साथ जाएं.

आप अपनी छोटीमोटी जरूरतों का सामान पति के साथ भी जा कर खरीद सकती हैं. पति के औफिस से आने के बाद नजदीकी बाजार में खरीदारी कर सकती हैं. इस से पति को भी अच्छा लगेगा. सप्ताह के अंत या जिस दिन पति की छुट्टी हो, साथ जा कर पूरे सप्ताह की खरीदारी कर लें.

इस दौरान आप को संयम से काम लेना होगा. देवर को रिश्ते की मर्यादा बताएं, बावजूद इस के अगर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता तो पति और घर वालों से बात कर सकती हैं.

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बड़े शहरों में सब से बड़ी समस्या आवास की होती है. 2 कमरों के छोटे से फ्लैट में पतिपत्नी, बच्चे और सासससुर रहते हैं. ऐसे में पतिपत्नी एकांत का नितांत अभाव महसूस करते हैं. एकांत न मिल पाने के कारण वे सैक्स संबंध नहीं बना पाते या फिर उन का भरपूर आनंद नहीं उठा पाते क्योंकि यदि संबंध बनाने का मौका मिलता है तो भी सब कुछ जल्दीजल्दी में करना पड़ता है. संबंध बनाने से पूर्व जो तैयारी यानी फोरप्ले जरूरी होता है, वे उसे नहीं कर पाते. इस स्थिति में खासकर पत्नी चरमसुख की स्थिति में नहीं पहुंच पाती है. पतिपत्नी को डर लगा रहता है कि कहीं बच्चे न जाग जाएं, सासससुर न उठ जाएं. मैरिज काउंसलर दीप्ति सिन्हा का कहना है, ‘‘संबंध बनाने के लिए एकांत न मिलने के कारण महिलाएं चिड़चिड़ी, झगड़ालू और उदासीन हो जाती हैं और फिर धीरेधीरे दांपत्य जीवन में दरार पड़नी शुरू हो जाती है, यह दरार अनेक समस्याएं खड़ी कर देती है. कभीकभी तो नौबत हत्या या आत्महत्या तक की आ जाती है.’’

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मेरे देवर को क्राइम शो देखने की लत लग गई है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं 32 वर्षीया विवाहिता हूं. सासससुर नहीं रहे इसलिए 17 साल का देवर साथ ही रहता है. मैं उसे अपने बच्चे जैसा प्यार करती हूं. पर इधर कुछ दिनों से देख रही हूं कि वह टीवी पर अकसर क्राइम शो देखता है और उसी पर बातें भी करता है. कुछ दिनों पहले उस का 2-4 लड़कों से झगड़ा भी हो गया था. मैं ने डांटा तो पलट कर जवाब तो नहीं दिया पर उस ने उस दिन से मुझ से बात कम करता है. क्राइम शो देखने की लत कई बार मना करने पर भी उस ने नहीं छोड़ी है. उस की यह लत उसे गलत दिशा में तो नहीं ले जाएगी? कृपया उचित सलाह दें?

जवाब-

टीवी पर दिखने वाले अधिकतर क्राइम शो काल्पनिक होते हैं, जो समाज में जागरूकता तो नहीं फैलाते अलबत्ता लोगों को गुमराह जरूर करते हैं.

अकसर रिश्ते में धोखाधड़ी, एक दोस्त द्वारा दूसरे दोस्त का कत्ल, पैसे के लिए हत्या, शादी में धोखा, अवैध संबंध, पतिपत्नी में रिश्तों में विश्वास का अभाव दिखाना कहीं न कहीं लोगों के मन में अपनों के प्रति अविश्वास का भाव ही पैदा करता है. यकीनन, टीवी पर दिखाए जाने वाले अधिकतर क्राइम शो न सिर्फ रिश्तों को प्रभावित करते हैं, अपराधियों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाते हैं.

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हाल ही में एक खबर सुर्खियों में आई थी जिस में एक आदमी ने अपनी ही पत्नी की निर्मम हत्या कर दी थी. जब वह पकड़ा गया तो उस ने पुलिस को बताया कि यह हत्या उस ने टीवी पर प्रसारित एक क्राइम शो देखने के बाद की थी. यह कोई एक मामला नहीं. आएदिन ऐसी घटनाएं घट रही हैं.

अधिकतर क्राइम शो में दिखाया जाता है कि अपराधी किस तरह अपराध करते वक्त एहतियात बरतता है, ताकि वह कानून के चंगुल में फंस न सके. इस से कहीं न कहीं आपराधिक मानसिकता के लोगों का गलत मार्गदर्शन ही होता है.

बच्चों को तो इन धारावाहिकों से दूर ही रखने में भलाई है. और फिर आप के देवर की उम्र तो अभी काफी कम है. उस का मन अभी पढ़ाई की ओर लगना चाहिए. आप उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें. उसे अच्छी पत्रिकाएं या अच्छा साहित्य पढ़ने को दें या प्रेरित करें. आप चाहें तो अपने पति से भी बात करें ताकि समय रहते उसे सही दिशा की ओर मोड़ा जा सके.

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