कैसे करें घर बैठे मोटी कमाई

एक मशहूर कहावत है कि ऐवरी क्राइसिस कम विद एन औपर्चयुनिटी यानी हर आपदा एक अवसर ले कर आती है. कोरोना भी एक आपदा है, लेकिन कोरोना आपदा की शक्ल में कई सारे अवसर ले कर आया है खासकर उस तरह  के व्यवसाय और काम के लिए, जो पढ़ाई, आईटी, टैक्नोलौजी से संबंधित हैं, वर्चुअल दुनिया के प्रोडक्ट हैं, डिजिटल प्रोडक्ट हैं. क्योंकि कोरोना के समय में जिस तरह से लोग एकदूसरे से दूर हो कर घर में बंद हो गए हैं, वहां पर सौफ्टवेयर, आईटी, औनलाइन डिलिविरी, वर्चुअल ऐजुकेशन, ऐप्लिकेशंस इन सब की डिमांड बढ़ी है. जूम रातोंरात करोड़पति ऐप्लिकेशन बन गई है. और भी कई ऐप्लिकेशंस का यही हाल है.

इस आपदा के समय कोचिंग का व्यवसाय भी खूब फूलफल रहा है. वैसे तो यह व्यवसाय पहले भी खूब फलफूल रहा था, लेकिन जब से स्कूलकालेज बंद हुए हैं तब से इस व्यसाय के बढ़ने की संभावना और बढ़ गई है. इसलिए अगर आप घर में खाली बैठे हैं, आप की नौकरी नहीं है या फिर आप का बिजनैस डाउन हो गया है, तो आप अपने अंदर के हुनर को तराश कर इसे बिजनैस के तौर पर शुरू कर सकते हैं. जानिए कैसे:

घर बैठे सीखें केक बनाना

घर में किसी का बर्थडे हो या फिर ऐनीवर्सरी या फिर न्यू बौर्न बेबी के वैलकम की बात हो, हर शुभ अवसर पर केक कटिंग का चलन आम हो गया है. ऐसे में कोरोना की दस्तक ने इस बिजनैस को तेजी से बढ़ाने का काम किया है. अब लोग मार्केट से केक लाने से परहेज करने लगे हैं, इस की जगह वे अपने करीबी से या फिर खुद घर पर केक बनाना ज्यादा अच्छा औप्शन सम झते हैं. ऐसे में अगर आप में केक बनाने की कला है तो आप अपने इस हुनर को खुद तक ही सीमित न रखें बल्कि दूसरों को भी सिखा कर आप अच्छाखासा पैसा कमा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- सिलाई-कढ़ाई: हुनर को बनाएं बिजनैस

इस संबंध में मेराकी होम बेकरी की दीप्ति जांगड़ा बताती हैं कि उन में केक बनाने का जनून है और उन के इस हुनर को लौकडाउन के समय काफी बढ़ावा मिला है. वे सिंपल से ले कर कस्टोमाइज्ड डिजाइनर केक तक बनाती हैं यानी जिसे जैसा केक चाहिए होता है उसी तसवीर को हूबहू केक पर उतारने की कला है उन में. उन्होंने बताया कि लोग उन के इस हुनर को बहुत अधिक प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिस से उन में उत्साह और अधाक बढ़ गया है. यह उन की आमदनी का अच्छा साधन बन गया है, जो उन में कौन्फिडैंस बढ़ाने का काम करता है.

वे बताती हैं कि बेसिक केक सीखने के लिए क्व1,500 से क्व2,000, तो वहीं डिजाइनर केक बनाने की कला को सीखने के लिए क्व3,000 से क्व5,000 तक खर्च करने पड़ते हैं. कहने का तात्पर्य यह है कि अगर आप में हुनर है तो आप घर बैठे औनलाइन ट्रेनिंग दे कर अपनी आमदनी कर सकते हैं. यकीन मानिए इस से आप को जो खुशी मिलेगी उस का अंदाजा भी आप को नहीं होगा. बस आप को अपने हुनर को तराश कर उसे सही प्लेटफौर्म देने की जरूरत होती है.

डांस क्लासेज

डांस सदियों से पसंद किया जाता रहा है, जिस के कारण यह हमेशा से ही डिमांड में रहता है. चाहे संगीत हो या शादी या फिर पार्टी अथवा गैटटुगैदर, हर जगह डांस का अपना महत्त्व होता ही है. आज तो डांस के इतने प्रौब्लम आने लगे हैं कि उन में भाग लेने के लिए डांस की ट्रेनिंग लेनी बहुत जरूरी होती है ताकि बेहतर सीख कर अव्वल आ सकें. इस के लिए लोग मुंहमांगा पैसा देने के लिए भी तैयार रहते हैं. अगर आप किसी खास तरह के डांस जैसे हिप होप, बैलेट, फोक डांस, क्लासिक डांस इत्यादि को अच्छे से जानते हैं तो आप इस की औनलाइन ट्रेनिंग दे कर अपने स्किल्स को बढ़ाने के साथसाथ इस प्रोफैशन से अच्छाखासा कमा सकते हैं, क्योंकि घर से इस बिजनैस को शुरू करने पर इस की लागत न के बराबर ही आएगी.

पर्सनैलिटी डैवलपमैंट

कोरोना ने हर किसी को घर में बैठा दिया है, फिर चाहे बात बड़ों की हो या फिर बच्चों की, ऐसे में घर में बोरियत का माहौल हो गया है. हरकोई बदलाव चाहता है. ऐसे में अगर आप में वह है कि आप दूसरों को पर्सनैलिटी डैवलपमैंट की ट्रेनिंग दे सकते हैं तो यह समय आप के लिए गोल्डन चांस का काम करेगा, क्योंकि हर पेरैंट्स इस समय का फायदा उठा कर अपने बच्चों को सब सिखाना चाहते हैं, जिस से पढ़ाई के साथ उन की पर्सनैलिटी डैवलप हो. ऐसे में आप इस समय अपने हुनर का फायदा उठा कर औनलाइन पर्सनैलिटी डैवलपमैंट के कोर्स शुरू करें. आप औफर्स भी दे सकते हैं कि बच्चे के साथ पेरैंट्स भी अगर सीखते हैं तो आप को डिस्काउंट मिलेगा. बता दें कि पर्सनैलिटी डैवलपमैंट के कोर्सेज की काफी डिमांड रहती है. आप को अगर 3-4 लोग भी मिल गए तो भी आप महीने में क्व12,000 से क्व15,000 तक कमा लेंगे. बस जरूरत है आप को अपने हुनर को सही तरह से इस्तेमाल करने की.

कोडिंग क्लासेज

बच्चे सम झ गए हैं कि अगर टैक्नोलौजी वर्ल्ड में पहचान बनानी है तो कोडिंग से नाता जोड़ना ही पड़ेगा, क्योंकि आज के समय में टैक्नोलौजी की मदद लेनी ही पड़ती है. ऐसे में आईटी टीचर्स के लिए जहां सुनहरे अवसर खुल गए हैं वहीं बच्चों को भी इस के माध्यम से कुछ नया सीखने को मिल रहा है, जो उन के भविष्य को और उज्ज्वल बनाने का काम करेगा. बता दें कि कोडिंग प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को कहते हैं, जिस की मदद से ऐप्स, वैबसाइट व सौफ्टवेयर बना सकते हैं. कोरोना के बाद से तो कोडिंग की काफी डिमांड बढ़ी है. ऐसे में अगर आईटी से जुड़े हुए हैं और आप को कोडिंग का अच्छाखासा ज्ञान है तो आप इस में औनलाइन कोचिंग दे कर मोटा पैसा कमा सकते हैं. इस से आप के ज्ञान में वृद्धि भी होगी और आप मोटा पैसा भी कमा पाएंगे.

कैरियर काउंसलिंग

बहुत सारे बच्चे असमंजस की स्थिति में रहते हैं कि 10वीं के बाद कौन सी स्ट्रीम चुनें या फिर 12वीं के बाद किस सैक्टर में अपना कैरियर बनाएं. असल में उन पर पेरैंट्स का भी दबाव होता है और साथ ही देखादेखी भी. ऐसे में वे अपने अंदर की प्रतिभा को जान नहीं पाते और गलत निर्णय लेने के कारण कई बार उन्हें पछताना भी पड़ता है. ऐसे में कैरियर काउंसलिंग बच्चों के लिए बहुत काम की साबित होती है ताकि उन से बात कर के उन की रुचि को जान कर और उन्हें किस जगह पर दिक्कत आती है उसे गहराई से सम झ कर उन्हें किस क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहिए, कैरियर काउंसलिंग के माध्यम से मदद की जाती है. इस से उन्हें जहां कैरियर चुनने में मदद मिलती है वहीं उन्हें सही कैरियर चुनने से आगे सक्सैस मिलने के चांसेज भी काफी बढ़ जाते हैं.

कैरियर काउंसलिंग का महत्त्व कोरोना के टाइम में तो और अधिक बढ़ गया है, क्योंकि बच्चों का कैरियर चौपट सा हो गया है. ऐसे में उन के मन के संदेह को कैरियर काउंसलिंग के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है. इस क्षेत्र में पैसा भी अच्छाखासा मिलता है. जैसे आप ने अगर 2 घंटे बच्चे की काउंसलिंग की तो आप एक बच्चे से कम से कम 2,000 से 3,000 तक कमा लेंगे. ऐसे में अगर आप में हुनर है और आप पेरैंट्स व बच्चों को सही गाइड कर सकते हैं, तो फिर औनलाइन कैरियर काउंसलिंग कर के कमाएं पैसा.

ये भी पढ़ें- अपना स्वास्थ्य करें सुरक्षित

फिटनैस ट्रेनिंग

आज अधिकांश लोग अपनी हैल्थ को ले कर ज्यादा सजग हो गए हैं. तभी तो उन के रूटीन में जुंबा, ऐरोबिक्स, जिम आदि शामिल हो गया है. यही नहीं वे इन के लिए हर महीने हजारों रुपए खर्च करने में भी गुरेज नहीं करते. सही भी है कि अगर आप स्वस्थ हैं तभी आप जीवन को अच्छे से ऐंजौय कर पाओगे. लेकिन कोरोना ने फिटनैस पर थोड़ा ब्रेक लगा दिया है. अब लोग जिम व अन्य ऐक्सरसाइज के लिए किसी ट्रेनर के पास जा कर सीखना उचित नहीं सम झ रहे हैं. ऐसे में उन की जरूरत और आप का हुनर आप की आमदनी का साधन बना सकता है. आप जूम, मीट जैसे ऐप्स की मदद ले कर उन्हें घर बैठे फिटनेस की ट्रेनिंग दे सकते हैं. यकीन मानिए आज के समय में आप का यह हुनर बहुत फायदे का साबित होगा क्योंकि अब और लोग अपनी हैल्थ से सम झौता नहीं करना चाहते हैं. आप फीस दिनों, घंटों व कोर्स के आधार पर रख कर काफी फायदा कमा सकते हैं.

इस संबंध में एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज के हैल्थ ऐंड फिटनैस कंसल्टैंट हरीश कुमार शर्मा बताते हैं कि अगर आप में फिटनैस की ट्रेनिंग देने का हुनर है तो आप इस  से पर आवर एक व्यक्ति से स्टैंडर्ड कोर्स के क्व500 से क्व800 कमा सकते हैं. कोर्स के टाइप के हिसाब से आप फीस चार्ज कर के अपनी इनकम को बढ़ा सकते हैं.

ऐंट्रैंस कोचिंग

कोचिंग का बाजार तो हमेशा से ही गरम रहा है, लेकिन अब कोरोना के कारण औनलाइन कोचिंग की डिमांड और बढ़ गई है, क्योंकि न तो पेरैंट्स अपने बच्चों की पढ़ाई में ब्रेक लगने देना चाहते हैं और न ही बच्चे खुद. ऐसे में उन्हें चाहे फिर बात हो जौइंट ऐंट्रैंस ऐग्जामिनेशन की, ग्रैजुएट ऐप्टीटूड टैस्ट इन इंजीनियरिंग या फिर बैंकिंग सैक्टर इत्यादि की, वे औनलाइन कोचिंग के जरीए खुद को तैयार कर रहे हैं ताकि किसी भी कीमत पर उन्हें हार न मिले. ऐसे में अगर आप किसी भी फील्ड में कोचिंग दे सकते हैं और आप को अच्छाखासा ज्ञान है तो आप औनलाइन ऐंट्रैंस कोचिंग दे कर घर बैठे घंटे के हिसाब से काफी अच्छा कमा सकते हैं. आज इस प्रोफैशनल से लोग प्रति महीना का हजारोंलाखों कमा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- मिरर से यों सजाएं घर

बिजनैस कोचिंग

अगर कोरोना के कारण आप की नौकरी चली गई है या फिर आप नौकरी छोड़ कर खुद का बिजनैस करना चाहते हैं, लेकिन सम झ नहीं आ रहा कि कैसे चुनें सही बिजनैस, जिस से खुद को भी मुनाफा हो और कस्टमर्स में भी अच्छी पहचान बन सके तो इस के लिए आप को बिजनैस ट्रेनर की मदद लेनी पड़ेगी ताकि आप को बिजनैस को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनर से छोटी से छोटी जानकारी मिल सके. अगर आप को बिजनैस और मार्केट की अच्छीखासी जानकारी है और आप व्यक्ति से बात कर के जान सकते हैं कि उसे किस बिजनैस में सफलता मिल सकती है या नहीं, मार्केट में क्या ज्यादा डिमांड में है, तो आप औनलाइन बिजनैस कोचिंग दे कर अपनी आमदनी बढ़ाने के साथसाथ लोगों को बिजनैस शुरू करने में मदद भी कर सकते हैं.

सब्जैक्ट कोचिंग

कोरोना के कारण वर्क फ्रौम होम का कल्चर बढ़ा है. ऐसे में अगर पतिपत्नी दोनों वर्किंग हैं तो वे अपने बच्चों को पढ़ाई में पूरा टाइम नहीं दे पा रहे हैं. साथ ही स्कूल की औनलाइन क्लासेज भी मात्र खानापूर्ति ही हो रही है. ऐसे में बच्चों को कोचिंग की जरूरत पड़ रही है. अगर आप किसी भी सब्जैक्ट के ऐक्सपर्ट हैं तो आप औनलाइन सब्जैक्ट कोचिंग दे सकते हैं. इस में कम टाइम में आप ज्यादा पैसा कमा सकते हैं. आप औनलाइन ग्रुप कोचिंग भी कर सकते

हैं या फिर इनडिविजुअल भी. इस से आप के ज्ञान में भी वृद्धि होगी और आप की आमदनी  भी बढ़ेगी.

औनलाइन बिजनैस शुरू करने के लिए कैसे करें तैयारी

–  इसे शुरू करने के लिए आप सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सऐप, फेसबुक की मदद ले कर अपने परिचितों तक इस की जानकारी पहुंचाएं. उन्हें कहें कि वे इस संदेश को आगे फौरवर्ड करें ताकि आप को अच्छा रिजल्ट मिले. इस से आप दोस्तों, सगेसंबंधियों के जरीए अजनबियों तक पहुंच बना पाएंगे.

–  3-4 फ्री क्लासेज दें ताकि सीखने वाले जान सकें कि आप में कितना हुनर है.

–  फीस सही व सटीक रखें. लेकिन अपनी मेहनत का सही मूल्य आंकना न भूलें.

–  जिस भी विषय में आप कोचिंग दे रहे हैं, उस की आप को गहराई से जानकारी होनी चाहिए. हर क्लास में आप को क्या पढ़ाना है इस की पहले से तैयारी करें ताकि अधूरी जानकारी के साथ आप लोगों के सामने खुद को प्रेजैंट न करें.

–  घर के इंटीरियर को थोड़ा बदलें ताकि बैकग्राउंड अच्छी दिखे.

–  रिसर्च अच्छे से करें ताकि आप को बिजनैस में सफलता मिले.

–  आप औनलाइन प्लेटफौर्म के जरीए बिजनैस को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करें.

सावधान ! बदल गई है जॉब मार्केट, खुद को काम का बनाए रखने की कोशिश करें  

यह कहने की जरूरत नहीं है कि कोरोना ने बहुत कुछ ही नहीं बल्कि सब कुछ ही बदल दिया है. पिछले लगभग दो सालों से जिस तरह से पूरी दुनिया कोरोना महामारी के शिकंजे में है, उसका ग्लोबल जॉब मार्केट में जबरदस्त असर हुआ है, इसका खुलासा एमआई यानी मैकिंजे इंटरनेशनल के एक हालिया सर्वे से हुआ है. दुनिया के आठ देशों में जहां धरती की 50 फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है और जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था का 62 फीसदी जीडीपी का उत्पादन होता है. ऐसे आठ देशों में मैकिंजे इंटरनेशनल ने पिछले दो सालों में बदले हुए जॉब ट्रेंड एक सर्वे किया है और कॅरियर शुरु करने के इंतजार में खड़ी पीढ़ी को सावधान किया है कि वे जल्द से जल्द अपने आपको नयी परिस्थितियों के मुताबिक ढालें वरना अप्रासंगिक हो जाएंगे.

मैकिंजे इंटरनेशनल ने जिन आठ देशों की अर्थव्यवस्था पर नजर रखी है और वहां के जॉब मार्केट में सर्वे किया है, उसमें चीन, भारत, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, जापान, यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमरीका शामिल हैं. इन सभी देशों में कम या ज्यादा मगर पिछले दो सालों में नौकरियां कम हुई हैं. कहीं 8 से 10 फीसदी तक तो कहीं 20 से 25 फीसदी तक और इन नौकरियों के कम होने में सबसे बड़ी भूमिका है आटोमेशन की. शोध अध्ययन से पता चला है कि बड़े पैमाने पर जॉब  कुछ विशेष क्षेत्रों में समाहित हो गये हैं. मैकिंजे के विस्तृत अध्ययन से पता चला है कि पिछले दो सालों में 800 से ज्यादा प्रोफेशन, 10 कार्यक्षेत्रों में समाहित हो गये हैं और खरीद-फरोख्त के मामले में तो ऐसा उलटफेर कर देने वाला परिवर्तन हुआ है कि कोरोना से पहले जहां ग्लोबल शोपिंग में ऑनलाइन  शोपिंग की हिस्सेदारी 35 से 40 फीसदी थी, वहीं पिछले दो सालों में यह बढ़कर 80 फीसदी तक हो गई है.

हालांकि यह स्थायी डाटा नहीं रहने वाला. क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर ऑनलाइन, शोपिंग इसलिए भी इन दिनों हुई  से क्योंकि इस दौरान दुनिया के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन लगा हुआ था. बावजूद इसके मैकिंजे इंटरनेशनल शोध अध्ययन की पहली किस्त का साफ तौरपर निष्कर्ष है कि खरीद-फरोख्त की दुनिया में कोरोना महामारी ने आमूलचूल परिवर्तन कर दिया है. इस महामारी के खत्म होने के बाद भी यह परिवर्तन लौटकर पहली वाली स्थिति में नहीं आने वाला. आज की तारीख में राशन से लेकर सिरदर्द की टैबलेट तक लोग बड़ी सहजता से ऑनलाइन मंगवा रहे हैं. आश्चर्य तो इस बात का भी है कि बड़ी तेजी से इन लॉकडाउन के दिनों में अलग अलग शहरों के मशहूर स्नैक्स तक 24 से 48 घंटों के अंदर देश के एक कोने से दूसरे कोने में डिलीवर होने लगे हैं. इलाहाबाद के पेड़े (अमरूद) ही नहीं अब समोसे भी 24 घंटे के अंदर नागपुर, भोपाल, मुंबई, पुणे और विशाखापट्टनम में खाये जा सकते हैं.

वैसे कभी न कभी तो यह सब होना ही था. लेकिन कोरोना महामारी ने इसकी रफ्तार बहुत तेज कर दी है. पिछले दो सालों में ई-कॉमर्स  और आटोमेशन में जबरदस्त इजाफा हुआ है और इस इजाफे में कैटेलेटिक एजेंट की भूमिका कामकाजी लोगों का बड़े पैमाने पर घर में रहना यानी वर्क फ्राम होम की स्थिति ने निभाया है. पिछले दो सालों के भीतर औसतन पूरी दुनिया में करीब 25 फीसदी सेवा क्षेत्र की नौकरियों में इंसानों की उपस्थिति खत्म हो चुकी है,उनकी जगह या तो रोबोट ने ले ली है या कम स्टाफ ने. शायद इस महामारी के खत्म होने के कुछ सालों बाद ही दुनिया आश्चर्यजनक ढंग से इस महामारी के दौरान दुनिया में हुए रातोंरात तूफानी परिवर्तनों को महसूस करे, अभी तो यह सब कुछ बहुत तात्कालिक लगता है और कहीं न कहीं यह भी लगता है कि महामारी के जाते ही दुनिया शायद पुरानी जगह लौट आयेगी. लेकिन इतिहास इस अनुमान का, इस भरोसे का साथ नहीं देता.

इतिहास बताता है कि किसी भी क्षेत्र में हुआ कोई भी बदलाव आसानी से पहले की स्थिति में नहीं लौटता. यूरोप में और अमरीका में पिछले दो सालों के भीतर सफाई के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मशीनों का आगमन हुआ है. आज की तारीख में अमरीका में 18 से 20 फीसदी तक और यूरोप में 12 से 15 फीसदी तक रोबोट सफाई कर्मचारियों के रूप में मोर्चा संभाले हुए हैं. कोरोना संकट खत्म होने के बाद विशेषज्ञों को नहीं लगता कि रोबोट वापस शो रूम में चले जाएंगे. मैकिंजे की मानें तो आने वाले सालों में रोबोट इंसानों को अनुमान से 50 फीसदी ज्यादा चुनौती देने जा रहे हैं. हां, कुछ क्षेत्र इस दौरान ऐसे भी उभरकर सामने आये हैं, जहां मैनपावर यानी इंसानों की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस हुई है. इसमें सबसे प्रमुख क्षेत्र निःसंदेह चिकित्सा का है . दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जहां कोरोना त्रासदी के दौरान, डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी महसूस न हुई हो. भारत, चीन जैसे जनसंख्या प्रधान देशों में डॉक्टरों को सामान्य समय के मुकाबले कोरोनाकाल में करीब 2.5 से 3 गुना तक कमी महसूस कराई गई है.

यही हाल चिकित्सा क्षेत्र में देखरेख का मुख्य आधार नर्सों का भी है. दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जो आज की तारीख में अपनी कुल जरूरत की 80 फीसदी तक नर्सें रखता हो. दुनिया के बहुत सारे देशों में भारत से ही नर्सें जाती हैं या उनकी बड़ी जरूरत को किसी हद तक पूरा करते हैं. लेकिन इस कोरोना महामारी के दौरान भारत में 300 फीसदी से ज्यादा नर्सों की कमी महसूस की गई. हालांकि नर्से उपलब्ध हो जाएं तो भी भारत के चिकित्सा क्षेत्र के पास इतने संसाधन नहीं है कि वह उन्हें नौकरी दे सके. लेकिन कोरोना की रह-रहकर आयी लहरों ने साबित किया है कि डॉक्टर, नर्स और इस क्षेत्र के दूसरे सहायकों की आज पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है और आने वाले भविष्य में भी यह जरूरत बनी रहने वाली है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें