सवाल-
मेरी उम्र 35 वर्ष है. 15 वर्ष पहले बीए किया था. अब तक बेरोजगार हूं. कौल सैंटर में नौकरी करना चाहता हूं, परंतु खुद पर आत्मविश्वास नहीं है कि नौकरी मिलेगी या नहीं. मेरी गणित कमजोर है और इंग्लिश भी. नौकरी में स्टैबिलिटी भी नहीं है. क्या मुझे ऐसी नौकरी करनी चाहिए?
जवाब-
आप ने 15 वर्ष पहले बीए किया तो आप को इतने लंबे समय बेरोजगारी में नहीं काटने चाहिए थे, किसी प्रकार की नौकरी ढूंढ़ लेनी चाहिए थी. खैर, जो बीत गई सो बात गई. वर्तमान पर आते हैं. कौल सैंटर की नौकरी में भाषा का चुनाव होता है, इंग्लिश का ज्ञान जरूरी नहीं और न ही गणित का. यदि आप की बोली साफ है तो आप को आसानी से नौकरी मिल जाएगी. रही बात सफलता और स्टैबिलिटी की, तो कुछ साल नौकरी करने के बाद आप अनुभव प्राप्त कर कोई और नौकरी भी ढूंढ़ सकते हैं. इस से आप में आत्मविश्वास भी आ जाएगा.
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विशाल रोजाना की तरह अपने औफिस गया. वहां जाने पर उसे पता चला कि कंपनी घाटे में चलने और आर्थिक मंदी के कारण कर्मचारियों की छंटनी कर रही है जिस में उस का नाम भी है. कंपनी ने अपने 1,600 कर्मचारियों में से 600 की छुट्टी कर दी.
विशाल के पैरों तले जमीन खिसक गई. उस पर अपने परिवार का दायित्व था. उसे वह कैसे निभाएगा? यह सोचते हुए वह लौट रहा था कि अचानक उस की मुलाकात उस के एक प्रोफैसर से हुई, जिन्होंने उसे 10 वर्ष पूर्व पढ़ाया था. बातों ही बातों में उस ने बताया कि छंटनी की वजह से उस की नौकरी चली गई और अब वह बेरोजगार हो गया है.
प्रोफैसर ने उसे दिलासा देते हुए कहा, ‘‘कोई बात नहीं. एक दरवाजा बंद होता है तो दूसरा खुलता है. इसलिए निराश न हो. तुम पढ़ेलिखे हो, अनुभवी हो और काबिल भी हो. आज नहीं तो कल, तुम्हें जौब अवश्य मिल जाएगी. हां, इस के लिए कोशिश अभी से जारी कर दो. अपनी सोच सकारात्मक रखो और आत्मविश्वास को डगमगाने मत दो, फिर देखो कितनी जल्दी दूसरी नौकरी मिलती है.’’
रोहित जिस फैक्ट्री में काम करता था, उसे किसी अन्य ने खरीद लिया और उसे कंप्यूटरीकृत कर दिया. इस से उस की जगह कंप्यूटरों ने ले ली. कंपनी ने उसे नौकरी से हटा दिया. वह पिछले 8 सालों से सुपरवाइजर का काम कर रहा था.
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