Winter Special: क्या आपके जोड़ो में भी है दर्द!

ये बात तो आप जानते ही हैं कि शरीर के वे हिस्से जहां हड्डियां आपस में मिलती हैं, उन्हें ही जोड़ कहते हैं. जैसे घुटने, कंधे, कोहनी आदि-आदि. अगर शरीर के इन जोड़ों में कठोरता या सूजन जैसी किसी भी तरह की तकलीफ हो जाती है तो इससे आपको दर्द शुरू हो जाता है और इसे ही जोड़ों में दर्द होने की शिकायत कहा गया है. आजकल देखा गया है कि शरीर में जोड़ों के दर्द की समस्या एक आम सी समस्या बनती जा रही है और इस कारण से लगातार अस्पताल जाते रहने और दवा खाना की मजबूरी हो ही जाती है.

एक बात जो आपके जाननी चाहिए कि ‘अर्थराइटिस’ की शिकायत, जोड़ों में दर्द होने का सबसे आम कारण है. पर इसके अलावा जोड़ों में दर्द होने की कई और भी अन्य वजहे होती हैं, जैसे कि लिगामेंट, कार्टिलेज या छोटी हड्डियों में से किसी की भी रचना में चोट लग जाने के कारण भी आपके जोड़ों में दर्द हो सकता है. ये शरीर का बहुत अहम हिस्सा होते हैं. इनके कारण ही आप उठना, बैठना, चलना, शरीर को मोड़ना आदि कर पाते हैं और ऐसा सब करना संभव हो पाता है. इसीलिए जोड़ों में दर्द होने पर पूरे आपके शरीर का संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित हो जाता है.

आज हम आपको जोड़ों में दर्द से जुडी कई महत्वपूर्ण बातें बताएंगे. इनके कारण जानने के बाद आप इनसे परहेज कर सकेंगे. यहां हम आपको जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए कुछ उपचार भी बता रहे हैं. इन्हें अपनाकर आप इस दर्द से जल्दी छुटकारा पा सकते हैं.

कारण :

1. कई बार उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों में दर्द की शिकायत हो जाती है.

2. आपकी हड्डियों में जब रक्त की पूर्ति होने में रूकावट आती है तब भी जोड़ों में दर्द से तकलीफ होने लगती है.

3. ये बात आप नहीं जैनते होंगे कि रक्त का कैंसर, जोड़ों में दर्द के लिए जिम्मेदार होता है.

4. हड्डियों में मिनरल्स यानि की शरीर में खनिज पदार्थों की कमी हो जाने पर भी जोड़ों में दर्द की शिकायत हो जाती है.

5. कभी-कभी, जल्दी-जल्दी चलने या भागने पर जोड़ों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ जाता है और जोड़ों में दर्द शुरू हो तातो है.

6. आपके जोड़ों में इंफेक्शन होना भी जोड़ों में दर्द का कारण है.

7. कई बार तो मोच आ जाने और चोट लगने से भी एसी शिकायत हो जाती है.

8. शरीर में कई बार हड्डियों के टूटने से जोड़ों में दर्द होता है.

9. अगर आपको हड्डियों में ट्यूमर आदि किसी भी प्रकार की शिकायत है तो जोड़ों में दर्द होने की संभावना होती है.

10. इनके अलावा अर्थराइटिस, बर्साइटिस, ऑस्टियोकोंड्राइटिस, कार्टिलेज का फटना, कार्टिलेज का घिस जाना आदि जोड़ों में दर्द की समस्या के प्रमुख कारण हैं.

निवारण :

1. जोड़ों को चोट से बचाना चाहिए

अगर जोड़ों पर चोट लगती है तो वो हड्डी को तोड़ भी सकती है,  इसलिए कोशिश करें कि जोड़ों को चोट से बचाकर रख सकें. जब भी कोई ऐसा खेल खेलें जिसमें जोड़ों पर चोट लगने का डर रहता हो तब शरीर पर ज्वाइंट सेफ्टी पेड्स पहनकर रखें.

2. गतिशील रहना चाहिए

जोड़ों के दर्द से राहत के लिए सदैव गतिशील रहें. अगर जोड़ों की मूवमेंट होती रही तो आपको लंबे समय किसी भी प्रकार का कोई दर्द नहीं सताएगा. बहुत देर तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से भी जोड़ों में कठोरता महसूस होती है.

3. वजन को नियंत्रित रखना चाहिए

यदि आपका वजन नियंत्रण में रहेगा तो आपका शरीर और शरीर के सारे जोड़ भी स्वास्थ्य रहेंगे. शरीर का ज्यादा वजन घुटनों और कमर पर अधिक दबाव डालता है और इससे आपके शरीर के कार्टिलेज के टूटने का डर बना रहता है. अब ऐसे में आपको अपने वजन को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है.

4. ज्यादा स्ट्रेच नहीं करना चाहिए

अगर आप नियमित व्यायाम करते हैं तो, व्यायाम के साथ आपको स्ट्रेचिंग करने की भी सलाह दी जाती है, तब ये बात हमेशा ध्यान में रखें कि व्यायाम करते समय स्ट्रेचिंग हफ्ते में केवल तीन बार करें. स्ट्रेचिंग को एकदम शुरू नहीं करना चाहिए. ऐसा करने की जगह पहले थोड़ा वार्म अप भी करें.

5. दूध पीएं

दूध में कैल्श्यिम और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो जोड़ों को मजबूत रखने के बेहद जरुरी होता है. इसीलिए हर रोज दूध जरूर पीना चाहिए. जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं. अगर आपको दूध पसंद नहीं है तो दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे पनीर, दही आदि.

6. सही आसन बनाकर रखें

जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए सही पोश्चर या आसन में उठना, बैठना और चलना बेहद आवश्यक है. आपका सही पोश्चर ही गर्दन से लेकर घुटनों तक शरीर के सभी जोड़ों की रक्षा करता है.

7. व्यायाम करें

जोड़ों के दर्द से निजात के लिए और अपने स्वास्थ्य की सही देखभाल के लिए आपको, व्यायाम को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बना लेना चाहिए. तैराकी करना जोड़ों के दर्द के लिए सबसे फायदेमंद व्यायाम होता है.

Winter Special: नहीं सताएगा जोड़ों का दर्द

शरीर के मजबूत जोड़ हमें सक्रिय रखते हैं और चलने-फिरने में मदद करते हैं. जोड़ों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए क्या जरूरी है, इस बारे में सटीक जानकारी जरूरी है. जोड़ों की देखभाल और मांसपेशियों तथा हड्डियों को मजबूत रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका है, स्थिर रहें. जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए यहां कुछ ऐसे सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें आजमा कर आप अपनी सर्दियां बिना किसी दर्द के काट सकते हैं…

1. जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी है शरीर के वजन को नियंत्रण में रखना. शरीर का अतिरिक्त वजन हमारे जोड़ों, विशेषकर घुटने के जोड़ों पर दबाव बनाता है.

2. व्यायाम से अतिरिक्त वजन को कम करने और वजन को सामान्य बनाए रखने में मदद मिल सकती है. कम प्रभाव वाले व्यायाम जैसे तैराकी या साइकिल चलाने का अभ्यास करें.

3. वैसे लोग जो अधिक समय तक कंप्यूटर पर बैठे रहते हैं, उनके जोड़ों में दर्द होने की संभावना अधिक रहती है. जोड़ों को मजबूत बनाने के लिए अपनी स्थिति को लगातार बदलते रहिए.

4. व्यायाम उपास्थि के पोषण में मदद करता है. यदि व्यायाम को खुशी के साथ किया जाए तो एंडॉर्फिन नामक हॉर्मोन निकलता है, जो आपको स्वस्थ होने का अनुभव देता है. एक दिन में कम से कम 20-40 मिनट तक जरूर टहलें.

5. मजबूत मांसपेशियां जोड़ों का समर्थन करती हैं. यदि आपकी मांसपेशियां कमजोर हैं, तो इससे आपके जोड़ों में विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी, कूल्हों और घुटनों में दर्द होगा.

6. बैठने का सही तरीका भी आपके कूल्हे और पीठ की मांसपेशियों की रक्षा करने में मदद करता है. कंधों को झुकाकर न खड़े हों. सीढ़ी चढ़ना दिल के लिए अच्छा है, लेकिन अगर सीढ़ी अप्राकृतिक है, तो यह आपके घुटनों को नुकसान पहुंचा सकती है.

ये भी पढ़ें- प्रैग्नेंसी में बहुत फायदेमंद होती हैं ये 6 तरह की चाय

7. स्वस्थ आहार खाना आपके जोड़ों के लिए अच्छा है. यह मजबूत हड्डियों और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है. हमें हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है.

8. अगर आपको नियमित भोजन से जरूरी मिनरल लेने में समस्या हो रही है, तो सप्लिमेंट ले सकते हैं. वर्तमान में, निर्धारित जरूरत के अनुसार 50 साल की उम्र तक के वयस्क पुरुषों और महिलाओं को नियमित रूप से 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम और 50 के बाद नियमित रूप से 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है.

9. 71 साल की आयु के बाद 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम पुरुष और महिला दोनों ले सकते हैं. इसे आप दूध, दही, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जी, कमल स्टेम, तिल के बीज, अंजीर और सोया या बादाम दूध जैसे पौष्टिक आहार को खाद्य पदार्थ के रूप में शामिल कर कैल्शियम की जरूरत पूरी कर सकते हैं.

10. हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है. आप जो आहार खाते हैं, उसमें विटामिन डी शरीर में कैल्शियम का अवशोषण में मदद करता है. यह हड्डियों के विकास और हड्डी के ढांचे को सक्षम बनाता है.

11. विटामिन डी की कमी मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बनता है, जो उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों के क्षतिग्रस्त होने के लिए जिम्मेदार होता है. विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज की रोशनी है. डेयरी उत्पाद और कई अनाज, सोया दूध और बादाम के दूध में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है.

12. जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें हड्डियों का घनत्व कम होता है और उनके फ्रैक्चर होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. यह संभवत: कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के विकास और शक्ति को प्रभावित करने वाले एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन के उत्पादन को कम करने से संबंधित है, जो हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए जिम्मेदार होते हैं.

13. समय-समय पर अपने चिकित्सक से मिलते रहें. रक्त में यूरिक एसिड के स्तर की जांच नियमित रूप से कराते रहें.

ये भी पढ़ें- सोया और ओट्स के दूध को कड़ी टक्कर देगा आलू का दूध, पढ़ें खबर

सर्दियों में सताता है जोड़ों का दर्द ऐसे पाएं राहत

डॉक्टर अमोद मनोचा, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत

उत्तर भारत में ठंड की दस्तक हो चुकी है. ठंड का मौसम वैसे तो अधिकतर लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आता है लेकिन दूसरी ओर कइयों की परेशानी का कारण भी बनता है. क्या ठंड का नाम सुन कर आप को भी जकड़े हुए जोड़ याद आते हैं? क्या ठंड आप को बीमारियों की याद दिलाता है?

ऐसा नहीं है कि ये समस्या केवल एक निर्धारित उम्र के लोगों को ही परेशान करती है. वास्तव में गतिहीन जीवनशैली के कारण ये समस्या अब हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है. जोड़ों का दर्द ही नहीं बल्कि मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द, गर्दन दर्द, तंत्रिका दर्द, फाइब्रोमायल्जिया आदि समस्याएं इस मौसम में बहुत ज्यादा परेशान करती हैं.

सर्दी के मौसम में दर्द से बचाव के लिए खास टिप्स

दर्द से बचाव के लिए जीवनशैली का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए. निम्नलिखित टिप्स की मदद से दर्द की समस्या से बचा जा सकता है:

नियमित व्यायाम

सर्दियों में छोटे दिन और अधिक ठंड के कारण लोगों में आलस एक आम समस्या बन जाती है. गतिविधियों में कमी के कारण जोड़ों में जकड़न और दर्द के साथ वजन भी बढ़ता है. शारीरिक गतिविधियों में कमी कुछ ही समय में मांसपेशियों और शरीर को कमजोर बना देता है. जब कि एक्सरसाइज से न सिर्फ मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है बल्कि शरीर में जरूरी रसायन भी रिलीज होने लगते हैं. इस से रक्त प्रवाह बेहतर होता है और जोड़ों में लचीलापन बढ़ता है, जिस की मदद से व्यक्ति हर वक्त स्वस्थ महसूस करता है.

ये भी पढ़ें- क्या आपका पालतू है सेहतमंद

एक्सरसाइज शुरू करने से पहले वॉर्मअप जरूर करें क्योंकि इस से शरीर को अतिरिक्त गर्माहट मिलती है जिस से चोट लगने की संभावना कम रहती है. कम और हल्की एक्सरसाइज से शुरुआत करें. आप धीरेधीरे एक्सरसाइज का स्तर बढ़ा सकते हैं. नियमित रूप से की गई एक्सरसाइज मांसपेशियों और जोड़ों के लिए बेहद फायदेमंद रहती है. जोड़ों का दर्द शुरू हो चुका है तो कोई भी व्यायाम करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें. आमतौर पर, हल्की एरोबिक्स, स्विमिंग, साइकलिंग और टहलना आदि एक्सरसाइज आपके दर्द में राहत देंगी. बाहर के वातावरण से बचने के लिए जिम भी जॉइन किया जा सकता है.

संतुलित वजन

सर्दी का मौसम त्यौहारों और छुट्टियों से भरा होता है जिस के कारण अक्सर लोग इस मौसम में वजन बढ़ा लेते हैं. जबकि संतुलित वजन जोड़ों में लचीलापन बढ़ाता है और उन पर अतिरिक्त दबाव भी नहीं पड़ता है. जिस से दर्द में राहत मिलती है. संतुलित, स्वस्थ और प्राकृतिक आहार जिस में जरूरी मिनरल्स और विटामिन जैसे कि कैल्शियम और विटामिन डी जुड़े होते हैं, जोड़ों और हड्डियों के स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विटामिन डी हड्डियों की मजबूती, लचीलेपन, नमी आदि के लिए ज़िम्मेदार माना जाता है इसलिए इस का सेवन बेहद जरूरी है. इस के लिए धुप में बैठने के अलावा विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं.

समझदारी से गर्म कपड़े पहनें

सर्दी के मौसम में हमारे कपड़े ठंड से बचाव में एक अहम भूमिका निभाते हैं. इस का मतलब यह नहीं है कि आप शरीर पर कपड़ों का भंडार लगा लें. इस प्रकार के कपड़े पहने जो शरीर को गर्माहट तो दें साथ ही चलनेफिरने में समस्या भी न पैदा करें. भारी और मोटे कपड़ों से काम करना मुश्किल हो जाता है. आप एक साथ कई कपड़े पहन सकते हैं लेकिन वे भारी बिल्कुल नहीं होने चाहिए. इस का फायदा यह होगा कि आप गर्म वातावरण में कपड़ों को कम कर सकते हैं. हाथ और पैरों को ठंड से बचाने के लिए दस्तानों और मोज़ों का इस्तेमाल करें.

बेहतर रक्त प्रवाह, लचीलापन, दर्द में राहत के लिए हीट थेरेपी का इस्तेमाल करें. हॉट वॉटर बॉटल, गर्म पानी से स्नान आदि इसके अच्छे विकल्प हैं.

जल्द से जल्द मदद लें

हम सभी ने यह अनुभव किया है कि ठंडे मौसम में चोट हमें ज्यादा परेशान करती है. इसलिए अपने दर्द को नज़रअंदाज़ न करें क्योंकि घुटनों और पीठ में हल्का दर्द भी जीवन की गुणवत्ता को खराब करता है. कई बार लोग इसे बढ़ती उम्र की समस्या मानकर इलाज करवाने से परहेज करते हैं जो समस्या को गंभीर बनाता है.

यदि दर्द समय के साथ ठीक नहीं होता है तो समस्या क्रोनिक हो जाती है. क्रोनिक दर्द से ग्रस्त लोगों का जीवन उस दर्द से राहत पाने की तरफ काम करने में ही निकल जाता है. विश्वस्तर पर, लगभग 20% आबादी क्रोनिक दर्द का शिकार है.

ये भी पढ़ें- प्रैग्नेंसी के दौरान रहें इन 5 फल और सब्जियों से दूर

क्रोनिक दर्द खुद में एक अलग बीमारी है जिसे आमतौर पर गंभीरता से नहीं लिया जाता है. इस की रोकथाम और इलाज के लिए कई एडवांस विकल्प मौजूद हैं. एक सही विशेषज्ञ से इलाज कराने से इलाज के परिणाम कहीं बेहतर हो सकते हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें