गर्मी हो या सर्दी हम ज्यूस, स्मूदी और शेक के बारे में पूरे वर्ष भर ही सुनते रहते हैं. प्रत्येक कैफे, रेस्टोरेंट या आइसक्रीम पार्लर सभी के मेन्यू कार्ड में हमें इन तीनों के नाम देखने को मिलते हैं. ये सभी बहुत सेहतमंद होते हैं क्योंकि ये हमारे शरीर को मिनरल्स, विटामिन्स, एंजाइम्स और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करने के साथ एनर्जी लेवल को बढ़ाते हैं.
इनका नियमित प्रयोग करने से वजन को संतुलित रखने में भी मदद मिलती है. सेहत के लिए इनके महत्त्व को बताते हुए डायटीशियन डॉ सुधा कहतीं हैं,” स्वस्थ लोंगों के साथ साथ जो बुजुर्ग, बच्चे या गर्भवती महिलाएं किसी कारण से फलों का सेवन नहीं कर पाते हैं उनके लिए शेक, जूस और स्मूदी बहुत अच्छा विकल्प हैं इससे उन्हें फल और सब्जियों की भरपूर पौष्टिकता प्राप्त हो जाती है.” आमतौर पर हम इन्हें घर में बनाते भी हैं और बाहर जाकर आर्डर भी करते हैं परन्तु इन तीनों का समुचित लाभ प्राप्त करने के लिए हमें इन तीनों का अंतर जानना बेहद आवश्यक है. निस्संदेह गर्मियों की तपिश को कम करने के लिए इन तीनों का ही सेवन बहुतायत से किया जाता है. यहां पर प्रस्तुत हैं ज्यूस, शेक और स्मूदी के बारे में विस्तृत जानकारी, इनका अंतर और इन्हें बनाने का सही तरीका-
ज्यूस
ज्यूस को ज्यूसर में फल और सब्जी से बनाया जाता है. जूस बनाने की प्रक्रिया में फल या सब्जी का छिलका निकालकर ज्यूसर में डाला जाता है जिसमें इसका गूदा और रेशा अलग हो जाता है और यह केवल तरल रूप में हमें प्राप्त होता है. ज्यूस शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करता है क्योंकि यह शरीर में शीघ्र ही अवशोषित हो जाता है. इसके सेवन से शरीर हल्का अनुभव करता है परन्तु केवल तरल स्वरूप में होने से स्मूदी के मुक़ाबले ज्यूस के कुछ विटामिन्स नष्ट हो जाते हैं.
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स्मूदी
स्मूदी को भी फल और सब्जी दोनों से ही बनाया जाता है. इसमें रेशे और गूदे को अलग नहीं किया जाता बल्कि ब्लेंडर में सीधे ही पीसकर सेवन किया जाता है.ज्यूस की अपेक्षा इसका स्वरूप गाढ़ा होता है. स्मूदी में फलों के टुकड़े भी होते हैं और ये स्वाद में भी अच्छे लगते हैं. इसे बनाने के लिए दूध और दही का प्रयोग भी किया जाता है. इसे पीने के बाद पेट भरा भरा सा प्रतीत होता है. स्मूदी पीने के बाद पोषक तत्व धीरे धीरे शरीर में अवशोषित होते हैं. चूंकि स्मूदी बनाने के लिए फलों और सब्जी को सीधा ही ब्लेंडर में ब्लेंड किया जाता है इसलिए इसके सभी पौष्टिक तत्व बरकरार रहते हैं.
शेक
शेक्स को मुख्यतया दूध, दही और आइसक्रीम जैसे डेयरी प्रोडक्ट के साथ मिलाकर बनाया जाता है. इसे बनाने में सब्जी का प्रयोग न करके केवल फलों, बिस्किट, आइसक्रीम और कॉफी आदि से बनाया जाता है. फ्लेवर बढ़ाने के लिए विभिन्न सीरप, क्रश और पाउडर का प्रयोग किया जाता है. शेक्स की गार्निशिंग के लिए बारीक कटी मेवा, टूटी फ्रूटी और व्हिपड क्रीम आदि का उपयोग किया जाता है.
बनाते समय रखें ध्यान
-सभी को बनाने के लिए ताजे फलों और सब्जी का ही प्रयोग करें.
-बनाने के तुरंत बाद प्रयोग कर लें क्योंकि रखे जाने से इसके पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं.
-केवल दूध का शेक बनाने की अपेक्षा इसमें फल को शामिल करें इससे आपका पेट भी भरेगा और शेक की पौष्टिकता भी बढ़ जाएगी.
-केवल एक ही फल का प्रयोग करने के स्थान पर दो तीन फल या सब्जी का प्रयोग करें. उदाहरण के लिए सेब के साथ गाजर, हरे सेब के साथ खीरा और तरबूज के साथ अदरक और गाजर तथा अनन्नास के साथ ककड़ी मिलाई जा सकती है.
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-स्मूदी को पीसने के लिए पानी के स्थान पर दही या ठंडे दूध का प्रयोग करें.
-स्मूदी, शेक या ज्यूस बनाने के लिए फल और सब्जी का छिल्का अवश्य उतारें इनमें प्रयोग किये जाने वाले केमिकल्स के कारण छिल्का सहित उपयोग करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
-शेक बनाने के लिए मलाई निकले ठंडे दूध का प्रयोग करें अन्यथा शेक के ऊपर फेट बबल्स आ जाएंगे जो स्वाद को बिगाड़ देंगे.
-स्मूदी और ज्यूस में शकर या नमक मिलाने की अपेक्षा ऐसे ही प्रयोग करना अधिक सेहतमंद होता है.
-यदि आप तरबूज, खरबूज और लीची जैसे किसी बीज वाले फल का प्रयोग करने जा रहीं हैं तो बीजों को फल से भली भांति अलग कर दें अन्यथा ये स्वाद को कड़वा कर देंगे.
-शेक बनाने के लिए पिसी शकर का ही प्रयोग करें क्योंकि साबुत शकर बर्फ के साथ जल्दी घुलती नहीं है.
-यदि आप शुगर के मरीज हैं तो शेक में मिठास के लिए खजूर या शहद का प्रयोग करें.