जूमजूम झूम वाला: रोहित के दोस्तों ने कैसे की मदद

रोहित ने शान से अपना नया स्मार्टफोन निकाल कर अपने दोस्तों को दिखाया और बोला, ‘‘यह देखो, पूरे 45 हजार रुपए का है.’’

‘‘पूरे 45 हजार का?’’ रमन की आंखें आश्चर्य से फैल गईं, ‘‘आखिर ऐसा क्या खास है इस मोबाइल में?’’

‘‘6 इंच स्क्रीन, 4 जीबी रैम, 32 जीबी आरओएम, 16 एमपी ड्यूल सिम, 13 मेगापिक्सल कैमरा…’’ रोहित अपने नए फोन की खासीयतें बताने लगा.

रोहित के पापा शहर के बड़े व्यापारी थे. रोहित मुंह में सोने का चम्मच ले कर पैदा हुआ था. उस की जेब हमेशा नोटों से भरी रहती थी इसलिए वह खूब ऐश करता था.

रोहित के पापा भी यह जानते थे, लेकिन उन्होंने कभी रोहित को टोका नहीं. उन का मानना था कि कुछ समय बाद तो रोहित को ही उन का व्यापार संभालना है इसलिए अभी जितनी मौजमस्ती करनी है कर ले.

पापा की छूट का रोहित पर बुरा असर पड़ रहा था. वह पढ़नेलिखने के बजाय नएनए दोस्त बनाने और मस्ती करने में लगा रहता.

आज भी वही हो रहा था. क्लास बंक कर के रोहित कैंटीन में दोस्तों के साथ बैठा अपनी शेखी बघारता हुआ उन्हें अपने नए मोबाइल की खूबियां बता रहा था. उस के दोस्त भी उस के मोबाइल की तारीफ के पुल बांधने में जुटे थे.

‘‘यार, मानना पड़ेगा, तुम्हारे पापा तुम्हें बहुत प्यार करते हैं. तभी तो तुम्हारी हर ख्वाहिश पूरी कर देते हैं,’’ सनी ने मोबाइल को देखते हुए कहा.

‘‘क्या बात करते हो यार, मेरी तो ज्यादातर ख्वाहिशें अधूरी हैं,’’ रोहित बोला.

‘‘कार, सूट, कीमती घडि़यां, विदेशी चश्मे और नोटों की गड्डियां सबकुछ तो तुम्हें हासिल है जिन के बारे में हम लोग सोच भी नहीं सकते. इस के बाद भी तुम्हारी कौन सी ख्वाहिश अधूरी रह गई है?’’ उमंग ने जानना चाहा.

‘‘कार, माईफुट. एक कार पकड़ा दी और पिछले 2 साल से उसे ढो रहा हूं,’’ रोहित ने बुरा सा मुंह बनाया. फिर लंबी सांस भरते हुए बोला, ‘‘मेरी तो ख्वाहिश है कि मेरा अपना एक प्राइवेट जैट हो, जिस पर बैठ कर मैं वीकऐंड मनाने यूरोप जाऊं. स्विट्जरलैंड में अपना एक खूबसूरत सा विला हो, जहां गर्लफ्रैंड के साथ छुट्टियां मनाने जाऊं.’’

‘‘यार, तुम्हारे पापा इतने अमीर हैं. तुम्हारा यह ख्वाब वे एक दिन जरूर पूरा करेंगे,’’ रमन ने कहा.

‘‘तुम्हारे मुंह में घीशक्कर,’’ रोहित ने रमन की पीठ थपथपाई, फिर बैरे को बुला कर सभी के लिए एकएक बर्गर और कोल्ड ड्रिंक का और्डर दिया, जबकि एकएक पिज्जा वे पहले ही खा चुके थे.

‘‘अरे भाई, किस चीज की दावत चल रही है,’’ तभी हेमंत ने कैंटीन में प्रवेश करते हुए पूछा.

‘‘रोहित 45 हजार का नया मोबाइल फोन लाया है. ऐसा मोबाइल पूरे शहर में किसी के पास नहीं होगा,’’ दीपक ने कोल्ड ड्रिंक का घूंट पीने के बाद मुंह पोंछते हुए बताया.

‘‘ऐसी क्या खास बात है इस में?’’ हेमंत ने करीब आ कर एक कुरसी पर बैठते हुए पूछा, तो रोहित से पहले रमन उस की खूबियां गिनाने लगा.

हेमंत ने मोबाइल हाथ में ले कर गौर से देखा. फिर बोला, ‘‘यार, तुम्हारे पिछले स्मार्टफोन में भी तो यही सब फीचर्स थे.’’

‘‘हां, लेकिन यह 4जी फ्रैंडली है और इस का कैमरा जूम वाला है. इस से तुम यहीं बैठेबैठे फोन के कैमरे को जूम कर दूर का फोटो भी साफसाफ खींच सकते हो और कोई तुम्हें देख भी नहीं पाएगा,’’ रोहित ने रहस्यमय अंदाज में फुसफुसाते हुए बताया.

‘‘कोई देख नहीं पाएगा तो उस से क्या फायदा होगा?’’ हेमंत ने पूछा.

‘‘यार, तू भी न पूरा घोंचू है,’’ रोहित ने कहा और फिर आगे बढ़ कर हेमंत की जेब से उस का मोबाइल निकाल कर उस के हाथ में रखते हुए बोला, ‘‘वह देख, तेरी क्लास की लड़की आ रही है. जा उस का एक फोटो खींच ला.’’

‘‘अबे, मरवाएगा क्या? कोई फोटो खींचते हुए देख लेगा तो जूते तो पड़ेंगे ही कालेज से भी निकाल दिया जाऊंगा,’’ हेमंत ने हड़बड़ाते हुए अपना मोबाइल अपनी जेब में वापस रख लिया.

रोहित ने ठहाका लगाया और बोला, ‘‘बेटा, यही खास बात है मेरे फोन में कि यहीं बैठेबैठे जूम कर के किसी का भी फोटो खींच लो और उसे व्हाट्सऐप ग्रुप पर डाल दो ताकि सारे दोस्त उसे देख कर झूम सकें.’’

‘‘अरे वाह, तब तो इस फोन का नाम जूमजूम झूम वाला रख दो,’’ हेमंत का चेहरा खिल उठा. फिर वह खुशामदी स्वर में बोला, ‘‘यार, एक मिनट के लिए अपना फोन देना जरा इस लड़की का एक फोटो खींच लूं. क्लास में तो यह लिफ्ट ही नहीं देती,’’ हेमंत ने एक लड़की की ओर इशारा करते हुए कहा.

‘‘छोड़ न यार. इस का क्या फोटो खींचना. यह लड़की तो रोज वाली है. बगल में जो गर्ल्स कालेज है वहां की लड़कियां बहुत नकचढ़ी हैं. सीधे मुंह बात ही नहीं करतीं. चल उन में से किसी खास पीस का फोटो खींच कर करते हैं कैमरे का उद्घाटन,’’ रोहित ने अपने दिल की बात सब के सामने रखी.

‘‘अरे वाह, आइडिया अच्छा है,’’ हेमंत चहकते हुए बोला, ‘‘ला, यह शुभ काम मैं ही कर दूं. बदले में तुम जो कहोगे कर दूंगा.’’

‘‘चल तू भी क्या याद करेगा,’’ रोहित ने मोबाइल हेमंत को पकड़ाया और बोला, ‘‘बस, एक शर्त है, फोटो जोरदार होना चाहिए. अगर सब को पसंद नहीं आया तो आज के नाश्ते का बिल तुझे भरना होगा.’’

‘‘मंजूर है,’’ हेमंत ने कहा और सभी दोस्तों की ओर इशारा करते हुए बोला, ‘‘चलो, सभी बाउंड्री वाल के पास. जिस का कहोगे उस का फोटो खींच दूंगा.’’

‘‘इतने लोग गर्ल्स कालेज के पास जाएंगे तो पकड़े जाएंगे. तुम अकेले जाओ और चुपचाप फोटो खींच लाओ,’’ रोहित ने समझाया.

‘‘ठीक है,’’ हेमंत ने सिर हिलाया और मोबाइल ले कर सधे कदमों से ऐसे बाहर निकल गया जैसे किसी मोरचे पर जा रहा हो.

उस के कैंटीन से बाहर निकलते ही रोहित ने कहा, ‘‘यह अपने को बहुत तीसमारखां समझता है. आज इसे बकरा बनाना है. यह चाहे जितनी खूबसूरत लड़की का फोटो खींच कर लाए, सब उसे रिजैक्ट कर देना. फिर आज का बिल इसे ही भरना पड़ेगा.’’

यह सुन सभी ने ठहाका लगाया और हेमंत के वापस आने का इंतजार करने लगे.

थोड़ी देर बाद ही रमन, दीपक, उमंग और सनी के मोबाइल पर हेमंत का व्हाट्सऐप मैसेज आया.

‘‘अरे वाह, क्या पटाखा फोटो खींचा है,’’ कहते हुए रमन ने रोहित को फोटो दिखाया तो वह सन्न रह गया. दरअसल, उस कालेज में उस की बहन तान्या भी पढ़ती थी और हेमंत ने उसी का फोटो खींच कर व्हाट्सऐप ग्रुप पर डाल दिया था वह भी उसी के नंबर से.

‘‘अबे, यह क्या कर दिया इस घोंचू ने, मेरी ही बहन का फोटो खींच कर व्हाट्सऐप ग्रुप पर डाल दिया. अब तक तो यह फोटो पचासों लड़कों के पास पहुंच चुका होगा,’’ रोहित ने दोस्तों को बताया तो सभी परेशान हो गए.

‘‘क्या यह तुम्हारी बहन है, ओह नो,’’ कहते हुए सभी ने अपनेअपने मोबाइल जेब में रख लिए.

‘‘मैं इस कमीने को छोडूंगा नहीं,’’ रोहित के जबड़े भिंच गए और आंखें लाल अंगारा हो उठीं.

जैसे ही हेमंत कैंटीन में दाखिल हुआ, उसे देखते ही रोहित तेजी से उस की ओर लपका और उस के चेहरे पर घूंसा जड़ दिया.

‘‘यह क्या मजाक है?’’ हेमंत बोला.

‘‘मजाक तो तू ने किया है, जो अब तुझे बहुत महंगा पड़ने वाला है,’’ गुस्से से कांपते हुए रोहित ने हेमंत पर लातघूंसों की बरसात कर दी.

हेमंत की समझ में ही नहीं आ रहा था कि रोहित उसे मार क्यों रहा है. अचानक हेमंत ने रोहित को पूरी ताकत से धक्का दिया तो वह दूर जा गिरा. फिर हेमंत उसे घूरते हुए बोला, ‘‘तू पागल हो गया है क्या, जो मारपीट कर रहा है. आखिर बात क्या है?’’

‘‘पागल तो तू हो गया है, जो तूने मेरी बहन का फोटो व्हाट्सऐप ग्रुप पर डाला है,’’ रोहित उसे खा जाने वाले लहजे में बोला तो हेमंत की आंखें आश्चर्य से फैल गईं, ‘‘क्या रोहित वह तुम्हारी बहन है. मुझे तो पता नहीं था और न ही मैं उसे पहचानता हूं, उफ, यह क्या हो गया?’’ हेमंत ने अपना सिर पकड़ लिया. उस की आंखों में पाश्चात्ताप साफ झलक रहा था.

वह रोहित के पास पहुंच भर्राए स्वर में बोला, ‘‘रोहित, मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई है. तेरी बहन मेरी बहन हुई. मैं ने अपनी बहन को ही बदनाम कर दिया. मुझे माफ कर दे.’’

‘‘यह क्या तमाशा हो रहा है यहां पर?’’ तभी प्रिंसिपल साहब की कड़क आवाज सुनाई पड़ी. मारपीट होते देख कैंटीन का मैनेजर उन्हें बुला लाया था.

‘‘जी, कुछ नहीं. वह हम लोगों का आपसी मामला था,’’ रोहित हड़बड़ाते हुए उठ खड़ा हुआ.

‘‘आपसी मामले इस तरह निबटाए जाते हैं?’’ प्रिंसिपल साहब ने दोनों को डांटा. फिर बोले, ‘‘तुम लोग मेरे औफिस में आओ.’’

रोहित और हेमंत प्रिंसिपल साहब के पीछेपीछे उन के औफिस में गए. पूरी बात सुन कर प्रिंसिपल साहब का चेहरा गंभीर हो गया. उन्होंने फोन कर के फौरन दोनों के पापा को स्कूल में बुला लिया.

‘‘अंकल, मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई. मुझे नहीं पता था कि वह रोहित की बहन है. अगर पता होता तो उस का फोटो कभी न खींचता,’’ हेमंत ने रोहित के पापा के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा.

‘‘तड़ाक,’’ इस से पहले कि वे कुछ कह पाते हेमंत के पापा उस के गाल पर तमाचा जड़ते हुए चीखे, ‘‘अगर तुझे पता भी होता तो तू किसी दूसरी लड़की का फोटो खींच लेता,  वह भी तो किसी न किसी की बहन होती. शर्म नहीं आती ऐसी हरकत करते हुए.’’

‘‘भाई साहब, गलती इस की नहीं बल्कि मेरी है. मैं ने ही रोहित को इतनी छूट दे रखी है कि यह अच्छेबुरे का भेद भूल गया है. आज इस की बहन का फोटो खिंच गया तो इसे तकलीफ हो रही है, लेकिन यही फोटो किसी और की बहन का होता तो इसे आनंद आ रहा होता,’’ रोहित के पापा ने आगे आ कर हेमंत के पापा का हाथ थाम लिया.

‘‘तुम लोगों को सोचना चाहिए कि जिन लड़कियों के साथ तुम छेड़छाड़ करते हो वे भी किसी न किसी की बहन होती हैं. तुम लोगों की हरकतों से उन्हें कितनी तकलीफ होती होगी, सोचा है कभी?’’ प्रिंसिपल साहब ने भी कड़े स्वर में डांटा.

‘‘सर, हमें माफ कर दीजिए,’’ रोहित ने हाथ जोड़ते हुए कहा.

‘‘हां सर. हम लोग अब ऐसी गलती कभी नहीं करेंगे,’’ हेमंत ने भी हाथ जोड़ कर माफी मांगी.

‘‘लेकिन फोटो वायरल होने से तान्या की जो बदनामी हुई उस का क्या होगा?’’ प्रिंसिपल साहब ने पूछा.

‘‘सर, फोटो मैं ने केवल अपनी क्लास के दोस्तों के ग्रुप पर ही डाला था. मैं अभी सब से हाथ जोड़ कर विनती करूंगा कि मेरी बहन का फोटो डिलीट कर दें,’’ हेमंत ने कहा.

‘‘ठीक है, जल्दी करो,’’ प्रिंसिपल साहब ने आज्ञा दी तो दोनों दौड़ते हुए क्लास में जा कर दोस्तों से फोटो डिलीट करने का आग्रह करने लगे. लेकिन अन्य दोस्तों से मामला पता चलने पर उन्होंने पहले ही ग्रुप से फोटो डिलीट कर दिया था.

‘‘घबराओ नहीं रोहित, तुम्हारी बहन हमारी भी बहन है. हम भी नहीं चाहेंगे कि उस के साथ गलत हो. साथ ही हम ने भी ऐसी छेड़खानी से तोबा करने की सोच ली है,’’ रमन सब की ओर से बोला. अब तक प्रिंसिपल साहब और हेमंत व रोहित के पापा भी क्लास में पहुंच गए थे. दोनों के पापा के चेहरों पर जहां पश्चात्ताप के भाव थे वहीं वे संकल्पित थे कि जरूरत से ज्यादा छूट दे कर बच्चों को बिगाड़ेंगे नहीं. साथ ही यह सुकून भी था कि बच्चों को अपनी गलती का एहसास हो गया है. रोहित और हेमंत की आंखें भी शर्म से झुकी हुई थीं.

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