हाल ही में रिलीज हुई फिल्म जंगली के एक्टर विद्युत जामवाल ने साल 2011 में तेलगू फिल्म से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले एक्टर विद्युत् जामवाल ने तीन साल की उम्र से मार्शल आर्ट सीखना शुरू किया और 19 साल की उम्र में केरल के मार्शल आर्ट कलरिपयट्टू की ट्रेनिंग ली. पिता के आर्मी में होने की वजह से उन्होंने हमेशा एक अनुशासित जिंदगी जी है. उन्होंने जौन अब्राहम के साथ फिल्म ‘फोर्स’ से बौलीवुड डेब्यू किया था, जिसमें उन्होंने निगेटिव भूमिका निभाई, पर उनके काम को काफी सराहना मिली. हाल ही में हमने उनसे खास बातचीत की, पेश है उनसे हुई इस बातचीत के कुछ अंश…
प्र. आप फिल्म में स्टंट्स के लिए जाने जाते है,इस फिल्म में आपने इसका भरपूर प्रयोग किया है, कितना सहज और मुश्किल रहा, जानवरों के साथ स्टंट करना?
लोगों ने मेरा दूसरा रूप नहीं देखा है,जो मैं कर सकता हूँ. इसमें मैंने हिन्दुस्तानी मार्शल आर्ट्स का प्रयोग किया है और ये पहली फिल्म है, जिसमे मार्शल आर्ट्स को करने का इतना अच्छा मौका मिला. इसमें दो दोस्तों की कहानी को दिखाया गया है,जिसमें एक दोस्त जानवर और दूसरा भी जानवर ही है. ये कहानी अवैध शिकार पर है. पहले जब निर्देशक चक रसेल ने ये कहानी सुनाई थी,तो मुझे अच्छा लगा था, क्योंकि ये कहानी एक देश या लड़की के लिए लड़ने का नहीं है ,जो अधिकतर फिल्मों में होता है और मैंने भी किया है. यहां हम जानवरों के लिए लड़ रहे है और ऐसी फिल्म पहली बार करने को मिला है. जानवरों के साथ काम करना बहुत अच्छा लगा. इसमें मैंने एक्शन को एक मनोरंजक रूप से करने की कोशिश की है, ताकि जिसे एक्शन पसंद भी न हो, वे भी इस फिल्म को देखकर आनंद महसूस करें.
प्र. आजकल लोग जानवरों पर कम ध्यान देते है, आबादियां जंगलों को काटकर घर बना रही है, ऐसे में ये जानवर शहर की ओर आ जाते है, जिससे आम जनजीवन के लिए खतरा महसूस होने लगा है, इस फिल्म के बाद आपका जुड़ाव उनसे कितना हुआ और वन्य जीवन को सहेज कर रखना कितना जरुरी है?
मुझे जानवरों के बारें में बचपन से ही अधिक जानकारी है और फौजी का बेटा होने के नाते और भी अधिक रूचि उनमें रहती है. केवल समाचारों में ही नहीं, मैंने कई डौक्युमेंट्री फिल्मों में भी जानवरों के अवैध शिकार को देखा है. काम करने के बाद ये समझ में आया कि जंगल का राजा शेर नहीं, हाथी है, क्योंकि कई सारे शेर मिलकर एक हाथी को मारते है. इस फिल्म के जरिये बच्चों और बड़ों को भी बहुत कुछ जानवरों के बारें में सीखने को मिलेगा. मेरी बहन एक कौकरोच को देखकर डर जाती है, कौकरोच ने आजतक किसी को कभी काटा नहीं होगा. लोग चूहों से डरते है,जबकि चूहा खुद घबरा कर भागता रहता है. ऐसे में बच्चों को सिखानी चाहिए कि वे इन चीजो से डरे नहीं, अगर आपने उन्हें छेड़ा नहीं है, तो वे आपको कुछ नहीं करेंगे. वे आपसे डर कर ही आप पर आक्रमण करते है. वन्यजीव हमारे लिए जरुरी है,क्योंकि इससे पृथ्वी का संतुलन बना रहता है. केवल 5 हजार रुपये लेकर साउथ अफ्रीका में लोग हाथी के मुंह को आरी से काट देते है और उनके दांतों का सौदा करते है, जो दुःख की बात है. इन्हें बचाने के लिए विश्व स्तर पर सभी को आगे आने की जरुरत है. अगर हमने हाथी और शेरों को नहीं बचाया, इनके अवैध शिकार को नहीं रोका, तो ये भी डायनोसौर की तरह लुप्त हो जायेंगे.
प्र. इस फिल्म के लिए आपने कितनी ट्रेनिंग ली है?
ट्रेनिंग से अधिक गाइडेंस ली है,क्योंकि हाथी का शरीर बड़ा होने की वजह से अधिक दिखता नहीं है, ऐसे में उनके पांव के बीच में न आना, उन्हें सम्मान देना आदि कई चीजे वहां जाकर मैंने महसूस किया और सीखा है.
प्र. आप स्टंट खुद करते है, क्या कभी डर लगा? जो लोग मस्ती के लिए स्टंट करते है उनके लिए क्या संदेश देना चाहते है? मार्शल आर्ट की सही जानकारी कितना जरुरी है?
मैं कभी डरा नहीं हूं. कोई भी व्यक्ति अपने आपको दर्द नहीं दे सकता और ये प्रशिक्षण के समय सीखा जाता है, जो लोग ट्रेन पर सवार होकर स्टंट करते है,उन्हें मैं मूर्खों की संज्ञा देना चाहता हूं. मार्शल आर्ट की बहुत बड़ी ट्रेनिंग होती है,जिसमें आप अपने शरीर की हर कोशिका को जान सकते है और उसी के अनुसार स्टंट करने में कोई समस्या नहीं होती.
प्र. आपकी फिल्में बौक्स ऑफिस पर बहुत अधिक सफल न होने पर भी दर्शक आपको देखना पसंद करते है, इसे कैसे लेते है?
ये सही है कि आउटसाइडर होने के बावजूद मुझे फिल्में मिल रही है और मैं काम कर रहा हूँ. किसी भी फिल्म का प्रेशर हमेशा रहता है और अगर ये बौक्स ऑफिस पर न चले तो दुःख होता है, पर मैं इस पर अधिक ध्यान नहीं देता, क्योंकि मैं इसके प्रोसेस को एन्जौय करता हूं और हर फिल्म के लिए पूरी मेहनत करता हूं.
प्र. क्या कोई सामाजिक कार्य करने की इच्छा रखते है?
सामाजिक कार्य से अधिक मैं यूथ की माइंड सेट को बदलने की इच्छा रखता हूं. उन्हें किसी को कैसे सम्मान दिया जाय, उसे समझाने की जरुरत है. उन्हें बहुत अधिक गलतफहमी होती है. मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि आप अपने आसपास के किसी को भी खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को सम्मान देना सीखे. अपनी सीमाओं को जाने. जब मैं किसी कौलेज में सेल्फ डिफेन्स प्रोग्राम करता हूं, वहां मैं जाकर कहता हूं कि केवल जिम में जाकर अपनी बौडी बना लेना काफी नहीं. आपको अपने व्यक्तित्व को भी निखारने की जरुरत है, जिसे आपका परिवार और समाज महसूस कर सकें.
प्र. आपकी फिटनेस का राज क्या है?
मैं जिस भी काम की इच्छा करता हूँ, उसे अवश्य करता हूँ. इससे मुझे संतुष्टि मिलती है और मैं पूरे दिन एनर्जेटिक रहता हूं. मेरा ट्रेनिंग सूची अलग है. कोई भी काम करने से पहले मैं अपने माइंड को तैयार करता हूं, उसके बाद बौडी उसे फोलो करती रहती है. मैं वेजिटेरियन हूँ और हर तरह का फूड खाता हूं.