कोरोना वायरस महामारी का कहर पूरी दुनिया में बढ़ता ही जा रहा है.इस महामारी के कारन अब तक लाखों लोगों की जाने जा चुकी है.अब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आई है. इसलिए इस बीमारी के संक्रमण से बचे रहने और इसकी चपेट में आने के बाद जल्द से जल्द ठीक होने के लिए जरूरी है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी आपकी immunity काफी मजबूत हो. आयुष मंत्रालय और भारत सरकार के द्वारा भी लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा पीने की सलाह दी गई है. यहाँ तक की आयुष मंत्रालय ने काढ़ा बनाने की विधि भी बताई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने अधिकतर भाषणों में काढ़ा के सेवन पर जोर दिया .
ऐसे में देश में इन दिनों इम्यूनिटी बूस्टर काढ़े खूब चर्चा में हैं. लोग कोरोना से बचने के लिए काढ़े को दवा के तौर पर इस्तेमाल कर रहे है.अब इंटरनेट पर भी खाने पीने की recipe से ज्यादा ‘काढ़ा कैसे बनाया जाये’ ये सर्च किया जा रहा है.
बेशक काढ़ा पीना काफी फायदेमंद और असरदार होता है और ये हमे सिर्फ सर्दी, जुकाम और खांसी से ही नहीं बचाता बल्कि हमारी immunity को भी बढाता है. यह पाचन ठीक करने के साथ-साथ शरीर से गंदगी भी निकालता है. काली मिर्च कफ निकालने का काम करती है. वहीं, तुलसी-अदरक और इलाइची पाउडर में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं. तुलसी में एंटी-माइक्रोबल प्रॉपर्टीज होती हैं जो सांस से जुड़े इन्फेक्शन्स को मारने का काम करती है.
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आयुष मंत्रालय ने भी लोगों को दिन में दो बार काढ़ा पीने की सलाह दी है, लेकिन कुछ लोगों में कोरोना का डर इस कदर सवार हो गया है की उन्हें काढ़ा पीने की सनक सी हो गयी है. उन्हें जब भी मौका मिलता है वे काढ़ा पीने के लिए तैयार रहते है.पर ये तो हम सभी जानते है की किसी भी चीज़ की अति अच्छी नहीं होती.
कोई भी चीज हद से ज्यादा इस्तेमाल की जाए तो वो शरीर को फायदे की जगह नुकसान देने लगती है.
क्या आप जानते हैं कि इम्यूनिटी बढ़ाने वाले इस काढ़े के अधिक सेवन से आपकी सेहत को कुछ नुकसान भी हो सकते हैं . इसका कारन यह है की कोई भी आयुर्वेदिक औषधि हमेशा मौसम, प्रकृति, उम्र और स्थिति देखकर दी जाती है. अगर इन चीजों का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो फायदे की जगह नुकसान ही होगा.
तो चलिए जानते है ऐसे कुछ लक्षण जो अगर आपके शरीर में दिखाई दे रहे हो तो आप तुरंत काढ़े का सेवन बंद कर दे.
1-सर घूमना
2. आंखों के आगे अंधेरा होना
3. नाक से खून आना
4. पेट में जलन होना
5. मुंह में छाले हो जाना
6. पेशाब में जलन
7. कब्ज या दस्त जैसी समस्या
8. त्वचा पर छोटे-छोटे दाने उभर आना
9. गैस या अपच की शिकायत होना
10.अचानक से वजन कम होना
काढ़ा बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान-
काढ़ा बनाते समय जड़ी बूटियों और उसमे प्रयोग किये जाने वाले मासालों की मात्रा पर विशेष ध्यान देना चाहिए.अगर आपको लगता है की जो काढ़ा आप पी रहे हो वो आपको सूट नहीं कर रहा है तो आप इसमें दालचीनी,कालीमिर्च,अश्वगंधा और सोंठ की मात्रा कम कर सकते हैं.
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वात और पित्तदोष वाले लोगों को इन बातों का रखना चाहिए ध्यान-
काढ़ा के सेवन से कफ को खत्म करने में काफी मदद मिलती है ,इसलिए यह कफदोष से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है.लेकिन पित्तदोष से पीड़ित लोगों को अपने काढ़े में काली मिर्च,दालचीनी और सोंठ जैसी चीजों डालते समय थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए.इन चीज़ों को अधिक मात्रा में नहीं डालना चाहिए.
ध्यान रहे- उपवास के दौरान काढ़ा पीने के लिए मना किया जाता है, क्योंकि इससे पेट में जलन की शिकायत हो सकती है. काढ़ा बनाते समय इसमे शहद का प्रयोग भी कम करना चाहिए, क्योकि शहद की तासीर गर्म होती है और इससे बेचैनी पैदा हो सकती है. डायबिटीज के मरीजों को चीनी का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए.