धीरेधीरे किशोर उस के दिल में जगह बनाता चला गया और प्यार की प्यासी सौम्या उस प्यार के सैलाब में बहती चली गई. अब अकसर ही सौम्या अपना कालेज बंक कर के किशोर से साथ लौंग ड्राइव पर निकल जाती थी. कई बार दोनों कईकई घंटे शहर से दूर निर्जन रिसोर्ट पर एकसाथ अकेले बिताने लगे थे. किशोर का जादू सौम्या के सिर चढ़ कर बोलने लगा था. मगर सुधा इस तरफ से बिलकुल लापरवाह थी. उस ने सौम्या के बहकने के अंदेशे के कारण ही उस से लगभग दोगुनी उम्र के किशोर को ड्राइवर रखा था, मगर यहीं वह गलत निकली. वह भूल गई थी कि स्त्रीपुरुष का रिश्ता हर जाति, धर्म और उम्र से परे होता है और फिर सौम्या जैसी लड़की के लिए तो फिसलना और भी आसान था क्योंकि उस ने तो पहली बार ही किसी पुरुष का संसर्ग पाया था.
किशोर अब सौम्या के लिए ‘किस्सू’ बन चुका था. एक दिन सौम्या ने किशोर के साथ अपने अंतरंग लमहों की कुछ सैल्फियां लीं. चलती गाड़ी में सौम्या वे सैल्फियां किशोर को व्हाट्सऐप पर भेज रही थी, मगर जल्दबाजी में कौन्टैक्ट नेम किस्सू की जगह केशव सिलैक्ट हो गया. जब तक सौम्या को अपनी इस ब्लंडर मिस्टेक का एहसास हुआ, एक फोटो केशव मामा को सैंड हो चुका था. उस ने हड़बड़ाहट में उसे कैंसिल करने की कोशिश की, मगर लेटैस्ट मोबाइल हैंडसैट और इंटरनैट पर 4जी की स्पीड, भला फोटो को अपलोड होते कोई देर लगती है.
और फिर वही हुआ जिस का डर था. सौम्या की फोटो देखते ही केशव का माथा ठनक गया. उस ने तुरंत सुधा को फोन कर के सौम्या की इस हरकत की जानकारी दी. मगर सुधा ने भाई को ही डांट दिया. वह मान ही नहीं सकती थी कि सौम्या जैसी हाई क्लास लड़की का एक ड्राइवर के साथ कोई संबंध हो सकता है. जब केशव ने उसे सौम्या की फोटो भेजी तब जा कर सुधा को मानना पड़ा कि पानी शायद सिर के ऊपर से गुजर चुका है. केशव ने उसे मामले की नजाकत और सौम्या की किशोरवय को देखते हुए अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी. मगर सुधा अपना आपा खो चुकी थी. उसे सौम्या का यह भटकाव अपनी परवरिश का अपमान लग रहा था. वह यह सोच कर तिलमिला उठी थी कि उस के रुतबे के सामने किशोर ने यह हिमाकत कर के उसे आईना दिखा दिया है.
तैश में आ कर सुधा ने किशोर को नौकरी से निकाल दिया. सुधा की इस हरकत ने सौम्या को और भी अधिक बागी बना दिया. उस ने घर में तांडव मचा दिया और खानापीना बंद कर दिया. राघव ने भी उसे किशोर के शादीशुदा और बालबच्चेदार होने का हवाला देते हुए समझाने की बहुत कोशिश की, मगर कहते हैं कि प्यार अंधा होता है. सौम्या ने किसी की एक न सुनी और एक दिन चुपचाप घर से कुछ रुपएगहने चुरा कर किशोर के साथ भाग गई.
सुधा को जब पता चला तो उस के पैरों तले जमीन खिसक गई. उस ने आननफानन भाई लोकेश को फोन लगा कर सारी बात बताई. लोकेश ने सौम्या को तलाश करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. उस ने कोलकाता के संबंधित थानाधिकारी से संपर्क कर के किशोर के फोटो हर थानाक्षेत्र में भिजवा दिए. साथ ही, दोनों को उन के मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर ढूंढ़ने की भी कोशिश की, मगर दोनों के मोबाइल स्विच औफ आ रहे थे. तब केशव की टीम ने किशोर के परिवार पर नजर रखनी शुरू की. किशोर की पत्नी से संपर्क करने पर पता चला कि वह स्वयं भी कभी इसी तरह उस के हनी ट्रैप का शिकार हुई थी.
पुलिस द्वारा किशोर की पत्नी और उस के मांबाप के फोन लगातार ट्रैस किए जा रहे थे. सौम्या के नाम को इस सारे घटनाक्रम में गुप्त ही रखा गया था. आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और लगभग एक महीने की भागदौड़ के बाद सौम्या को किशोर के साथ भोपाल के रेलवेस्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया. सौम्या के साथ लाए पैसे जब खत्म हो गए तो किशोर ने उस के सारे गहने बेच दिए. सबकुछ खत्म होने के बाद अब वह सौम्या को ही बेचने की जुगाड़ में था कि पकड़ा गया. मामा को देखते ही घबराई हुई सौम्या दौड़ कर उस से लिपट गई. अब तक उस के सिर से भी किशोर के प्यार का बुखार उतर चुका था.
लोकेश सौम्या को ले कर कोलकाता पहुंचा और उसे सहीसलामत सुधा को सौंप दिया. बेटी को इतनी दयनीय हालत में देख कर सुधा को अपने मां होने पर शर्म आ रही थी. वह सौम्या की इस हालत की जिम्मेदार खुद को ही मान रही थी. बेटी तो सकुशल घर लौट आई मगर सुधा की मुसीबत खत्म नहीं हुई थी. उस ने अपना सिर पीट लिया जब उसे पता चला कि कुंआरी सौम्या किशोर के बच्चे की मां बनने वाली है.
सुधा को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. अगर यहां सोसाइटी में किसी को पता चल गया कि रूपचंदजी की पोती ने ये गुल खिलाए हैं तो बहुत बदनामी होगी. कहीं भी मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे. उस ने राघव से मशवरा कर के केशव से अपनी परेशानी साझा की. केशव ने उसे तुरंत सौम्या को बीकानेर लाने के लिए कहा. ज्यादा देर करना उचित न समझ कर सुधा दूसरे ही दिन सौम्या को ले कर बीकानेर रवाना हो गई.
केशव को आश्चर्य हुआ जब उस ने सुधा को स्लीपर क्लास के डब्बे से उतरते हुए देखा. सुधा ने अपनी झेंप मिटाते हुए कहा, ‘‘क्या करूं? मजबूरी थी. एसी में रिवर्जेशन मिला ही नहीं और आना कितना जरूरी था, यह तुम से बेहतर कौन समझ सकता है.’’
सौम्या मामा से नजरें भी नहीं मिला पा रही थी. केशव ने सुधा से कहा, ‘‘आप दोनों के रहने का बंदोबस्त मैं ने होटल में कर दिया है. घर जाने पर बेकार में ही बात खुलेगी और बच्ची की बदनामी होगी.’’ भाई की बात सुन कर सुधा ग्लानि से भर उठी. वह सोचने लगी, यही केशव है जिसे मैं ने सदा ही अपने से कमतर समझ कर दुत्कारा और इस का अपमान किया. आज यही मेरी बेटी की इज्जत का रखवाला बना है. सौम्या भी नजरें नीची किए अपनी गलती पर पछतावा करती आंसू बहा रही थी.
केशव उन्हें होटल में छोड़ कर घर चला गया. दूसरे दिन उस ने सौम्या को एक लेडी डाक्टर से मिलवाया और उस के सभी आवश्यक टैस्ट करवाए. दोपहर बाद रिपोर्ट आने पर शाम तक लेडी डाक्टर ने सौम्या को अनचाहे गर्भ से छुटकारा दिला दिया. 2 दिनों तक डाक्टर की देखरेख में रहने के बाद केशव ने होटल से ही सुधा और सौम्या को कोलकाता के लिए रवाना कर दिया. किसी को कानोंकान खबर भी नहीं हुई उन के बीकानेर आने और वापस जाने की.
सौम्या अभी तक इस सदमे से बाहर नहीं निकल सकी थी. केशव ने जब टूटी हुई सौम्या का हौसला बढ़ाने के लिए स्नेह से उसे अपने सीने से लगाया तो उस के भीतर जमी हुई सारी पीड़ा प्यार की गर्माहट पा कर पिघल गई. उस ने रोतेरोते केशव से कहा, ‘‘मैं भटक गई थी मामा. जिसे मैं प्यार की कच्ची धूप समझ रही थी वह जलता हुआ सूरज निकला. मैं उस में झुलस गई.’’
केशव ने सौम्या के सिर पर हाथ रखते हुए कहा, ‘‘बेटा, हीरा अगर गलती से कीचड़ में गिर जाए तो भी उस की कीमत कम नहीं होती. जो कुछ हुआ उसे एक ऐक्सिडैंट या बुरा सपना समझ कर भूल जाना. यह बात सिर्फ हम तीनों तक ही सीमित रहेगी, मैं तुम्हें इस का भरोसा दिलाता हूं. तुम बेफिक्र हो कर अपने आगे की जिंदगी जियो.’’
ट्रेन जब प्लेटफौर्म छोड़ने लगी तो सुधा से रहा नहीं गया. वह केशव से लिपट कर रो पड़ी. कहना तो बहुत कुछ चाह रही थी मगर गला अवरुद्ध हो गया. शब्द आंसुओं के साथ बहने लगे. केशव ने भी बहन को गले से लगा लिया. कुछ भी न कह कर दोनों ने सबकुछ कहसुन लिया. सारे गिलेशिकवे धुल गए. बादलों के बरसने के बाद जैसे आसमान साफ और धुलाधुला सा हो जाता है वैसे ही आज सुधा का दिल एकदम साफ हो गया था. उसे समझ आ गया था कि दुनिया में पैसा ही नहीं, बल्कि सच्चे रिश्ते और अपनों का प्यार भी खरी कमाई हैं.