समीर शर्मा सुसाइड: नहीं रहे ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के ‘शौर्य’, घर पर मिली डेड बॉडी  

बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के लिए ये साल बेहद दुखद है. एक के बाद एक कलाकार अपनी जान दे रहे हैं जिनमें नया नाम शामिल हुआ है एक्टर समीर शर्मा का. उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. 44 साल के समीर स्टार प्लस के पॉपुलर शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में ‘अक्षरा’ के भाई और ‘ये रिश्ते हैं प्यार के’ में ‘कुहू’ के पिता ‘शौर्य माहेश्वरी’ का किरदार निभा रहे थे.

पंखे से लटकी मिली डेड बॉडी…

खबरों के अनुसार समीर की डेडबॉडी उनके घर के किचिन की छत से लटका हुआ मिला है. समीर शर्मा नेहा सीएचएस बिल्डिंग मलाड वेस्ट में रहते थे. एक रिपोर्ट के अनुसार, समीर शर्मा का शव बिल्डिंग के वॉचमैन को उस समय नजर आया, जब वो रात की ड्यूटी के दौरान टहल रहा था. इसके बाद वॉचमैन ने अपने सुपरवाइजर को इस बात की जानकारी दी और फिर पुलिस को कॉल किया गया. समीर शर्मा के शव के पास से कोई सुसाइड नोटिस नहीं मिला है.

ये भी पढ़ें- राखी पर इमोशनल हुईं सुशांत की बहने, ऐसे किया भाई को याद

 

View this post on Instagram

 

Least favorite part about getting ready 😣

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on

 

View this post on Instagram

 

Varsha Shaurya nok jhok 😊 @poojajoshiarorareal @samir5d Photo credit @sanjeevjotangia

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on

ये भी पढ़ें- कार्तिक के पिता का बिगड़ जाएगा मानसिक संतुलन, Promo Viral

दो दिन पहले ही लगा ली थी फांसी…

मलाड पुलिस ने इस मामले को एक्सीडेंटल डेथ के रूप में रजिस्टर किया है. मलाड पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर जॉर्ज फर्नांडिस ने मीडिया को बताया है कि, ‘हमने इस केस को एक्सीडेंटल डेथ के रूप में दर्ज किया है और मृत के शव को जांच के लिए भेज दिया गया है.’ पुलिस ने यह जानकारी भी दी है कि शव को देखकर ऐसा लग रहा था कि समीर शर्मा ने दो दिन पहले फांसी लगा ली थी.

 

View this post on Instagram

 

We are family!

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on

 

View this post on Instagram

 

Having fun on the set with Jugnu and Abir 🙂 #yehrishteyhainpyaarke #yrhpk #actorslife

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on


अकेले रहते थे समीर…

समीर शर्मा अपने मलाड स्थित फ्लैट में अकेले रहते थे. इस फ्लैट में उन्होंने कुछ दिनों पहले ही शिफ्टिंग की थी. समीर शर्मा और उनकी पत्नी की पिछले कुछ दिनों से बात नहीं हो पा रही थी, जिसके बाद उनकी पत्नी को शक हुआ. जब समीर के फ्लैट पर जाकर देखा गया तो वहां एक्टर का मृत शव मिला.

समीर शर्मा ने किन कारणों के चलते आत्महत्या की है, यह पता नहीं चल पाया है. पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है.

ये भी पढ़ें- ‘तारक मेहता’ को लगा एक और झटका, ‘अंजलि भाभी’ के बाद ‘जेठालाल’ के दोस्त ने भी छोड़ा शो

 

View this post on Instagram

 

The boys brigade 😉 #yehrishteyhainpyaarke #yrhpk

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on

 

View this post on Instagram

 

Chillin wid da ladies 😉

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on

बता दें कि समीर 15 साल से टीवी इंडस्ट्री में काम रहे थे. उन्होंने 2005 में ‘दिल क्या चाहता है’ सीरीयल से डेब्यू किया था. 2014 में वे फिल्म ‘हंसी तो फंसी’ में भी नजर आए थे. इसके अलावा क्योंकि सास भी कभी बहू थी, कहानी घर घर की और लेफ्ट राइट लेफ्ट जैसे पॉपुलर शोज में भी अहम रोल निभाए थे.

सिंगल मदर बनकर खुश हूं-साक्षी तंवर

धारावाहिक ‘कहानी घर-घर की’ में पार्वती की भूमिका निभाकर चर्चित हुई अभिनेत्री साक्षी तंवर इन दिनों एकता कपूर की वेब सीरीज ‘कर ले तू भी मोहब्बत’ की वजह से चर्चा में हैं. हाल ही में हमने उनसे बातचीत की, पेश है इस इंटरव्यू के कुछ अंश.

सवाल: बहुत दिनों बाद आप और राम कपूर एक बार फिर से काम कर रहे है, इसमें क्या खास है?

ये सही है कि हम दोनों फिर से एक बार काम कर रहे है. ये अच्छी बात है, इस सीरीज के पहले सीजन में दोस्ती, दूसरे सीजन में प्यार और तीसरे में पति-पत्नी में लड़ाई, नोंक-झोंक और नफरत ये सब दिखाई पड़ेगी. अब तक की सारी भूमिकाओं से ये अलग है, जिसे करने में अच्छा लगा.

सवाल: शादी के कुछ सालों बाद रियल लाइफ में भी कुछ पति-पत्नी के संबंधों में खटास आ जाया करती है, आपकी कहानी उन्हें क्या सीख देती है? हालांकि आप शादीशुदा नहीं है, फिर भी विवाह को सालों तक अच्छा बनाये रखने किन चीजो की जरुरत होती है?

ये सही है कि जहां प्यार अधिक होता है वहां तकरार भी होती है. बाहर के लोग अगर आपको कुछ कहे, तो आप ध्यान नहीं देते, लेकिन जिस व्यक्ति से आप प्यार करते है, वही व्यक्ति अगर आपको दुःख दे, तो बहुत तिलमिलाहट होती है और ये कहानी इसके प्रभाव को भी बताती है. इसके अलावा मैंने अपने माता-पिता को देखा है कि उनमें कितना अच्छा सामंजस्य है. मैंने महसूस किया है कि गलत सोच, ईगो आदि से हर चीज गलत होती जाती है, ऐसे में इसे समेटना मुश्किल हो जाता है. जब हम दूसरे का नुकसान करने जाते है, तो सबसे पहले खुद का नुकसान करते है. खुद की अच्छाई और बुराई नहीं देख पाते. दूसरे का नुकसान तो बाद में होता है, अपना नुकसान पहले होता है.

सवाल: आप इस चरित्र से अपने आपको कैसे रिलेट करती है?

मुझसे बहुत अलग है. इस कहानी में मेरा चरित्र किसी बात को अंदर रख लेती है, या उस परिस्थिति से भागने की कोशिश करती है. मैं वैसी नहीं हूं, मुझे अगर किसी से समस्या है तो मैं उससे बात कर लेना उचित समझती हूं. अगर मुझे गुस्सा भी आता है तो थोड़े दिनों तक शांत रहकर फिर उससे बात कर लेती हूं. मुझे कभी भी किसी बात में पहल करने में मुश्किल नहीं होती. बाकी अभिनय है, जिसे मैंने करने की कोशिश की है.

सवाल: आपने एक बच्चे को अडौप्ट किया है, सिंगल मदर बन चुकी हैं, मां बनकर आप कैसा महसूस कर रही है?

हर मां जिस दौर से गुजरती है, मैं भी उसी दौर से गुजर रही हूं. बच्चा हर घर में खुशियां और हलचल लेकर आता है. मेरे घर में भी वैसा ही माहौल बन गया है, जिसे मैं एन्जौय कर रही हूँ. हर पल एक सेलिब्रेशन होता है. हर चीज में अद्भुत अनुभूति हो रही है. मेरे माता-पिता भी इसे एन्जौय कर रहे है.

सवाल: आप अपनी जर्नी को कैसे देखती है और आपमें कितना परिवर्तन हुआ?

कैमरे के सामने मैंने 25 साल से अधिक समय बिताया है, लेकिन जितने भी कामों में मैंने सफलता पायी है, उनमें अधिकतर को मैंने ‘ना’ कही है. मैंने कुछ चुना नहीं है. ये सभी काम मुझ तक आये है. काम ने मुझे चुना. मेरा क्रेडिट ये है कि मैंने अपनी भूमिका को सही तरह से निभाया है. दर्शकों ने मेरे काम को पसंद किया और मुझे काम मिलता गया.

सवाल: आज सभी कलाकारों को काम मिलता है, क्योंकि वेब, टीवी फिल्म आदि सब आ चुके है, इस दौर को आप कैसे लेती हैं?

ये बहुत ही अच्छा दौर है. हर व्यक्ति को अपना काम दर्शक या पाठक तक पहुंचाने का मौका मिल रहा है, फिर चाहे वह लेखक, निर्देशक, कलाकार आदि कुछ भी हो, उसकी चाहत को रंग देने वाला माध्यम यही है. फिल्मों में एक कहानी को बहुत कम समय में कहना पड़ता है, जबकि टीवी में इसका उल्टा होता है. एक चरित्र को इतना खींचा जाता है कि मुख्य कहानी से धारावाहिक भटक जाती है. वेब सीरीज एक बैलेंस्ड माध्यम है, जिसमें आप एक निश्चित दायरे में हर किरदार की बातों को रखते हुए पूरी कहानी कह सकते है.

सवाल: ऐसा माना जा रहा है कि वेब सीरीज में सर्टिफिकेशन नहीं होता, ऐसे में इसमें गाली- गलौज से लेकर सेक्स को पूरी तरह से पेश किया जा रहा है, क्या ये परिवार और अपरिपक्व बच्चों के लिए सही है? इस बारें में आपकी सोच क्या है?

मैंने जो वेब सीरीज की हैं, वे परिवार को ध्यान में रखकर ही बनाये गए है. सेंसरशिप अंदर से ही आनी चाहिए और ये हर कोई कर सकता है,क्योंकि आपके पास ‘ना’ बोलने या न देखने पौवर होता है उसका प्रयोग करें. बच्चों के लिए उनके माता-पिता को ध्यान रखने की जरुरत है कि वे ऐसी चीजे न देखें, क्योंकि औनलाइन पर सेंसर लगाना मुश्किल है.

सवाल: क्या आपके ना कहने का असर आपके कैरियर पर पड़ा?

धारावाहिक ‘कहानी घर घर की’ के बाद मैंने ब्रेक लिया. उस समय कई शो के औफर आये, लेकिन मैंने 8 साल काम किया है इसलिए मैं थोड़ा आराम करना चाहती थी. मैंने कभी नहीं सोचा है कि मैं कम काम कर रही हूँ.  मैंने जितना भी काम किया मेरी जगह दर्शकों के दिल में बन गयी है. इसलिए मुझे कोई असुरक्षा की भावना नहीं है. टीवी पर जो काम किया है, उसके श्रेय को आगे ले जा रही हूं.

सवाल: क्या कोई सामाजिक कार्य आप करती है और किस क्षेत्र में अधिक काम करने की जरुरत है?

मैं सोशल वर्क करती हूं, लेकिन मैं शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक काम करने की सलाह देती हूँ. कई ऐसे शहर या गांव है, जहां शिक्षा की बहुत कमी है. शिक्षा से ही सभी क्षेत्र में उन्नति हो सकती है.

सिंगल मदर बनकर खुश हूं-साक्षी तंवर

धारावाहिक ‘कहानी घर-घर की’ में पार्वती की भूमिका निभाकर चर्चित हुई अभिनेत्री साक्षी तंवर इन दिनों एकता कपूर की वेब सीरीज ‘कर ले तू भी मोहब्बत’ की वजह से चर्चा में हैं. हाल ही में हमने उनसे बातचीत की, पेश है इस इंटरव्यू के कुछ अंश.

सवाल: बहुत दिनों बाद आप और राम कपूर एक बार फिर से काम कर रहे है, इसमें क्या खास है?

ये सही है कि हम दोनों फिर से एक बार काम कर रहे है. ये अच्छी बात है, इस सीरीज के पहले सीजन में दोस्ती, दूसरे सीजन में प्यार और तीसरे में पति-पत्नी में लड़ाई, नोंक-झोंक और नफरत ये सब दिखाई पड़ेगी. अब तक की सारी भूमिकाओं से ये अलग है, जिसे करने में अच्छा लगा.

सवाल: शादी के कुछ सालों बाद रियल लाइफ में भी कुछ पति-पत्नी के संबंधों में खटास आ जाया करती है, आपकी कहानी उन्हें क्या सीख देती है? हालांकि आप शादीशुदा नहीं है, फिर भी विवाह को सालों तक अच्छा बनाये रखने किन चीजो की जरुरत होती है?

ये सही है कि जहां प्यार अधिक होता है वहां तकरार भी होती है. बाहर के लोग अगर आपको कुछ कहे, तो आप ध्यान नहीं देते, लेकिन जिस व्यक्ति से आप प्यार करते है, वही व्यक्ति अगर आपको दुःख दे, तो बहुत तिलमिलाहट होती है और ये कहानी इसके प्रभाव को भी बताती है. इसके अलावा मैंने अपने माता-पिता को देखा है कि उनमें कितना अच्छा सामंजस्य है. मैंने महसूस किया है कि गलत सोच, ईगो आदि से हर चीज गलत होती जाती है, ऐसे में इसे समेटना मुश्किल हो जाता है. जब हम दूसरे का नुकसान करने जाते है, तो सबसे पहले खुद का नुकसान करते है. खुद की अच्छाई और बुराई नहीं देख पाते. दूसरे का नुकसान तो बाद में होता है, अपना नुकसान पहले होता है.

सवाल: आप इस चरित्र से अपने आपको कैसे रिलेट करती है?

मुझसे बहुत अलग है. इस कहानी में मेरा चरित्र किसी बात को अंदर रख लेती है, या उस परिस्थिति से भागने की कोशिश करती है. मैं वैसी नहीं हूं, मुझे अगर किसी से समस्या है तो मैं उससे बात कर लेना उचित समझती हूं. अगर मुझे गुस्सा भी आता है तो थोड़े दिनों तक शांत रहकर फिर उससे बात कर लेती हूं. मुझे कभी भी किसी बात में पहल करने में मुश्किल नहीं होती. बाकी अभिनय है, जिसे मैंने करने की कोशिश की है.

सवाल: आपने एक बच्चे को अडौप्ट किया है, सिंगल मदर बन चुकी हैं, मां बनकर आप कैसा महसूस कर रही है?

हर मां जिस दौर से गुजरती है, मैं भी उसी दौर से गुजर रही हूं. बच्चा हर घर में खुशियां और हलचल लेकर आता है. मेरे घर में भी वैसा ही माहौल बन गया है, जिसे मैं एन्जौय कर रही हूँ. हर पल एक सेलिब्रेशन होता है. हर चीज में अद्भुत अनुभूति हो रही है. मेरे माता-पिता भी इसे एन्जौय कर रहे है.

सवाल: आप अपनी जर्नी को कैसे देखती है और आपमें कितना परिवर्तन हुआ?

कैमरे के सामने मैंने 25 साल से अधिक समय बिताया है, लेकिन जितने भी कामों में मैंने सफलता पायी है, उनमें अधिकतर को मैंने ‘ना’ कही है. मैंने कुछ चुना नहीं है. ये सभी काम मुझ तक आये है. काम ने मुझे चुना. मेरा क्रेडिट ये है कि मैंने अपनी भूमिका को सही तरह से निभाया है. दर्शकों ने मेरे काम को पसंद किया और मुझे काम मिलता गया.

सवाल: आज सभी कलाकारों को काम मिलता है, क्योंकि वेब, टीवी फिल्म आदि सब आ चुके है, इस दौर को आप कैसे लेती हैं?

ये बहुत ही अच्छा दौर है. हर व्यक्ति को अपना काम दर्शक या पाठक तक पहुंचाने का मौका मिल रहा है, फिर चाहे वह लेखक, निर्देशक, कलाकार आदि कुछ भी हो, उसकी चाहत को रंग देने वाला माध्यम यही है. फिल्मों में एक कहानी को बहुत कम समय में कहना पड़ता है, जबकि टीवी में इसका उल्टा होता है. एक चरित्र को इतना खींचा जाता है कि मुख्य कहानी से धारावाहिक भटक जाती है. वेब सीरीज एक बैलेंस्ड माध्यम है, जिसमें आप एक निश्चित दायरे में हर किरदार की बातों को रखते हुए पूरी कहानी कह सकते है.

सवाल: ऐसा माना जा रहा है कि वेब सीरीज में सर्टिफिकेशन नहीं होता, ऐसे में इसमें गाली- गलौज से लेकर सेक्स को पूरी तरह से पेश किया जा रहा है, क्या ये परिवार और अपरिपक्व बच्चों के लिए सही है? इस बारें में आपकी सोच क्या है?

मैंने जो वेब सीरीज की हैं, वे परिवार को ध्यान में रखकर ही बनाये गए है. सेंसरशिप अंदर से ही आनी चाहिए और ये हर कोई कर सकता है,क्योंकि आपके पास ‘ना’ बोलने या न देखने पौवर होता है उसका प्रयोग करें. बच्चों के लिए उनके माता-पिता को ध्यान रखने की जरुरत है कि वे ऐसी चीजे न देखें, क्योंकि औनलाइन पर सेंसर लगाना मुश्किल है.

सवाल: क्या आपके ना कहने का असर आपके कैरियर पर पड़ा?

धारावाहिक ‘कहानी घर घर की’ के बाद मैंने ब्रेक लिया. उस समय कई शो के औफर आये, लेकिन मैंने 8 साल काम किया है इसलिए मैं थोड़ा आराम करना चाहती थी. मैंने कभी नहीं सोचा है कि मैं कम काम कर रही हूँ.  मैंने जितना भी काम किया मेरी जगह दर्शकों के दिल में बन गयी है. इसलिए मुझे कोई असुरक्षा की भावना नहीं है. टीवी पर जो काम किया है, उसके श्रेय को आगे ले जा रही हूं.

सवाल: क्या कोई सामाजिक कार्य आप करती है और किस क्षेत्र में अधिक काम करने की जरुरत है?

मैं सोशल वर्क करती हूं, लेकिन मैं शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक काम करने की सलाह देती हूँ. कई ऐसे शहर या गांव है, जहां शिक्षा की बहुत कमी है. शिक्षा से ही सभी क्षेत्र में उन्नति हो सकती है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें