आज के दौर में ज़रूरतें इतनी हैं कि कई बार क़र्ज़ लेना -चाहे वो मकान बनाने के लिए लिया जाए या बच्चों की एजुकेशन ,और शादी के लिए लिया जाए ,मजबूरी बन जाता है. दूसरी ओर बैंक और वित्तीय संस्थाए भी क़र्ज़ आसानी से देने लगीं हैं तो लोग ज़रूरत पड़ने पर इनसे लोन लेना ,दूसरे विकल्पों के तुलना में आसान मानते हैं और ईज़ी ई एम आई, डिसकाउंट और सेल्ज़ के चक्कर में फँसते चले जाते हैं. जबकि ज़रूरी ख़र्च उनके फ़ाईनेंस पर दबाव डालते हैं.
ऐसे में क़र्ज़ का फंदा धीरे धीरे कसता है और क़र्ज़ में डूब जाने का अहसास तब तक नहीं होता जब तक पानी नाक तक नहीं पहुँच जाता. ज़रूरी है आप ,लोन लेने से पहले इन ऑप्शंस का ध्यान रखें. जिनसे,संकट के समय भी आप,क़र्ज़ चुकाने में सफल हो सक़ें.
- इनकम और ख़र्च के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए अपनी ज़रूरतों को प्राथमिकता दें.
- बजट बनाएं और रीसोर्स को मैनेज करें और क़र्ज़ मुक्ति के तरीक़े खोजें.
- मौजूदा हालत का विश्लेषण करें और समझने का प्रयास करें कि, इनकम का स्त्रोत क्या है और पैसा ख़र्च कहाँ होता है,और ख़र्चों में कटौती कहाँ करनी है.
- यदि फिर भी लोन लेने के बाद आप इसे चुकाने में असमर्थ हैं तो निराश न हों ,प्रस्तुत हैं ये तरीक़े जो आपको इस हालात से निबटने में सहायक सिद्ध होंगे—
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योजना बनाएँ और उसे फ़ॉलो करे–
- आम तौर पर ड्यू डेट से प्रीमियम का भुगतान शुरू करने के लिए पर्याप्त रक़म रखनी चाहिए. इस दिशा में कोई लापरवाही आपके क्रेडिट स्कोर को ख़राब कर सकती है.
- यदि आप छात्र हैं और आपने शिक्षा के लिए क़र्ज़ लिया है और बेरोज़गारी के कारण आप पेमेंट करने में सक्षम नहीं है तो, संबंधित बैंक से,तुरंत सम्पर्क करे .
- यदि क़र्ज़दाता,ईमानदारी से अपने हालात के बारे में बताते है तो लेंडर, न सिर्फ़ नौकरी खोजने में आपकी मदद करते हैं बल्कि क़र्ज़ वापस करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय भी दे सकता है.
डेट पेमेंट के लिए कार्यकाल बढ़ाएँ–
बैंक कर्मचारियों के साथ चर्चा करके उन्हें मौजूदा आर्थिक हालात के बारे में बताएँ.इस तरह कोई भी EMI का दबाव कम कर सकता है,साथ ही अधिक समय मिलने से आप ,कमाईं के लिए और विकल्प ढूँढ सकते हैं
रीफायनेन्स के लिए जा सकते हैं–
अधिक आसान नियमों और शर्तों पर क़र्ज़ या अधिक अनुकूल शर्तों के साथ एक बदली गई योजना के अनुसार,जैसे ,कई मामलों में,कमज़ोर क़र्ज़ दाता सह-आवेदक को एक मज़बूत सह आवेदक के साथ रिप्लेस करने का मौक़ा देता है.
मौजूदा सम्पत्ति मदद करती है–
एक उधार कर्ता बंधक का लाभ उठाने के लिए अपनी सम्पत्ति का इस्तेमाल कर सकता है और यदि आपके पास शेयर हैं तो इक्विटी की मदद से क़र्ज़ के संकट से छुटकारा पा सकते हैं. कम ब्याज दरों और कम प्रीमीयम पर बेनिफ़िट उठा सकते हैं,बशर्ते आपके पास बेहतर क्रेडिट हिस्ट्री हो.
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डेट सेटल्मेंट की कोशिश करें–
अपने नेगोशिएशन स्क़िल्ल्स का लाभ उठाते हुए क़र्ज़ के बोझ को कम करने के लिए ,क़र्ज़दाता से कुल राशि में छूट पाने के लिए आप ,एक छोटी अवधि में एकमुश्त भुगतान कर सकते हैं,लेकिन इसके लिए आपके पास एक डीसेंट रक़म होनी चाहिए.ऋण चुकाने से पहले लिखित डॉक्युमेंट के बारे में अतिरिक्त एलर्ट रहें.