मेरी उम्र 29 साल है. मैं शादी कर के परिवार बसाना चाहता था. लेकिन मेरी शादी 6 महीने भी नहीं चली. क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 29 साल है. मैं शादी कर के परिवार बसाना चाहता था. लेकिन मेरी शादी 6 महीने भी नहीं चली. मेरा तलाक हो गया. मैं बहुत दुखी रहने लगा. शराब पीनी शुरू कर दी. अपने प्रति लापरवाह हो गया. मेरे एक दोस्त ने सलाह दी कि डेटिंग ऐप पर अपने लिए कोई ऐसी लड़की ढूढ़ लो जो रिलेशनशिप में तेरे साथ रहे. ऐसे में मैं डिप्रैशन से बाहर आ जाऊंगा. मैं ने दोस्त की सलाह मान ली. मु?ो ऐसी लड़की मिली जो शादीशुदा थी और 2 बच्चों की मां थी. उस का पति विदेश में रहता था. उस का कहना था कि वह फिजिकल रिलेशन चाहती है क्योंकि पति विदेश में रहता है और वह उसे प्यार भी नहीं करती. बच्चों और पैसों की वजह से उसे सहन कर रही है और शादी निभा रही है.

मु?ो उस के साथ सहानुभूति हो गई और मैं उस के साथ रिलेशन में चला गया. धीरेधीरे मु?ो वह बहुत अच्छी लगने लगी और मैं उस के प्यार में दीवाना हो गया. उस की हर जरूरत पूरी करने लगा. वह अपने ऊपर मेरा काफी पैसा खर्च करवाती थी. मैं अच्छा कमा रहा था. इसलिए खर्च भी कर देता था. मैं ने सोच लिया था कि जिंदगीभर उस के साथ ही रिलेशन में रह कर जीवन बिता लूंगा. लेकिन एक दिन उस ने बताया कि वह विदेश अपने पति के पास जा रही है. यह सब वह अपने बच्चों की खातिर कर रही है.

मैं ने उस से बहुत कहा कि मैं उस से बहुत प्यार करने लगा हूं. शादी भी करने को तैयार हूं. बच्चों की पूरी देखभाल करूंगा. मु?ो छोड़ कर न जाए लेकिन वह नहीं मानी और चली गई. मैं फिर अकेला हो गया. विदेश जा कर अब वह मु?ो वहां से फोन करती है कि पति उस के साथ अच्छा सुलूक नहीं करता है. कहती है कि उस ने वहां एक और बौयफ्रैंड बना लिया है अपनी फिजिकल नीड पूरी करने के लिए. मु?ो जलाने के लिए जानबू?ा कर रात को फोन करती है कि मैं आज सुबह बौयफ्रैंड के साथ सैक्स कर के आई हूं. मैं ने उस से सच्चा प्यार किया था लेकिन उस ने मेरा सिर्फ इस्तेमाल किया. मैं आज भी उसे याद कर रोता हूं. सब बेकार लगता है. क्या करूं?

जवाब

हमें आप के साथ सहानुभूति है. लेकिन वो, आप यह सब अपनी लाइफ के साथ क्या कर रहे हो. आप की ख्वाहिश थी शादी कर परिवार बनाने की तो फिर डेटिंग ऐप पर क्यों गए.

एक शादी टूट गई तो दूसरी कर सकते थे. रिलेशनशिप में भी गए तो शादीशुदा 2 बच्चों की मां के साथ. सिंगल लड़कियों की कमी है क्या डेटिंग ऐप में.

खैर जो हो गया, सो हो गया. अपनी सम?ा का इस्तेमाल कीजिए. क्या आप देख नहीं रहे कि उस लड़की ने किस तरह से आप का सिर्फ इस्तेमाल कर अपना उल्लू सीधा किया है. फिर भी आप उस के लिए आंसू बहा रहे हैं. वह इस लायक ही नहीं कि उसे याद कर रोया जाए. आप को तो उस के साथ उसी वक्त सारे रिश्ते खत्म कर देने चाहिए थे जब वह विदेश गई थी.

अभी भी वक्त है संभल जाइए. उस लड़की के साथ सारे कौन्टैक्ट खत्म कर दें. उस के बारे में सोचना बंद कर दें. स्वार्थी लोगों के बारे में क्या सोचना, उस ने आप के बारे में एक बार भी सोचा? बल्कि, विदेश में बैठ कर भी आप को दूसरे के साथ सैक्स करने की बात कर जला रही है. क्या कहेंगे आप ऐसी औरत को.

आप अपनी जिंदगी का यह पुराना चैप्टर क्लोज कर दीजिए. लाइफ से थोड़ा ब्रेक लीजिए. आगे क्या अच्छा हो सकता है, इस बारे में विचार कीजिए. नशा किसी समस्या का हल नहीं होता, उस से दूर रहिए. आप ने अपने परिवार के बारे में कुछ नहीं लिखा, मातापिता, भाईबहन हैं तो उन से सलाह लीजिए. लाइफ में दोबारा शादी कर के सैट होना चाहते हैं तो सबकुछ देखभाल कर शादी कीजिए. जिंदगी को अच्छा या बुरा बनाना बहुतकुछ हमारे हाथ में होता है, बस, निर्णय सोचसम?ा कर लेने चाहिए. तो दोस्त, अंधेरे से बाहर निकलिए. हिम्मत के साथ जिंदगी से आंख से आंख मिला कर सामना कीजिए, उम्मीद पर दुनिया कायम है.

 

जानें क्या हैं Married Life के 9 वचन

समय के साथसाथ परिवर्तन भी जरूरी है. आज के युग में दंपतियों विशेषकर नवविवाहित जोड़ों को अपने वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए अपने विचारों, अपनी भावनाओं का नजरिया थोड़ा बदलना ही चाहिए. पहले विवाह का मतलब सिर्फ प्यार और समर्पण था, जिस में ज्यादातर पत्नियां ही पति और उस के घरपरिवार के लिए समर्पित रहने में अपने जीवन की सार्थकता मानती थीं और त्याग व कर्तव्य की प्रतिमा बनीं सारा जीवन खुशीखुशी गुजार देती थीं. घरपरिवार में इसी से उन्हें इज्जत भी मिला करती थी.

पुरुष भी ऐसी पत्नी पा कर खुश होते थे. उन की सोच भी औरतों के लिए बस यही थी. पर आज हालात बदल गए हैं. स्त्रीपुरुष दोनों इस बात को समझ चुके हैं. आज औरतें भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर हर क्षेत्र में काम कर रही हैं, आगे बढ़ रही हैं. आज प्यार और समर्पण की शक्ल प्यार और साझेदारी ने ले ली है, जो व्यावहारिक भी है.

वरवधू शादी के समय रस्म के तौर पर 7 वचन लेते हैं और शायद बहुत जल्दी भूल भी जाते हैं पर दंपती सर्वेक्षण के आधार पर निष्कर्ष स्वरूप निकले इन वचनों को शादी के बाद भी लें, इन्हें याद रखें और निभाएं भी. विवाह का यह प्यारा बंधन प्यार, विश्वास और साझेदारी का ही तो है, जहां पतिपत्नी दोनों ही घरबाहर के काम करते हैं, तो दोनों को ही एकदूसरे के काम में सहयोग द्वारा तालमेल बैठा कर चलने की जरूरत है, जिस में ये सब के विचार मंथन से निकले निम्न वचन बड़े काम के हैं:

जो मेरा है वह तुम्हारा भी

लखनऊ के आर्किटैक्ट सुहास और उन की पत्नी सीमा में शुरूशुरू में छोटीछोटी बातों को ले कर अकसर अनबन हो जाती थी. सीमा कहती है, ‘‘जैसे मायके से मिले महंगे बैड कवर, क्रौकरी आदि को अगर सुहास अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के लिए इस्तेमाल करते, तो मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता. इसी तरह इन्हें भी मेरे रिश्तेदारों, सहेलियों द्वारा इन के म्यूजिक सिस्टम, नौवलों से छेड़छाड़ एकदम नागवार गुजरती. फिर एक दिन हम ने तय किया कि हम एक हैं, तो एकदूसरे की चीजों का इस्तेमाल क्यों न करें? उस दिन से सारा परायापन दूर हो गया.’’

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जैसे मुझे अपने मम्मीपापा, भाईबहन, दोस्तरिश्तेदार प्यारे हैं वैसे ही तुम्हें भी अपने

जयपुर के डा. राजेश और उन की होममेकर पत्नी ईशा ने इस बात का खुलासा किया कि पतिपत्नी दोनों के परिवारों का, रिश्तेदारों का घर में बराबर का सम्मान जरूरी है. राजेश ने अपनी बहन रीमा के घर में अपने व अपने मातापिता के बारबार अपमानित होने की घटना बताई. बहन अपने पति के इस अपमानित व्यवहार से आहत रहती है.

इस से उन के आपसी रिश्ते कभी मधुर नहीं हो पाए. यह तो गलत अपेक्षा है कि केवल पत्नी पति के घर वालों को पलकों पर बैठाए और पति उस के पीहर के लोगों को सम्मान न दे कर जबतब अपमानित करता फिरे. पति का भी उतना ही फर्ज है. पत्नी अर्धांगिनी है, सहचरी है कोई गुलाम नहीं.

जैसे मेरी जरूरतें जरूरी वैसे तुम्हारी भी

सुजाता एक कौरपोरेट औफिस में काम करती है. अकसर उसे घर आने में देर हो जाती है. घर पर भी कभीकभी उसे औफिस का काम निबटाना पड़ता है. इस पर पति विशाल चिड़चिड़ करता था. एक दिन सुजाता ने उसे बैठा कर अच्छी

तरह समझाया कि विशाल मैं ने शादी के पहले ही तुम्हें बता दिया था. तब तो तुम्हें मेरे अच्छे पैकेज के आगे सब मंजूर था. जब तुम अपनी बिजनैस मीटिंग से लेट आते हो तब मुझे तो कोई आपत्ति नहीं होती. फिर तुम क्यों नहीं समझते? मैं नौकरी नहीं छोड़ सकती. मां का हर महीने ब्लड ट्रांसफ्यूजन मैं नहीं रोक सकती. बेशक तुम मुझे छोड़ सकते हो. मुझे इस में भी कोई आपत्ति नहीं. मैं तलाक के लिए तैयार हूं.

मैं कल ही कहीं और शिफ्ट हो जाती हूं. पर सोचो मेरी मां की जगह तुम्हारी मां होती तो भी तुम यही कहते? अपनीअपनी जौब, जरूरत व जिम्मेदारी पूरी करने में एकदूसरे का सहयोग होगा तभी संबंधों में मधुरता आएगी और संबंध बना रहेगा वरना अपनेअपने रास्ते जाना ही बेहतर है.

उस दिन से विशाल समझ गया. अब बड़ीबड़ी क्या मेरी भूखप्यास, नींद जैसी छोटी जरूरतों को भी तवज्जो देने लगा है. मेरा दर्द, मेरी थकान उसे सब समझ आता है. लाइफ पार्टनर बने हैं तो यह जरूरी भी है.

अपनी आदतें, शौक, संस्कार जैसे मेरे वैसे तुम्हारे

पतिपत्नी अलग परिवारों से अलग परवरिश से आते हैं पर दूसरे से अपने जैसा व्यवहार, रहनसहन की ही अपेक्षा रखते हैं या अलग देख मखौल उड़ाते हैं तो वह ठीक नहीं, बल्कि हल ढूंढ़ना उचित है. स्कूल टीचर दीप्ति अपने बैंक मैनेजर पति शिखर के नंगे पांव घर में घूमने के बाद बिस्तर में घुसने से परेशान रहती थी, तो शिखर उस के कहीं से आने के बाद कपड़े चैंज कर बिस्तर पर छोड़ देने से परेशान रहता था. आखिर एक दिन बैठ कर दोनों ने समस्या का हल निकाला. अब पैरों की गंदगी से बचने के लिए शिखर ने कारपेट बिछा दिया तो दीप्ति ने भी शिखर की देखादेखी कपड़े सलीके से हैंग करने शुरू कर दिए. उन की जिंदगी फिर से गुनगुनाने लगी है.

दूसरों के सामने एकदूसरे की मीनमेख या मखौल नहीं

दिल्ली के ग्रेटर कैलाश की माला पहली बार विवाह के बाद हवाईयात्रा कर रही थी. पति अंश पेशे से चार्टर्ड अकाउंटैंट था. उस का एक दोस्त भी सपत्नीक उन के साथ था. सब किसी तीसरे दोस्त की शादी में जा रहे थे. बैल्ट बांधने की घोषणा हुई तो माला ने जल्दी से बगल वाली सीट की बैल्ट उठा ली और लगाने की कोशिश करने लगी. यह देख अंश हंस पड़ा, ‘‘अकल घास चरने गई है क्या? इतना भी नहीं आता क्या?’’ यह देख सब मुसकराने लगे तो माला को बहुत बुरा लगा. अत: बोली, ‘‘तुम्हें हंसने के बजाय मेरी मदद करनी चाहिए थी या इन की तरह अमीर घर की पत्नी लाते.’’

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अंश को अपनी गलती का एहसास हुआ कि उसे ऐसा नहीं कहना चाहिए था.

इसी तरह बरेली निवासी गीता के भैयाभाभी उस से मिलने आए तो पति दीपक बोतल से ही पानी पी रहा था. उस ने भैया को भी पानी की वही बोतल औफर कर दी.

‘‘रुकिए, मैं गिलास लाती हूं. हमारे यहां कोई गंवारों जैसे नहीं पीता,’’ गीता बोली.

दीपक को उस की बात चुभ गई. बोला, ‘‘और हमारे यहां भी पति से ऐसे कोई बात नहीं करता.’’

‘‘भैया ने गीता को टोक कर बात संभाली. बाद में दोनों ने एकदूसरे को सौरी बोला और दूसरों के सामने एकदूसरे का मखौल न उड़ाने और मीनमेख न निकालने का वादा किया.’’

जैसी मेरी सोशल बौंडिंग वैसी तुम्हारी भी

दीपांकर की पत्नी जया शादी से पहले के ही बड़ी सोशल रही है. सब के दुखसुख, उत्सवत्योहार इत्यादि में शामिल होती आई है. औफिस हो या पड़ोसरिश्तेदार सब से निभाती आई है और अब भी निभा रही है. दीपांकर भी उसे सहयोग करता है, सो जया भी दीपांकर के सामाजिक रिश्तों को निभाने में कोई गुरेज नहीं करती.

जैसे मुझे कुछ स्पेस चाहिए वैसे ही तुम्हें भी

पारुल ने बताया सारा दिन तो वह पति रवि के सिर पर सवार नहीं रहती. कुछ वक्त उसे अकेला छोड़ देती है ताकि वह अपना कुछ काम कर सके. पति भी इस बात का ध्यान रखता है कि मुझ को स्पेस मिलता रहे. दोनों में इस बात को ले कर कभी कोई तकरार नहीं होती. अगले दिन के लिए अपना होमवर्क भी आसानी से कर लेते हैं. साथ होते हैं तो खूब छनती है.

जैसी मेरी कुछ सीक्रेट्स न बताने की मेरी इच्छा वैसी ही तुम्हारी भी

शादी के पहले क्या हुआ था पति के साथ या पत्नी के साथ या उन के घरखानदान में. यदि यह बात कोई नहीं बताना चाहता है तो ठीक है, कुरेदकुरेद कर पूछना क्यों? शक में रहना बेकार है. कालेज के अंगरेजी के व्याख्याता डा. नगेंद्र और उन की हिंदी की व्याख्याता पत्नी नीलम का यही मानना है. उन के अनुसार रिश्ते की प्रगाढ़ता के लिए यह आवश्यक है. वर्तमान को देखें, एकदूसरे का आत्मसम्मान बना रहने दें.

पौकेट मनी खर्च पर नो रोकटोक

‘‘अपन दोनों की मस्त लाइफ का यही तो सीधा फंडा है. घर खर्च में हम सहमति से बराबर शेयर करते हैं और पौकेट मनी पर एकदूसरे की नो टोकाटोकी,’’ स्टेट बैंक कर्मी प्रिया और उन के असिस्टैंट मैनेजर पति करण ने अपनी मजेदार बातों में एक और महत्त्वपूर्ण वचन भी बता दिया.

तो अब देर किस बात की. शादी के समय 7 वचन लिए हैं, तो शादी के बाद पतिपत्नी दोनों इन वचनों को आत्मसात कर लें और फिर प्रेमपूर्वक निभाएं यह रिश्ता.

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छोटी बहन के लिए आपराधिक इतिहास वाले परिवार से रिश्ता आया है, मैं क्या करुं?

सवाल

मेरी छोटी बहन जो स्कूल टीचर है, के लिए हम ने एक लड़के से बात चलाई थी. लड़का सरकारी नौकरी में था. तहकीकात करने पर पता चला कि उस के बड़े भाइयों का आपराधिक इतिहास रहा है. इसलिए हम वहां रिश्ता करने से इनकार कर रहे हैं. लेकिन जो व्यक्ति यह रिश्ता करा रहा था उस का कहना है कि आप जिस लड़के से रिश्ता करने जा रहे हैं वह तो ठीक है, उस के भाइयों की गतिविधियों से आप को क्या लेना? कृपया बताएं कि क्या हमें ऐसे लड़के से बहन का रिश्ता करना चाहिए?

जवाब

शादी ब्याह से केवल 2 व्यक्तियों का ही नहीं वरन 2 परिवारों का भी रिश्ता जुड़ता है. इसलिए यदि उस लड़के के बड़े भाइयों के आपराधिक इतिहास के कारण रिश्ता करने से इनकार कर रहे हैं तो यह सही फैसला है.

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बहन की शादी, निभाएं फर्ज

बड़ी बहन की शादी का मौका हो तो घर में खुशी का माहौल होता ही है. ऐसे में फुल ऐंजौय करने का मौका भी मिलता है, लेकिन अगर हम सिर्फ ऐंजौय करने के चक्कर में सारी जिम्मेदारियों को पेरैंट्स के सिर पर डाल कर खुद फ्री हो जाएं तो यह ठीक नहीं है, क्योंकि इस से जहां उन का स्ट्रैस बढ़ेगा वहीं अकेले होने के कारण वे चीजों को ज्यादा अच्छी तरह से हैंडिल नहीं कर पाएंगे और कोईर् न कोई गलती कर ही जाएंगे, जिस से सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. ऐसे में घर में छोटे होने के बावजूद आप की जिम्मेदारी बनती है कि अपने पेरैंट्स के साथ हाथ बंटाएं ताकि इस बेहतरीन माहौल का सभी मजा ले पाएं औैर किसी को शिकायत का मौका भी न मिले.

आप निम्न चीजों में अपना रोल अदा कर सकते हैं :

शौपिंग में करें हैल्प

चाहे रिश्तेदारों के देनेलेने के कपड़े हों या फिर खुद बहन के लिए शौपिंग करनी हो, आप पेरैंट्स के इस काम को हलका कर सकते हैं, जैसे अगर पापा किसी काम में बिजी हैं और वे मार्केट जाने के लिए समय नहीं निकाल पा रहे है, तो आप मम्मी व बहन को शौपिंग कराने के लिए ले जाएं ताकि पापा भी अपना काम कर लें और शौपिंग का काम भी निबट सके.

सामान की पैकिंग का जिम्मा लें खुद पर

मैरिज में दिया जाने वाला सामान तो खरीद लिया है, लेकिन अब उसे पैक करने की जिम्मेदारी भी है. बाहर से पैकिंग करवाना काफी महंगा पड़ता है. इसलिए अगर आप सब भाईबहन मिल कर इस काम को कर लें तो न केवल यह काम आसानी से होगा बल्कि सस्ता भी पड़ेगा.

वैडिंग कार्ड के लिए करें मार्केट रिसर्च

वैडिंग कार्ड का और्डर देने से पहले मार्केट में रेट पता कर लें कि सिंपल से ले कर क्रिएटिव कार्ड की क्या कौस्ट है और कौन सा दुकानदार ज्यादा डिस्काउंट दे रहा है. इस से आप के पापा पर सिर्फ और्डर देने का काम रह जाएगा. हो सके तो जिन फ्रैंड्स के घर अभी हाल में ही शादी हुई है, उन से भी आप एक अंदाजा ले सकते हैं.

मेहमानों के रहने का बंदोबस्त

अगर आप के घर में मेहमानों को ठहराने के लिए पर्याप्त स्पेस नहीं है, तो आप को उन के रहने का बंदोबस्त करना पड़ेगा, इस के लिए आप अपने पापा की हैल्प यह बता कर कर सकते हैं कि पापा हमारे एरिया में फलांफलां मकान खाली हैं, हम उन के मालिकों से इन्हें किराए पर लेने की बात कर सकते हैं. आप अपने फ्रैंड्स से भी रिक्वैस्ट कर सकते हैं कि क्या उन के खाली फ्लोर को 1-2 दिन के लिए हम इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर वे इस में हामी भर दें तो आप के पापा का काम काफी आसान हो जाएगा.

संगीत नाइट का अरेंजमैंट करें

बहन के संगीत प्रोग्राम में जान डालने के लिए आप पहले से ही बहन के फेवरिट गानों के साथसाथ हिट सौंग्स को भी डाउनलोड कर के पैनड्राइव में सेव कर लें, साथ ही म्यूजिक प्लेयर का भी बंदोबस्त कर के रखें ताकि ऐनवक्त पर कोई प्रौब्लम न हो. अगर डीजे वाला धोखा दे जाए तो आप का अपना अरेंजमैंट संगीत की रात का मजा खराब नहीं होने देगा.

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वैन्यू के बंदोबस्त की देखरेख

वैन्यू बुक कराने की जिम्मेदारी तो पापा को ही बखूबी निभाने दें, क्योंकि बुकिंग में जरा सी गड़बड़ी होने पर काफी परेशानी हो सकती है. लेकिन आप यहां इस तरह अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं कि मैरिज से एक दिन पहले जिस से वैन्यू बुक कराया है उसे कौल कर के रिमाइंड करवा सकते हैं औैर मैरिज वाले दिन वहां जा कर जायजा लें कि सबकुछ ठीक चल रहा है न.

बहन की ख्वाहिशों को करें सपोर्ट

इस दिन को ले कर हर लड़केलड़की के मन में कई तरह की ख्वाहिशें होती हैं, लेकिन घर के रीतिरिवाजों के कारण उन्हें अपनी इच्छा को दबाना पड़ता है. ऐसे में आप अपनी बहन की हर जायज ख्वाहिश को सपोर्ट करें, जैसे अगर आप की फैमिली में चूड़ा पहनने का रिवाज नहीं है, लेकिन बहन पहनना चाहती है तो आप इस के लिए घर के बड़ों को राजी करें कि इस से किसी का कोई नुकसान नहीं होने वाला बल्कि समय के साथ खुद में बदलाव लाना जरूरी है. इस से वे आप की बात को जरूर मानेंगे औैर बहन के चेहरे पर भी खुशी आएगी.

बैंक के कार्यों में करें हैल्प

अगर आप के पापा को ईबैंकिंग की नौलेज नहीं है और इस चक्कर में उन का काफी समय बरबाद हो रहा है तो बैंक के कार्यों को निबटाने में आप उन की सहायता कर सकते हैं. यहां तक कि एटीएम से पैसा निकालने में भी उन की हैल्प करें.

खुद के पास भी रखें थोड़ा पैसा

घर में शादी का माहौल हो, ऐसे में हर छोटीछोटी चीज के लिए पापा को डिस्टर्ब करते रहने से काम नहीं बनने वाला. इसलिए आप पहले से ही पापा से 5-6 हजार रुपए ले कर रखें ताकि अगर ऐनवक्त पर कोई चीज खरीदनी पड़ जाए या बहन को ही कुछ मंगाना पड़ जाए तो इस के लिए आप को पापा या मम्मी का इंतजार न करना पड़े बल्कि आप खुद ही सब आसानी से हैंडिल कर लें. इस से आप छोटी उम्र से ही चीजों को हैंडिल करना सीख जाएंगे.

बहन का रखें खयाल

नए परिवार में जाने के डर से अगर  बहन खानापीना छोड़ देगी तो इस से वे इस मूवमैंट को ऐंजौय भी नहीं कर पाएगी औैर चक्कर वगैरा आने का डर भी बना रहेगा. इसलिए आप उस के खानेपीने का खयाल रखें, समय पर उसे जूस वगैरा देते रहें. साथ ही मम्मीपापा की भी प्रौपर केयर करें, तभी आप इस जिम्मेदारी को अच्छे से निभा पाएंगे.

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बरातियों के वैलकम में न छोड़ें कमी

पापा को पहले ही कह दें कि आप चाचा वगैरा के साथ मेन वैन्यू पर जिम्मेदारी संभालें और हम कजिंस के साथ मिल कर रीअसैंबल पौइंट पर. इस से काम बंट जाएगा. ध्यान रखें बरातियों के वैलकम में कमी न रहने पाए. साथ ही बहन के फ्रैंड्स को भी पूरा ऐंटरटेन करें. यहां तक कि उन्हें छोड़ने या फिर अपने यहां ठहराने का बंदोबस्त करें.

अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के बीच आप को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हर काम बजट में हो. इस तरह आप छोटे होते हुए भी बड़ों की काफी मदद कर पाएंगे.

शादी के बाद होने वाली प्रौब्लम और उसके जवाब बताएं?

सवाल-

मैं 23 वर्षीय कामकाजी युवती हूं. 2 महीने बाद मेरी शादी होने वाली है. मु झे खाना बनाना नहीं आता जबकि टीवी धारावाहिकों में मैं ने देखा है कि बहू को खाना बनाना नहीं आने पर ससुराल के लोग न सिर्फ उस का मजाक उड़ाते हैं वरन उसे प्रताडि़त भी करते हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

छोटे परदे पर प्रसारित ज्यादातर धारावाहिकों का वास्तविक जीवन से दूरदूर तक वास्ता नहीं होता. सासबहू टाइप के कुछ धारावाहिक तो इतने कपोलकल्पित होते हैं कि जागरूकता फैलाने के बजाय ये समाज में भ्रम और अंधविश्वास फैलाने का काम करते हैं. शायद ही कोई धारावाहिक हो जिस में सासबहू के रिश्ते को बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया गया हो.

वास्तविक दुनिया धारावाहिकों की दुनिया से बिलकुल अलग है. आज की सासें सम झदार और आधुनिक खयाल की हैं. उन्हें पता है कि एक कामकाजी बहू को किस तरह गृहस्थ जीवन में ढालना है.

फिर भी आप अपने मंगेतर से बात कर इस बारे में जानकारी दे दें. अभी विवाह में 2 महीने बाकी भी हैं, इसलिए खाना बनाने के लिए सीखना अभी से शुरू कर दें. खाना बनाना भी एक कला है, जिस में निपुण महिला को किसी और पर आश्रित नहीं होना पड़ता, साथ ही उसे पति व बच्चों सहित घर के सभी सदस्यों का भरपूर प्यार भी मिलता है.

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साराऔफिस खाली हो चुका था पर विजित अपनी जगह पर उल झा हुआ सा सोच में बैठा था. वह बहुत देर से तन्वी को फोन करने की सोच रहा था पर जितनी बार मोबाइल हाथ में उठाता, उतनी बार रुक जाता. क्या कहेगा तन्वी से, वही जो कई बार पहले भी कह चुका है?

पिछले काफी समय से तन्वी से उस की बात नहीं हुई थी. लेकिन आज तो वह बात कर के ही रहेगा. उस ने मोबाइल फिर उठाया और नंबर मिला दिया. उधर से तन्वी की हैलो सुनाई दी.

‘‘तन्वी…’’ विजित की आवाज सुन कर तन्वी पलभर के लिए चुप हो गई. फिर तटस्थ स्वर में बोली, ‘‘हां बोलो विजित…’’

‘‘तन्वी एक बार फिर सोचो, सब ठीक हो जाएगा… इतनी जल्दबाजी अच्छी नहीं है… आखिर तुम्हें मु झ से तो कोई शिकायत नहीं है न… बाकी समस्याएं भी सुल झ जाएंगी… कुछ न कुछ हल निकालेंगे उन का… तुम वापस आ जाओ… ऐसा मत करो… ऐसा क्यों कर रही हो तुम मेरे साथ…’’ बोलतेबोलते विजित का स्वर नम हो गया था.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए- थोड़ा दूर थोड़ा पास : शादी के बाद क्या हुआ तन्वी के साथ

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सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

26 रिलेशनशिप टिप्स: ऐसे मजबूत करें पति-पत्नी का रिश्ता

शादी एक ऐसा बंधन हैं, जिसमें दो लोग जन्म जन्मान्तर तक साथ रहने और नुश्किल दौर में एक दूसरे के साथ हर परिस्थिति में खड़े रहने की कसमें खाते हैं. लेकिन कभी कभी कपल्स अपनी कसमें वादे भूल जाते हैं, और एक साथ रहना पसंद तक नहीं करते. ऐसा तब होता है जब उन दोनों के बीच आपसी सामंजस्य नहीं बैठ पाता. आपकी कुछ आदतें एक दूसरे को चोट पहुंचाती हैं. ऐसे में रिश्ता तभी सम्भला रह सकता है जब आप बुरी आदतों को छोड़ दें. हर शादी में कुछ सिद्धांत होते हैं. अगर हमने उन सिद्धांतों पर चलना शुरू कर दिया तो, हमारी शादी सफलता की ओर बढ़ेगी. आज का खास लेख इसी विषय पर आधारित है. आज हम आपको ऐसे सिद्धांतों के बारे में बताएंगे जिनको अपनाकर आप अपनी शादी को दूसरों के लिए प्रेरणा बना पाएंगे. तो फिर चलिए शुरू करते हैं.

1. एक दूसरे को करें स्वीकार-

शादी को तभी सफल बनाया जा सकता है, जब आप अपने जीवन साथी को वैसे ही स्वीकार करें, जैसे वो हैं. उन्हें दिखावे के लिए कभी भी ना बदलने को कहें. अगर आप एक दूसरे को बदलेंगे तो आप दुखी ही रहेंगे.

2. विश्वास भी जरूरी-

किसी भी रिश्ते की नींव विश्वास पर ही टीकी होती है. अगर रिश्ते में विश्वास नहीं होगा, तो वो रिश्ता टिक ही नहीं सकता. आप एक दूसरे पर विश्वास रखेंगे तो आपका ही आत्मविश्वास बढ़ेगा.

3. कमिटमेंट भी जरूरी-

शादी में पति-पत्नी एक दूसरे को कमिटमेंट देते हैं, और एक दूसरे को ये विश्वास दिलाते हैं कि वो हर परिस्थिति में एक दूजे का साथ देंगे. आप एक दूसरे के दोष को भुलाकर एक दूसरे को अपनाएं और अपनी डी हुई कसमों का सम्मान करते हुए हंसी ख़ुशी आगे बढ़ें.

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4. अपनी इच्छाओं की करें चर्चा-

हर कपल्स शादी क बाद कई तरह के सपने देखते हैं. हालांकि सपने देखना जरूरी भी है. आप अपने जीवनसाथी के साथ अपनी आशाओं और भविष्य की जरूरतों के बारे में बात करें. अगर बड़ा सपना देख रहे हैं तो उसमें कोई शर्मिंदगी और डरने की जरूरत नहीं है. आप अपने पति या पत्नी के साथ इस बात की प्रार्थना करें की ईश्वर आपके सभी इच्छाओं और सपनों को पूरा करने में मदद करे.

5. एक दूसरे को करें प्रोत्साहित-

आप अपने जीवनसाथी के आगे बढ़ाने की सीढ़ी बनें. अगर वो आगे बढ़ना चाहते हैं, या कुछ करना करना चाहते हैं, तो उनको बांधिए नहीं. हमेशा उनका आत्मबल बढाइये. और आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कीजिये. और उनके लक्ष्य तक पहुंचने में उनसे मदद करें.

6. रिश्ते में ना हो नाराजगी-

आप अपने जीवनसाथी के प्रति अपने दिल में किसी भी तरह की कडवाहट या नाराजगी को ना पनपने दें. अगर किसी से कोई गलती भी होती है तो उन्हें माफ़ कर दीजिये. और ख़ुशी ख़ुशी उन्हें गले लगाइए.

7. एक दूसरे का जताएं आभार-

शादी के बाद आगे आप एक दूसरे के लिए कुछ करते हैं, तो उनका आभार जरुर व्यक्त करें. इससे जितनी ख़ुशी आपको होगी, उतनी ही ख़ुशी आपके पति या पत्नी को भी होगी. आप उनके लिए इमानदारी से हमेशा उनकी प्रशंसा भी करें.

8. विनम्रता भी जरूरी-

किसी भी रिश्ते में अभिमान होना उस रिश्ते को खत्म कर देता है. आगर आप एक दूसरे के प्रति विनम्र रहेंगे तो आप दोनों ही खुश रहेंगे. आप किसी बात को लेकर बार बार नाखुश ना रहें और ना ही सोचें. इससे जीवनसाथी को सम्मान भी मिलेगा.

9. इंटिमेसी पर भी ध्यान-

दो लोगों को एक बनाने के लिए समाज में शादी का नाम दिया गया है. आप अपने जीवन साथ के साथ मानसिक, शारीरिक और भावात्मक रूप से जुड़िये. आप बीजी शेड्यूल में से अपने पति या पत्नी को समय दें. उनको खुद से दूर ना होने दें.

10. ख़ुशी का भी हो ख्याल-

शादी में ख़ुशी और आनंद जरुर होना चाहिए. आप एक दूसरे की तारीफ करें लेकिन कुछ अलग अंदाज में. आप गाने के बोल की मदद ले सकते हैं. इससे आपको अपने रिश्ते को देखने का अलग ही नजरिया मिलेगा.

11. जरूरतों का रखें ख्याल-

शादी दो लोगों को एक बनाती है. ऐसे में एक दूसरों की जरूरत का भी ख्याल रखना जरूरी है. आप उनके प्रति हमेशा विचारशील रहें. आप हमेशा उनकी जरूरतों को खुद से आगे रखें.

12. प्यार के लिए-

रिश्ते में प्यार होना बेहद जरूरी होता है. ये हर चीज से काफी उपर होता है. इसका एहसास ही कुछ अलग होता है. शादी करने के लिए आपको बिना किसी शर्त के प्यार करने की जरूरत होती है. प्यार हर तरह की चीजों को मानता है. और सभी तरह की आशाओं को भी खत्म करता है. अगर रिश्ते में प्यार है तो रिश्ता कभी खराब हो ही नहीं सकता.

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13. मेच्योरिटी संभालेगी रिश्ता-

हर रिश्ते में मेच्योरिटी भी जरूरी होती है. अगर आप मानसिक तरीके से पूरी तरह विकसित हैं तो रिश्ते को संभालने में आसानी होती है. इसमें प्यार, ख़ुशी, धैर्य, विश्वास और सेल्फ कंट्रोल बना रहता है. जिससे वो एक दूसरे से जुड़े रहते हैं.

14. रिश्ते में पोषण भी जरूरी-

शादी के रिश्ते को सफल बनाने के लिए छोटी छोटी चीजें भी मायने रखती हैं. हर रोज के छोटे से छोटे फैसले भी रिश्ते में जान डाल देते हैं. अगर रिश्ते में पोषण नहीं रहेगा तो आपकी शादी भी ठंडी रहेगी.

15. बच्चों के लिए-

शादी के बाद बच्चे होना किसी वरदान से कम नहीं होता. साथ यही से अगली पीढ़ी की भी शुरुआत होती है. शादी को सफल बनाने के लिए बच्चे मां बाप के बिच जुड़ाव रखते हैं. जिससे रिश्ता भी हमेशा खिला-खिला रहता है.

16. प्रार्थना ही प्रेम की कुंजी-

जब शादी खत्म होने की कगार पर हो तो सिर्फ प्रार्थना ही एक ऐसा मात्र जरिया है जिसकी मदद से प्यार एक बार फिर खिल सकता है. एक दूसरे से प्रार्थना यानि की रिक्वेस्ट करने से आप छोटे नहीं हो जाएंगे. इसी वजह से आपकी शादी हर हालात में ढलने के लिए तैयार रहेगी.

17. शांति भी जरूरी-

कभी-कभी लड़ाई झगड़े से घर का माहौल खराब होने के साथ साथ रिश्ता भी खराब होने लगता है. घर में शांति की भी जगह होनी चाहिए. एक दूसरे से बहस करने से बचें. अपने शब्दों में कडवाहट ना भरें. अगर आपका जीवनसाथी आपसे लड़ता भी ही तो आप उन्हें प्यार से जवाब दें. हर मुश्किल आसान हो जाएगी.

18. सम्मान सबसे जरूरी-

शादी में एक दूसरे का सम्मान करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है. शोध के मुताबिक आप जितना अपने पार्टनर का ससमान करेंगे आपको भी उतना ही सम्मान मिलेगा. आप कई लोगों के बीच में उनकी तारीफ करेंगे तो वो खुद को सम्मानित भी महसूस करेंगे.

19. सेंस ऑफ ह्यूमर-

रिश्ते में अनोखा अंदाज भी शादी को खूबसूरत बना देता है. हंसी मजाक में कब जिंदगी कटने लगेगी आपको पता ही नहीं चलेगा. इससे रिश्ते में तनाव भी नहीं रहेगा ना ही लड़ाइयां होंगी.

20. खुद को करें साबित-

एक सफल विवाह के लिए विश्वास की जरूरत होती है. आप अपने जीवनसाथी का विश्वास जीतिए. उनके भरोसे के लिए खुद को साबित करें.

21. अंडरस्टैंडिंग भी जरूरी-

आप अपने जीवनसाथी को समझें, उनकी जरूरतों को समझें. वो क्या चाहते हैं इसका भी ख्याल रखें. उनसे वैसा व्यवहार करने की कोशिश करें, जिअस वो चाहते हैं , जिसमें वो खुश रहें.

22. रिश्ते में रखें अच्छाई-

पति-पत्नी की रिश्ते में अच्छाई होना जरूरी है. इसका मतलब अगर हम कहें कि रिश्ते में पॉजिटिवनेस रहेगी तो खुशियां भी इर्द-गिर्द रहेंगी.

23. ज्ञान की भी होती है जरूरत-

शादी का रिश्ता कई तरह की परिस्थियों के बीच पनपता है. ऐसे में बुद्धि, ज्ञान की जरूरत होती है. अगर आप दोनों में से किसी में भी समझदारी कम है तो आप किसी की मदद ले सकते हैं.

24. उत्साह और रोमांच भी जरूरी-

शादी में कभी भी उत्साह और रोमांच की जरूरत होती है. आप एक दूसरे के प्रति हमेशा तैयार रहें. आप अपने पति या पत्नी से अपने रिश्ते के बीच के प्यार को साझा करें. इससे शादी हमेशा खुबसूरत बनी रहेगी.

25. ना करें फालतू की मांग-

अगर आप खुशहाल शादीशुदा जिंदगी चाहते हैं तो एक दूसरे से नाजायज मांग कभी ना करें. आप गैर जरूरतमंद चीजों चीजों के साथ समझौता करना सीखें. इससे आपकी शादी खुशहाल रहेगी और लंबी चलेगी.

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26. ना खोएं उर्जा की गति-

शादी की गाड़ी की रफ्तार आपकी ऊर्जा पर निर्भर करती है. आप अपनी गति खोये बिना ही अपनी उर्जा अपनी शादी में निवेशा करें. इससे शादीशुदा जिंदगी कभी भी बोरिंग नहीं लगेगी.

पति हो या पत्नी, दोनों का ही शादी में बराबर से योगदान देना बेहद जरूरी है. इससे शादी कभी भी मुश्किल में नहीं आएगी. अगर आप भी शादीशुदा हैं या आपकी शादी होने वाली है तो आप हमारे बताए हुए टिप्स को जरुर ध्यान में रखें. ये सुझाव महिला और पुरुष दोनों के लिए है. खुशहाल शादी के लिए आदतों में परिवर्तन बेहद जरूरी है. जिससे रिश्ता हमेशा महकता रहेगा.

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