कोविड 19 के चलते पूरे विश्व में मास्क पहनना जरुरी हो गया है, जब तक इसके इलाज के लिए सही दवाई और वैक्सीन की खोज नहीं हो जाती, तब तक सोशल डिस्टेंस, मास्क और सेनिटाइजेशन ही इससे बचने का एक मात्र उपाय रह गया है, ऐसे में डिज़ाइनर्स नए- नए खूबसूरत डिज़ाइनर मास्क बनाकर मार्केट में उतारने की कोशिश कर रहे है. ये सही भी है जब आपको मास्क पहनना आवश्यक है तो इसे अलग-अलग अंदाज में आप कही और कभी भी पहन सकते है. इस बारें में पिनाकल ब्रांड की ओनर और डिज़ाइनर श्रुति संचेती कहती है कि कोरोना वायरस की वजह मास्क पहनना आज विश्व में सभी देशों में अनिवार्य हो चुका है.
ये सही भी है, क्योंकि इस बीमारी को रोकने में मास्क ही सबसे अधिक कारगर सिद्ध हुई है. ऐसे में जब पहली बार चीन में कोरोना के मरीज़ मिलने लगे थे और इसका फैलाव दूसरे देशों में भी होने लगा था, तब मैंने इसके बारीब में सोचा था. पहले एन 95 मास्क को अधिक महत्व दिया जाने लगा था, लेकिन बाद में वैज्ञानिकों ने पाया कि एक आम मास्क, दुपट्टा, या रुमाल भी इस बीमारी के इन्फेक्शन को फैलने से रोक सकता है. फिर मैंने ऑर्गेनिक कॉटन वाशेबल फेब्रिक से मास्क बनाये, इसकी तकनीक हमें आती है, क्योंकि मैं एक डिज़ाइनर हूँ. इसके अलावा इंडिया में अभी गर्मी का मौसम है, ऐसे में सिंथेटिक फैब्रिक से लोगों को गर्मी लगेगी. इसलिए मैंने इको फ्रेंडली कॉटन को लेकर मास्क बनाने शुरू किये.
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इसके आगे श्रुति कहती है कि असल में साउथ ईस्ट एशिया में नार्मल लाइफ में भी लोग मॉल या एअरपोर्ट जाते वक़्त मास्क लगाते है और अब कोरोना वायरस की वजह से ये हमारे जीवन में एक एक्सेसरीज की तरह होने वाली है. लॉक डाउन खुलने के बाद भी मास्क पहनना अनिवार्य होगा. जब तक इस बीमारी की वैक्सीन और दवाई नहीं तैयार हो जाती, मास्क पहनकर व्यक्ति इस इन्फेक्शन से बच सकता है. इस कड़ी में पहले मैने 5 हज़ार मास्क बनाकर दिल्ली पुलिस को दिया है. साथ ही यहाँ काम करने वाले तक़रीबन 75 कारीगरों को भी मैं पूरी पारिश्रमिक दे रही हूँ.
इसमें सेफ एरिया के कारीगर जो 7 से 8 की संख्या में है, वे ही मास्क बना रहे है. अभी उनके पास कोई काम नहीं है और आगे भी डिजाईनरों का काम शुरू होने में समय लगेगा. मैंने इन सभी कारीगरों को साफ सफाई की पूरी ध्यान रखते हुए मास्क बनाने का काम सौपा है. वे ग्लव्स और मास्क पहनकर काम करते है. सेनिटेशन की पूरी जांच मैं बीच-बीच फेस टाइम के द्वारा करती हूँ, क्योंकि ये सभी कारीगर अपने घरों में बैठकर काम कर रहे है, ऐसे बने मास्क को सेनिटाइज कर अस्पतालों में सीधा पहुँचाया जाता है. इसके अलावा कोविड 19 सपोर्ट फंड का निर्माण किया है, जिसमें 7 इको फ्रेंडली हाई फैशन मास्क की पैकेज 2 हजार रुपये में मिलता है.
इसमें 7 अलग-अलग डिजाईन के मास्क है, जिन्हें रोज व्यक्ति अपने पोशाक के हिसाब से मिक्स न मैच कर पहन सकता है या 7 फॅमिली मेम्बर को शेयर कर सकता है. इससे मिले पैसे को जरुरत मंदों को दिया जायेगा. इससे डिजाईनर्स की क्रिएटिविटी भी बनी रहेगी और कुछ गरीबो को इससे सहायता भी मिल सकेगी. पैसा देने के बाद इन मास्क्स को घर पर डिलीवरी करा दी जाती है. ये मास्क बहुत दिनों तक प्रयोग में लाये जा सकते है. गर्मी में पसीना अधिक आता है ,ऐसे में इन्हें रोज धोकर आसानी से पहना जा सकता है. इसमें सिंथेटिक फेब्रिक नहीं होने की वजह से इन्हें पहनना भी आरामदायक होता है. आज पर्सनल हायजिन और सोशल डिस्टेंसिंग ये दो चीजे ही महत्वपूर्ण है, जिसे लॉकडाउन खुलने के बाद भी करने की जरुरत पड़ेगी.
आगे वेडिंग सीजन में कुछ नए डिजाईनों के मास्क से श्रुति परिचय करवाने वाली है, क्योंकि ये एक बड़ी एक्सेसरी आज हो चुकी है. मास्क की जरुरत सबको पड़ने वाली है, पर इसमें घबराने की कोई बात नहीं है. श्रुति आगे कहती है कि अगर आप पार्टी में जाने वाली हो तो ग्लिटरिंग मास्क पहने ,शादी में जाना हो तो कढ़ाई वाले मास्क पहने, ऐसे कुछ नए कांसेप्ट देखने को मिलेंगे. अभी इस बीमारी से अच्छी तरह निकल जाना ही सबकी प्रायोरिटी है.
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इस लॉक डाउन में श्रुति की दिनचर्या के बारें में पूछे जाने पर वह बताती है कि मैं हमेशा विश्व में सभी देशों में घुमती रहती थी. पहली बार पति के साथ नागपुर में हूँ और स्लो लाइफ का अनुभव कर रही हूँ. जिसमें घर का खाना बनाना, ऑनलाइन कोर्स करना, वर्क आउट करना आदि कर रही हूँ. पोस्ट लॉक डाउन के बाद काम करने की पूरी सूची बना रखी हूँ. मैं स्टूडेंट को वेब पर कैरियर के बारे में सेमीनार भी ऑनलाइन डे रही हूँ, जिससे बच्चों को फैशन के बारें में जानकारी मिल सकें. पोस्ट कैरियर के बारें में उन्हें सलाह भी देती हूँ. ये समय डिज़ाइनर्स के लिए बहुत अच्छा नहीं है,क्योंकि ये लक्जरी आइटम है, जिसके बारें में अभी लोग कम सोच सकेंगे. इसलिए डिज़ाइनर्स को भी समय के हिसाब से अपने आपको तैयार करने की जरुरत है.