अगर आप औल टाइम फ्रैश और सौफिस्टिकेटेड मेकअप लुक की ख्वाहिश रखती हैं, तो मैट के मेकअप प्रोडक्ट्स को अपनी पहली पसंद बना सकती हैं. लौंग लास्टिंग, फ्रैश लुक, नैचुरल शेड्स जैसी इस में ऐसी कई खूबियां हैं, जो इसे बाकी मेकअप प्रोडक्ट्स से बेहतर बनाती हैं.
मैट मेकअप प्रोडक्ट्स
मैट के मेकअप प्रोडक्ट्स औयल फ्री और पाउडर बेस्ड होते हैं. क्रीमी, ग्लौसी, शाइनी, शिमरी कौस्मैटिक की तरह ये औयली नजर नहीं आते और न ही इन का इफैक्ट गौडी होता है. इन का टैक्स्चर बहुत ही सौफ्ट ऐंड स्मूद होता है. इन्हें अप्लाई करने से चेहरा फ्रैश नजर आता है.
मैट के डिफरैंट मेकअप प्रोडक्ट्स
मैट कौस्मैटिक लिपस्टिक या आईलाइनर तक सीमित नहीं हैं. बाजार में मैट का फाउंडेशन, प्राइमर, मैट फिनिश पाउडर, आई लाइनर, आईशैडो, मसकारा, लिपस्टिक, लिप लाइनर, ब्लशर, नेल पौलिश आदि भी मैट फिनिश लुक में मिल जाते हैं, जो मिनटों में आप की खूबसूरती को निखार सकते हैं.
मैट मेकअप प्रोडक्ट्स की खासीयत
लौंग लास्टिंग: चूंकि मैट कौस्मैटिक पाउडर बेस्ड होते हैं, इसलिए ये न तो जल्दी मिटते हैं और न ही फैलते हैं. अप्लाई करने के कुछ देर बाद ही ये जल्दी सैट हो जाते हैं और लंबे समय तक टिके रहते हैं, जबकि क्रीमी और ग्लौसी कौस्मैटिक बहुत जल्दी चेहरे से उतर जाते हैं.
फ्रैश लुक: बाकी कौस्मैटिक की तरह मैट कौस्मैटिक में मिनरल औयल और पैट्रोलियम जैल नहीं होता, इसलिए बाकी मेकअप प्रोडक्ट्स की तरह कुछ घंटों में ही इन का शेड न तो फीका पड़ता है और न ही चेहरा मुरझाया सा लगता है. यह हमेशा फ्रैश नजर आता है.
यंग इफैक्ट: मैट कौस्मैटिक का टैक्स्चर काफी स्मूद होता है. चेहरे पर मैट कौस्मैटिक लगाने से आंखों के करीब और होंठों के आसपास उभर आईं फाइन लाइंस और रिंकल्स आसानी से छिप जाती हैं, जबकि ग्लौसी कौस्मैटिक से झुर्रियां उभर कर दिखती हैं.
वैल्वेट फिनिश: शाइनी या शिमरी टैक्स्चर के कौस्मैटिक चेहरे को गौडी इफैक्ट देते हैं, लेकिन मैट का वैल्वेट फिनिश टैक्स्चर चेहरे को सौफ्ट लुक देता है, जिस से चेहरा काफी आकर्षक नजर आता है.
लाइट वेट: नौनऔयली और जीरो शिमर होने की वजह से मैट के मेकअप प्रोडक्ट्स बाकी कौस्मैटिक की तुलना में लाइट वेट होते हैं. इन्हें लगाने से त्वचा में भारीपन महसूस नहीं होता है, जबकि शिमरी कौस्मैटिक से हैवी फील होता है.
नैचुरल शेड्स: औयल की वजह से जहां क्रीमी शेड मेकअप प्रोडक्ट्स नैचुरल शेड से थोड़ा डल नजर आता है, वहीं पाउडर बेस्ड होने के कारण मैट कौस्मैटिक का शेड और भी गहरा हो जाता है. नतीजतन यह बिलकुल नैचुरल लगता है.
नौनस्टिकी: मैट के मेकअप प्रोडक्ट्स बिलकुल चिपचिपे नहीं होते. अप्लाई करने के कुछ देर बाद ही सूख जाते हैं और ये तब तक नहीं निकलते जब तक कि इन्हें रगड़ कर छुड़ाया न जाए, जबकि ग्लौसी और क्रीमी कौस्मैटिक दूर से ही स्टिकी नजर आते हैं.
नो टचअप: समय के साथ जब मेकअप का शेड हलका होने लगता है तब टचअप की जरूरत होती है, लेकिन एक बार चेहरे पर मैट मेकअप लगा कर आप कई घंटों के लिए टैंशन फ्री हो सकती हैं, क्योंकि ये जल्दी नहीं उतरते.
ईजी टू अप्लाई: मैट कौस्मैटिक की एक और खासीयत यह है कि कुछ बातों को ध्यान में रख कर आप इसे घर बैठे खुद भी लगा सकती हैं. आप को किसी मेकअप ऐक्सपर्ट की सहायता लेने की जरूरत नहीं है.
फौर औल सीजन: मेकअप आर्टिस्ट के अनुसार विंटर में क्रीम बेस्ड मेकअप प्रोडक्ट्स लगाने चाहिए. समर सीजन में वाटर बेस्ड, लेकिन पाउडर बेस्ड मैट कौस्मैटिक आप हर सीजन में लगा सकती हैं.
हाई डैफिनेशन: मैट कौस्मैटिक फेशियल फीचर को स्ट्रौंगली हाईलाइट करते हैं जैसे आप के होंठ अगर पतले हैं तो मैट की लिपस्टिक आप के होंठों को फुलर लुक दे सकती है. अगर आप की आंखें छोटी हैं तो मैट के आईलाइनर और आईशैडो से उन्हें आकर्षक लुक दिया जा सकता है.
सैल्फी ऐक्सपर्ट: मेकअप में फोटो भी तब खूबसूरत नजर आता है जब मेकअप का टैक्स्चर सही हो. ग्रेसी और शाइनी मेकअप चेहरे को औयली इफैक्ट देते हैं, जो फोटो में भी साफ नजर आता है, लेकिन मैट के मेकअप प्रोडक्ट्स फोटो में भी काफी आकर्षक नजर आते हैं.
हर स्किन टाइप के लिए आइडियल है मैट
मैट कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स नौर्मल, ड्राई और औयली स्किन टाइप पर भी सूट करता है, लेकिन बात अगर औयली स्किन की करें तो औयली स्किन के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं. जहां ग्लौसी और क्रीमी कौस्मैटिक औयली स्किन पर सूट नहीं करते और पूरी तरह से फैल कर चिपचिपे नजर आते हैं, वहीं मैट के मेकअप प्रोडक्ट्स औयल अब्जौर्बर होने की वजह से औयली त्वचा के ऐक्स्ट्रा औयल को पूरी तरह से सोख लेते हैं, जिस से मेकअप का बेस अच्छी तरह सैट हो जाता है और लंबे समय तक टिका रहता है.