साउथ की फिल्मों से अभिनय कैरियर को शुरू करने वाली एक्ट्रेस तापसी पन्नू आज सफल अभिनेत्रियों के श्रेणी में आ चुकी है, इसे करने में उसे काफी मेहनत लगी, पर उसने धैर्य नहीं हारी और जैसे-जैसे काम मिला करती गयी. सौफ्टवेयर इंजिनियर होने के बावजूद उसने अभिनय को अपना प्रोफेशन बनाया, जिसमें उसके परिवार वालों ने बहुत सहयोग दिया. वह अपने आपको खुशनसीब मानती है, क्योंकि वह आउटसाइडर होने पर भी उसके लिए कहानियां लिखी गयी और उसे कुछ नया करने का मौका मिलता गया. आज वह बड़े-बड़े निर्माता निर्देशकों की पहली पसंद बन चुकी है. उसकी फिल्म ‘सांड की आंख’ के प्रमोशन पर उससे मिलना हुआ आइये जाने उनकी कहानी उन्ही की जुबानी.
सवाल-आपने अपने से आधे से अधिक उम्र की महिला की भूमिका निभाई है, कैसे किया? कितनी मेहनत की है?
इस फिल्म को हां करने के बाद मैंने समझ लिया था कि शूटिंग के 2 महीने पहले से मुझे इसकी तैयारी करनी पड़ेगी, क्योंकि अगर मैं 20 साल की लड़की की भूमिका निभाती हूं, तो मुझे उसे करने में आसानी रहती है. मैंने उस जिंदगी को जिया है और मुझे उसका अनुभव है. वही अगर मैं 60 साल की भूमिका निभाती हूं , तो मुझे उसकी जानकारी नहीं है. उसे करना मेरे लिए चुनौती होगी और मैंने किया. इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बोली वहां की रहन-सहन और बौडी लैंग्वेज को पूरी तरह से मैंने सीखा है. मैंने इसमें अपना खून पसीना बहाकर मेहनत की है.
ये भी पढ़ें- 2 साल बाद ‘तारक मेहता’ में ऐसे होगी दयाबेन की वापसी, सामने आया Promo
सवाल- इस तरह के मेकअप को करने में कितना समय लगा?
रोज ढाई से तीन घंटे करने में और उतारने में एक घंटा लगता था. ठण्ड में ऐसे मेकअप से समस्या नहीं थी, पर गर्मी में बहुत समस्या हुई. इसमें एक भी पसीने की ड्राप अगर नीचे आ जाय, तो पूरा मेकअप उतारना पड़ता था. एक दिन ट्रेन की शूटिंग करते वक़्त मैंने तीन बार अपने चेहरे पर मेकअप किया था. भूमि की तो स्किन भी बर्न हो गयी थी, जिससे उसे शूटिंग से कई दिन छुट्टी लेनी पड़ी था.
सवाल- भूमि पेड्नेकर के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
वह एक प्रोफेशनल एक्ट्रेस है और हर सीन की तैयारी पहले से कर लेती है. मैं ऐसा नहीं कर सकती. मेर मोमेंट्स तुरंत आते है और उसे उसी वक़्त कैद करना पड़ता है. ऐसे में हम दोनों एक दूसरे के पूरक है और काम करने में बहुत अच्छा लगा. वह हर दिन एक रजिस्टर में अपने सीन को देखती थी और उसी के अनुसार काम करती है. कई बार उसके इस वर्क पैटर्न को देखकर मुझे स्ट्रेस भी होने लगता था.
सवाल- आप स्पष्टभाषी है, इसका कैरियर पर कुछ प्रभाव पड़ा?
मैंने जो भी कहा अपने बारें में कही है, किसी के बारें में कुछ भी नहीं कहा है. मुझे अगर कुछ गलत लगता है तो उसे मैं सहन नहीं कर सकती. ये मुझे अपने परिवार की परवरिश से ही मिला है. मैं घर पर भी सबसे अधिक बात करती हूं और कभी किसी गलत बात को सपोर्ट नहीं करती. जब नीना गुप्ता ने मेरे बारें में कही थी तो मैंने अपने व्यूज सोशल मीडिया पर डाले थे, क्योंकि ऐसा करके वे एक कलाकार को दायरे में बाधने की कोशिश कर रही है. मैं हर फिल्म में एक ही तरह के अभिनय नहीं कर सकती. मुझे भी एक्सपेरिमेंट पसंद है और वह मैं करती रहूंगी.
सवाल-इस साल आपने अच्छी फिल्में की है और सफलता की ओर बढ़ रही है, इसे कैसे लेती है?
अच्छा लग रहा है, क्योंकि मुझे काम करते रहना पसंद है और अच्छी स्क्रिप्ट मुझे आकर्षित करती है, जो मुझे लगातार मिल रहा है. मैं मना भी करती हूं. इस बात से ख़ुशी है कि लोग समझने लगे है कि मैं कुछ अच्छा कर सकती हूं. ये एक प्रेशर भी है, जो अच्छी बात है. आज से नौ साल पहले जब मैंने अभिनय शुरू किया था तब लगा नहीं था कि मैं इतनी साल इंडस्ट्री में काम करते हुए बिता दूंगी. मेरे आँखों के सामने सारी चीजे बदली है और मुझे जब तक अच्छी स्क्रिप्ट मिलेगी काम करती रहूंगी.
ये भी पढ़ें- ‘नायरा-कार्तिक’ ने फिर से कर ली शादी, क्या होगा ‘वेदिका’ का रिएक्शन?
सवाल- क्या वेब सीरीज करने की इच्छा है?
मुझे अब तक कई तरह की भूमिकाएं मिल रही है. अगर कोई ऐसी कहानी जो मेन स्ट्रीम फिल्म में नहीं मिली है और मुझे वेब में मिल रही है ,तो अवश्य करुँगी.
सवाल- आप के काम को परिवार कितना सपोर्ट करती है?
पिता कम बोलते है, जबकि मां को मेरी सारी फिल्में अच्छी लगती है. उन्हें पहली बार धक्का तब लगा था जब मैंने अभिनय करने की बात कही थी. उसके बाद उन्हें आदत हो गयी है. उनके साथ मैं अधिक चर्चा नहीं करती. वे भी दर्शक की तरह ही फिल्में देखते है. मेरी बहन आलोचक है और मेरी फिल्मों की कमी को बता देती है.