कोरोना में अकेली रह गई सहेली की कैसे और कितनी करें सहायता

आज दिव्या बहुत उदास थी. उस की सब से प्यारी सहेली नेहा के परिवार में कोविड कहर बन कर टूटा और उस के अपनों को छीन कर ले गया. पहले ससुर फिर उस की नन्ही सी बच्ची और बाद में पति भी कोरोना की भेंट चढ़ गए. पति हॉस्पिटल से ठीक हो कर आ गया था मगर अचानक आए हार्ट अटैक की वजह से वह भी चल बसा. देखते ही देखते ही उस की सब से प्यारी सहेली नेहा, जो कुछ दिन पहले तक एक खुशहाल जिंदगी जी रही थी, बिल्कुल अकेली रह गई वह बिल्कुल टूट गई थी. नेहा खुद कोविड पॉजिटिव थी. उसे सांत्वना देने के लिए उस की बूढ़ी मां भी
नहीं आ सकी. सास और देवर वगैरह थे नहीं. एक भाई था जो दूसरे शहर में रहता था और लॉकडाउन की वजह से आ नहीं सका.

नेहा के बारे में चिंता करकर के दिव्या परेशान हो रही थी. दिव्या को समझ नहीं आ रहा था कि सहेली की मदद कैसे करे. नेहा के घर में रह कर उस की देखभाल करना भी संभव नहीं था क्योंकि वह खुद परेशानी में पड़ सकती थी.
जबकि मन में डर था कि कहीं इतना बुरा वक्त झेल रही अकेली नेहा परेशान हो कर कुछ ऐसा वैसा न कर बैठे इसलिए वह किसी भी तरह नेहा की हेल्प करना चाहती थी.

तब उस ने एक उपाय निकाला और एक फुलटाइम नर्स को तैयार किया जो उस के घर में रह कर उस का ख्याल रखे और खाना बनाने के साथ साथ उसकी तीमारदारी भी करे. नर्स को उस के घर भेज कर दिव्या व्हाट्सएप्प कॉल के जरिए उसे गाइड भी करने लगी. साथ ही लगातार नेहा को हौसला देने का प्रयास करने लगी. सुबहशाम वह उसे समझाती, उसे अच्छेअच्छे वीडियो भेजती पॉजिटिव बातें सुनाती और पॉजिटिव रहने की हिम्मत बढ़ाती. दिव्या हमेशा नेहा को एहसास दिलाती कि वह उस के साथ है. वह अकेली नहीं है. इन सब प्रयासों का अच्छा नतीजा निकला और धीरेधीरे नेहा थोड़ी नार्मल होने लगी. उस ने जीने का हौसला नहीं छोड़ा और एक नई जिंदगी शुरू करने का फैसला ले लिया यह सब संभव हो पाया था केवल दिव्या के कारण दिव्या सही समय पर सही तरीके से उस का संबल बनी और उस की हिम्मत टूटने से बचा लिया.

अगर आप के साथ भी ऐसा कुछ हुआ हो और आप की अपनी प्रिय सहेली या कोई और करीबी महिला कोविड में अकेली रह गई हो तो आप उस की सहायता कुछ इस तरह और उतना ही करें ताकि आप खुद मुसीबत में न फंसे अपनेआप को बचाते हुए आप अपनों की इस तरह दूर रह कर भी सहायता कर सकती हैं.

आर्थिक मदद करें मगर सीमा के अंदर

अक्सर कोविड में बीमार पड़ने पर अस्पतालों के चक्कर लगाने में बहुत रुपए खर्च हो जाते हैं इंसान एक तरह से खाली सा हो जाता है. वैसे भी आजकल हर चीज की चोरबाजारी चल रही है. कम कीमत की चीजें भी बहुत महंगी मिल रही हैं. जीवन रक्षक वेंटिलेटर हों या ऑक्सीजन सिलिंडर, कालाबाजारी करने वाले इन्हें चौगुनी पांचगुनी कीमत में बेच रहे हैं. जब इंसान जिंदगी से लड़ रहा होता है, एकएक सांस को तरस रहा होता है तो वह कितने भी रुपए लुटा कर अपने प्रियजन को बचा लेना चाहता है. पर स्थिति और भी बुरी तब होती है जब प्रियजन भी चले जाते हैं और पैसे भी. अगर आप की सहेली के साथ ऐसा हुआ है तो आप उसे रुपएपैसों से मदद कर सकती हैं.

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मगर हमेशा याद रखें कि आप उस की इस मामले उतनी ही मदद करें जितनी सहजता से कर सकती हैं. क्योंकि कल को आप के यहाँ कोई दिक्कत आए तो आप को रुपयों की तंगी का सामना न करना पड़ जाए. सहेली को यदि समय पर आप की तरफ से थोड़ी भी सहायता मिल जाएगी तो वह उस के लिए काफी होगा. आप उसे ऑनलाइन ट्रांसफर से रुपए भेज सकती हैं या फिर उस के लिए जरूरी सामानों की ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकती हैं. सामान उस के घर के एड्रेस पर भिजवा सकती हैं.

उचित सलाह

आप अपनी सहेली को सही और उचित सलाह दे कर भी उस की मदद कर सकती हैं. उसे क्या करना चाहिए, कैसे और कहाँ से इंतजाम हो, जैसे सवालों के जवाब खोजने में मदद कर सकती हैं. कई बार अकेला व्यक्ति कोई फैसला नहीं ले पाता ऐसे में आप उसे ऐसी दुविधाओ से भी उबार सकती हैं. उसे सही फैसले लेने में हेल्प करें ऐसे रास्ते बताएं ताकि वह अपनी समस्याओं का समाधान कर सके. मसलन आप उसे ऑनलाइन सामान खरीदने में मदद कर सकती हैं, उस को डॉक्टर या वकील के नंबर, ऑक्सीजन सिलिंडर, वेंटिलेटर वगैरह अरैंज कराने जैसे काम अपने सोर्स की सहायता से कर कर सकती हैं. कोई बात उसे समझ नहीं आ रही हो या उसे कोई जरूरी जानकारी नहीं है तो आप उसे बताएँ. जल्दी से उस की हर तरह से सहायता करें. जानकारियां ढूंढ कर दें. उसे मानसिक सपोर्ट दें.

जॉब ओपनिंग की सूचना

यदि आप की जानकारी में आप की सहेली के लायक कोई जॉब ओपनिंग है तो उसे जरूर इन्फॉर्म करें इस से वह अपने पैरों पर खड़ी होगी और इस कठिन समय से निकलने में उस की मदद हो जाएगी. यही नहीं वह घर से बाहर निकलेगी तो उस का मन बदलेगा. दस लोगों से मिलेगी तो जीवन के एकाकीपन और निराशा से बाहर आने का मौका मिलेगा. उसे नए अवसर नजर आएंगे और जीवन को देखने का उस का नजरिया भी बदलेगा.

साथ दें

सहेली के साथ कहीं जाने की जरूरत है तो जरूर जाएं इस से उसे हौसला मिलेगा कि वह अकेली नहीं अक्सर अकेलापन नहीं बल्कि अकेलेपन की भावना इंसान को अंदर से तोड़ देती है. उसे मानसिक रूप से कमजोर बनाती है. आज भले ही कोविड के इस दौर में इंसान बाहर जाना नहीं चाहता. मगर कई बार परिस्थितियां ऐसी आ जाती हैं कि उसे निकलना ही होता है. कोविड के इस समय में कभी वैक्सीन लगवाने, कभी बैंक के कामकाज, कभी डॉक्टर को दिखाना, कभी नौकरी की तलाश में और कभी फलसब्जियां या दवाइयाँ लाने के लिए उस को निकलना पड़ सकता है.
ऐसे समय में जब परिवार साथ नहीं तो आप को उस का साथी बन कर उस का मनोबल
बढ़ाना चाहिए.

ऊंचे सपने देखने को प्रेरित करें

सहेली को ऊंचे सपने देखने को प्रेरित करें उसे टूटने न दें बल्कि ऐसे उदाहरणों से रूबरू कराएं जिस में महिलाओं ने अपने बलबूते कुछ किया हो. अपनी जिंदगी को एक मुकाम दिया हो. दूसरों के चले जाने से जिंदगी ख़त्म नहीं हो जाती. अक्सर अकेली औरत खुद को कमजोर, बेबस और बेचारा समझने लगती है. मगर यह सोच गलत है. ऐसी सोच के साथ वह अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेती है. इस के विपरीत यदि इंसान की सोच सकारात्मक हो, वह ऐसे लोगों के बारे में सुने या जाने जिन्होंने अपने बलबूते कुछ किया हो, तो उसे भी कुछ करने की प्रेरणा मिलती है.

जीवनसाथी की तलाश

जीवनसाथी की तलाश में सहेली की मदद करें जब सहेली अकेली रह जाए और उस के लिए सोचने वाला कोई न हो तब उस के लिए आप को ही सोचना पड़ेगा. आप उसे दोबारा शादी करने को मना सकती हैं. अगर आप की नजर में उस के लायक कोई शख्स हो जो खुद अकेला हो तो आप सहेली को इस बारे में जानकारी दे सकती हैं और उन दोनों को मिलवा सकती हैं. वैसे भी आज के समय में बहुत सारे मैट्रिमोनियल साइट्स मौजूद हैं जिस पर आप अपनी सहेली का बायोडाटा क्रिएट कर उसे मदद कर सकती हैं. यही नहीं आप इस साइट में मौजूद बहुत सारे ऑप्शन में से सही व्यक्ति को चुनने में भी उस की मदद कर सकती हैं.

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घर न बुलाएं

भावनाओं में बह कर सहेली को अपने घर में रहने न बुलाएं एक तरफ तो कोविड का खतरा उस पर पति की नजरों के भटकने का खतरा भी बना रह सकता है. वैसे भी आज के समय में अतिथि रिस्की होता है. इसलिए दूर रह कर ही उस की सहायता करें. उसे अहसास दिलाएं कि आप को उस की कितनी परवाह है, उस से अपनापन जताएं मगर घर बुलाने की गलती न करें.

घर से ही बिजनेस का आइडिया दें

आजकल ऐसे बहुत से काम हैं जिन में बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ती साथ ही किसी खास डिग्री या वोकेशनल कोर्स की भी जरुरत नहीं. बस यदि आप के हाथ में हुनर है या कोई खासियत है तो आप घर से ही कोई बिजनेस शुरू कर सकती हैं. आप अपनी सहेली को बिज़नेस का आइडिया दें और बिज़नेस सेटअप करने में मदद करें काम बहुत तरह के हो सकते हैं मसलन बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना, टिफिन सर्विस का काम, पेंटिंग, फ्रीलांस राइटिंग, कैंडल मेकिंग, सिलाई, कढ़ाई जैसे बहुत से काम हैं जिन्हें महिलाएं घर में रह कर भी कर सकती हैं और अच्छी कमाई कर सकती हैं

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