चाइल्ड फ्री ट्रिप

मुंबई निवासी सुनीता के बच्चे 9वीं क्लास में थे, तो वे और उस के पति निलिन पुणे एक शादी में गए थे. शादी में जाना जरूरी था और बच्चों की परीक्षाएं थीं. बहुत सोचविचार के बाद पतिपत्नी बच्चों को खूब सम झाबु झा कर मेड को निर्देश दे कर 2 रातों के लिए पुणे चले गए थे.

वे बताती हैं, ‘‘पहले तो मेरा मन ही उदास रहा कि बच्चों को कोई परेशानी न हो जाए, हम सोसाइटी में भी नएनए थे. मैं भी कई दिन से घर में बोर हो रही थी. इस से पहले बच्चों को कभी अकेला नहीं छोड़ा था. पर जब चले गए तो हैरान रह गई. बेकार की जिस चिंता में मैं डरतेडरते गई थी, पहली रात में ही बच्चों से बात कर के इतनी खुशी हुई जब देखा दोनों मस्त हैं, अपनाअपना काम कर रहे हैं, हमारे बिना सब मैनेज कर लिया है, उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई है. तब जा कर मैं ने अपनी पहली चाइल्ड फ्री ट्रिप जी भर कर ऐंजौय किया. उस के बाद तो हम अकसर 1-2 रात के लिए दोनों घूम

आते, बच्चों ने भी यही कहा कि हम तो स्कूलकालेज में उल झे रहते हैं, आप लोग आराम से जाया करें.

‘‘बच्चे जब फ्री हुए तो उन के साथ कभी चले गए वरना फिर तो हम 2-3 रातों से 1 हफ्ते के ट्रिप पर भी आ गए और अब अकसर जाते रहते हैं. कुछ दिन वी टाइम बिता कर फ्रैश हो कर वापस लौटते हैं. मन खुश रहता है.’’

अब तो कोरोनाकाल के चलते लौकडाउन में फैमिली टाइम कुछ ज्यादा ही हो गया. बहुत से लोगों पर वर्क फ्रौम होम का काफी प्रैशर रहा, घर के अन्य सदस्यों की जरूरतें और बच्चों की औनलाइन क्लासेज के चलते पतिपत्नी को एकदूसरे के साथ बिताने के लिए फुरसत के पल बहुत ही मुश्किल से मिल रहे थे. दोनों पर काम का काफी प्रैशर रहा. शायद यही कारण है कि कुछ नौर्मल होने पर पतिपत्नी एकदूसरे के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए बच्चों के बिना ट्रिप प्लान करते दिखाई दिए जो शायद जरूरी भी हो गया था.

ये भी पढें- पति की चाह पर आप की न क्यों?

एक मजेदार किस्सा

नीता तो अपना एक मजेदार किस्सा बताते हुए कहती हैं, ‘‘एक बार पति अपने औफिस की किसी मीटिंग में दूसरे शहर जा रहे थे. वहां मेरी एक अच्छी फ्रैंड रहती थी, मेरा मन हुआ कि मैं भी चली जाऊं और उस से मिल आऊं. एक ही बेटा है जो उस टाइम 8वीं क्लास में था. उस के दोस्त की मम्मी ने कहा कि बेटे को उन के पास छोड़ कर जा सकती हूं.

‘‘मैं एक रात के लिए चली गई. बेटे ने टाइम अपने फ्रैंड के घर इतना ऐंजौय किया कि उस के बाद कई दिन तक कहता रहा कि मम्मी, वापस किसी फ्रैंड के यहां मिलने जाओगी तो मैं रह लूंगा. उस के बाद हम पतिपत्नी जब भी बाहर गए, वह अकेला होने पर कभी अपने दोस्तों को बुला लेता, कभी उन के घर चला जाता. हम भी एक छोटा हनीमून टाइप चीज मना आते और बेटा भी अपना टाइम बढि़या ऐंजौय करता.’’

बहुत सारी हौस्पिटैलिटी इंडस्ट्री एडल्ट्स को इस तरह का टाइम बिताने के लिए कई तरह के औप्शंस और औफर देती रहती हैं. लग्जरी रिजौर्ट्स बढ़ते जा रहे हैं. कुछ एअरलाइंस तो छोटे बच्चों से दूर बैठने के लिए सीट्स चुनने का भी औप्शंस देती हैं. आइए अब इसी ट्रैंड पर बात करते हैं:

प्राइवेसी भी मस्ती भी

बच्चों के बिना पतिपत्नी का अकेले ट्रिप पर जाना नई बात नहीं है. 90 के दशक में कैरेबियन सिंगल्स रिजोर्ट ने इस आइडिया को सामने रखा था. यह ट्रैंड किसी को भी एक रूटीन से हट कर अपनी पर्सनल स्पेस देने की बात करता है. चाहे सनसैट क्रूसेस पर जाना हो, शानदार स्पा ट्रीटमैंट हो, किसी भी तरह की रोचक ऐक्टिविटी प्लान की जा सकती है.

आजकल इंडिया में यह ट्रैंड काफी कारणों से चलन में है. व्यस्त रूटीन, बच्चों की देखभाल और उन के कभी न खत्म होने वाले काम और अन्य जिम्मेदारियां निभातेनिभाते आजकल एडल्ट्स एकदूसरे के साथ टाइम बिताना भूल ही जाते हैं या चाह कर भी बिता नहीं पाते हैं. आजकल दोनों जब इस तरह का प्लान बनाते हैं, अच्छी जगह पर प्राइवेसी की आशा रखते हैं.

वी टाइम ऐंजौय

इंडिया में अकसर पार्टनर्स गोवा, जयपुर, कूर्ग और नौर्थ के हिल स्टेशंस पर जाना पसंद करते हैं. आजकल कई लोग थाईलैंड, मैक्सिको और सैशल्स जाना पसंद कर रहे हैं. एडल्ट्स औनली हौलिडेज में कैंडल लाइट डिनर्स,

स्कूबा डाइविंग, जंगल सफारीज और रेन फौरेस्ट का मजा लिया जा सकता है. पार्टनर्स अब वी टाइम को ऐंजौय करना चाहते हैं और कर भी रहे हैं.

ये भी पढे़ं- फ्रिजिडिटी : इलाज है

एडल्ट औनली हौलिडेज प्लान

– जहां भी जाना हो, ऐंडवांस में प्लान कर लें. ऐन मौके पर बुकिंग की परेशानी हो सकती है.

– दोनों मिल कर ऐसी चीजों को ऐक्स्प्लोर करें जिन में दोनों की ही सामान रुचि हो.

– यदि पहली बार बच्चों के बिना जा रहे हैं तो शुरू में 2 या 3 दिनों के लिए ही जाएं.

– अगर आप बच्चों को अकेले छोड़ कर जा रहे हैं तो धीरेधीरे इस आइडिया पर उन से बाते करते हुए कई बातों का ध्यान रखने के लिए सम झाते रहें जिस से वे मैंटली तैयार हो जाएं.

– हर तरह की इमरजैंसी में आप बच्चों से बात करने की पहुंच में हों, इस बात का ध्यान रखें.

– जब बच्चे साथ नहीं हैं, तो कुछ रोमांटिक नए अनुभव ले कर रोमांस रिचार्ज करें.

– कपल स्पा थेरैपी से अपनी इस छुट्टी को यादगार बना सकते हैं.

– अपनी अनुपस्थिति में किसी भरोसे के व्यक्ति को उन्हें बीचबीच में देखने के लिए कह कर जाएं.

– बच्चों को वीडियोकौल कर के उन्हें जुड़े रहने का एहसास दिलाते रहें.

– जिसे बच्चों की केयर करने के लिए कह कर जा रहे हैं, उन्हें बच्चों की मैडिकल केयर के बारे में भी जरूर बता दें.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें