एकतरफा प्यार में पागल

सौरभ अपने रिश्तेदार के यहां शादी में गया था. वहां बरात में आई लड़की उसे पसंद आ गई. उसे देखते ही उस के मन में प्यार की कोंपलें फूटने लगीं, हृदय हिलोरें मारने लगा और वह उस का दीवाना हो गया.

बरात के विदा होने के साथ वह लड़की भी वापस चली गई. लेकिन, सौरभ एकतरफा प्यार में पागल हो चुका था. उसे कुछ सूझ नहीं रहा था. उसे गुमसुम देख एक दिन मां ने पूछा, ‘‘क्या बात है, बेटे, आजकल तुम्हारा मन किसी काम में नहीं लग रहा है? न ठीक से खातेपीते हो और न पढ़तेलिखते हो, गुमसुम बने रहते हो?’’

‘‘नहीं मौम, ऐसी कोई बात नहीं है,’’ सौरभ ने कहा था.

बेटे के उत्तर से मां निश्चिंत हो गईं. लेकिन सौरभ उस लड़की के लिए बेताब था. उस ने अपने रिश्तेदार से उस लड़की के बारे में जानने व उस से मिलने की इच्छा व्यक्त की.

उस के रिश्तेदार ने कहा, ‘‘कहीं तुम्हें शिखा से प्यार तो नहीं हो गया? मैं पहले बता दूं कि इस बारे में सोचना भी मत क्योंकि उस की सगाई हो चुकी है और 2 महीने बाद उस की शादी है.’’

सौरभ के तो पैरोंतले जमीन खिसक गई. उस के सारे सपने टूट गए. वह इतना डिप्रैस्ड हो गया कि खुदकुशी कर मौत को गले लगा लिया.

मीना बीए फाइनल ईयर में थी. उसे अपनी ही क्लास के लड़के रोहित से प्यार हो गया. लड़के के पिता केंद्र सरकार में सेवारत हैं. इसलिए उन का ट्रांसफर होता रहता है. रोहित काफी हैंडसम और होशियार था. कुछ ही समय में वह प्रोफैसरों का भी चहेता बन गया. मीना मन ही मन उसे चाहने लगी. उस ने अपने दिल की बात न तो अपनी सहेलियों को बताई और न ही घर पर. इस बारे में रोहित से बात करने का वह साहस नहीं जुटा सकी.

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खैर, उस का बीए पूर्ण हो गया और रोहित के पिता का ट्रांसफर चेन्नई हो गया. उस के चले जाने पर वह उस के खयालों में खोई रहती. वह उस के प्यार में इस कदर पागल हो गई कि खानापीना तक  छोड़ दिया. मां ने उस से उस के उखड़े मूड के बारे में पूछा तो उस ने कोई सीधा उत्तर नहीं दिया. मां ने अपनी बहू से कहा कि वह मीना से बात कर पता लगाए कि वह इतनी खोईखोई क्यों रहती है.

भाभी के समक्ष मीना खुल गई और उस ने अपने एकतरफा प्यार के बारे में बताया. भाभी ने इस संबंध में उस की मदद करने को कहा और उस लड़के से संपर्क कर बताया कि उन की ननद किस तरह उस के प्यार में पागल है.

यह सुन कर रोहित भौचक्का रह  गया. उस ने सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई लड़की उसे इस तरह प्यार कर सकती है. उस ने भाभी की बात को सिरे से नकार दिया, बोला, ‘‘अब तक तो मैं आप की ननद को पहचान ही नहीं पा रहा हूं. क्योंकि क्लास में कम से कम 50 लड़कियां थीं. वैसे भी, मैं तो उर्वशी से प्यार करता हूं और वह भी मुझे चाहती है. हम दोनों ने एकसाथ जीनेमरने की कसमें खाई हैं. मैं उसे धोखा नहीं दे सकता.’’

भाभी ने अपनी ननद को इस बारे में बताया और कहा कि तुम किसी अन्य लड़के से शादी कर लो. तुम सुंदर हो, पढ़ीलिखी भी हो. तुम्हारे लिए रिश्ते की कोई कमी नहीं है.

लेकिन मीना के सिर पर तो एकतरफा प्यार का भूत सवार था. उस ने कहा, ‘‘अगर वह लड़का मेरी जिंदगी में नहीं आ सकता तो मैं किसी अन्य लड़के को अपना जीवनसाथी नहीं बनाऊंगी. मैं जीवनभर कुंआरी रह लूंगी पर किसी दूसरे लड़के से शादी नहीं करूंगी.’’

रवि अपने महल्ले की एक लड़की को चाहने लगा. दिन में कई बार उस के घर के सामने से निकलता ताकि उस की एक झलक दिख जाए. यह सिलसिला 3 महीनों तक चलता रहा. हालांकि, वह लड़की रवि को जानती तक न थी.

एक दिन वह बाजार से अकेली आ रही थी. रवि की नजर उस पर पड़ी. उस ने रास्ते में उसे रोक कर बात करनी चाही. सरेराह कोई लड़का उसे छेड़े, यह उसे नागवार लगा. रवि अपने दिल की बात उस से कहता, इस के पूर्व ही लड़की ने उस के गाल पर तमाचा दे मारा. इस अप्रत्याशित घटना से रवि हक्काबक्का रह गया. वह वहां से भाग खड़ा हुआ.

एकतरफा प्यार में पागल हुए इस प्रेमी को अपने को ठुकराए जाने पर इस कदर गुस्सा आया कि उस ने उस से बदला लेने की सोची और एक दिन उसे अकेली आते देख उस के चेहरे पर तेजाब डाल दिया. लड़की का चेहरा बुरी तरह झुलस गया, हालांकि लड़की की चीखपुकार सुन कर लोगों ने रवि को उसी समय धरदबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया.

न्यायालय में जब जज ने उस से तेजाब फेंकने का कारण पूछा तो उस ने कहा, ‘‘यह लड़की अपनेआप को समझती क्या है? मेरे प्यार को ठुकरा कर इस ने अच्छा नहीं किया. यदि यह मेरी नहीं हो सकती तो किसी दूसरे की भी नहीं हो सकती. इसीलिए मैं ने तेजाब डाल कर बदला लिया.’’

कोर्ट ने रवि को 3 साल की सजा सुनाई.

एकतरफा प्यार करने वाले लड़के या लड़की यह क्यों नहीं समझते कि वही प्यार परवान चढ़ता है जो दोनों तरफ से हो. जब सामने वाले या सामने वाली को पता ही नहीं हो कि कोई उस के प्यार में पागल है, तो उस के स्वीकार करने या न करने का प्रश्न ही कहां उठता है.

यदि आप किसी से प्यार करते हैं या करती हैं तो उसे अपने दिल की बात बताने में संकोच या विलंब न करें. समय रहते उसे इस बारे में बताएं और यदि वह सिरे से खारिज कर दे तो अपने कदम पीछे खींच लेने में ही भलाई है. यदि वह जवाब के लिए कुछ समय चाहे तो उसे देना चाहिए.

प्यार में जबरदस्ती नहीं होती.

यदि आप का प्रस्ताव अस्वीकार हो जाता है तो इस का मतलब यह नहीं कि दुनिया खत्म हो गई. ऐसे में न तो सामने वाले से बदला लेने या सबक सिखाने के बारे में सोचना चाहिए और न ही अपनी जिंदगी की रफ्तार को रोकना चाहिए. धीरेधीरे सबकुछ सामान्य हो जाएगा.

अपने एकतरफा प्यार का इजहार करने में जहां लड़के उतावले रहते हैं वहीं लड़कियों में शर्मझिझक होने से वे इस का इजहार नहीं कर पातीं. आमतौर पर लड़कियां इस की पहल नहीं करतीं या करती भी हैं तो किसी को माध्यम बना कर.

कई बार जब आप किसी के प्रति आकर्षित होते हैं तो उस आकर्षण को ही प्यार समझने लगते हैं. लेकिन ये दोनों अलगअलग बातें हैं. आकर्षण छलावा होता है जबकि प्यार गहराई लिए होता है. प्यार भावनाओं पर आधारित होता है जबकि आकर्षण वासना पर. वासना को प्यार का नाम देना बुद्घिमानी नहीं है.

एकतरफा प्यार में मिली असफलता को धोखे का नाम नहीं दिया जा सकता, क्योंकि वह तो इस बात से अनजान है. जब आप उसे इस बारे में बताते हैं तो उस की प्रतिक्रिया क्या होगी, यह नहीं कह सकते. हो सकता है कि उस का जवाब सकारात्मक हो. यदि आप का प्यार स्वीकार हो जाता है तो आप के मन की इच्छा पूरी हो सकती है वरना सामने वाले को दोष देना ठीक नहीं. इसलिए, प्यार में इतने पागल न बनें कि अपना आपा खो दें.

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आप प्यार के बदले प्यार चाहते हैं लेकिन जब प्यार एकतरफा हो तो जरूरी नहीं कि हम जो चाहें वह हमें मिले ही. यदि आप किसी फिल्म अभिनेत्री या अभिनेता को चाहने लगें या उस से एकतरफा प्यार करने लगें तो क्या यह पागलपन नहीं है? किसी का फैन या प्रशंसक होना एक बात है और उस से प्यार करना दूसरी बात. आप अपने पसंदीदा हीरो या हीराइन को सपनों में देखते रहिए, लेकिन क्या आप उन के सपनों में आते हैं?

बात अभिनेता या अभिनेत्रियों की ही नहीं है, कोई अच्छी सुंदर लड़की दिखी नहीं कि मनचले उसे अपना दिल दे बैठते हैं. उस के आगेपीछे दौड़ते हैं, उस पर फिकरे कसते हैं या छेड़छाड़ करते हैं ताकि उस का ध्यान उन की तरफ जाए और वह उन से प्यार करने लगे. लेकिन, बदले में क्या मिलता है-थप्पड़.

यदि आप ने किसी से एकतरफा प्यार किया है लेकिन वह आप का नहीं हो सका या नहीं हो सकी, तो उस की वैवाहिक जिंदगी में दखल देने का आप को कोई अधिकार नहीं है. उसे अपने हिसाब से जीने दो. माना कि एकतरफा प्यार की पीड़ा आप झेल रहे हैं लेकिन इस का मतलब यह तो नहीं कि किसी की सुखी जिंदगी में जहर घोल दें.

यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही लड़केलड़कियों में विपरीतलिंगी को सामने देख कुछकुछ होने लगता है. उन की धड़कनें बढ़ जाती हैं. कई बार उन्हें पहली नजर में ही किसी से प्यार हो जाता है. शुरुआत एकतरफा प्यार से ही होती है. यदि सामने वाला या सामने वाली भी इस पर अपनी मुहर लगा दे तब तो ठीक, वरना एकतरफा प्यार का दर्द और जख्म इतना गहरा होता है कि वह जिंदगी तबाह भी कर सकता है.

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