UNLOCK 4: 1 सितंबर से बदलने वाली ये 7 चीजें डालेंगी आम आदमी पर असर

कोरोनावायरस के खतरे के बीच भारत में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं. हालाकि राहत की बात यह है कि भारत का रिकवरी रेट बाकी देशों के मुकाबले बहुत ज्यादा है. इसी कारण भारत में मिलने वाली छूटों का सिलसिला जा रही है. दरअसल, 1 सितंबर 2020 से अनलौक 4 की शुरूआत होने वाली है, जिसमें कई चीजों में बदलाव तो कई नई चीजों की शुरूआत होने वाली है, जिनसे आम आदमी की जिंदगी पर असर पड़ सकता है.

LPG सिलेंडर के दाम में बदलाव

बढ़ती महंगाई के बीच LPG, CNG और PNG के दामों में भारी गिरावट हो सकती है. 1 सितंबर को एलपीजी( LPG Cylinder) के दाम में बदलाव हो सकता है. खबरों की मानें तो एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बदलाव हो सकता है. हर महीने की पहली तारीख को सिलेंडर की कीमतों में बदलाव होता है. ऐसे में माना जा रहा है कि 1 सितंबर को पेट्रोलियम कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमत को रिवाइज कर सकती है. उम्मीद की जा रही है कि सितंबर में LPG सिलेंडर के दाम घटेंगे.

महंगा होगी फ्लाइट यात्रा

1 सितंबर से विमान सेवाएं महंगी हो सकती है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) ने 1 सितंबर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों (Domentic and International Flights) से उच्च विमानन सुरक्षा शुल्क (ASF) वसूलने का फैसला किया है. एएसएफ शुल्क के तौर पर घरेलू यात्रियों से अब 150 के बजाए 160 रुपए वसूला जाएगा, वहीं अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से 4.85 डॉलर के बदले 5.2 डॉलर वसूला जाएगा.

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बढ़ेगा EMI का बोझ खत्‍म होगा मोरेटोरियम

कोविड-19 संकट की वजह से लोन ग्राहकों की EMI पर इस वर्ष मार्च में जो रोक लगी थी, वह 31 अगस्त को समाप्त हो रही है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) व पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की तरफ से अगले हफ्ते फैसला होने की संभावना है. बैंकिंग सेक्टर में इसे आगे बढ़ाने को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है. खुदरा लोन (होम, आटो, पर्सनल लोन जैसी सावधि कर्ज योजनाओं के तहत लिए गए लोन) को किस तरह से जारी रखा जाए, इसका खाका स्पष्ट नहीं हो पा रहा है.

दिल्ली मेट्रो हो सकती है शुरू

देश में 1 सितंबर से लॉकडाउन में छूट का चौथा चरण अनलॉक 4 शुरू होने जा रहा है. अधिकारियों के अनुसार, इस दौरान 7सितंबर से ही दिल्ली मेट्रो के परिचालन की अनुमति दी है, जिसके बाद नए नियमों के साथ मेट्रो का चालन शुरू कर दिया जाएगा.

GST देनदारी जमा करने में देरी पर लगेगा 18% ब्याज

सरकार ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के भुगतान में देरी की स्थिति में एक सितंबर से कुल टैक्स देनदारी पर ब्याज लेगा. इस साल की शुरुआत में उद्योग ने जीएसटी भुगतान में देरी पर लगभग 46,000 करोड़ रुपये के बकाया ब्याज की वसूली के निर्देश पर चिंता जताई थी. ब्याज कुल देनदारी पर लगाया गया था. केंद्र और राज्य के वित्त मंत्रियों वाली GST काउंसिल की 39वीं बैठक में निर्णय लिया था कि एक जुलाई, 2017 से कुल कर देनदारी पर जीएसटी भुगतान में देरी के लिए ब्याज लिया जाएगा और इसके लिए कानून को संशोधित किया जाएगा. हालांकि, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 25 अगस्त को अधिसूचित किया कि एक सितंबर 2020 से कुल कर देनदारी पर ब्याज लिया जाएगा. इसका मतलब यह कि, शेष टैक्स देनदारी पर ब्याज लगाने की सुविधा का लाभ करदाताओं को एक जुलाई 2017 की बजाय 1 सितंबर 2020 से मिलेगा.

शुरू होगी इंडिगो एयरलाइन्‍स की उड़ानें

बजट एयरलाइंस इंडिगो ने अपनी उड़ानें स्‍टेप बॉय स्‍टेप शुरू करने का एलान किया है. 1 सितंबर से प्रयागराज, कोलकात्ता एवं सूरत उड़ान भी शुरू होगी. भोपाल-लखनऊ रूट पर कंपनी 180 सीटों वाली एयर बस-320 चलाएगी. यह उड़ान सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को संचालित होगी. पहली उड़ान 26 अगस्त बुधवार को भोपाल पहुंचेगी. कंपनी ने समर शेड्यूल में ही भोपाल से प्रयागराज, आगरा, कोलकात्ता, सूरत, अहमदाबाद एवं आगरा उड़ान शुरू करने का एलान किया था लेकिन कोरोना काल सहित कुछ कारणों से उड़ानें शुरू नहीं हो सकीं. अब कंपनी ने प्रयागराज, कोलकात्ता एवं सूरत उड़ान का शेड्यूल जारी कर 1 सितंबर एवं इसके बाद की तारीखों में बुकिंग शुरू कर दी गई है.

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Ola-Uber ड्राइवर कर सकते हैं हड़ताल

ओला (Ola) और उबर (Uber) के ड्राइवरों ने दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में 1 सितंबर से हड़ताल की धमकी दी है. कैब ड्राइवरों ने अपनी कई मांगों जैसे किराये में बढ़ोतरी और लोन रिपेमेंट मोरेटोरियम के विस्तार को लेकर हड़ताल जाने की धमकी दी है. दिल्ली के सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत सिंह गिल ने कहा कि अगर सरकार हमारी समस्याओं को हल करने में विफल रहती है तो कैब एग्रीगेटर्स के साथ काम करने वाले लगभग 2 लाख ड्राइवर हड़ताल में शामिल होंगे.

FILM REVIEW: जानें कैसी है हिना खान की फिल्म ‘UNLOCK’

रेटिंग: दो स्टार

ओटीटी प्लेटफॉर्म: जी 5

निर्माता: भावना श्रीवास्तव, राजेश कजोले

निर्देशक: देबात्मा मंडल

कहानी: मोहम्मद आजाद और भावना श्रीवास्तव

कलाकार: हिना खान, कुशल टंडन, अदिति आर्य, ऋषभ सिन्हा व अन्य

अवधि: 58 मिनट

मोबाइल ऐप/ इंटरनेट किस तरह इंसानी जिंदगी के लिए खतरा बनते जा रहे हैं, इसी पर रोशनी डालने के लिए फिल्मकार  देबात्मा मंडल एक हॉरर फिल्म अनलॉक लेकर आए हैं. अफसोस यह हॉरर फिल्म होते हुए भी डराती नहीं है.

कहानी:

कहानी के केंद्र में चार दोस्त सुहानी ( हिना खान), रिद्धि (अदिति आर्य ),अमर (कुशल टंडन) और अनुभव (ऋषभ सिन्हा) है. सुहानी और रिद्धि रूममेट हैं. रिद्धि और अमर एक दूसरे के साथ प्रेम संबंधों में है.अनुभव और अमर दोस्त हैं. एक दिन अनुभव की वजह से सुहानी की मुलाकात अमर से होती है. और सुहानी अमर से एक तरफा प्यार करने लगती है. एक दिन एक होटल की पार्टी में अनुभव मोबाइल ऐप डार्क वेब का जिक्र करता है और बताता है कि इस एप्स से इंसान  जिसे तलाश ना चाहे तलाश सकता है. डार्क वेब एप्स का रिद्धि और अमर पर कोई असर नहीं होता. लेकिन सुहानी बहुत आकर्षित होती है. वापसी में अनुभव और सुहानी के बीच बातचीत होती है जिससे समझ में आता है कि अनुभव की मां बहुत बीमार है पर अनुभव को यकीन है कि बहुत जल्द उसके पास मां के इलाज के लिए पैसे आ जाएंगे. सुहानी अकेले ही घर पहुंचती है क्योंकि रिद्धि वही होटल में रुक गई थी.

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सुहानी ने होटल के उस कमरे में एक जगह कैमरा फिट कर दिया था, जिस कमरे में रिद्धि के जाने की संभावना थी और उस कमरे की सारी गतिविधियां वह अपने मोबाइल फोन पर देख सकती थी. रिद्धि और अमर उस कमरे में जाते हैं और दोनों प्रेम संबंधों में लीन होने लगते हैं, यह सब मोबाइल पर सुहानी देखती है, अचानक रिद्धि उठकर उस कैमरे के ऊपर एक कपड़ा डाल देती है, ऐसे में सुहानी को अनुभव द्वारा बताए गए डार्क वेब एप्स की याद आती है. उस ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर उस होटल के कमरे में रिद्धि व अमर की बीच जो प्रेम लीला चल रही है, उसे देखना चाहती है. लेकिन डार्क वेब एप उसके सामने सवाल करता है कि इस क्या वह अपनी कोई इच्छा पूरा करना चाहती हैं, ऐसा है तो तीन टास्क पूरा करके अपनी इच्छा को पूरा कर सकती है. सुहानी कहती है कि उसे अमर चाहिए. सुहानी के पहला टास्क पूरा करते ही अमर उसके पास आता है और एक तस्वीर दिखाते हुए कहता है कि रिद्धि उसके साथ धोखा करके इस लड़के के साथ संबंध बना रही है. अब सुहानी अमर के साथ संवेदना प्रकट करते हुए उसके साथ  रहने की कोशिश करती है. दूसरा टास्क पूरा करने के बाद सुहानी और अमर एक पार्टी में जाकर बीयर पीते हैं और फिर अमर के साथ उसकी गाड़ी में बैठकर अपने घर से रवाना होती है पर तभी रिद्धि का फोन अमर के पास आता है और स्थितियां बदल जाती है. अमर और रिद्धि सगाई कर लेते हैं तथा दूसरे दिन रिद्धि ,अमर और  सुहानी को पार्टी देने के लिए होटल में बुलाती है . तय समय पर सुहानी और अमर होटल पहुंच जाते हैं मगर रिद्धि नहीं पहुंचती है. ऐसा होता है कि अनुभव के हाथों  रिद्धि मारी जाती है. मौत की खबर और दूसरा टास्क पूरा करने की घटना याद करके सुहानी डर जाती है. अब वह तीसरा टास्क नहीं करना चाहती. लेकिन उसे डार्क वेब एप्स धमकाता है कि  अगर उसने तीसरा टास्क पूरा नहीं किया, तो अमर मारा जाएगा. उधर अनुभव  तीसरे टेस्ट को लेक फस गया है. अंततः सुहानी अमर और अनुभव के साथ अच्छा तो नहीं होता है.

लेखन:

फिल्म की अवधि 58 मिनट है इसलिए इसे झेला जा सकता है, अन्यथा इसमें खामियां ही खामियां हैं. लेखक ने किसी भी चरित्र का सही ढंग से चरित्र चित्रण नहीं किया है. किसी भी किरदार की जिंदगी पर कोई रोशनी नहीं डाली गई है. डार्क वेब जिस तरह के अपराध करवाता है उसके पीछे कोई तर्क भी नहीं है. इसमें ना तो रोमांस है और ना ही रहस्य व रोमांचही है. जबकि इस विषय पर रहस्य व रोमांच पैदा करने की असीम संभावनाएं थी मगर लेखक और निर्देशक सतही स्तर पर ही रह गए. संभवत लेखक ने पिछले दिनों ब्लू वेल चैलेंज गेम के चलते तमाम बच्चे आत्महत्या कर रहे थे, उसी से प्रेरित होकर इस वेब फिल्म की कहानी गढ़ी है ,पर चरित्रों को गढ़ने में और पटकथा लिखने में जिस  मेहनत की जरूरत थी, वह  करने की बजाय जल्दबाजी में एक कथा पेश कर दी गई.

निर्देशन:

निर्देशक देबात्मा मंडल  भी पूरी तरह से असफल रहे हैं.  निर्देशक का सारा ध्यान इंटरनेट के स्याह पक्ष को ही उभारने में ही रहा, पर किसी भी बात को तर्कसंगत ढंग से पेश नहीं कर पाए.

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 अभिनय:

कहानी चार दोस्तों की है मगर ऋषभ सिन्हा के हिस्से करने का कुछ आया ही नहीं, उसकी प्रतिभा को जाया किया गया है. जहां तक हिना खान ,कुशल टंडन और अदिति आर्य का सवाल है तो इन्होंने एकदम साधारण अभिनय किया है. हिना खान, कुशल टंडन और अदिति आर्य के बीच कहीं कोई केमिस्ट्री नजर नहीं आती. कुशल और अदिति के बीच भी  रोमांस की केमिस्ट्री नजर नहीं आती .इसकी मूल वजह सही ढंग से चरित्र चित्रण का ना होना है. इसके लिए कलाकार कम लेखन ज्यादा दोषी है.

#coronavirus: अनलॉक के दौरान क्या करें या न करें

अब जब सब तरफ लाकडाउन बंदिशें खत्म हो चुकी हैं. तो  ऐसे में ज़रूरी है कि बीमारी के फैलने की संभावना को कम करने के लिए हम सब पूरी सावधानी बरतें. हमें यह भूलना नहीं चाहिए कि जानलेवा कोरोनावायरस अभी देश से गया नहीं है और वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया जारी है. भारत में अब तक 3.50 लाख कोरोना पाज़िटिव और 10 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी है.  हम जानते हैं कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के प्रयास में शहर और राज्य खोले जा चुके हैं.ऐसे में कोरोनावायरस इन्फेक्शन फैलने का खतरा भी बढ़ गया है.

डॉक्टर का कहना है कि हमें अपने दोस्त को गले लगाए, पार्टी किए, स्टेडियम गए और हवाई यात्रा किए भले ही कई दिन बीत गए हों, लेकिन हमें याद रखना है कि कई तरह के प्रतिबंध हटाए जाने के बाद, आज भी हम कोरोनावायरस के बारे में बहुत कुछ नहीं जानते हैं.

इस अनलॉक के समय हमें कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए जो कि इस प्रकार है

1. फेस मास्क पहनना न भूलें

शॉपिंग मॉल और गैर-ज़रूरी सामान की दुकानें खुलने लगी हैं, ऐसे में ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है. उपभोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जारी रखना चाहिए और अनिवार्य रूप से फेस मास्क का उपयोग करना चाहिए. आप कहां रहते हैं, क्या कर रहे हैं, इसके आधार पर कई और नियम भी हो सकते हैं. साथ ही आपको हैण्ड सैनिटाइज़र और दस्तानों का उपयोग भी करना चाहिए. याद रखें कि शॉपिंग और सामाजिक जीवन का अनुभव अभी कुछ समय के लिए पहले की तरह नहीं होने वाला है.

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2. पार्टी करने से बचें और बार में न जाएं

कोरोनावायरस के इन्फेक्शन से बचने के लिए ज़रूरी है कि आप बेवजह लोगों के संपर्क में न आएं. घर पर पार्टी करने या बार में जाने से आप ज़्यादा भीड़ के संपर्क में आते हैं, इससे इन्फेक्शन फैलने का खतरा बढ़ सकता है. हो सकता है कि पार्टी में ऐसे लोग हों जिनमें इन्फेक्शन के लक्षण न हों, जो आपको इन्फेक्शन दे सकते हैं. इसलिए यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है कि आप कितनी सूझ बूझ से अपने स्वास्थ्य की देखभाल करते हैं.

3. बार-बार हाथ धोएं        

हाइजीन को बिल्कुल न भूलें, याद रखें कि लॉकडाउन में छूट का यह मतलब बिल्कुल नहीं कि कोरोनावायरस फैलना रूक गया है. स्कूल और बिज़नेस को खोलने के आर्थिक कारण हो सकते हैं, लेकिन वायरस फैलता रहेगा. हालांकि हो सकता है कि इसके फैलने की दर कम हो जाए. बार-बार अच्छी तरह हाथ धोने से आप इस इन्फेक्शन से बच सकते हैं. जब भी आप किसी के संपर्क में आएं या किसी सतह को छूएं तो इसक बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें.

4. छुट्टी की योजना न बनाएं

हममें से ज़्यादातर लोग तीन-चार महीने से घर में रहने के बाद छुट्टी पर जाना चाहते हैं. हो सकता है कि होटल और हवाई यात्रा का किराया बहुत कम हो जाए. लेकिन इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं कि आप यह सोचकर छुट्टी पर जाने की योजना बना लें कि आपकी इम्युनिटी मजबूत है और आपको कुछ नहीं होगा. हो सकता है कि हवाई यात्रा अब पहले की तरह रोचक न हो. आपको उड़ान के दौरान मास्क पहनना होगा, आप सीमित मात्रा में खाने-पीने का आनंद ले कसेंगे, एयरपोर्ट टर्मिनल्स पर ज़्यादातर बिज़नेस बंद रहेंगे.

5. कोई भी फैसला सोच-समझ कर लें

भविष्य में क्या होने वाला है, हम इसके बारे में कुछ नहीं कह सकते. हो सकता है कि कोरोनावायरस के मामले अचानक बढ़ जाएं जैसा सिंगापुर और होंग-कोंग में हुआ, वायरस के ज़्यादा खतरनाक स्ट्रेन भी आ सकते हैं. इसलिए कोई भी फैसला सोच-समझ कर लें, लेकिन निराश न हों.

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6. स्ट्रीट फूड खाने से पहले सावधानी बरतें, हाइजीन पर खास ध्यान दें

जैसे ही आप घर से बाहर जाते हैं, गोलगप्पे, मोमो, टिक्की, राम लड्डू और चाट आपको लुभाने लगते हैं लेकिन स्ट्रीट फूड की किसी भी स्टॉल पर जाने से पहले सुनिश्चित कर लें कि वहां हाइजीन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. चाट परोसने वाले व्यक्ति ने दस्ताने पहनें हैं और वह नियमित रूप से अपने हाथों को सैनिटाइज़ कर रहा है. पेपर प्लेट और कटलरी साफ है, इन पर धूल-मिट्टी नहीं है.

डॉ. पी वेंकटा कृष्णन, इंटरनल मेडिसिन, पारस हॉस्पिटल

#coronavirus: लौकआउट की ओर नौरमल नहीं, कहिए न्यूनौरमल लाइफ

दुनिया ने मान लिया है कि कोरोना फिलहाल तो रहेगा. इस के ख़त्म होने का इंतजार अब कोई नहीं कर रहा. सो, तक़रीबन हर देश लौकडाउन से लौकआउट की ओर बढ़ चला है. भारत ने भी कदम बढ़ा दिया है. लौकडाउन में रहते हुए ढील पर ढील दी जा रही है.

लेकिन, हर भारतवासी के दिमाग में सवाल यह है कि क्या वह अपनी पुरानी ज़िंदगी फिर से जी पाएगा? इस का कड़वा जवाब यह है कि फिलहाल तो कोरोना के साथ जीने की आदत डाल लीजिए. न सिर्फ आदत डाल लीजिए बल्कि रोजमर्रा की ज़िंदगी में बहुत सी जरूरी चीजें जो पूरे लौकआउट के बाद बदलने जा रही हैं, उन्हें अपनाना भी अभी से सीख लीजिए क्योंकि कोरोना हम सब के साथसाथ चलेफिरेगा. कोरोना से पहले की ज़िंदगी जीने का तरीका बदलना होगा. हाथ मिलाना और गले लगना अब शायद तसवीरों में ही देखने को मिले. अभी तक कोरोना ने पैनडेमिक बन कर तबाही मचाई. अब कहा जा रहा है कि यही कोरोना एनडेमिक भी बन सकता है.

पैनडेमिक के बाद यह एनडेमिक क्या बला है, आप यह सोच रहे होंगे. दरअसल, पैनडेमिक महामारी को कहते हैं, जबकि एनडेमिक उस हालत को कहते हैं जिस में एक वायरस इंसानों के साथ घूमता रहता है. इस दौरान वह उन पर असर डालता है जिन के शरीर ने या तो उस से लड़ने की क्षमता पैदा नहीं की है या फिर उन्हें इसकी वैक्सीन नहीं लगी है. ज़ाहिर है कोरोना वायरस की वैक्सीन तो फिलहाल बनी नहीं है. ऐसे में यह इंसानों के साथ ही घूमता रहेगा.

वर्ल्ड हेल्थ और्गेनाइज़ेशन यानी डब्लूएचओ के इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रायन के मुताबिक, एक तो कोरोना जल्दी खत्म नहीं होगा और दूसरा यह कि वह एनडेमिक वायरस बन कर हमेशा हमारे साथ ही रहने वाला है. हो यह भी सकता है कि यह कोरोना वायरस हमारे बीच से कभी जाए ही नहीं ठीक वैसे ही जैसे एचआईवी और डेंगू जैसे वायरस आज भी हमारे बीच मौजूद हैं, जिन की वैक्सीन अभी तक नहीं बन पाई है और जिन के साथ अब हम ने जीना सीख लिया है. इसी तरह हमें कोरोना वायरस के साथ भी रहना सीखना होगा.

लौकडाउन से लौकआउट में आने पर पुरानी नौरमल लाइफ नहीं बल्कि न्यूनौरमल लाइफ होगी. पुरानी नौरमल लाइफ को तो भूल ही जाइए. यहां एक नज़र डालते हैं न्यूनौरमल लाइफ पर :

सामाजिक दूरी

तालाबंदी हटाए जाने के बाद भी 2 गज यानी 6 फुट की सामाजिक दूरी बनाए रखने का पालन करते रहना होगा. देश में लगने वाली लंबीलंबी कतारें, भीड़भरे बाज़ारों, दुकानों, मार्केट, रेस्तरां, सिनेमाहौल, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, शादीघर और यहां तक कि श्मशान और क़ब्रिस्तान तक में इंसान को इंसानों से दूर ही रहना पड़ेगा.

नाकमुंह ढकना और सैनिटाइज़र

मोबाइल की तरह मास्क और सैनिटाइज़र रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा होंगे. पूर्वी एशियाई देशों यानी चीन, जापान और हौंगकौंग में तो सर्दी के मौसम में इंफैक्शन फैलते ही लोग पहले से मास्क और ग्लव्ज़ का इस्तेमाल करते रहे हैं. मास्क और सैनिटाइज़र भारत में, आमतौर पर, इस्तेमाल करना आसान नहीं है. इतना ही नहीं, यह आदत अपनाना भारतीयों के लिए महंगा सौदा भी है.

डिजिटल भुगतान

वायरस के साथ रहने की वजह से ज़्यादातर खरीदफरोख्त डिजिटल ट्रांज़ैक्शन के ज़रिए ही होंगी. लोग बैंक जाने से और नकदी इस्तेमाल करने से बचेंगे क्योंकि इससे बारबार संक्रमित होने का खतरा कायम रहेगा.

घर से काम यानी वर्क फ्रौम होम

कार्यालय, कंपनियां, संस्थानों के प्रबंधन जितना मुमकिन हो सकेगा अपने कर्मचारियों से घर से ही काम करवाएंगे. आईटी कंपनियों के ज़्यादातर काम तो कर्मचारी अपनेअपने घरों से ही करेंगे. वहीं, स्टैंडफोर्ड की स्टडी बताती है कि घर से काम करने वाले कर्मचारी दफ्तर में काम करने वालों से ज़्यादा प्रोडक्टिव और क्रिएटिव होते हैं. ज़ाहिर है कंपनियों को इस नए चलन को अपनाने में ज़रा भी तकलीफ नहीं होगी.

औफिस में चेंज

हर औफिस के सभी कर्मचारी घर से काम यानी वर्क फ्रौम होम नहीं करेंगे. कुछ कर्मचारी औफिस में जा कर काम करेंगे. ऐसे कर्मचारियों की औफिस के गेट परकी थर्मल स्क्रीनिंग होगी. औफिस में हाथ धोने और आनेजाने वाले द्वार पर हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी. कार्यस्थलों में नियमित तौर पर सैनिटाइजेशन किया जाता रहेगा. शिफ्ट बदलने के दौरान भी रखें सफाई का खास ध्यान रखना होगा.

शिक्षा संस्थानों में बदलाव

स्कूल में पढ़ाई का तरीका काफी हद तक बदला जाएगा. बच्चे एकदूसरे को छूने या हाथ मिलाने से बचेंगे. एकदूसरे के साथ खेल नहीं सकेंगे. साथ ही, बच्चों के बैठने की व्यवस्था भी सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से की जाएगी और बहुत ज़्यादा मुमकिन है कि डिजिटल एजूकेशन यानी कंप्यूटर के ज़रिए पढ़ाई इतनी सामान्य और चलन में आ जाए कि बच्चे स्कूल जाना ही बंद कर दें.

आवाजाही में परिवर्तन

यातायात के तरीकों में तो बहुत सारे बदलाव अभी से देखने को मिलने लगे हैं. हाल ही में भारत सरकार ने एयर ट्रांसपोर्ट के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. मसलन, आरोग्य सेतु ऐप मोबाइल पर इंस्टौल करना ज़रूरी है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, मास्क पहनना होगा और थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. इस तरह के कई और नियम कानून बनाए गए हैं जो रोडवेज़, मैट्रो और रेलवे के लिए भी अपनाए जाएंगे. निजी वाहनों के लिए भी नए नियम होंगे, मसलन टूव्हीलर पर एक और फोरव्हीलर पर दो ही लोगों के बैठने की अनुमति आदि.

बदल जाएगी इंडस्ट्री

कोरोना के काल के बाद इंडस्ट्री और उस के काम करने का तरीका भी पूरी तरह से बदल जाएगा. लेबर कम हो जाएंगे. और जो होंगे भी उन्हें सोशल डिस्टेंसिग का पालन करना होगा. हर सैक्टर में कंपनियों को अपने कर्मचारियों का हेल्थ इंश्योरैंस कराना होगा. और कंपनियों में औटोमेशन बढ़ जाएगा यानी, काम इंसानों से कम कराया जाएगा जबकि मशीनों से ज़्यादा किया जाएगा.

अमेरिकी अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक महामारी कोविड-19 की वैक्सीन विकसित करने और फिर बाजार में लाए जाने के बाद भी कोरोना वायरस सालों तक यहीं रहने वाला है. यह महामारी एचआइवी, चेचक जैसे ही हमेशा रहने वाली है. वैश्विक महामारी के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के लंबे समय तक रहने के आसार हैं.

सो, कोरोनामय हालात में लौकडाउन के सरकारी तौर पर पूरी तरह से खत्म कर दिए जाने यानी लौकआउट होने के बाद सभी देशवासियों को छुआछूती वायरस से बचे रहने के लिए खुद को खुद के लौकडाउन में रहना होगा, ताकि सभी सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें.

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