महिलाएं कहीं भी महसूस करें असुरक्षित, मिलाएं 112-यूपी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम ‘मिशन शक्ति’ के तहत 17 अक्टूबर 2020 से 28 फरवरी 2021 तक 1,21,509 महिलाओं को सहायता पहुंचाई गयी. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम शुरु किया गया है. वर्ष भर में 112-यूपी ने घरेलू हिंसा में 3,27,833 पीड़ित महिलाओं तक मदद पहुँचाने का कार्य किया है.

महिलाओं को सुरक्षा का भाव

महिलाओं में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने के लिए पूरे प्रदेश 300 महिला पीआरवी 112-यूपी की ओर से संचालित की जा रही हैं.

मिशन शक्ति के तहत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश भर की महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करना 112-यूपी का मुख्य उद्देश्य है. रात्रि में अकेली महिला को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए महिला स्कार्ट की सुविधा शुरू की गयी है. गाँव हो या शहर कोई भी महिला रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक इस सुविधा का लाभ ले सकती है. एक वर्ष में 518 महिलाओं ने इस सुविधा का लाभ उठाया है.

बुजुर्गों की मदद

बुज़ुगों में सामाजिक सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने के उद्देश्य से ‘सवेरा’ योजना के तहत 1,70,296 महिलाओं का पंजीकरण किया गया है. महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए 112-यूपी द्वारा जिलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. प्रदेश भर में 112-यूपी की 4500 पीआरवी रात-दिन प्रदेश में आम जनमानस की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं.

घरेलू हिंसा पर अंकुश लगाने की पहल

मिशन शक्ति के तहत घरेलू हिंसा पर अंकुश लगाने और महिलाओं को त्वरित सहायता उपलब्ध के लिए 112-यूपी द्वारा प्रदेश भर में 300 महिला पीआरवी चलाई जा रही हैं. इस पीआरवी पर महिला पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि पीड़ित महिला बेझिझक अपनी बात महिला पुलिस कर्मियों को बता सके. घरेलू हिंसा के मामलों में महिलाओं को 112 की तरफ से ‘प्रबल प्रतिक्रिया’ दी जाती है.

1090 व 181 के साथ एकीकरण

मिशन शक्ति का उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के साथ-साथ उनको स्वावलंबी बनाना भी है. प्रदेश के किसी भी कोने से अगर कोई महिला पुलिस की मदद लेने के लिए 1090 पर कॉल करती है तो उसकी कॉल 112-यूपी पर स्थानांतरित कर दी जाती है. इसी तरह स्वरोजगार के लिए किसी तरह की मदद चाहने वाली महिलाओं की कॉल को 112 से 181 स्थानांतरित की जाती है. विभिन्न सरकारी हेल्प लाइनों से एकीकरण के बाद 112-यूपी के कार्य का दायरा भी बढ़ गया है.

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