लेखिका -स्नेहा सिंह
बहुत पुरानी कहावत है कि ज्ञान बहुत बड़ी शाक्ति है. ज्ञान का मतलब हमने जो शिक्षा ली है, मात्र वह नहीं, पढ़ाई करके जो सर्टिफिकेट पाए हैं या हमें जो सम्मान मिला है, वह सब नहीं. ज्ञान का मतलब रोज-रोज प्राप्त होने वाली नई-नई जानकारियां या समझ. रोज-रोज नई समझ मिलने से हमारा ज्ञान बढ़ता है. हम इसे ही कहते हैं अपडेट रहना.
आजकल जिधर देखो यही कहा जाता है कि यह इन्फार्मेशन का यानी सूचना का युग है. आपके पास जितनी ज्यादा सूचना होगी, आप उतनी ही ज्यादा सफलता किसी भी काम में पा सकते हैं. इन्फार्मेशन (सूचना) अगर हम इसे सीधे शब्दों में कहें तो अपने आसपास से लेकर शहर, राज्य और देश-दुनिया में क्या चल रहा है, इस सब की जानकारी रखना. फैशन से लेकर व्यसन और नौकरी-धंधा से लेकर एजूकेशन तक, हर क्षेत्र की जानकारी रखना. इन सभी क्षेत्रें में क्या नया हो रहा है, इसकी रोज-रोज की जानकारी होना आज के समय में अत्यंत आवश्यक है.
मात्र अपने विषय का पूरा नॉलेज रखना, आपको अपने क्षेत्र में सफलता दिला सकता है. पर इसके अलावा अगर आसपास के समग्र जगत की जानकारी हो तो आपको यह आपके क्षेत्र में सर्वोच्च सफलता दिला सकती है. आप जिस क्षेत्र में काम कर रही हैं, इसके अलावा अन्य सभी बातों का ज्ञान जीवन में दूसरे अनेक मोर्चों पर सफलता दिला सकता है. वर्किंग वुमन हो या गृहिणी, अगर दुनिया भर की गतिविधियों की जानकारी है तो यह गुणवत्ता भरे निर्णयों के लिए अति महत्वपूर्ण है.
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जीवन में छोटी-छोटी बातों की जानकारियां सुविधाओं से बचा कर श्रेष्ठता की ओर ले जाती हैं. पर रुचि के अलावा अन्य क्षेत्रें के बारे में अपडेट रहना महिलाओं को बहुत अच्छा नहीं लगता. पर आज जब नॉलेज ही पावर माना जाने लगा है तो इन्फार्मेशन से दूरी बना कर काम नहीं चल सकता. इस बात को एक उदाहरण द्वारा समझते हैं. मानलीजिए आप महिला-पुरुष के किसी समूह में बैठी हैं और वहां इधर-उधर की बातें चल रही हैं. उस स्थिति में जिसके पास इन्फार्मेशन होगी, वही व्यक्ति चर्चा में भाग ले सकेगा. जो महिलाएं पॉलिटिक्स, इकोनॉमी या विज्ञान की बातोें को उबाऊ मानकर इस सब में बिलकुल रुचि नहीं लेती हैं, उनकी बॉलीवुड की इस समय की सफलतम अभिनेत्री आलिया भट्ट की तरह जहां देखो वहीं किरकिरी हो सकती है. जानकारी रखने वाली महिलाओं को हर जगह सम्मान मिलता है और उनकी खूब वाहवाह होती है.
एक परिवार में दो महिलाएं हैं और उनमें एक खा-पी कर मौज करने वाली मानसिकता की है. उसे अपने परिवार के अलावा बाहर की दुनिया से कोई लेना-देना नहीं है. परिवार संभालने के लिए इस महिला को सम्मान मिल सकता है. पर परिवार के बाहर का कोई भी काम होगा या कोई अन्य बात चल रही होगी, तो उसे महत्व नहीं मिलेगा. उसकी अपेक्षा जो महिला घर के काम के अलावा बैंक, मेडिकल, इंश्योरेंस, मोबाइल, टेब्लेट, लैपटॉप के अलावा लेटेस्ट गैजेट्स (साधन) या टेक्नोलॉजी की जानकारी रखती होगी और पूरी दुनिया मेें घटने वाली घटनाओें की भी जानकारी रखती होगी, उसे अधिक महत्व मिलेगा. उसका पति भी उसके अपडेट होने वाले ज्ञान की वजह से उसकी हर बात को ध्यान से सुनेगा. पति या अन्य सदस्य कभी भी उसे ‘तुम्हें क्या पता चलेगा’ या ‘जाने दो, यह तुम्हारे काम की बात नहीं है’, यह नहीं कह सकेंगे.
आसपास की अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने की हम बात कर रहे हैं तो यहां एक खुलासा करना जरूरी है. आजकल की ज्यादातर महिलाएं वाट्सएप-फेसबुक द्वारा जो जानकारी मिलती है, इससे उन्हें लगता है कि उनके दिमाग में ज्ञान का दरिया समा गया है. पर वास्तव में ऐसा है नहीं. वाट्सएप या फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर परोसा जाने वाला ज्ञान एक तो भरोसेमंद नहीं है, दूसरे यह अधूरा और छिछला है. अगर इस जानकारी की जांच कर के उसका उपयोग करें, तब तो ठीक है, वरना इस तरह की अधूरी जानकारी हमें गलत दिशा की ओर ले जा सकती है. इसलिए इससे दूर रहना ही ठीक है.
इस समय कोरोना के कारण इम्युनिटी बुस्ट करने के लिए तरह-तरह की जानकारियां हर माध्यम के द्वारा परोसी जा रही हैं. परंतु इन सब में आपकी प्रकृति और शरीर के अनुकूल जानकारी खोजना अथवा डाक्टर या किसी एथेंटिक व्यक्ति से जानकारी लेना इस जानकारी की सच्ची दिशा कही जा सकती है. जहां रोज-रोज सूचना का अंबार जमा हो रहा हो, उसमें से सही बातें निकालना भी एक चैलेंज है. जबकि थोड़े खट्टे-मीठे अनुभव के बाद सही बात की परख अपने आप आ जाती है.
ज्यादातर महिलाएं आज भी कुकिंग के काम को अपनी फर्स्ट प्रायोरिटी देती हैं. परंतु हेल्थ के लिए क्या चीज अच्छी है, किस चीज मे कितनी कैलोरी और कितनी विटामिन मिलती है? तरह-तरह के सॉसेज-डेजर्ट या रसोई में उपयोग में लाई जाने वाली अन्य चीजें किस चीज से बनती हैं? इसमें कितनी मात्र में केमिकल्स है? किस सीजन में कौन सा फूड बेस्ट है? किस चीज का काम्बिनेशन टालना चाहिए? किस समय कौन सा फूड बेस्ट है, किस सीजन में किस खाने में कौन सा मसाला होना चाहिए? इस सबकी जानकारी उन्हें आदर्श बना सकती है. पर इस जानकारी से आज भी अनेक महिलाएं अंजान हैं. जबकि टेस्ट के साथ हेल्थ का काम्बिनेशन इस समय की मांग है. तो इसके लिए आपको अपडेट रहना चाहिए.
जिसकी इन्फार्मेंशन अनिवार्य है, वह दूसरा क्षेत्र है फाइनेंस का. इसमें बैंक, सेविंग्स, इन्वेस्टमेंट या इंश्योरेंस जैसे अनेक मामले आ जाते हैं. शायद आज भी सौ में से पचास महिलाएं अपने बैंक एकाउंट के बारे में जानकारी नहीं रखतीं. हाउसवाइफ के एकाउंट प्रायः पति ही मेन्टेन करते हैं. इन्वेस्टमेंट और सेविंग्स के लिए क्या श्रेष्ठ है, इस बात को तो को तो जाने दो, परिवार का इन्वेस्टमेंट क्या है, उसकी भी उन्हें खबर नहीं होती. ऐसा ही इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में भी होता है. अंजलि नाम की 35 साल की एक महिला के पति का एक्सीडेंट हो गया. उसके पति ने पिछले दो सालों से लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम नहीं भरा था. पति की मौत के बाद उसे 20 लाख रुपए मिले. एमकॉम अंजलि घर के कामों में इस कदर डूब गई थी कि इन सब मामलों में अपडेट रहना ही भूल गई थी. पति के लाखों रुपए के शेयर का हिसाब लगाने में वह पागल हो गई. क्योंकि उसके पास कोई जानकारी नहीं थी. आप खुद फइनेंसिएल डिसीजन लो या न लो, परंतु परिवार में यह किस तरह लिया जा रहा है और मार्केट में क्या ट्रेंड चल रहा है, इसकी खबर तो होनी ही चाहिए. यह अज्ञान आपको मूर्ख बना सकता है. आप किसी के भी द्वारा ठगी जा सकती हैं और मुश्किल समय में बेचारी बनना पड़ सकता है, वह अलग से. इकोनॉमी के मामले प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सभी वर असर डालते हैं. इसलिए घर के बजट से लेकर बचत तक की इन्फार्मेंशन प्राप्त करनी चाहिए.
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इसी तरह मेडिसिन या मेडिकल के बारे में बेसिक नॉलेज जरूरी है. अगर इस बारे में नॉलेज नहीं है तो गलत डिसीजन ले सकती हैं. घबराहट में तकलीफ और बढ़ जाती है. सामान्य रूप से महिला केंद्रित बीमारियों के बारे में तो पता होना ही चाहिए. किस मामले को हल्के में लिया जा सकता है और किस मामले में अधिक प्रयास की जरूरत है, इसका निर्णय नॉलेज द्वारा ही अच्छी तरह से लिया जा सकता है. तमाम महिलाओं को थायराइड या डिप्रेशन की प्राब्लम हो जाती है और तमाम महिलाएं कैंसर में भी स्वस्थ रह सकती हैं. इसमें अपने धैर्य के अलावा सही जानकारी भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. छोटे-मोटे रोगों के इलाज में अपडेट होने या इस बारे में आपका नॉलेज आपको बल दे सकता है. डाक्टर के चार सवालों का आपको नॉलेज होगा तो आप कुछ पूछ भी सकती हैं, इसलिए यह नॉलेज होना जरूरी है और इसकी जरूरत कभी भी पड़ सकती है. आग-दुर्घटना या किसी आपदा के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसके नॉलेज के अलावा किसे बुलाना है, इसकी जानकारी भी होनी चाहिए.
और आज सबसे महत्वपूर्ण मामला है टेक्नोलॉजी का. आपको एफबी या इंस्टा का उपयोग करना आता है, तो इसका मतलब यह नहीं हुआ कि आप टेकसेवी नहीं हो गईं. टाइपिंग, एडिटिंग, फोटो एडिटिंग, बेसिक एकाउंटिंग, मेल करना, ऑनलइन पेमेंट, नेट बैंकिंग, ऑनलाइन बुकिंग या जीपीएस सिस्टम का उपयोग करने जैसी बातों की जानकारी आज बहुत जरूरी हैं. इसे अपडेट रखने के साथ-साथ नए-नए फीचर्स आते रहते हैं. एक स्मार्ट फोन द्वारा आप पूरी दुनिया घूम सकती हैं. क्योंकि एक बटन दबा कर आप फूड, टिकट बुकिंग, दुनिया के स्थानों की जानकारी, मनी ट्रांसफर या व्हीकल प्राप्त कर सकती हैं. पर इसमें जरा सी गलती हो गई तो बड़ी परेशानी हो सकती है. इसके लिए हर बात का परफेक्ट ज्ञान होना जरूरी है. यह ज्ञान आपकी जिंदगी को आसान बना सकता है.