‘कौन बनेगा करोड़पति’ शो ने अपने प्रतिभागियों और विजेताओं के दिल में जीत का ऐसा जज्बा कायम किया है कि उन के लिए यह शो उन की जिंदगी का अहम मोड़ साबित हुआ है. आइए, पिछले कुछ सीजन के विजेताओं के अनुभव से आप को रूबरू कराते हैं:
केबीसी यानी ‘कौन बनेगा करोड़पति’ 2010 में क्व1 करोड़ की धनराशि जीतने वाली राहत तसलीम अपनी कामयाबी के अनुभव को हम से साझा करते हुए कहती हैं, ‘‘झारखंड के छोटे से शहर गिरिडीह की महिला के लिए क्व1 करोड़ जीतना किसी सपने के सच होने जैसा था. कभी नहीं सोचा था कि मैं वहां तक पहुंचूंगी और क्व1 करोड़ जीत पाऊंगी.’’
‘केबीसी में पैसे ही नहीं दिल भी जीते जाते हैं,’ इस टैग लाइन के बारे में राहत तसलीम कहती हैं, ‘‘यह टैग लाइन पहले ही बन जानी चाहिए थी. महानायक अमिताभ बच्चन जिस तरह धैर्य के साथ प्रतियोगियों का दिल जीतते हैं वह काबिलेतारीफ है. अमिताभ प्रतियोगियों के साथ उन के स्तर पर आ कर बात करते हैं. वहां का पूरा माहौल दोस्ताना व घर जैसा होता है.
‘‘अमिताभ बच्चन से पहली बार मिलना और उन के व्यक्तित्व व उन की आवाज में खो जाना मेरे लिए अनूठा अनुभव था. अभी तक जिन्हें सिर्फ फिल्मों में देखा था, उन के रूबरू बैठ कर उन से बात करना हमेशा यादगार अनुभव रहेगा.’’
‘कौन बनेगा करोड़पति’ 2013 में पहली महिला करोड़पति बनने का गौरव हासिल करने वाली, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के संसारपुर की रहने वाली फिरोज फातिमा कहती हैं, ‘‘जब मैं ने क्व1 करोड़ जीते तो मुझे बिलकुल विश्वास नहीं हो रहा था. लेकिन इतनी मेहनत के बाद अच्छा परिणाम मिला, तो बेहद खुशी हुई. जब अमिताभजी ने मुझे गले लगाया तो खुशी का एहसास दोगुना हो गया. मुझे लगा कि कुछ कर गुजरने का सपना और हौसला हो तो बड़ी से बड़ी बाधाएं भी आगे बढ़ने से नहीं रोक सकतीं.